कुछ पाडकास्ट रफ़्तार की मदद से सबसे पहले पेशे खिदमत है
विचार मीमांसा की कोशिशें लगातार कामयाब होती नज़र आ रही है. कनिष्क बाबू हैं की हरी बत्ती जलाए बैठे हैं. वाकई गज़ब मेहनती लोग होते हैं. जो वाकई में हर्फ़-हर्फ़ धोते हैं. उधर ज़रा गौर कीजिये अरुंधती की उजली कथा जो लावण्या दीदी ने पोस्ट किये सात दिन बीत गये आप भी एक दौरा कर लीजिये . सुदूर बैठा मशाल कितना मिस करता है भारत को उसके दिल में हिन्दी के लिये जो नेह दीप जाग रहा है सच स्वागतेय है अगरचे आप श्रवण कुमार (कुमारी भी ) हैं तो उनके द्वारा मसिकागद पर अपलोड किये गए कवि सम्मेलन का श्रवण कीजिये वीडियो है सो देखा भी जावे . अदा जी की लिखी और गाई ग़ज़ल का आनंद लीजिये ”काव्य-मंजूषा” में. इब बात बेबात पर ताज़ा पोस्ट मैंने कैसे रची कामायनी-उत्तमा का ज़िक्र ज़रूरी है . वैसे मुझे व्यक्तिगत रूप से एतराज़ है किसी नारी की चर्चा उसकी देह तक सीमित रखी जाए. डाक्टर सुभाष राय जी ने जो पोस्ट लगाईं उसमें नारी की वसन विहीन देह को प्रदर्शित करते उत्तमा के चित्र साथ में लगाएं हैं.....तथा आज भी वे उत्तमा जी के इस बयान को कोड कर रहे हैं ''आलोचनाएं करने वाले लोगों के दिल बदलने की उम्मीद है। मैं तो अपनी रिसर्च स्कालर्स और अन्य छात्राओं को सीख देने से नहीं हिचकती कि जो मन आए वो बनाओ। किसी से डरने की जरूरत नहीं। हम कलाकार हैं, दिल की बात ही तो सुनेंगे। '' आप को छूट है आप जैसा जी चाहें करें भाई उत्तमा जी को यह याद रखना चाहिये की कल किसी कलाकार ने आपका कोई चित्र कला के नाम पर ,,,,,,,,,,,खैर छोड़िए जाने दीजिये . ताउ के बारे में ”मिसिंग पर्सनस ब्यूरो” में एक एक रपट जानी बहुत ज़रूरी है. वे अपने असली जनम दिन के बाद से गायब हैं .
ताऊ की जनम दिन पार्टी |
वैसे अपन तो लिक्खे हैं सल्लू मियां पर पर मिसफ़िट : सीधीबात पर ललित भैया का एक गीत खूब बज़ रिया पर ललित जी नहीं सुन पाए. अर्चना चाओजी की आवाज़ में सुनिये ये गीत . अब एक हेडर चर्चा राजीव तनेजा जी के ब्लाग पर वे हेडर में बेटे के साथ चस्पा हैं ऐसा सब मानते हैं किंतू जासूस बतातें हैं कि वास्तव में उनका तनेजा जी का बचपन का फ़ोटो है जो उनने खुद ऐसा सेट किया है. कि सब लोग सोचें कि ”जूनियर तनेज़ा” हैं. जिसने लिखा उनका भी भला हो जो न लिख पाए उनका भी भला हो... जो टिप्पणी करें उनका भी भला जो न करें उनका भी भला हो , शिखा जी की अगली पोस्ट कब पोस्ट होगी फिलहाल :- चलें रहने दें अजय भैया भी हुलिया बदल के पता नहीं कामन वेल्थ गेम की तैयारी करवा रहे हैं. उधर एक बवाल नाम का आदमी हुआ करता था सो बेचारा आजकल हलाकान है. गुम गया है मिले तो बताइये. पर भाई मिसिर जी भी गज़ब लिखे हैं ज़रूर देखिये ..समयचक्र . अपने लिमिटि खरे रोजनामचा लगातार लिख रहे हैं . अविनाश भैया आलमारी खरीदते खरीदते लेपटाप लेने लगे ये क्या....? वीरेन्द्र जैन जी सच बताइये चौथा बन्दर किधर गया जिसका हाथ तशरीफ़ पर था ? रवी रतलामी जी की पोस्ट तो देखी होगी सदी की...........! देख आइये छींटे और बौछार पर . पर भैया लोग बहनजी सब मिल के अलबेला खत्री जी की समस्या का निदान निकालिये
बाक़ी काम इरफ़ान भाई पे छोड़ दीजिये
बाक़ी जिन ब्लागस को देर रात तक देखा पर उनका लिंक न दे पाये वे साहबान हमको माफ़ी दे देंगे उम्मीद करता हूं.... फ़िर भी रफ़्तार के इस प्रयोग के लिये रफ़्तार का आभार
बाक़ी काम इरफ़ान भाई पे छोड़ दीजिये
बाक़ी जिन ब्लागस को देर रात तक देखा पर उनका लिंक न दे पाये वे साहबान हमको माफ़ी दे देंगे उम्मीद करता हूं.... फ़िर भी रफ़्तार के इस प्रयोग के लिये रफ़्तार का आभार