जी हां साल बीतते बीतते ..बिल्कुल ही बीत जाने पर तुला हुआ है ...जाने दीजीए भाई ..हमें साल की कमी थोडी है ..एक डंडा लगा देंगे ..अगले 365 दिन अपने ..हा हा हा । अब ये तो सबको पता चल ही गया है कि फ़िलहाल जो लिखाई पढाई चल रही है वो तो बस लिंक की इंक पकड के सब पहुंच रहे हैं तो लीजीए हम ले आए हैं आपके लिए पटरियां और रेलगाडी दोनों ही
सर्दियों में बचकर रहिए , न पेले जाओ दंड,
अनवरत पर लग रही है देखिएकिसको ठंड ॥
अब आप पहुंचिए इस पोस्ट के समीप,
देखिए देशनामा पर रहस्य कौन सा खोल रहे खुशदीप ॥
औरत मर्द एक समान सब समझाते रोज ,
लेकिन अब भी कईयों को बेटियां लगतीं बोझ ॥
पूछ रहे हैं त्रिपुरारी, कैसे कर पाओगे प्यार,
अरे भाई जानना है , तो यहां पहुंचें सरकार
निजता का उल्लंघन करते हैं सिर्फ़ एक दिन ,
इस पोस्ट को रह न सका यहां लाए बिन ॥
इस पोस्ट पर देखिए कौन सी हो रही है नई बात ,
मैंने तो देख ली आप खुद देखें हज़रात ॥
कर्मनाशा पर पढिए दो कविताएं बेहतरीन,
तृप्त हुए बिन न रह पाएगी, श्ब्दों की प्यासी मीन ॥
पल्लावी जी ने फ़िर से आज लिखा है कुछ खास ,
देखिए उनके ब्लॉग पर इक प्यारा सा एहसास ॥
बेज़बान ने कह डाला कौन सा समाज को है रोग ,
झूठी शान की धौंस जमाते समाज के हलके लोग
इस पईसे के पीछे भागती दुनिया ने क्या बना लिया अपना हाल ॥चलिए अब बहुत हुई पढिए लिखाई , अब सेहत का रखिए ख्याल,आज देखने चलते हैं वैलंकानी गिरिजाघर ॥कह रही हैं रंजना सिंह लो बीत गया ये साल ,कुछ कहना हो तो यूं ही ऐसे कुछ खूब कहे,आजकल आ रहे हैं मजे , पूजा ने फ़रमाया है ,प्रतिभा जी की इस पोस्ट के बात बहुत बडी है ॥तो सभी ब्लॉगर्स अब पत्रकार, लेखक बनने को हो जाएं तैयार ॥कागज मेरा मीत और , कलम मेरी सहेली है ,अब एक हमारी भी झेलिए ..हो सके तो साथी बनिएऔर देखिए कि खुद हमारी कविताई कितने जोश में है ,तो आप सबको आने वाले वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं जी