बुधवार, 31 अगस्त 2011

निकला चांद ईद का ..हम नहीं सुधरेंगे .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी


आप सबों को संगीता पुरी का राम राम , रमजान ईद का चांद मंगलवार को दिखाई पड गया है। चांद नजर आने के कारण बुधवार को ईद-उल-फितर मनायी जा सकेगी। इस साल मंगलवार को 29वें रोजे के बाद ही चांद दिखाई दिया है , जैसी उम्‍मीद भी की जा रही थी। चांद की स्थिति को देखते हुए पूरे देश में धूमधाम से ईद मनायी जा सकेगी। ईद के खास मौके पर लिखी गयी रचना पढें ..निकला चांद ईद का ... हरसू बहार है कलियों पॅ है शबाब , गुलों पर निखार है देती सुकूं हवा भी , फ़ज़ा ख़ुशगवार है बख़्शिश ख़ुदा के फ़ज़्ल से रमज़ान की मिली निकला है चांद ईद का ... हरसू बहार है सब रंज़िशें भुला के गले ईद पर मिलो इंसां हैं हममें प्या...



भादो मास१ गीले भीत के ढहने के डर से नींद नहीं आती है भादो मास हे देश ! क्यों नहीं है तुम्हें पता ? २ भादो मास के अन्हरिया में टूटी हुई चट्टी(चप्पल) पहनकर गया था वह दिशा मैदान काट लिया साँप ने कोसों दूर न *घन घमंड नभ गरजत घोर भादों का महीना है किन्तु पिछले तीन-चार दिनों से सावन-सी झड़ी लगी हुई है। इन तीन-चार दिनों में तीन-चार बार भगवान भास्कर ने उज्जवल-श्यामल मेघों के आवरण से झाँक तो अवश्य लिया है किन्तु आज प्रातःकाल से सायंकाल .....कृष्ण लीला ……भाग 10सत्ताईस दिनों में फिर वोही नक्षत्र पड़ा था आज कान्हा ने भी करवट लिया था नन्दभवन में आनंद उत्सव मन रहा था ब्राह्मन स्वस्तिवाचन कर रहे थे नन्द बाबा दान कर रहे थे मेरा लाला अभी अभी सोया है गो...खुद को संवारोसृष्टि कि खूबसूरत रचना में हर कोई है लाजवाब | तभी तो हर एक इंसान में है खूबसूरत कलाकार | इसलिए खुद को साबित करना पढता है हर - बार | जैसे मिटटी से बर्तन बनाता है कुम्हार बार - बार | इंसान कि क़ाबल..."अप्पो दिपो भव : "##### लग सकती है छलांग सांसारिकता से आध्यात्मिकता में .. डूब कर वियोग की गहराई में या पा कर मिलन की ऊंचाई को होती है जहां ध्यान की प्रक्रिया घटित , स्वयं को भुला कर ... किन्तु !! लेना होगा हर...


कुछ तस्वीर ... आप सबके लिए !बचपन से पेंटिंग का बहुत शौक था । खासकर पोर्ट्रेट पेंटिंग का । आयल पेंट से पोर्ट्रेट बनाता था । कई लोगों का पोर्ट्रेट बनाया था, जैसे कि मेरे पिताजी का, दादाजी का, और कई यशस्वी व्यक्तिओं का जैसे कि जे आर डी ....कई ब्रांडेड टूथपेस्ट भी हैं दांतों के लिए खतरनाकसोने से पहले और सुबह उठकर दांतों की सफाई करने की डॉक्टर सलाह देते हैं, लेकिन बार-बार टूथपेस्ट के इस्तेमाल से दिल्लीवालों के दांत कमजोर हो रहे हैं। दरअसल, बाजार में बिक रहें कई ब्रांडेड टूथपेस्ट में मानक सहाथों की लकीरों सी उलझी जिंदगी (समापन किस्त)*(नाव्या का एक्सीडेंट हो जाता है...रितेश उसे हॉस्पिटल लेकर आता है...हॉस्पिटल में जिंदादिल डा. समीर से उसकी मुलाक़ात होती है)* सीनियर डॉक्टर राउंड पर आते और वो आस लगाए बैठी होती..शायद उसे छुट्टी दे...उसका ग़म देखा तो , मैं अपना ग़म भूल गया --* * हेयर कटिंग सैलून की आरामदेह कुर्सी पर बैठा , मैं ईर्ष्या रहा था बाजु में बैठे युवक की लहलहाती , ज़ुल्फ़ों को देखकर । तभी हमारा केश खज़ाना देख, दूसरी ओर बैठे एक हम उम्र के चेहरे पर , वही भ.


तेरी चोटी काट कर तेरे बाप के पास भिजवा दूंगी.ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र अंधे क्यों बने हुये थे? उत्तर साफ़ है कि हस्तिनापुर जैसे विशाल साम्राज्य का संचालन करने के लिये कई बातों को अनदेखा करना पडता है. द्वापर में महाराज ताऊ अंधे बन कर राज्य चलाते थे. सिर्फ...तू आर हो जा या पार 30 *तू आर हो जा या पार हो जा पर इक तरफ मेरे यार हो जा या तो सिमट कर रह मेरे दिल में या फैल इतना, संसार हो जा जो जुल्म बढ़ जाये हद से ज्यादा तजकर अहिंसा हथियार हो जा गुल था शरारत करने गांव की जानिब,शहर अच्छा नहीं लगता बेगानों के नगर में अब गुजर अच्छा नहीं लगता यहां नफरत निगाहों में,वहां रिश्ते मोहब्बत के बसर अब दूर मिट्टी से,कुंवर अच्छा नहीं लगता कुंवर प्रीतम हुयी मेहर तुम्हारी...पोटेंशियल हरामी मैं किसी को दुआएं-फुआएं नहीं देता, मैं गालियाँ देता हूँ, जो मुझे पैसे नहीं देता.... और उसकी गाड़ी के पीछे पीछे दौड़ता हूँ... और चिल्लाता हूँ ! खेल? ये खेल थोड़ी ना हुआ, ऐसे गोल गोल सर को करके टोपी का फुंतरू घ.....साधारण आपसी गाली गलौच तलाक का आधार नहीं हो सकता* परविंदर सिंह ने पूछा है -* मेरी पत्नी मुझे बहुत तंग करती है बात-बात पर गंदी गंदी गालियाँ निकालती है। बहुत समझाता हूँ लेकिन नहीं समझती है। पत्नी के मम्मी-पापा को बुलाता हूँ तो कहते हैं कि पैसे नहीं है


हथेलियों में फूलों सी ताजगी, पवित्र प्रेम की नदी-> कई विचार जुगनुओं की तरह जगमगाते हैं और फिर बुझ जाते हैं. मैं उन्हें पकड़ने के कई प्रयत्न करता हूँ. इन तमाम जुगनुओं में कभी कोई जुगनू हाथ आया तो आया. नहीं तो यह खेल चलता ही रहता है. सुबह के उजाले में जब य...मध्यकालीन भारत - धार्मिक सहनशीलता का काल (एक)मध्यकालीन भारत - धार्मिक सहनशीलता का काल (एक) हमारे देश में हिन्दू समाज में प्राचीन काल से ही वेदों पर आधारित परंपरा मान्य रही है। मध्यकाल तक आते-आते वर्णाश्रम व्यवस्था जटिल हो चुकी थी। जातियों में विभाज... राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी हो या न हो...खुशदीपअगर कोई क़ानूनी पेंच और न फंसा तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों- मुरुगन, संथन और पेरारिवालान को अगली 9 सितंबर को फांसी के तख्ते पर लटका दिया जाएगा...यानि राजीव गांधी की हत्या...Bolte shabd 45आज के शब्‍द जोड़े हैं - 'अहम्' और 'अहंकार' व 'अवगुण' और 'दुर्गुण'  आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा स्‍वर - संज्ञा टंडन  89. 'अहम्' और 'अहंकार' 90. 'अवगुण' और..जितना नूतन प्यार तुम्हार जितना नूतन प्यार तुम्हारा उतनी मेरी व्यथा पुरानी एक साथ कैसे निभ पाये सूना द्वार और अगवानी। तुमने जितनी संज्ञाओं से मेरा नामकरण कर डाला मैंनें उनको गूँथ-गूँथ कर सांसों की अर्पण की माला जितना तीखा व्यंग तुम्...


विघ्नहर्ता से एक निवेदन ! पहले अपने करप्ट माइंड सेट को बदलें..मेरे घर के सामने शर्मा जी परेशान थे. नाली जाम रहने के कारण पानी जमा हो रहा था. बगल वाले झा जी व्यवस्था पर टीका टिप्पणी कर रहे थे. मेरी भिड़ंत उनके ऐन मौके पर हगयी. उन लोगों ने मीडिया को गरियाते हुए मुद्द..चल पड़े जिधर दो डग*चल पड़े जिधर दो डग* *-प्रस्तुत है सोहनलाल द्विवेदी जी द्वारा रचित ’युगावतार गाँधी’ का एक अंश * चल पड़े जिधर दो डग मग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर, पड़ गई जिधर भी एक दॄष्टि, मुड़ गये कोटि दॄग उसी ओर, जिसके सिर ...अभि-अनु २९ अगस्त २०११अभिव्यक्ति के २९ अगस्त २०११ के अंक में पढ़ें शीला इंद्र की कहानी- गिलास, रतनचंद जैन का प्रेरक प्रसंग- प्रगति और अभिमान, ऋषभ देव शर्मा की कलम से सच्चिदानंद चतुर्वेदी का उपन्यास `अधबुनी रस्सी', डा .सुरेशचन्...आज का प्रश्न-६२ question no.62*आज का प्रश्न-६२ question no.62* ************************************ *Qus.no 62 : कस्तूरी मृग की नाभि की ग्रंथी मे कस्तूरी ठोस अवस्था मे होती है या द्रव अवस्था मे और एक वयस्क मृग की नाभि मे कितनी मात्रा म..हँसमुखजी भयंकर सर दर्द से पीड़ित थे (हास्य कविता)हँसमुखजी भयंकर सर दर्द से पीड़ित थे पास के होटल में दवा खाने और चाय पीने पहुँच गए बैरे से बोले तेज़ सर दर्द हो रहा है फ़ौरन एक कप चाय ले आओ बैर ने पूछा ग्रीन टी लाऊँ , लैमन टी लाऊँ,ब्लैक टी लाऊँ या ढू.


हम में है हीरो*अगस्त २०११ काफी उथल पुथल वाला रहा . अन्ना हजारे के जन लोकपाल आंदोलन के अलावा वाणिज्य जगत में एक एक महत्वपूर्ण घटना घटी . हीरो होंडा अब हीरो मोटो कॉर्प बन गयी है जनलोकपाल , जनांदोलन और जागता समाज ....१पिछली बार जब अन्ना हज़ारे जंतर मंतर पर आमरण अनशन पर बैठे थे और जिस तरह से उसने सिर्फ़ पांच दिनों में अपना दायरा और प्रभाव बना दिया था उससे ये तो तय हो गया था कि अब इस देश की जनता के लहू का तापमान उतना ग...आखिर चमत्‍कार हो ही गया - अजित गुप्‍तअभी पूर्व पोस्‍ट में अन्‍ना हजारे के अनशन से जुड़ी कई आशंकाएं थी और किसी चमत्‍कार की उम्‍मीद भर थी। लेकिन चमत्‍कार हुआ और यह चमत्‍कार जनता का जागृत-स्‍वरूप का चमत्‍कार था। इन दिनों काफी प्रवास रहे और जैस...अन्न का दाना !भरने को तो मन रूपी पेट दौलत से भर जाएगा पर, जब न आयेगी नींद तुम्हें, हमें मखमली चादर पर करवट बदल-बदल कर तुम, हम कैसे रातें काटेंगे नींद नहीं आयेगी, तब तक जब तक, अन्न का दाना तुम्हारे, हमारे पेट के...'राईट टू रिजेक्ट' रूपी कदम निसंदेह लोकतंत्र को मजबूत करेगा !लोकतांत्रिक प्रणाली की सर्वाधिक मजबूत व सशक्त व्यवस्था यदि कोई है तो निसंदेह स्वतन्त्र चुनाव प्रणाली है, स्वतन्त्र व निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया निश्चित ही हमारे लोकतंत्र को मजबूती प्रदाय करती है, ये और बात ह....क़ानून अपनी जगह है बबुआ बदलाव अपनी जगह।आज चौबे जी बहुत खुश हैं, कह रहे हैं कि "राम भरोसे देखा ....अन्ना ने चूसा दिया नs गन्ना भ्रष्टाचारियों को .... बड़ा हेकड़ी बग्घार रहे थे पहिला दिन, कि अनशन के लिए पुलिस के पास जाईये, बाद में खुदै करने लगे 30.08.2011 : और टोपी पहना ही दी अन्ना जी ने ...... हम नहीं सुधरेंगे [cartoon]
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मंगलवार, 30 अगस्त 2011

बोरसोरा क्यों याद आता है -----ब्लॉग4वार्ता----ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, आज चलते हैं, सीधे ही कुछ चिट्ठों पर..............


राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी हो या न हो...खुशदीप अगर कोई क़ानूनी पेंच और न फंसा तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों- मुरुगन, संथन और पेरारिवालान को अगली 9 सितंबर को फांसी के तख्ते पर लटका दिया जाएगा...यानि राजीव गांधी की हत्या...क़ानून अपनी जगह है बबुआ बदलाव अपनी जगह।आज चौबे जी बहुत खुश हैं, कह रहे हैं कि "राम भरोसे देखा ....अन्ना ने चूसा दिया नs गन्ना भ्रष्टाचारियों को .... बड़ा हेकड़ी बग्घार रहे थे पहिला दिन, कि अनशन के लिए पुलिस के पास जाईये, बाद में खुदै करने लगे ...और टोपी पहना ही दी अन्ना जी ने गिरीश"मुकुल" --घरकाजी और बाहरकाजी औरतों की समस्याओं पर विचार विमर्श करना ज़रूरी  कामकाजी औरतों का क्लासिफ़िकेशन The classification of working women आम तौर पर कामाकाजी औरत उस औरत को माना जाता है जो कि मर्दों की...अभी तो यह अंगडाई है: छत्तीसगढ़ में ‘ललितडॉटकॉम’  29 अगस्त 2011 को दैनिक छत्तीसगढ़ के सम्पादकीय पृष्ठ पर ललितडॉटकॉम का आलेख 


आन्दोलन के पहले चरण के उपरान्त पहला दिन अन्ना अस्पताल में हैं। खबर है कि पहले उन का भार लगभग 500 ग्राम प्रतिदिन की दर से कम हो रहा था। अब जो कुछ तरल खाद्य वे ले रहे हैं उस से यह गिरावट 200 ग्राम प्रतिदिन रह गई है। दो दिन में वह स्थिति आ जाए...भरी भीड़ में एकाकी हम भरी भीड़ में एकाकी हम बने हुए अपवाद खोज रहे हैं दायें-बायें रिश्तों की बुनियाद बूढ़े अनुभव जंग लगे-से काम नहीं आये थके-थके से देखे हमने जीवन के साये संवादों में उगे अचानक संशय औ॔ अवसाद खोज रहे हैं दायें-ब...बनारस लीना मेहेन्दले की यह टीप दो दिन पहले आई थी. यह छोटी सी टीप हमारे समाज के एक स्याह पक्ष को उजागर करती है. एक सवाल उठाती है कि क्या आज के कुछ नेताओं में पेशेवर हत्यारों जितनी नैतिकता भी नहीं बची है* ! - *...सभ्य , पढ़े लिखे और शरीफ सांसद  हमारे सब सांसद सभ्य , पढ़े लिखे और शरीफ है !!कहीं प्यार की अमर कहानी कहीं प्यार की अमर कहानी मिरे प्यार की लचर कहानी जीने को प्रायोजित बंधन वहां प्रेम है समर कहानी उपजे भाव प्रणय के दिल में कहती है सब नज़र कहानी परम्पराओं की बाधा जब बने प्रेम तब लहर कहानी प्रत...

बोरसोरा क्यों याद आता है बार-बार शिलॉन्ग बहुत ख़ूबसूरत शहर है। लेकिन शहर से बाहर निकलते ही खासी पहाड़ियों से होकर गुज़रते हुए लगता है, इन पहाड़ों को नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा। हम शिलॉन्ग से दक्षिण की ओर बढ़ आए हैं, नेशनल हाईवे से उतरकर प...बातों और गीतों की जु़बानी - राखी पवित्रता और ममता के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन पर फिल्मों से लिये गए गीतों के साथ ढेर सारी बातें राखी की...... रक्षाबंधन यानि भाई और बहन का अटूट बंधन, प्यारा सा बंधन.....फूलों से भी प्यारा तारों से भी प्यारा.....अनशन का टूटना और भ्रष्‍टाचार का रूठना कौन सा गेम खेला जाए, खैर … भ्रष्‍टाचार ने खूब गेम खेले थे, जी भर के प्रत्‍येक स्‍तर के दुर्जनों को खेले और खिलवाए थे, कितने ही तो उसके चेले तिहाड़ में उसका नाम रोशन कर रहे थे और वे अन्‍ना से उनके जबर्दस्‍...यह फूल एक तीसरी ही लड़की का नाम था काली लड़की चन्द्रकान्त देवताले वह शीशम के सबसे सुन्दर फूल की तरह मेरी आँख के भीतर खुप रही थी अपने बालों में पीले फूलों को खोंसकर वह शब्दों के लिए ग़ैरहाजिर पर आँखों के लिए मौज़ूद थी मैं बोलता जा रहा था पर...

आओ मिलकर क्यों ना तुम सागर हो जाओ, अंश लिखने से पहले मन में बहुत से ख्यालात आये नारियों की आज भी सामाजिक सिथित दयनीय देख कर मन कुंठा से भर गया जब कुछ नारियों के मुंह से सुनी उनकी व्यथा तो सारा आक्रोश उन्ही पर आता है क्योंकि ख़ुद वो कहती है...हार मिले न हार बिना  मिले न हार बिना " सूना जीवन प्यार बिना नीरस होता यार बिना कला नहीं जीवन जीने की पर पलता व्यवहार बिना दिल में उपजे प्रणय-भाव पर यह सजता अभिसार बिना आशा हो पर ना हो बन्धन हार मिले न हा...मुझे कुछ कहना है ...! संध्या शर्मा  सकती हैं नन्ही सी आँखे भी सपने बड़े - बड़े. **छिपा सकेगा** सूरज को** बादल भी आखिर कब तक...?** अपनों से युद्ध है लड़ना होगा अर्जुन की तरह. सर्वव्याप्त है सर्वव्यापक है ईश्वर और भ्रष्टाचार. **है पर ...शब्द-चित्र = चित्र भी बोलते हैं, शब्दों का भी आकर होता है और चित्रों के सहारे से कुछ कहने का प्रयास...नाम दिया है "शब्द-चित्र" ऊपर से चित्र पांच को छोड़ सारे चित्र ...कैसे कहूं "मैं अन्ना हूँ" अन्ना की मुख्य तीन मांगें मानकर सरकार ने संसद में लोकपाल बिल पेश कर दिया है। लेकिन मेरा व्यक्तिगत विचार था और है कि भारत देश में जनलोकपाल बिल जैसा कानून तो कोई भी सरकार नहीं लायेगी। *मेरा समर्थन अन्ना के स...

एक बार घर लौटा "एक बार घर लौटा, ऐसा लगा की हर रोज़ ही घर लौट रहा हूँ।" जहाँ मैं पिछले मे जाना नहीं चाहता हूँ और आगे को बांधा हुआ नहीं है तो रोज़ घर लौटकर जाना मेरे लिये क्यों है? क्या ये थकावट है? है, लेकिन वो मेरे शर...पोला पर्व की बधाई पोला पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...इन्हें भी तो जोड़ो जन-लोकपाल में ! पर ही टिकी होती है. हमें उम्मीद करनी चाहिए कि असत्य . अहंकार ,अत्याचार और भ्रष्टाचार पर आधारित यह समाज व्यवस्था बहुत ज़ल्द बदल जाएगी . अन्ना जी का अहिंसक जन-आंदोलन ज़र..अन्ना के साथ चलना , नहीं चलने से बेहतर है ....अन्ना की आंधी ने स्वतंत्रता संग्राम के बाद पहली बार अनगिनत रिकोर्ड बनाते हुए युवाओं के जोशोखरोश को एक निश्चित दिशा दी है . जैसे पूरा देश एक नींद से जाग उठा है , मुर्दा जिस्मों में हरकतें होने लगी हैं . ...प्राथमिकतायें देखें... जिस तरह से संप्रग सरकार ने अन्ना हजारे के आन्दोलन से निपटा है उसमें बहुत सारी खामियां दिखाई दी हैं फिर भी कहीं से यह भी नहीं कहा जा सकता है कि सरकार पूरी तरह से अन्ना के फैक्टर से परिचित नहीं थी. देश के स...


वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं, एक ब्रेक के बाद, राम राम ........

सोमवार, 29 अगस्त 2011

मेरा सवाल: क्या कुमार विश्वास अब बिना टेक्स पारिश्रमिक की मांग न करने की कसम ली कि नहीं..?

घर का भेदी..  लंका कैसे ढा सकता अन्ना ने कोई लंका नही सजाई थी.ऎतिहासिक आधी जीत के बाद   टीम अन्ना अभी से चेत जाए कहीं भी ज़रा सा सुराख दिखा नहीं कि ये लोग लाई लुटवाने में कोई कसर न छोड़ेंगें. पर सवाल कई हैं इस आंदोलन के साथ भी आंदोलन के बाद भी.. जसे अपने अवधिया जी के दिमाग़ में जनता संसद को बनाती है या संसद जनता को ? या जेपी का इलाज किस पांच सितारा अस्पताल में कराया गया ? अपने दिमाग में तो बस एक ही सवाल घूम रिया है क्या कुमार विश्वास अब बिना टेक्स पारिश्रमिक की मांग न करने की कसम ली कि नहीं..? (संदर्भ इधर है
                         मेरी राय है कि  अब नारा ये हो मैं अन्ना हूं.. और अन्ना भारत है.. वो भारत जो बिखरके जुड़ना जानता है.. पर ये कैसा सवाल अगर अन्ना को गुस्सा आया तो...... तो क्या अलबर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है जैसे सवाल सेकण्डरी हो गए हैं. अब तो जनता से डरने का वक़्त है य सोचने का भी कि जनता को किन किन मुद्दों पर गुस्सा आता है. एक सत्य का उजागर होना कितना ज़रूरी था आप इस दृश्य से समझेंगे. 
बेटा: पापा, मैं आज एक रैली में जाऊंगा..?”
पिता: किस लिये
बेटा : अन्ना के लिये, 
      अवाक बेटे को ताक़ता वो अफ़सर( क्लर्क भी हो सकता है ) सोचने लगा कि इसी बच्चे की बेहतर परवरिश के वास्ते उसने भ्रष्टाचार को अपनाया था. 
ये जो हक़ीक़त का कारवां हैं,तेरी मुसीबत का आसमां है

अग़रचे तुझमें नहीं है हिम्मत,तो घर चला जा..या मुंह छिपा ले !  

           अष्टावक्र पर सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी का प्यारी सोनिया मम्मी को खत छपा है उसे पढ लिया जाए. आज़ादी की दूसरी लड़ाई(?) खत्म हुई, क्या दूसरी समस्याओं को देख लें?…  - सुरेश भाई भी सटीक लिखे हैं. बहुरुपिया भ्रष्टाचार : एक गम्भीर चुनौती का इलाज़ हम खुद ही कर पाएंगे. बहरहाल जन लोकपाल के पहले चरण की सफलता पर आप सभी को बहुत बहुत बधाई.. तो स्वीकर ही लीजिये. फ़िर राइट टू रिजेक्‍ट और राइट टू रि-कॉल की जरूरत यानी रिजेक्टेड माल की वापसी की गारंटी की बात सोचतें हैं. वैसे मुझे अविनाश जी का समाचार चैनल ब्राण्ड लगा   रामलीला मैदान में भ्रष्‍टाचार की तेरहवीं संपन्‍न हो रही है   भ्रष्टाचार की तेरहवीं के लिये अभी वक़्त लगेगा अन्ना भाई. तुलसी भाई की पोस्ट मनमोहन बने सिंघम  देखिये हंसते रह जाएंगे. खुशदीप भाई का सटायर देखिये तो ज़रा "ब्रैंड अन्ना के क्लिक करने के सात फ़ण्डे" सुझा रहे हैं..इस बीच दिनेश राय द्विवेदी जी के ब्लाग अनवरत पर एक सिपाही की शान में लिखी पोस्ट तक जाना न भूलिये.. ये कैसा देश है भला ये कैसा आशियाँ? 

         अंत में 
संता - यार ये सरकार अण्णा हज़ारे के प्रस्ताव पर कानून क्यों नहीं बनाना चाह   
          रही थी ?
बंता - अबे लोग तो सवाल पूछने के भी नोट लेते हैं, और ये अण्णा मुफ़्त में ही
         कानून बनवाने के जुगाड़ में था...
संता - फिर ये सरकार अब मान कैसे गई?
बंता - दूसरों ने समझाया कि हर काम के लिए ही पैसे की उम्मीद नहीं करनी चाहिये, कभी-कभी फ़र्ज़ भी निभा देना चाहिये. 

रविवार, 28 अगस्त 2011

तेरी बोलती क्यों बन्द है,सवालों का चक्रव्यूह -------ब्लॉग4वार्ता-----संगीता पुरी

सभी पाठकों को संगीता पुरी का नमस्‍कार , लोकपाल मामले में अन्‍ना की जीत के बाद पूरे देश में जश्‍न का माहौल है। आखिरकार संसद के दोनों सदनों में सबों ने मेजें थपथपाकर लोकपाल के प्रस्‍ताव को पारित किया। इस तरह संसद सैद्धांतिक तौर पर राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति, लोकपाल के दायरे में सभी सरकारी कर्मचारियों को लाने और नागरिक चार्टर बनाने पर सहमत हो गयी है। उसके बाद केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार सीधे रामलीला मैदान पहुंचे । उन्‍होने 12 दिनों से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पत्र सौंपा। इस तरह भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लडाई में जनता की आधी जीत हो गयी , लोकपाल की पूरी जीत के लिए आंदोलन आगे भी चलता रहेगा । इस मांग को लेकर पिछले 12 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे रविवार सुबह 10 बजे अपना अनशन छोड़ेंगे। ताज्‍जुब की बात है कि देश के कोने कोने में हजारो , लाखों की भीड में अन्ना की अहिंसा की 12 दिन में कहीं कोई हंगामा नहीं हुआ। इतने शांतिपूर्ण ढंग से हुए इस आंदोलन ने भारत की जनता को जागरूक बना दिया है , इसमें कोई संदेह नहीं। इस जीत के लिए सभी भारतवासियों को बहुत बहुत बधाई । उम्‍मीद है , आगे भी वे जन समस्‍याओं को सुलझाने में ऐसे ही एकजुट बने रहेंगे , असीम शुभकामनाएं !!!!


देश के लिए मरना बड़ी बात नहीं है अन्ना जी ! देश के लिए जीना बड़ी बात है ...इसलिए अब आप अनशन त्याग दीजिये.......प्लीज़* * * आदरणीय अन्ना जी ! जिस महान मकसद के लिए आपने कदम उठाया था वह लगभग हासिल हो चुका है . भले ही अभी काम पूरा नहीं हुआ लेकिन जितना हुआ है वह ऐतिहासिक है और अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है . वह कोई कम...शमा हूँ मै...ल्क के चंद टुकड़े जोड़ इस चित्र की पार्श्वभूमी बनाई. उस के ऊपर दिया और बाती रंगीन सिल्क तथा कढाई के ज़रिये बना ली. फ्रेम मेरे पास पहले से मौजूद थी. बल्कि झरोखानुमा फ्रेम देख मुझे लगा इसमें दिए के सिवा औ... कल सुनना मुझे -मान्यवर, 4 सितम्बर,2011 को अपराह्न 3 बजे जमशेदपुर वीमेन्स कालेज (Faculty of Education) के हॉल में युवा कवि सुशील कुमार की नवीनतम कविता-पुस्तक और उनकी कविताओं पर काव्य-विमर्श और काव्य-पाठ का एक .


.कुंवर प्रीतम के नए मुक्तक 1 मिटाकर बस्तियां अपना बनाया घर तो क्या मानी मुकद्दर के यही मानी अगर हैं तो हैं बेमानी रहेगी उम्र भर रौशन ये दुनिया शोहरतों वाली अगर ये सोच रक्खा है तो है ये सोच बेमानी कुंवर प्रीतम 2 नयन में नीर,दिलों में...तुलसी की व्यथा आज आँगन की तुलसी , क्यों उदास है ! शायद उसको भी , घर के बटबारे का आभास है | जब से दिलों के बीच , दूरियों बढ़ने लगीं थीं | तभी से उसकी जड़ें , कमज़ोर पड़ने लगीं थीं| कल जब आँगन में बटबारे की दीवार उठाई ...सरकार ने तोडा वायदा, नहीं होगी जनलोकपाल पर संसद में वोटिंग टीम अन्ना ने कहा कि कल उन्हें यह भरोसा दिया गया था कि आज संसद में वोटिंग होगी लेकिन संसद में वोटिंग नहीं हो रही। प्रशांत भूषण ने कहा कि हमें अभी यह बताया गया है कि इस पर वोटिंग नहीं होगी। बहस नियम 193 के...आदमखोर  कहानी संग्रह आदमखोर (दहेज विषयक कहानियाँ) संपादक डॉ0 दिनेश पाठक ‘शशि’ संस्करण : 2011 मूल्य : 150 प्रकाशन : जाह्नवी प्रकाशन विवेक विहार, शाहदरा दिल्ली-32 शब्द संयोजन : सागर कम्प्यूटर्स, मथुरा ---- मकड़ जाल ...

सन्देश मिला कल सहसा यह सन्देश मिला सूने-से युग के बाद मुझे कुछ रोकर, कुछ क्रोधित हो कर तुम कर लेती हो याद मुझे । गिरने की गति में मिलकर गतिमय होकर गतिहीन हुआ एकाकीपन से आया था अब सूनेपन में लीन हुआ । यह ममता का वरदान ...नदी में ज्वार. नदी में ज्वार आया पर तुम आये कहाँ खिडकी दरवाजा खुला है पर तुम दिखे कहाँ पेड़ों की डालियों पर मुझे देख कोयल कूके पर आज भी तुम दिखे नही आखिर तुम हो कहाँ सजी-धजी मंदिर जाऊं पूजा करूँ सजदा करूँ कभी तो पसीजोगे तु...पूज्य दादाजी को श्रद्धांजलि मेरे पूज्य दादाजी को १७वी पुण्य तिथि में सादर श्रद्धांजलि | चरणों में आपके सर नवाते रहेंगे, संस्कारों को आपके निभाते रहेंगे, गुजारिश है आपसे, सदा कृपा बनाये रखना, हृदय से सुमन भेंट हम चढाते रहेंगे | करता...क्या अन्ना की मौत की प्रतीक्षा में है सरकार ?आज अन्ना के अनशन का १२ वां दिन है लेकिन सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल कानून लाने और पास कराने को लेकर बिलकुल भी संजीदा नहीं दिख रही.उसे इस बात की जरा-सी भी चिंता नहीं है कि अगर अनशन की शरशैय्या पर लेट...

यू एस से सन्देश, सुनो छल-सिब्बल प्यारे Sonia Gandhi undergoes surgery, skips Parliament session In US for surgery, Sonia Gandhi gives Congress keys to Rahul नालायक औलाद को, लगे न कोई पाप | डन्डे-ब...ख़ामोशी कि जुबानीशांत बैठी लहरों को तब तक कोई कहाँ जान पाता है | सागर कि उठती लहरें ही तो कराती है प्रलय का भान | गगन में विचरते बादलों को भी तब मिलता है सम्मान | गरज - बरस भिगो धरा को जब करते हैं वो अपना काम | ...दिग्विजय सिंह तेरी बोल्ती क्यों बन्द है काग्रेस का कुटिल चेहरा दिग्विजय सिंह आजकल कौन सी मौन गुफा मे आराम कर रहा है रामदेव बाबा के खिलाफ जहर उगलने वाला अण्णा की आधी से डरकर अपनी दुम दबाकर न जाने किस गुफा मे सर पट्क रहा होगा शायद काग्रेस के रिंग... ईमानदारी और कर्मठता की नई परिभाषा............!!!! अंदाज ए मेरा: ईमानदारी और कर्मठता की नई परिभाषा............!!!!: टेलीविजन में इन दिनों एक ही खबर दिख रही है। ये कह सकते हैं, एक ही खबर बिक रही है। बिक रही है, इसलिए कह रहा हूं कि हमारे देश के न्‍यूज चै...

नेताओं से कुछ नहीं होगा मैं पिछले डेढ़ बर्ष से इस ब्लॉग लेखन में हूँ ! इन डेढ़ बर्षों में मुझे बहुत सारे अच्छे अनुभव हुए , कई बरिष्ठ लेखकों का मार्गदर्शन मिला , साथ ही कई नवीन ब्लोगर्स का प्रेम और स्नेह मिला जो मुझे आगे लिखने के ...भाषण राहुल गाँधी का लम्बा भाषण संसद में कितनो को पसंद आया ? मुझे नहीं आया लगा जैसे उन्होने देश को नाना की जागीर समझ लिया हैं जिस का ट्रस्ट बना कर वो उसके ट्रस्टी बनना चाहते हैं ताकि आजीवन उस से खा पी सके और ...फिर वही शब्दों का विहंगम जाल..........शब्दों की भी एक सीमा होती है कहने की भी एक हद होती है... पर हम कहाँ चुकने देते हैं शब्दों को , उसमें रंग भरते रहते हैं , फिर उसे नया अंदाज देते हैं ... कहने की हद ! होती तो है , पर हम हदों को कहाँ मानत...जंतरमंतर से रामलीला मैदान तक एक आंदोलनअण्णा हज़ारे के "आन्दोलन" को लेकर यह आलेख हमारे कबाड़ी साथी शिवप्रसाद जोशी ने दोएक दिन पहले भेजा था. कुछ तकनीकी परेशानियों के चलते मैं इसे आज लगा पा रहा हूं. जंतरमंतर से रामलीला मैदान तक एक आंदोलन -शिवप...

ड्राफ्ट के इस क्राफ्ट में एक ड्राफ्ट यह भी ...........ड्राफ्ट के इस क्राफ्ट में एक ड्राफ्ट यह भी ...........* * * *कौन कौन लोकपाल विधेयक के दायरे से बाहर होने चाहिए ................* * * *पी. एम्., सी. एम्., डी एम् * *सरकारी कर्मचारी, * *बड़े अधिकारी, * *संसद...मुम्बई की सैर :--मेरी नजर में ( 5 ) **" ये है बाम्बे मेरी जान " * *"इस्कॉन" * *कृष्ण जन्मअष्टमी *पर आपको मैं ले चलती हूँ .....बाम्बे के *हरे रामा हरे कृष्णा *मंदिर ..जिसे इस्कॉन भी कहते हैं --- *मुम्बई की सैर :--...पर तुम उन अच्छाईयों में ज़िन्दा रहोगे...डॉ अमर (साभार सतीश सक्सेना) सतीश सक्सेना भाई जी से डॉ अमर कुमार का खास लगाव था...ठीक एक दोस्त की तरह...दोस्त की तरह ही कभी कभी टांग खिंचाई भी...लेकिन ये सतीश भाई ही थे जिनसे डॉक्टर साहब ने पहली बार ज़िक्र किया था कि उनके मुंह के कैं...अन्ना का अनशन ! स्वराज्य करुण * कई दिनों से चल रहा है अन्ना का अनशन ,अधिकार और कर्तव्य या स्नेह और प्रेम ...सवालों का चक्रव्यूह ! व्यक्ति परिवार की तो परिवार समाज की महत्वपूर्ण इकाई है । इनमे से एक के बिना दूसरे की कल्पना नहीं की जा सकती । वही किसी भी परिवार की मुख्य धुरी माता - पिता या पति -पत्नी हैं । जैसा कि हमारे समाज में पित्रसत्... 

फ़ुरसत में … “स्टुपिड ? कॉमन मैन !” “ए वेन्ज़्-डे” फिल्म में अधिकांश डायलाग बड़े चुटीले हैं। इसके “स्टुपिड कॉमन मैन” को पहले “ही इज गुड” और अन्त में “ही इज नॉट जस...अन्ना हजारे के आन्दोलन के साथ अब कोई राजनीतिक दल नहीं है. शेष नारायण सिंह नई दिल्ली ,२६ अगस्त आज लोक सभा में औपचारिक और गैर औपचारिक स्तर पर एक दम साफ़ हो गया कि भारतीय जनता पार्टी अन्ना हजारे की टीम की तरफ से पेश किये गए जान लोक पाल बिल का समर्थन नहीं करती है ...त्रिवेणी खुद से बाहर खोजा तो खोया ही खोया * *खुद में अगर झाँका तो पाया ही पाया * * * *एहसासों कि दुनिया खुद से बाहर नहीं मिलती !!* 2012 जुलाई के बाद शनि की ढैय्या समाप्‍त हो रही है ... जीवन में सुधार होगा !! पाठकों के प्रश्‍नों के उत्‍तर देने के क्रम में ही आज का यह लेख है। जब से मैं ब्‍लॉग जगत में आयी हूं , व्‍यक्तिगत समस्‍याओं के लिए पाठक मेल करते ही रहते हैं। 28 मई 2009 को ही मेरे पास एक ईमेल आया .... NA...

शहरों की मारामारी में मारामारी में सारे मोल गए सत्य अहिंसा दया धर्म अवसरवादों ने लूटे सरकारी दावे औ’ वादे सारे निकले झूठे भीड़ बहुत थी अवसर थे कम जगह बनाती रहीं कोहनियाँ घुटने बोल गए सड़कें गाड़ी महल अटारी सभी झूठ से ...हाईवे के ट्रक कभी भारी भरकम ट्रकों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर भागते देखा है? देखा होगा और उससे पीड़ित भी हुये होंगे पर उनके चरित्र पर ध्यान नहीं दिया होगा। सामने से आते ट्रक आपको अपनी गति कम करने और बायें सरक लेने को विव...ऐसे नेताओं से डाकू अच्छे हँसमुखजी मशहूर डाकू थे लाखों का इनाम सर पर लिए घूमते थे एक नेता की बातों में आ गए हथियार डाल दिए सज़ा काट कर बाहर आये नेताजी की चिकनी चुपड़ी गिरगिटी बातों में फँस गए देश सेवा के लिए उनकी पार्टी में शाम...एक आन्दोलन जिसने देश में भावनात्मक एकता कायम की एक तीर से कई निशान* अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग क्या छेड़ा पूरा भारत उनके पीछे खड़ा हो गया . देश में भ्रष्टाचार के अलावा और कई ज्वलंत मुद्दे है जिससे देश की आत्मा बेचैन है जैसे आतंकवाद , नक...

शनिवार, 27 अगस्त 2011

सांसद सांसद मौसेरे भाई,ये ताऊ गिरी है या.......ब्लॉग4वार्ता------ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, जन लोकपाल बिल पर गतिरोध बना हुआ है, अन्ना अनशन तोड़ने को तैयार नहीं हैं. संसद में राहुल  गान्धी ने अपने भाषण में संवैधानिक संस्था बनाने की बात कह कर मामले को गरमा दिया. इनके वक्तव्य से जाहिर होता है कि जन लोकपाल बिल का मुद्दा लम्बा खींच सकता है. अन्ना को मिले जन समर्थन को देखते हुए लगता है कि आगामी चुनाव में जनता कांग्रेस को पटखनी दे सकती है. बीजेपी अपना रास्ता अभी से बना रही है. इसलिए उसने अन्ना का समर्थन कर दिया है. देश का प्रत्येक नागरिक भावनात्मक रूप से अन्ना से जुड़ चूका है. भ्रष्ट्राचार से से हलाकान परेशान जनता अब इससे मुक्ति चाहती है......... अब चलते हैं आज कि ब्लॉग4वार्ता पर..........  

हरामखोरो ! चुल्लू भर पानी में डूब मरो.. पानी न हो तो मेरे आँसू ले जाओ लेकिन भगवान् के लिए अब तुम मर खप जाओ मेरे मासूम देश के ज़ालिम हुक्मरानों ! इन्सान की खाल ओढ़े हुए हैवानों ! तुम्हें ज़रा भी लज्जा नहीं आती अपने आप से....हराम का सीमेन्ट, सरिया,लोहा, लंगड़ खा खा कर क्या तुम इतने कठोर हो गये हो कि...नई ग़ज़ल / मेरे हरेक दर्द ने उनको मज़ा दिया.ब्लॉग लेखन को लेकर पहले जो उत्साह था, अब कम हुआ है.समय के साथ जड़ता-से आ जाती है.ठहराव-सा आने लगता है. उदासीनता भी कह सकते है. ध्यान अन्य सर्जनात्मक विधाओं पर भी लगा था, इसलिए कोइ रचना इधर दे नहीं पाया, ए...सीप का सपना माया मृग को जन्मदिन की हार्दिक बधाई आज उनके जन्मदिन पर आओ पढ़ते है उन्ही की लिखी एक कविता *बतियाती मछलियाँ * *मानसरोवर के ठहरे जल से दूर * *जाने कहा को* *जाने कहा के लिए * *उड़ान भर रहे है ,हंस !...बात नहीं अब रण होगा मुझे नहीं लगता तुम जीवित बचोगे तुम्हे बचाने के प्रयास हमने तो बहुत किये लेकिन तुम्हारा दुर्भाग्य तुम रार ऐसों से ठान बैठे जिन्हें नहीं मालूम एक जान की कीमत और मालूम भी हो तो अपनी जान नहीं बचायेंगे ...

  • बोलते शब्‍द 44 आज के शब्‍द जोड़े हैं - 'अरारोट' और 'डालडा' व 'आज़ाद' और 'गुलाम'  आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा स्‍वर - संज्ञा टंडन  87. 'अरारोट' और 'डालडा' 88. 'आज़ाद...तितलियों का रंग वहीं बनता है बाबुषा कोहली चौथा आदमी वहाँ चार आदमी थे; पहला- शब्दों से भरा हुआ था उसके मुँह से ही नहीं, नाक, कान और आँखों से भी शब्द टपकते थे ! शब्दों के ढेर पर खड़ा उसे गीता कण्ठस्थ थी ; परंतु उसे कृष्ण का पता न था ! ...राजीव जी के भ्रस्टाचार मुक्त भारत के सपने को उनकी पार्टी ने ही चकनाचूर किय राजीव जी के भ्रस्टाचार मुक्त भारत के सपने को उनकी पार्टी ने ही चकनाचूर किया देश के युवराज राहुल गांधी ने आज देश की संसद में पहली बार भ्रष्टाचार के इतने संगीन मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी ..उन्होंने चिंता व...अब वो झल्लाती नहीं है गूगल से ऑफिस में लंचटिफिन ना ले जाने की बात से ही अंजू नाराज होने या मेरे बैग में टिफिन रखने की जबरदस्ती करने लगती थी। लेकिन पिछले तीन दिन से मैं लंच बॉक्स नहीं ला रहा हूँ तो भी वह कुछ नहीं बोलती। दो-तीन...



  • सत्य-अहिंसा के पथ पर !!चलो लड़ लें किसी न किसी से, आज लड़ ही लें किसी न किसी से ही क्यों किसी से भी लड़ लें जब लड़ना ही है, तब सोचना कैसा ! उठो, बढ़ो, और लड़ लो किसी से भी, जो सामने नजर आए, उसी से लड़ लो फिर, भले वह छोटा हो,...शाकाहार के प्रति वैश्विक आकर्षण आहार सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करने वाला एकमहत्वपूर्ण तत्व है,जिसका व्यक्तित्व निर्माण से घनिष्ठ सम्बन्ध है. आहार दो प्रकार केहै- शाकाहार और मांसाहार. फल, सब्जी, अनाज,बादाम आदि, बीज सहित वनस्पति-आधारित भो... सौ बार सोचिए कि हम चुन किसे रहे हैं? संसद गर्माएगी। करेगी बहस। लोकपाल पर। सरकारी नहीं। हमारे भी। जन लोकपाल। जनप्रतिनिधि बोलेंगे। प्रशंसा करेंगे - अन्ना की। जनता की। अभियान की। बधाई देंगे - धैर्य पर। शांति पर। अहिंसा पर। फिर बरसेंगे - भ्रष्टाच...ये ताऊ गिरी है या अन्ना गिरी? आजकल पूरे देश में अन्ना गिरी चल रही है या कहें कि पूरा भारत अन्ना मय हो गया है. अन्ना की सारी कोशीशें सरकारी भ्रष्टाचार से जनता को राहत दिलाने की हैं पर एक तरफ़ निजी कंपनियां भी ग्राहकों को परेशान करने और ...



  • अज्ञेय-तीन विशेषांक अज्ञेय पर ‘स्रवंति’ के तीन विशेषांक* * * दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा-आंध्र ने अज्ञेय जन्मशती के अवसर पर दो दिवसिय संगोष्ठी रखी, जिसमें दक्षिण के विद्वानों ने भाग लिया। इन लेखों/विचारों को संजोकर उनक...मैं गुनहगार हूँक्योंकि मैनें ऐसी सरकार को चुना है, जिसके राज में अपने ही देश की संसद के सामने भारतमाता की जय और वंदेमातरम बोलने पर मुँह बंद कर दिया जाता है। अभी-अभी न्यूज में दिखाया जा रहा है कि रोहतक का रहने वाला मनजीत मुख्यमंत्री किसी व्यक्ति को भूमि का आबंटन नहीं कर सकते सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री, सक्षम प्राधिकारी के अधिकारों में हस्तक्षेप कर, किसी व्यक्ति को भूमि का आवंटन नहीं कर सकते हैं। न्यायमूर्ति बलबीर सिंह चौहान और स्वतंत्र कुमार की खंड...तब और अब तब और अब जब छोटा सा था जीवन अपना दुनिया बहुत बड़ी लगती थी जीवन का विस्तार हो गया दुनिया छोटी हुई जाती है कालाहांडी की बस्ती में बैठ एक ग्रामीण भी देख सकता है आज फुटबाल का विश्व कप  घर बैठे पा सकता है सब कुछ...



  • अमूल बेबी आज बोला अभी अभी पता चला है कि कांग्रेस पार्टी देश भर में मिठाइयाँ बटवाने की तैयारी में है ... अमूल बेबी आज बोला न ... इस ख़ुशी में ...फ़ोर्ब्स की सूची :कृपया सही करें आकलन आज के समाचार पत्रों का एक मुख्य समाचार-''सोनिया सातवीं शक्तिशाली महिला''/सबसे शक्तिशाली महिलाओं में सोनिया'' अभी कल ही फ़ोर्ब्स मैगजीन ने विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची जारी की और उसमे स...सूची लीक करने वाले पर कार्रवाई होगी राज्य खेल पुरस्कारों की सूची जारी होने से पहले ही लीक होने के मामले में खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि मामले की जांच कराने के साथ ही दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। खेल मंत्री ने कहा कि विभाग के किसी अ...सांसद सांसद मौसेरे भाईअन्ना हजारे की एक हुँकार पर आबालवृद्ध जनों का एकसूत्र में बँध जाना सिद्ध करता है कि *देश की समस्त जनता देश से भ्रष्टाचार का सफाया चाहती है*। अन्ना के भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनशन के परिणामस्वरूप जनता की एकसू...



  • रामलीला मैदान में डटे शूरवीरों को समर्पित रामलीला मैदान में डटे शूरवीरों को समर्पित आज का मुक्तक.....एक छंद के साथ भ्रष्टों की एकता का नया वार देख लो.. सत्ता का नशा बोलता है यार देख लो.. इन सब दलों को देख के पछता रहे हैं हम, ये कैसे-कैसे चुन लिए ...रे प्यार ने मुझे गम दिया -छैला बाबू १९६७ गीत सुनकर ऐसा लगता ही नहीं है कि ये सन १९६७ की फिल्म से होगा। ध्वनियाँ इसकी कुछ पुराने युग की प्रतीत होती हैं। सन १९६७ तक हिंदी फिल्म संगीत में शोरगुल का आगमन हो चुका था। ये मधुर गीत भी एक अनजान सी फिल्म ...छत्‍तीसगढ़ में रेडि‍यो श्रोता दि‍वस परंपरा....आवाज़ और फरमाइशकर्ताओं का मि‍लन समारोह रेडियो के गुज़रे ज़माने के साथ जो लोग जुड़े हुए हैं, उनको आज भी कोई नया साधन उस रूप में नहीं लुभा पाता है जैसा रेडियो। आज भी पुराने श्रोताओं को सीलोन या विविध भारती पर बजने वाले पुराने हर कार्यक्रम जुबानी ...



  • शॉट सर्किट से बचने के लिए फेसबुक पर किसी बहुत पुराने दोस्त ने कमेंट छोड़ा है, कैसे करती हो ये सब। सुबह से सोच रही हूं, कैसे करती हूं! और क्या करती हूं? दिल की भड़ास कभी खुद लिखकर, कभी किसी का लिखा हुआ पढ़कर मन-ही-मन रोने और हंस ले...शिवस्वरोदय  महीत**त्**त्वे स्वरोगश्च जले च जलमातृत:।*** ***तेजसी खेटवाटीस्था शाकिनीपितृदोषत:।।**315 ।।*** *भावार्थ – *रोग सम्बन्धी प्रश्न के समय स्वर म...सकारात्मक क़दम अन्ना की हालत को देखते हुए जिस तरह से पूरे देश में चिंता बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए जिस तरह से विलम्ब से ही सही संप्रग सरकार ने जिस तरह से अन्ना की सभी मांगों पर शुक्रवार को संसद में नियम १८४ के तहत चर्च...देखता हूँ इस शहर को जीते, रोज़ मरते उम्र यों ही कट रही है सीढ़ियाँ चढ़ते-उतरते! फिर कपोतों की उमीदें आँधियों में फँस गई है बया की साँसे कहीं पर फुनगियों में कस गई है यहाँ तोते बाज से मिल पंछियों के पर कतरते! कंपकपांते ...अन्ना तुम संघर्ष करो...हम तुम्हारे साथ हैं. लिखने की तैयारी कर रहा था, तभी कम्प्यूटर अनशन पर चला गया. सोचा कि सुबह उठ कर मनाया जायेगा. सरकार तो अन्ना को नहीं मना सकी. हो सके तो मै कम्प्यूटर को मना लूँ. सुबह कम्प्यूटर को मनाने के लिए धुप दीप ...



  • खुद के खिलाफ़ जंग की जुगत भी लगाओ यारो---- हज़ारों कवि- सम्मेलनों में भी नहीं मिला .कल का दिन मेरे लिए बड़ा महत्त्वपूर्ण रहा . भ्रष्टाचार के विरोध में अन्ना हज़ारे का साथ देने के लिए देश भर की जनता के साथ साथ सिल्क सिटीसूरत के लाखों लोग भी अब पूरी ऊर्जा के साथ सड़क पर आ गये...पीएम ने कहा और अन्‍ना ने अनशन तोड़ दिया  पी एम भी हैं प्रसन्‍न अन्‍ना भी हैं खुश तोड़ने वाले हैं अनशन पी एम ने बतलाया है अभी अभी उनका संदेश मेरे मोबाइल पर आया है संदेश में लिखा है कंप्‍यूटर प्रत्‍येक मर्ज की दवा है टाइप करो CORRUPTION कर्सर को...डॉ अमर कुमार को समर्पित एक ब्लॉग*प्रिय ब्लॉग मित्रों,* ** * * *डॉ अमर कुमार नहीं रहे...ये हक़ीक़त है...लेकिन दिल इसे मानने को तैयार नहीं...मौत को भी ज़िंदादिली सिखा देने वाले शख्स को आखिर मौत कैसे हरा सकती है...कैसे ले जा सकती है ब्लॉग ...इस दमन को आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी यह दैत्याकार धक्का है। सरकार ने दिया है। कल लगा वह अन्ना हजारे का मान रखेगी। लगा क्यों? सरकार ने खुद कहा था। देर रात करोड़ों जन के मान मर्दन पर उतरे से दीखे मंत्री। राष्ट्र को दिया दंभपूर्ण उत्तर : ‘अन्न...

    वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ..........राम राम 




  • शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

    चलो बहुत हुई रामलीला झूठे मक्कारों के देश मे -----ब्लॉग4वार्ता----संगीता पुरी


    अन्नागीरी ने रंग दिखाया। दस दिन के अनशन के बाद आखिरकार सरकार ने अन्ना हजारे की ज्यादातर मांगें मान लीं। अब शुक्रवार से संसद में जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा होगी। साथ ही अन्ना ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए जो तीन और अहम उपाय बताए थे, उन्हें भी मानने का सरकार लिखित भरोसा देने जा रही है। हालांकि देर रात कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि अंतिम रास्ता निकलने में थोड़ा वक्त लग सकता है।अन्ना और सरकार के बीच चल रही बातचीत जहां बुधवार को टूट के कगार पर पहुंच गई थी, वहीं गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दखल के साथ यह न सिर्फ पटरी पर आई, बल्कि अंजाम के बिल्कुल करीब तक पहुंचती दिखी।
    डा. अमर कुमार का जाना .....एक निःशब्द क्रंदन बतर्ज़.. चल उड़ जा रे पंछी बहुत ज़द्दोज़हद के बाद यह तय पाया गया कि , अब यहाँ से चलना चाहिये । मेरी एक मनपसंद कविता है, " कोशिश करने वालों की हार नहीं होती .. " जब...जाईये निर्मोही डॉ अमर आज से आप से अपने मोह को खत्म किया , जब से डॉ अमर की मृत्यु की खबर मिली तब से केवल एक ही विचार मन में रहा "उनकी माँ कैसी होगी " , जानती थी वो अभी जीवित हैं पर सुनना चाहती थी की नहीं हैं । किसी भी अभिभावक के लिये उसके बच्चे की मौत जिन्दगी बहुमुखी प्रतिभा के धनि , डॉ अमर कुमार --एक संस्मरण .डॉ अमर कुमार से मेरा परिचय अप्रैल २०११ में हुआ . उससे पहले न कभी टिप्पणियों का आदान प्रदान हुआ , न मुझे उनकी कोई पोस्ट पढने का अवसर मिला . बस एक बार आरम्भ में उनकी एक टिप्पणी आई थी जब मैंने दिल्ली दर्शन पर..... बस यादें ही तो शेष रह जाती हैं हमारे पास !!!!परसों शाम जैसे ही ब्‍लॉगर का डैशबोर्ड रिफ्रेश किया , अलबेला खत्री जी की एक पोस्‍ट के शीर्षक पर नजर गयी। भगवान करे यह सच न हो , झूठ हो , डॉ अमर कुमार जी जीवित ही हों , पढने के बाद इसे खोलने की हिम्‍मत ही नहीं हो रही थी। कांपते हाथो से इसपर क्लिक किया  , एक दूसरी पोस्‍ट भी पढी। घटना सच्‍ची ही है , भला कोई ऐसा मजाक करता है ?? 




    जो आज हुआ पहले भी कई बार हुआजो आज हुआ पहले भी कई बार हुआ वो मिल ना सका जिसे चाहा न हताश हुआ ना निराश हुआ कोशिश में लगा रहा निरंतर यकीन में जीता रहा उम्मीद में चलता रहा कभी तो कुछ ऐसा होगा जो पहले ना हो सका जो भी होगा अब अच...साहब गांव में नक्सली आएं हैं... तो हम क्या करें बे....बस्तर के पुलिस कंट्रोल रूम का फोन बजता है... उधर के किसी थाने का एक अदना सा सिपाही जानकारी लेता है कि साहब एक गांव में नक्सली आएं हैं। कंट्रोल रूम में बैठा अधिकारी पलटकर जवाब देता है कि तो हम क्या करें बे।...प्रकृति का आँगन {ताँका }- डॉ. हरदीप कौर सन्धु *प्रकृति का आँगन **{**ताँका* *}* ताँका शब्द का अर्थ हैलघुगीत | यह जापानी काव्य की एक पुरानी काव्य शैलीहै । हाइकु का उद्भव इसी काव्य शैली से हुआ मानाजाता है । इसकी संरचना 5+7+5+7+7=31वर्णों की होती है। ...

    गूगल क्रोम के २० बहु-उपयोगी शर्ट-कट |गूगल क्रोम के २० बहु-उपयोगी शर्ट-कट----- 1. Ctrl + N : New विंडो 2. Alt+F or Alt+E : Opens wrenched Menu 3. Ctrl + Shift + N : New window in incognito mode. 4. Ctrl + T : New tab. 5. ...... सब की मंशा जाहिर हो गई !! हद हो गई, अरे भाई आज सर्व दलीय बैठक में भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन पर सब की मंशा जाहिर हो गई ! पक्ष, विपक्ष, समकक्ष सब के सब मौन हो गए भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन पर सब की मंशा जाहिर हो गई ! खेल खिलाड़...क्या पाया इंसान का इंसान से यह बैर कैसा सब जान कर अनजान बना रहता यूं वैमनस्य लिए कब तक जियेगा आज नहीं तो कल सत्य सामने होगा | बिना बैर किये जो जी लिया कुछ तो अच्छा किया उसने जिंदगी नासूर बनाने न दी चंद क्षण ख...जो अनशन पर बैठा है वो बिलकुल स्वस्थ है, फिर ये कौन हैं जिनकी हालत पस्त है ?** *इनकी ...........................* ** *आए दिन ज़ुबान फिसल रही है * *अक्ल काम नहीं कर रही है |* ** *ब्लड प्रेशर हाई है * *चेहरे पर उड़ी हवाई है |* ** *सीने में जलन है * *आवाज़ में कम्पन है |* ** *पसीना ..."प्रीत की डोरी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")*मै प्यार का हूँ राही और प्यार माँगता हूँ।* *मंजिल से प्यार का ही उपहार माँगता हूँ।।* सूनी सी ये डगर हैं, *अनजान सा नगर हैं,* *चन्दा से चाँदनी का आधार माँगता हूँ।* *मंजिल से प्यार का ही उपहार माँगता हूँ।।* ...


    भले ही अन्ना भूख से मर जाय हम तर माल ही खाएँगेजनप्रतिनिधियों की बैठकें होती हैं जहाँ पर काजू आदि सूखे मेवे के प्लेट एक हाथ से दूसरे हाथ में सरकते हैं। ऐसे बैठकों में मेवा-मिष्ठान्न, बैठक यदि दिन भर चले तो, लंच में मांसाहारी तथा शाकाहारी दोनों ही प्रका...झूठे मक्कारों के देश मे गांधी ने क्यों जनम लिया*किससे करें शिकायत* *किससे करें गिला* *झूठे मक्कारों के देश मे* *गांधी ने क्यों जनम लिया* *ये गांधीवादी बनते हैं* *जनता पर अत्याचार करते हैं* *सिर्फ़ बातों मे ही सब्ज़बाग दिखाते हैं* *मगर आचरण मे ना* *गांधी के...जन लोकपाल : मैं तो श्री अन्ना जी के साथ हूँ ...आज श्री अन्ना जी के अनशन का दस वां दिन है और उनके स्वास्थ्य में निरंतर गिरावट आ रही है और सरकार के प्रति लगातार जनाक्रोश बढ़ रहा है . सरकार द्वारा कल जो सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी परन्तु अभी तक कोई भी सार्थक...त्रिवेणी* * * * * * *तेरी हर इनायत पे एतबार है मुझे * * मेरी जिंदगी का सच स्वीकार है मुझे * * * *तू अपने एतबार पे एतबार तो रख ! *ममता की अनोखी मिसाल बिल्ली के बच्चे को दूध पिलाती हुए कुतिया छाया: काशीनाथ *शंकर प्रसाद साव * बाघमारा धनबाद : पशुओं की संवेदनशीलता कभी-कभी मनुष्य को भी आत्ममंथन की प्रेरणा देती है. भले ही मनुष्य श्रेष्ठता के अहंकार में 
    साहित्य वाचस्पति डॉ .श्रीपाल सिंह क्षेम : विनम्र श्रद्धांजलि(चित्र साभार -श्री आशीष श्रीवास्तव ) डॉ.श्रीपाल सिंह 'क्षेम' का निधन हमारे जनपद ही नहीं अपितु पूरे साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है.कल जनपद से हिन्दी जगत का सूर्य अस्त हो गया. डॉ क्षेम की उम्र...थायरॉइड ग्रंथि के रोग थायरॉइड ग्रंथि आपकी श्वास नली के सामने वाले हिस्से में गले के नीचे स्थित होती है। इसके दो भाग होते हैं और यह तिल्ली के आकार की होती है।थायरॉइड ग्रंथि थायरॉक्सीन (टी-४) हारमोन बनाने का कार्य करती है। थायरॉ...नशामुक्ति की दिशा में महिलाओं में जबरदस्त उत्साह प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है . भारत माता वाहिनी गठन के पश्चात् महिलाएं इस दिशा में काफी सक्रीय होती जा रही है . ग्राम भोथीडीह की महिलाओं ने स्व-स्फूर्त भारत मात...

    किसी को हमने याँ अपना ना पायाकिसी को हमने याँ अपना ना पाया जिसे पाया उसे बेगाना पाया कहाँ ढूँढ़ा उसे किस जा ना पाया कोई पर ढूँढ़ने वाला न पाया उड़ा कर आशियाँ सरसर ने मेरा किया साफ़ इस क़दर तिनका न पाया से पाना नहीं आसॉं, कि हमने न जब ...सरकारी लोकपाल"ग्राम-सभा" सबसे बड़ी, सभी सभा की मूल | "ठेठ-सभाएँ" किन्तु करें, कीमत बड़ी वसूल || कीमत बड़ी वसूल, उसूल तोड़ते शाश्वत | हो जाते सब एक, फायदा अपनी बाबत || कर 'अन्ना' अफ़सोस, रमे सब भ्रष्टाचारी | उठा ...हमारी सबसे बड़ी दौलत , हमारे बुज़ुर्गकहते हैं मित्र में ही सारे रिश्ते नज़र आते हैं । मेरे सारे मित्र अत्यंत बुज़ुर्ग हैं। और उन्हीं में मुझे माता-पिता नज़र आते हैं। और माता-पिता के समान दूजा कोई मित्र नहीं होता। बचपन से बुजुर्गों के साथ देर त...ईश्वर का आशीष ....."अनिमेष "आज ,२५ अगस्त ,की तारीख हमारे लिए बहुत ख़ास है | इसी तारीख पर ईश्वर ने हमें अपने आशीष स्वरूप हमारा प्यारा सा बेटा "अनिमेष " दिया | इस दिन से जुड़ी इतनी सारी यादें जैसे आँखमिचौली करती सी सब तरफ से हम पर छ...

    खुद से मिलना भी बात भी करना खुद से मिलना भी बात भी करना. तुम भी कोशिश ये जरा सी करना. वो ना दर से ही लौट जाये कहीं, घर के कमरों में रौशनी करना. कैसे कह दूँ वो याद आता नहीं, मुझसे बातें ना क़ुफ्र की करना. कुछ तो जादू है उसके खंज़र ..चलो बहूत हुई रामलीलाचलो बहूत हुई रामलीला - अब मैदान खाली करो. मदारी की मौज - और बंदरों की फ़ौज - लंका की चढाई - अरे कोई कम तो नहीं है भाई. पर शुक्र है - अभी बादल है पुरवा चल रही हैं . जोश की बदलियाँ - उमड़ घुमड़ समन्दर...लोकपाल बिल खारिज , सरकार आज लायेगी भ्रष्टाचार संरक्षण बिलअभी अभी सभी राजनैतिक दलों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है की देश की वैश्विक पहचान को बचाने के लिए तुरंत एक बिल पास किया जाए जिसको कहा जाएगा *भ्रष्टाचार संरक्षण बिल * बैठक समाप्त होने बाद एक साझा...मैं भी अन्ना, तुम भी अन्ना*बेहतर होगा* *पहनना काले कपडे * *नेताओं को,* *छुपे रहेंगे दाग* *उसमें आसानी से.* * * * ******* * * *भ्रष्टाचार बसा है जिनकी नस नस में,* *दूर करेंगे वह इसको, यह आस व्यर्थ है.* *क...आज समीर लाल की वैवाहिक वर्षगांठ हैआज, 25 अगस्त को उड़न तश्तरी वाले समीर लाल की वैवाहिक वर्षगांठ है। बधाई व शुभकामनाएँ!!!!!

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