शुक्रवार, 19 मार्च 2010

बडे बडे फन्ने खाँ ब्लागर--अंत क्या होगा.. फ़िक्र नहीं--ब्लाग4वार्ता---ललित शर्मा

नवरात्री का पर्व चल रहा है, हर तरफ़ मंदिरों मे भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है देवी दर्शनों के लिए। हमारे यहां से भी बहुत सारे भक्त डोंगरगढ़ की बम्लेश्वरी माता के दर्शन करने पद यात्रा पर निकल चुके हैं। गत वर्ष हमने भी लगभग 145किमी मीटर की पद यात्रा की थी तथा माई के दर्शन किए थे। हमारे छत्तीसगढ मे मन्नत मांगने वाले परिवार जंवारा बैठाने का आयोजन करते हैं अपने घर मे। इसे एक पर्व के रुप मे ही मनाया जाता है। देवी की वंदना की जाती है ढोल मंजीरों एवं मांदर बजा कर जस गीत गाए जाते हैं, मस्ती मे झुमते हुए भक्त बाना धारण करते हैं विसर्जन के वक्त। बहुत पवित्र वातावरण होता हैं इन दिनों। अब मै ललित शर्मा ले चलता हुँ आपको आज की ब्लाग4वार्ता पर.................

सबसे पहले ताउ भजल गायक पार्टी का सत्संग सुनिए ताउ डॉट इन पर--
लिख लिख के कीबोर्डवा टूटा, बेनामी ने पकड के  कूटा।
दया ना आई जालिम तुझको छुपा कहां  सत्यानाशी रे॥

टिप्पणी दीजो पाठक नाथ मोरी पोस्टवा प्यासी रे॥


ऊपर चित्र में कीर्तन करते हुये... बांये से दांये : परमपूज्य माता रामप्यारी जी, तबले पर संगत करती हूई मिस. समीरा टेढी, सिंथेसाईजर पर श्री ललित शर्मा, हारमोनियम पर प्रख्यात भजलगायक ताऊ रामपुरिया, चिमटा बजाते हुये मिस. राजी भाटिया, झांझ बजाते हुये बालक मकरंद, हारमोनियम पर मिस. अजया झा और कार्यक्रम के निर्देशन की कमान संभाले हुये श्री खुशदीप सहगल.

अगला चिटठा लेते हैं.......सूर्यकान्त गुप्ता जी का उमडत घुमडत विचार पर इन्होने देवी माता के संबध में पोस्ट लगायी है. ...... ..नवरात्रि पर्व, सुर लय ताल के संग माँ की स्तुति का पर्व. *"जय माँ दुर्गे"* आ हा हा...... नवरात्रि का त्यौहार, चल रहा है माता का यश गान! मन कहीं भटकता नहीं! आदमी ठहर जाता है और पाता है स्वयं को माँ शक्ति स्वरूपा दुर्गा के बीच! नवरात्रि का ही नहीं कोई भी पर्व हो....दफा ५१२ पर.अंत क्या होगा.. फ़िक्र नहीं..किसी ने कहा- लक्ष्य पर नज़र है, कभी मील पत्थर नहीं देखा इन आँखों ने.. मैं कहता हूँ- मील के पत्थरों ने ही हौसला बढ़ाया है, इन पत्थरों ने ही चलना सिखाया है, हर मील का पत्थर एक लक्ष्य है मेरे लिए.. जिन्दगी.....
या देवी सर्व भूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः .देवी दुर्गा की उत्‍पत्ति एवं परिकल्‍पना अत्‍यंत प्राचीन है। वैदिक काल में उनकी परिकल्‍पना शक्ति रूपा रात्रि देवी के रूप में की गयी है, जो कर अपनी बहन ब्रह्मविद्यामयी उषा देवी को प्रकट करती है। जिससे अविद्य....शनिवार को नेहा शरद करेंगी पुस्तक का लोकार्पण.दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय में शनिवार 20 मार्च को शाम 6 बजे नेहा शरद (स्व. शरद जोशी के बेटी) अपने पिता की पुस्तक राग भोपाली’ का लोकार्पण करेंगी। समारोह की अध्यक्षता जनसम्पर्क आयुक्त......
स्त्री गुड़िया नही, निर्माता है!!..मैं जब भी कोई अखबार या पत्र-पत्रिका का महिला अंक पढ़ती हूँ तो वहां सिर्फ महिला जागरण की ही बात होती है. महिला जागरण पर लेख भरे पड़े रहते हैं. नारी जागरण की ही चर्चा होती है. नारी जागरण पर विशेष सम्मलेन आयोजन..क्या महिलाओं के बिना मानव जीवन संभव है !!!.महिलाओं के बिना मानव जीवन की कल्पना करना क्या उचित है ... आये दिन सुनने - पढने में आता है कि कन्याओं को जन्म से पहले ही मार दिया जा रहा है आखिर क्यों लोग पुत्र ही पैदा करने के लिये उत्साही हो रहे हैं, पुत्..
जिसके बिना इक पल चैन नहीं, उसे मैं बधाई देना भूल गया!.एक अनोखा जनमदिन बीत गया 15 मार्च को। यह* पोस्ट लिखी पड़ी थी पूरी की पूरी, बस ध्यान ही नहीं रहा प्रकाशित करने का।* अब इसे ज्यों का त्यों पब्लिश कर रहा हूँ। उम्मीद है आप भी इस 25 वर्ष के हो चुके जवान को ज़रू..शहीद - ए - आजम भगत सिंह - 8..शहीद - ए - आजम भगत सिंह - 8 चले मुकदमें भगत सिंह पर, और अनेक क्रांतिवीरों पर . सत्ता ने फाँसी ठानी थी, मुकदमों को दी रवानी थी . भगत सिंह का आक्रोश रोष, क्रांतिवीर का जयनाद जोश . इंकलाब जिंदाबाद घोष, आजादी.....
नवरात्रि तृतीय दिवस - अन्ना अख़्मातोवा की कविता ..*18.03.2010* । नवरात्रि के दूसरे दिन 17.03.2010 को प्रकाशित *विस्वावा शिम्बोर्स्का *की कविता पर सर्वप्रथम अपने विचार व्यक्त किये *संज...ओपन राष्ट्रीय शतरंज स्पर्धा राजधानी में २१ से.प्रदेश की राजधानी रायपुर में २१ से २६ मार्च तक होने वाली राष्ट्रीय ओपन शतरंज स्पर्धा से प्रदेश के खिलाडिय़ों को बहुत फायदा होगा। इसके पहले दिल्ली में हुई १५ लाख की इनामी स्पर्धा में छत्तीसगढ़ और मप्र के खिल...जनसता में 'अल्फ़ाज़'..18 मार्च 2010 को जनसता के नियमित स्तंभ 'समांतर' में अल्फ़ाज़ गढ़ती हुई फ़ौज़िया रियाज़ बता रही औरत की सुंदरता हक किसने दिया है 
नारायण दत्त तिवारी को एक और झटका: कथित बेटे की अर्जी मंज़ूर..आंध्र प्रदेश के पूर्व गवर्नर नारायण दत्त तिवारी को एक और झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहित शेखर की उस अर्जी को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वो एन डी तिवारी के बेटे हैं..जोगी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 21 अप्रैल तक टली.*हाईकोर्ट ने भाजपा नेता नंद कुमार साय से नए नियम के तहते आवेदन प्रस्तुत करने कहा* *पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के वर्ष 2003 में मरवाही विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचन को जाति आधार पर चुनौती देने वाले भाजपा ......
लोगों के अपकारी काम धर्मों को समेट रहे हैं..कुछ दिनों से ब्लाग जगत में बहस चल रही है कि किस किस धर्म में क्या क्या अच्छाइयाँ हैं और किस किस धर्म में क्या क्या बुराइयाँ हैं। हर कोई अपनी बात पर अड़ा हुआ है। दूसरा कोई जब किसी के धर्म की बुराई का उल्लेख....क्या हमारे देश को भी ऐसा ही देखना चाहते हैं राजनीतिबाज.?...इन चित्रों को देखिये. यह एक अफ्रीकी देश के चित्र हैं, जिसकी जनसंख्या के अनुपात में खाद्यान्न उपलब्ध नहीं है. लोग बहुत गरीब हैं. धरती भी बंजर हो चुकी है. एक हाथी मर गया, लोगों को पता चला और देखिए ...
राजा मकरंद राय ने बनबाई मस्जिद और चुन्ना मियाँ ने मंदिर -ऐसा था शहर हमारा बरेली..अब आया हुआ तुफ़ान थम गया हमारे यहाँ बरेली में . कर्फ्यू में १४ घंटे की राहत मिली है लेकिन सख्ती बरक़रार है . शायद यह हमारे शहर के लिए अच्छा है . हालात तेज़ी से सामान्य हो रहा है . आम आदमी रोज़ी रोटी के लिए.ना --- री..जब भी उसने हक की बात की जमाने ने कहा ना री अंततोगत्वा नाम पड़ गया उसका नारी **** निगाहों में क्यों न उभरे निशान सवालिया देखते नहीं देकर ‘एक’ उन्होंने तो सवा लिया **** सुनते थे कि प्यार.....
खामियों से लथपथ मैं लोकतंत्र हूँ- .1- मैं अबोला एक भूला सा वेदमंत्र हूँ, खामियों से लथपथ मैं लोकतंत्र हूँ. तंत्र हूँ, स्वतंत्र हूँ द्रष्टि में मगर ओझल मैं आत्मा से परतंत्र हूँ. कहने को बढ़ रहा हूँ मैं. पर जड़ों में न झांकिये वहां से सड़ रहा हूँ...गुलाबी नगर में ठंडा डोसा खा कर एकान्त अभिलाषी गर्म जोड़े के लिए खलनायक बने आशीष खंडेलवाल और मैं...कल महामना आशीष खण्डेलवालजी से संक्षिप्त परन्तु सार्थक और सुमधुर मुलाकात हुई । मौके तो पहले भी बहुत आये थे मगर कभी ये संयोग हो न पाया, कल चूँकि मैंने उन्हें जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के पास ही बुला लि...
बडे बडे फन्ने खाँ ब्लागर यहाँ एक कौडी में तीन के भाव बिक रहे हैं-- .*प्रभो!* आओ, आओ.....हम इस समय तुम्हे बडे दीन होकर पुकार रहे हैं। तुम तो दीनों की बहुत सुनते थे। सुनते क्या थे, तुम तो दीनों के लिए थे ही। क्या हमारी न सुनोगे! देखो जरा इस ब्लागजगत को एक नजर देखो तो सही..विडियो फाइल्स से बनाइये डीवीडी..एक औजार आपके मुख्य विडियो फोर्मेट्स को डीवीडी में बदलने के लिए । ये आपके विडियो को डीवीडी के उसी रूप में ( VIDEO_TS फोल्डर में VOB फाइल्स ) बदल देगा जैसा आपके डीवीडी डिस्क में होता है । 14 एमबी का मुफ्त औ...
मायड़ भासा रै बिन्यां, क्यां रो राजस्थान.साथियो, राम-राम। आज मैं आपसे राजभाषा हिन्दी में मुखातिब हूं, इसका मतलब यह नहीं कि मैं अपनी मातृभाषा राजस्थानी का सम्मान नहीं करता। हकीकत तो यह है कि जो व्यक्ति अपनी मां का सम्मान करता है, वही अन्य की मांओं..शब्दचित्र कलाकृति हैं....कहते हैं शब्दचित्र कलाकृति हैं, हृदय में उठते भावों के रंग से कलम की कूचि से कागज पर चित्रित. कवि, शब्दों को चुनता है, सजाता है, संवारता है और उन्हें एक अनुशासन देता है कि शब्द अपने वही मायने संप्रषित ...कैसे थमे खबरों का कारोबार ?.अच्छा हुआ कि मई 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान ज्यादातर मीडिया-समूहों ने नंगई की सारी हदें पार कर दीं।
पिछले दिनों देखी दो फ़िल्में -दोनो हल्की फ़ुल्की मगर मजेदार.मैंने बीते हप्ते में दो फिल्मे देख डाली .दोनों ही हल्की फुल्की कामेडी .मगर मजेदार .पैसा वसूल .एक तो अतिथि कब जाओगे और दूसरी न घर के न घाट के .औपचारिक समीक्षाएं आप दिए लिंक पर पढ़ सकते हैं ,यहाँ इन दोनों फिल्मों की उन खास बातों की चर्चा जिनके चलते यह पोस्ट...चेतक की समाधि से 4 ---.भाग-१ , भाग-२,भाग-३ से आगे..........." वातावरण की एकरूपता में इतना समय हो गया कि मुझ अभागे को ध्यान ही नहीं रहा, कि वे तो मुगलों से घिर गए | इतने में मैंने झाला सरदार को देखा | घेरे को तोड़ कर वे समीप आ गए और उन्होंने उनका मुकुट अपने सिर पर धारण कर लिया |
अब चलते-चलते आर.डी.एक्स द्वारा बनाया गया कैरी कैचर.
आरडीएक्स द्वारा today's CARTOON -पर................
अब देता हुँ आज की चर्चा को विराम-मिलते हैं एक ब्रेक के बाद राम-राम

12 टिप्पणियाँ:

वाह! बहुत उम्दा चर्चा की ललित भाई...एकदम लेटेस्ट लिंक्स के साथ.

भाई यह हुई न बात , बहुत कम जगह घेरते हुए ज़्यादा चिठ्ठों की चर्चा ।

बहुत लाजवाब और ताजी ताजी वार्ता लग रही है.

रामराम.

इन कलाकारों के पते ठिकानों पर कित्ते मर्तबा मेल भेजा भजन संध्या के लिए बाउंस होके लौटा है
आप ही अब बताएं क्या हम ही 'बवाल' से कव्वाली गवा लें...?

@ गिरीश जी,
आपका मेल गलत पते पर चला गया हो्गा।
कृपया अब फ़िर से सम्पर्क करें।
अवश्य ही मनोकामना पुरी हो्गी

बहुत बढ़िया चर्चा ..लगता है बड़े भुनसारे चर्चा कर ली है .....

बडे बडे फन्ने खाँ ब्लागर--अंत क्या होगा.. फ़िक्र नहीं--
भाई आपके इस शीर्षक पर मेरा भी लिखने को जी चाहता है . शीर्षक आपके पैटर्न पर रहेगा .
बडे बडे फन्ने खाँ ब्लागर--अंत क्या होगा.. फ़िक्र नहीं--
जब घंट पर मिल जाएगी बारात तब इन्हें समझ आवेगा फिकर नहीं -

चना जोर चर्चा :-) मतलब एकदम फर्स्टक्लास...
"ताऊ भाँड मंडली" का एक कार्यक्रम हम भी करवाना चाहते हैं...बुकिंग आप करेंगें कि बडे भाँड जी के पास करवानी पडेगी :-)

बहुत ही बढ़िया चिटठा रिपोर्ट....और अंत में आपका कैरीकेचर बहुत पसंद आया

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