शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

एक एहसास वत्सल का Let’s Take a Step Together” / हिंदी ब्लॉगों के लिए नये एग्रीगेटर के विकल्पों पर विचार करना जरुरी है ..../ पर्यावरण पर लेख भेजने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई, सेंटा की ठिठुरन और चांदनी रात :

https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgGJnepyjjcnNfkQ6yswTXOpT0sprYgeoGJ0HbOoscALxO5bKP_WX8j8tXphNbN0ADMCzPdpSHNJmul80tGI_3WWwyX2GFCloirPhBv2HYN8BKuO0vMzNxT5jbnFENlgx0Cx86ZM94uKlU/s1600/000000.jpg
कीर्तीश भाई उवाच
एक किसान पति ने अपनी नवोढ़ा से कहा सुनो तुम बड़े घर की बेटी हो तुम्हारे घर बड़े और ऊंचे हैं हमारा मकान छोटे दरवाज़े वाला क्यों बनवाना  चाह रही हो . पत्नी बोली :- असल में मुझे मेरे घर में झुके हुए सर लिये आते लोग अच्छे लगते हैं. विकीलीक्स के खुलासे से आई आतंकवाद की नई परिभाषा से कुछ ऐसा ही स्पष्ट हुआ है. हम सब भारतीयों के सर झुक जाने वाली बात है. बच्चे वो ही बोलते हैं जो उनको गुट्टी में पिलाया जाता है घिस कर . हिंदू-आतंकवाद शब्द को किसी भी भाषा के में कोई स्थान नहीं है.सामंतों की संतानें अक्सर वही बोल पाती है जितना उनकी घुट्टी में उनको पिलाया जाता है.....चांदी के चम्मच से ...! आतंकवाद की परिभाषा नहीं बेटा उससे लड़ने की ज़रूरत है वो किसी भी धर्म के लिये हो अगर हर हिंदुस्तानी  का झुका देखने की लालसा है तो आपकी मर्ज़ी..
 एग्रीगेटर्स के बिना हिन्दी-ब्लाग जगत की सुबह-दोपहर-शाम सब अधूरी है भगवान बजरंग बली सहित सभी धर्म के देवी-देवताओं से प्रार्थना है कि रूपेश भाई को बताएं कि हम उनकी मदद के लिये तैयार हैं. चिट्ठाजगत के वास्ते वे हमको मेल कर अपनी समस्या बताएं.
http://vatsalchaoji.in/wp-content/uploads/2010/12/kadam.jpg
वत्सल की सोच कदम
 
Inception - Kadam

This post marks an inception of the very idea KADAM .  We all come here to share our experiences and our views, thoughts philosophy and other things around us. The world as we see has shortened in size by the advent of internet, blogging and now social networking ...I was born in a small town near Indore. I have been living with my joint family since then. The most part of my life was spent listening to stories my parents had to share about their childhood experiences . They used to live in a very small house down town and everybody in the village used to share everything almost everybody knew who is who's child, and there were no worries about them eating at uncle's place or being scolded by them for doing the wrong thing. I grew up to dreams of such a society  but to my surprise it was not so ...Everyday we all are seeing somebody being raped or somebody being killed ... I am really feeling sad about the society that we currently live in ...My mother always preaches when ever you feel sad don't be sad but rather do something about it. I tried creating a society among NGO to being accessible by a lot of people...it didn't worked out..(read more)                          

   बर्फ सी चांदनी , चंदन सी चांदनी ,
   नयी-नवेली किसी दुल्हन सी चांदनी !
  दूध नहाई किसी गोरी सी चांदनी ,
  गाँव की शर्मीली किशोरी सी चांदनी !
    सपनों के रुपहले फूलों सी चांदनी ,
                                                         नदियों और झीलों के झूलों सी चांदनी (आगे देखिये दिल की बात  ये - गीत )हिन्दी साहित्य मंच पर सफ़र में ठोकर , . उधर शिखा जी ने सांता-क्लाज़ की ठिठुरन को बखूबी बयान किया . पाबला जी ने बताया कि "आज, 17 दिसम्बर को चौखट वाले पवन *चंदन* का जनमदिन है।" बधाईयां. 
अशोक की कहानी – 1 एवंअशोक की कहानी -२प्रायमरी का मास्टर  पर और एक प्रेम भरी रचना इधर मिली अविनाश चंद्रा जी के ब्लॉग (मेरी कलम से) पर :- " प्रेम नहीं है !!" 
पसंदीदा बात मिसिर जी कहे हैं :-हिंदी ब्लॉगों के लिए नये एग्रीगेटर के विकल्पों पर विचार करना जरुरी है ....समयचक्र पर  मेरी भावनाओं पर रश्मि प्रभा जी की पोस्ट पृ्टभूमि बेहद उम्दा है .बैठे ठाले पर भी एक नज़र हो जाए "हम शब्दों के बुनकर हैं" इस बात पर विचार ज़रूरी है कि-शाहरुख़ खान को कलाकार मानने की गलती न करे!!स्टार हमेशा एक्टर नहीं होता! बात में दम तो है.
इण्डली से साभार

  1. अपने विंडोज़ लाइव राइटर में हिंदी वर्तनी जाँचक जोड़ें
  2. कानून की नजरों में सब समान क्यों नहीं हैं?
  3. लौंडा बदनाम हुआ.... से मुन्नी बदनाम हुयी तक ।
  4. "पड़ोसी"-हास्य कविता
  5. दिल्ली में स्कूली नामाकन, शीला नतमस्तक....

    अब दीजिये विदा शुभ दिन की कामना के साथ सादर आपका स्नेहाभिलाशी :- गिरीश बिल्लोरे    

10 टिप्पणियाँ:

एक अच्‍छे एग्रीगेटर की आवश्‍यकता तो है ही .. पर्यावरण पर लेख तो मैं भेज चुकी हूं .. आपने बहुत अच्‍छी वार्ता लगायी .. इतने लिंकों के लिए आभार !!

काफी सुन्दर चर्चा ... अच्छे लिंक मिले.... सारगर्वित चर्चा के लिए आभारी हूँ .. शुभकामनाओं के साथ ...

गिरीश दादा बहुत बहुत आभार ...बढ़िया वार्ता !

shaandaar rachna.

mere blog par bhi sawagat hai..
Lyrics Mantra
thankyou

बहुत अच्छी वार्ता लगाईं है.
बहुत आभार.

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