बुधवार, 3 अगस्त 2011

चौमासो लाग्यो रे,आ सखी चुगली करे --- ब्लॉग4वार्ता-- ललित शर्मा

नमस्कार, ब्लॉग4वार्ता हाजिर है, लेकर आए हैं कुछ लिंक। कल शाम ऐवाने-ग़ालिब में हम भी थे, 31 जुलाई को प्रेमचंद का जन्मदिन होता है. पिछले कई-कई सालों से इसी दिन प्रेमचंद द्वारा स्थापित पत्रिका हंस का वार्षिक दिवस मनाया जाता है. इस दिन होने वाले कार्यक्रम में भारी संख्या में साहित्य-प्रेमी जुटते हैं. कल भी ३१ जुलाई थी,प्रेमचंद का जन्मदिन था,हंस का वार्षिक कार्यक्रम था और लोग भी जुटे थे.  इस बार हंस का कार्यक्रम थोड़ा खास था.  १९८६ से राजेंद्र यादव के संपादन में हंस फिर से निकलना शुरू हुआ है. २०११ में इसने अपने नए जीवन के २५ साल पूरे किये. इसलिए यह कार्यक्रम पिछले सालों में हुए हंस के सालाना जलसों से अलग था. कार्यक्रम को लेकर लोगों की  उम्मीदें भी अलग थीं. सभी के मन में कौतुहल था कि, हंस अपनी रजत जयंती कैसे मनाता है ? सभी को जिज्ञासा थी कि इस अवसर पर मुख्य एवं एकमात्र वक्ता के रूप में  नामवर सिंह क्या बोलेंगे ? नामवर सिंह क्या बोले? आगे पढे

"ब्लागर भाईचारा बढाओ पार्टी" आनन फ़ानन मे आयोजित की गई,बहणों और भाईयों, आप जानते हैं कि ताऊ एक ठग और लुटेरा इंसान है, और आप बिल्कुल सही समझ रहे हैं...तो आप मुझे  वोट क्यों दें? और  मैं आपकी बात से सहमत हूं...आप मुझे बिल्कुल वोट मत दिजियेगा...पर आपसे एक बात कहना चाहुंगा कि ताऊ नें तो दस बीस हजार की डकैती डाली होगी लेकिन बाकी के मठाधीषों ने तो पू्रे देश का माल हजम करके बाहर के बैंकों में पहूंचा दिया है, अरे ताऊ ने तो जो भी किया वो आपके लिये किया...देश के बाहर कुछ नही लेगया बल्कि ब्लाग जगत का माल ब्लाग जगत में ही रख छोडा है...और मैं आपसे वादा करता हुं कि अगर  मैं चुनाव जीत गया तो इस ब्लागजगत में  एक सख्त रोकपाल बिल लागू करूंगा कि कोई भी गंदगी, भ्रष्टाचार करना  इस ब्लागिस्तान में संभव नही होगा और सारे ब्लागर चैन की बंशी बजाया करेंगे. आपको जो समझ आये वैसा ही करें पर रोकपाल बिल की बात ध्यान रखें, आगे पढें 

चलो श्रीखण्ड महादेव की ओर जब हम शिमला के कुछ किलोमीटर पहले ही थे तो एक चैक-पोस्ट पर हमारे चार लठो को देख कर एक हिमाचल पुलिस वाला हवलदार बिदक गया और हमें देखते ही बोला "रुको-रुको-रुको-रुको हम समझे इसको क्या हुआ, हम रुक गये व उस हवलदार से पूछा कि क्या बात हुई है, जो हमें रोक रहे हो, वो बोला ये लठ लेकर कहाँ जा रहे हो, हम सब एक साथ बोले श्रीखण्ड महादेव जा रहे है उस बावली पूँछ को ये नहीं पता था कि श्रीखण्ड महादेव है कहाँ व हमसे बोला कि तुम गलत आ गये हो तुम्हे तो दूसरे मार्ग से जाना था, उसके ये कहते ही, मैंने नीरज की ओर व नीरज ने मेरी ओर देखा, और उसकी मुर्खता पर मन ही मन मुस्कुराये, इसके बाद वो बोला कि इन लठ का क्या करोगे, अब उसको क्या समझाते कि कैसी चढाई है।आगे पढें 

मेरे आश्रम में आपका स्वागत है सोच रहा हूँ, एक मठ या आश्रम खोल ही लूँ। * *उम्र बढ़ती जा रही है, शारीरिक क्षमता दिन-प्रति-दिन कम होती जा रही है, चिढ़-झुंझलाहट जल्दी आने लगी है, लेप टॉप और ब्लेकबेरी से लैस नौजवान बीमा एजेण्टों से मुकाबला .ये साले अफसर ही बनाते हैं बेईमानआज का जमाना पूरी तरह से बेईमानी का है। अपने देश में अब ईमानदारी की कदर नहीं होती है। यदा-कदा कोई ईमानदारी दिखाते हुए किसी का सामान वापस छोड़ जाए तो कहा जाता है कि ईमानदारी आज भी जिंदा है। लेकिन हम पूछते ह...

इस लोगो के बारे में आप क्या जानते हैं---------चौमासो लाग्यो रे हमारा कृषिप्रधान देश अच्छी फसल के लिए बरसात पर ही निर्भर रहा है . सावन- भादो का महीना हर राज्य में उल्लास का पर्व ही होता है , मगर हम मरुप्रदेश वासियों के लिए तो इसकी महत्ता और भी अधिक है ...वर्ष भर पानी क...सृजन और समाज मानव अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए चिरकाल से नए - नए माध्यमों को अपनाता रहा है . सृष्टि के प्रारंभिक दिनों में ही उसे अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए कुछ साधनों की तलाश करनी पड़ी होगी . जिनमें...
 
क्या मीडिया ने कभी कोई खूबसूरत महिला नहीं देखी पाकिस्तान से आई हिना रब्बानी स्वदेश लौटकर भारतीय मीडिया से खफा है। भारतीय मीडिया ने उसे एक खूबसूरत आइटम की तरह पेश किया। जिसके तमाम लटके-झटके सुर्खियाँ बन गए। सचमुच भारतीय मीडिया तो उस पर ...वो तीज, वो सावन के झूले, अब कहाँआज सावन की हरियाली तीज है, लेकिन तीज की उमंग और उल्लास कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। दिखाई देता है तो बस पांच सितारा होटलों में लगने वाले तीज मेलों में या फिर बड़े संपन्न औद्योगिक घरानों की महिलाएं चैरिटी ...जब यादगार के तौर पर एक कॉफीन के सिवा कुछ नहीं रहता.अक्सर गरीब देश के लोगो को नौकरी का लालच दे..दूसरे देशों में ले जाने के बारे में हम पढ़ते हैं...हमें उनके हालातो के बारे में भी मालूम होता है...पर सरसरी तौर पर. लेकिन जब इन्ही स्थितियों का शिकार हुए किसी क...
 
आ सखी चुगली करेचरण स्पर्श सभी ममतामई माँ को , मै आपकी अपनी सुंदर पुत्री" आ सखी चुगली करे ",पहचान गयी न माँ ,जानती थी क्या कोई माँ अपनी पुत्री को भूल सकती है भला ..इसलिए मिलने चली आयी अंतिम बार ,,तुम्हारे आँचल में मुह..बच के रहना रे बाबा बच के रहना तुझ पे नज़र है.. बाल ब्रह्मचारी मै हूँ कन्या कुँवारी...तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ आज तपस्या भँग कर दूँ..:) यह नवभारत ब्लॉग पर पोस्ट की थी। आज अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर रही हूँ जो लोग नही पढ़ पाये उनके लिये। शुक्रिया। आ...एक नये ब्लाग की शुरुआतआज एक नये ब्लाग की शुरुआत की है.... साप्ताहिकी.... यूं समझिए सप्ताह के सात दिन, सात रंग.... इस ब्लॉग में आपके लिए साहित्य भी होगा.... ब्लॉग चर्चा भी होगी... आम मुद्दों पर भी बात होगी.... हास्य भी होगा...

शगुन और संस्कृति के रंग लिए लहरियाराजस्थान या राजस्थानी संस्कृति से जुङे लोगों के लिए लहरिया सिर्फ कपङे पर उकेरा गया डिजाइन या स्टाइल भर नहीं है। ये रंग बिरंगी धारियां शगुन और संस्कृति के वो सारे रंग समेटे हैं जो वहां के जन जीव...चंचलम् हि मनः कृष्णःमैं मन नहीं हूँ, क्योंकि मन मुझे उकसाता रहता है। मैं मन नहीं हूँ, क्योंकि मन मुझे भरमाता रहता है। मैं स्थायित्व चाहता हूँ तो मन मुझ पर कटाक्ष करता है। मैं वर्तमान में रह जीवन को अनुभव करना चाहता हूँ तो मन...

परिस्थितियाँ निर्णायक होती हैंसहजीवन मनुष्य का स्वाभाविक गुण भी है और आवश्यकता भी। बालक को जन्मते ही अपनी माँ का साथ मिलता है। उसी के माध्यम से उसे विकसित होने का अवसर प्राप्त होता है और उसी के माध्यम से वह जगत से परिचित होता है। फिर...कृतज्ञ-सजल नयनों की निमिष-निधिकभी, कहीं पढ़ा था कि समय कि सबसे छोटी इकाई होती है - निमिष। पलक झपक कर उठने में जितना समय लगता है, समय के इसी अंश को निमिष कहते हैं। खुशियों का यही, एक निमिष किस तरह पूरी जिन्दगी ढक लेता है, किस तरह ‘आजीवन..

मिलते हैं अगली वार्ता में राम राम, तब तक यहाँ पढे,

10 टिप्पणियाँ:

चंडाल चौकडी की चर्चा यहाँ पर भी हो रही है, घूमो भाई घूमो मारे साथ घूमो

चुने हुए अच्छे लिंक्स ...
वार्ता में शामिल करने के लिए आभार !

पूरी वार्ता संतुलित और मौलिक अंदाज में प्रस्तुत की गयी है ......!

बढ़िया वार्ता ...जाते हैं लिंक्स पर ..

बहुत अच्छी वार्ता थी .....आभार

वाह बहुत ही बढिया स्टाईल है भाईजी आपकी चर्चा का। मै भी कोशिश करूँगी सभी लिंक पर जाने की। शुक्रिया।

अच्छे लिंक्स....बढ़िया वार्ता

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