शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

अपोस्ट से आगे - कुपोस्ट तक से फ़ेसबुक पर मंडराते खतरे की बात


राजीव कुलश्रेष्ठ के ब्लाग से

अपोस्ट से आगे - कुपोस्ट तकसमाचार से असमाचार तक, कविता से अकविता तक लेख से अलेख तक सब कुछ साहित्य है इतना क्यों हाय तौबा मचा रही हो.एक सदावरत टीवी एंकर मारे भय  बॉस के केबिन में महिला एंकर हुई बेहोश हो गई !  इस तरह के समाचारों की मांग पाठकों की होती है पर कभी भी जबरिया चैनल्स ने पाठको से पूछा क्या "हाल कैसा है जनाब का..?" मित्रो  देखें अखबार बाबू क्या बोलते हैं आज कौन कौन से ब्लाग अखबार में छपे थे. भीड़ में एकालाप: जनसत्ता में मेरी छोटी सी दुनियाजाति सूचक सरनेम क्यों न बंद हों: पीपुल्स समाचार में प्रत्युत्तरकेबल इंडस्ट्री की सच्चाई: हिन्दुस्तान में पुण्य प्रसून बाजपेयीरूठे क्यों हैं निवेशक?: डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट में अर्थकामकहाँ गई किताबें?: दैनिक जागरण में कबाड़खानाइंसानियत ऊँचे महलों मे कैद: पीपुल्स समाचार में स्वयंसिद्धा जी अखबार बाबू जानते हैं कि आरक्षण की आग किधर सुलगी है "चेहरे वाली किताब पर .. हां भाई हां "'आरक्षण' की आग में 'फेसबुक'अब देखिये संगीता जी ने क्या कहागत्‍यात्‍मक चिंतन: इतने दिनो बाद भी दिलों के मध्‍य फासला न बना ..यही क्‍या कम है ??  मंच से आवाज आईब्लॉग लेखकों को भी स्वस्थ रहेने का अधिकार है  तो भैया किसने कहा रात बिरात कम्पूटर खोल के ...शुरु हो जाओ या टिपियाओ..?आ सखी चुगली करें: इसी इन्तज़ार में कई सखियां  खड़ीं हैं कुछ सखे भी..? हा हा हा ब्रेकअप की वजह, प्रेमी की व्‍यथा, मोबाइल पर वर्जिश और कमीनेपन की योग्‍यता किसमें नहीं वरना वरना क्या आप ये कहते" शुक्र है देश की इज्जत बच गई...वरना.... " वरना क्या हमको बंदर समझ रखा  है कि..कुछ भी बताए जाओ..? अविनाश जी कंकाल बन रिये हैं और आप ने सुध न ली एकाध टिप्पणी चस्पा कर दो भाई उधर भी.क्या आपको चिंता नहीं उनकी...है न तो उनके लिये एक एक पोस्ट लगाओ भाइयो वरना.. वे ठीक न होंगे..!   राजीव कुलश्रेष्ठ जी ने खुल्ली खुल्ली बात कह दी "ये साले शहर के लोग हरामी हैं "  अरे एक ब्लाग पोस्ट देखिये ज़रा सोचिये  आज़कल ऎड देखने में मज़ा आने लगा..!!  आए भी काहे न.. किसी ने सही ही लिखा है हर चीज़ से झांका करता है हमारा चरित्र !   जाट देवता का सफ़र भरी बरसात में भी जारी है.. देखिये घुमंतू प्रजाति को भी मत कर दिया इनने श्रीखण्ड महादेव की ओर (सिंहगाड-काली घाटी) भाग 6 " इस बीच ताज़ा तरीन खबर ये है कि फ़ेसबुक का अवसान पांच नवम्बर तक हो जाने वाला है धान के देश में चिंतन जारी है  धान के देश में!काश! भारतीयों की विलक्षण बुद्धि के अनुरूप शिक्षा नीति एवं व्यवस्था भी होती.....? प्रायवेट स्कूल कालेज वालों ने सब कुछ तय कर दिया दादा..  
तो मित्रो अब विदा दीजिये मुझे 
और आप देखिये शोले..... 

15 टिप्पणियाँ:

अपोस्‍ट से आरंभ इस वार्ता-पोस्‍ट के लिए आभार.

बढ़िया लगा आज की इस वार्ता का अंदाज
way4host

मस्त वार्ता घनी घनी
रंग बिरंगी बनी ठनी।:)

अपोस्ट - कुपोस्ट .....अब यह दौर शुरू हो रहा है क्या ...!

उम्दा लिंक्स...
बेहतरीन वार्ता !

सुपोस्ट की उम्मीद है , अच्छी वार्ता यानी सुवार्ता . सुप्रभात !

बहुत रोचक और मजेदार वार्ता ..
चुने हुए लिंकों के साथ .. आभार !!

कुछ भी हो, वार्ता मजेदार रही।

लगे रहो, पढते रहो।

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