प्रिय ब्लॉगर मित्रो,
प्रणाम !
ब्लॉग 4 वार्ता के इस मंच पर आज कोई बड़ी बड़ी बाते नहीं सिर्फ़ चंद लतीफे आप सब के लिए ... और फिर चलते है आज की ब्लॉग वार्ता की ओर !
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संता: हवलदार साहब मैं पिछले एक घंटे से अपनी पत्नी का यहाँ खड़ा इंतज़ार कर रहा हूँ!हवलदार: तो..
संता: क्या आप रौब से मुझे यहाँ से भागने के लिये कहने का कष्ट करेंगे?
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प्रीतो: क्या बंता शादी के बाद भी मुझसे इतना ही प्यार करेगा!
जीतो: इससे भी ज्यादा क्योंकि उसे शादीशुदा औरतें बहुत पसंद हैं!
जीतो: इससे भी ज्यादा क्योंकि उसे शादीशुदा औरतें बहुत पसंद हैं!
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संता: मैंने अपना 50 लाख का बीमा करवा लिया है!
जीतो: यह आपने अच्छा किया अब मुझे आपको बार-बार कहना नहीं पड़ेगा अपना ख्याल रखना!
जीतो: यह आपने अच्छा किया अब मुझे आपको बार-बार कहना नहीं पड़ेगा अपना ख्याल रखना!
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प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के फ़ोन पर मिस कॉल की यह देखने के लिये की उसने उसका नंबर किस नाम से सेव किया है!
स्क्रीन पर नाम आया मुर्गा नंबर 5!
स्क्रीन पर नाम आया मुर्गा नंबर 5!
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आइये अब चलते है आज की ब्लॉग वार्ता की ओर ...
सादर आपका
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घर की कहानी ... :- हर जगह जानी पहचानी !
पैसे का प्रलोभन ठुकराना भी सबके वश की बात नहीं है. :- सही कहा !
रूसी का कोई इलाज नहीं;शैंपू से रहें सावधान ! :- दिखावे पर मत जाओ ... अपनी अक्ल लगाओ !!
प्यार भरा तोहफा! :- किसका ... किस को ?
प्रेम गली अति साँकरी, जा में दो न समाएँ :- यहाँ तो समा गए !
विजय हमेशा पुरुषार्थी की ही होती है ... :- सत्य वचन !
चोट :- = दर्द !
शहीदों को सलाम ! :- हमारी ओर से भी !
परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण में शामिल होईए आप भी :- जी जरूर !
महाकवि सूरदास - एक नया शोध :- वाह जी वाह !
चोरों का डाटा चोरी करने की तकनीक :- यानी चोर पे मोर !
कांग्रेस के बाल ठाकरे :- ठोकरों के मारे !
गुलाबी ख्वाब :- हमे तो नहीं आते !
अभावों से जन्मते जीतने के भाव......! :- भई वाह !
कैसे समझाऊँ मैं तुमको पीड़ा का सुख होता क्या -सतीश सक्सेना :- सवाल यह कि पीड़ा ही क्यों ?
राग बासंती सुनाने आ रही है :- कौन ?
क़ाश :- काश !
भीम और दुर्योधन का टेस्ट : ब्लागाचार्य द्वारा टी.आर.पी. बढाने के लिये? :- नतीजा क्या रहा ?
Gulzar on Mirza Ghalib,गुलज़ार साहब ग़ालिब के लिए लिखते है :- क्या खूब लिखते है !
कैसा रहेगा आपके लिए 14 , 15 और 16 दिसंबर का दिन ?? :- आप बताइए !
आज की ताजा खबर ..आज की ताजा खबर ..दो रुपए साहब ...सिर्फ़ दो रुपए ...पढिए न :- पढ़ लिए ... रूपया कब मिलेगा ?
"एक इल्तिज़ा छोटी सी" :- कितनी छोटी ?
हम सबके नाम एक शहीद की कविता :- जरूर पढ़े !
कविता :: दु:ख :- किस बात का ?
घर की ओर वापिस.. एक बिटिया के संग..Delhi to San Francisco California :- शुभ यात्रा !
बेचारा मर्द...खुशदीप :- च च च ... बेचारा !!
कैसा रहेगा आपके लिए 14 , 15 और 16 दिसंबर का दिन ?? :- आप बताइए !
आज की ताजा खबर ..आज की ताजा खबर ..दो रुपए साहब ...सिर्फ़ दो रुपए ...पढिए न :- पढ़ लिए ... रूपया कब मिलेगा ?
"एक इल्तिज़ा छोटी सी" :- कितनी छोटी ?
हम सबके नाम एक शहीद की कविता :- जरूर पढ़े !
कविता :: दु:ख :- किस बात का ?
घर की ओर वापिस.. एक बिटिया के संग..Delhi to San Francisco California :- शुभ यात्रा !
बेचारा मर्द...खुशदीप :- च च च ... बेचारा !!
लीजिये यह भी देखिये ... और बताइए ...
इस हमले से कैसे बचें ?? :- है कोई जवाब ??
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आज की ब्लॉग वार्ता बस यहीं तक ..... अगली बार फिर मिलता हूँ एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए ......
जय हिंद !!
28 टिप्पणियाँ:
मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद...
अच्छे चुनिन्दा लिंक से सजी वार्ता अच्छी लगी। हमारे ब्लॉग को वार्ता में शामिल करने के लिए आभार।
बहुत अच्छी वार्ता .. आभार और शुभकामनाएं !!
बेहतरीन वार्ता , शिवम भाई सभी लिंक्स पर पहुंचता हूं अभी । शुभकामनाएं
अच्छे लिनक्स से सजी वार्ता ... मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार ....
लिंक्स तो आप हमेशा ही अच्छे देते हैं...लेकिन आज मुर्गा नंबर ५ तो बस कमाल ही कर गया...हा हा हा ..
बहुत धन्यवाद...
बेहतरीन चर्चा शिवम भाई,
आभार
वाकई अच्छी लिंक्स दी गयी है| ममेरे ब्लॉग की पोस्ट को शामिल करने का धन्यवाद |वैसे सभी लिंक्स पर जाकर देखता हू | खबरों की खबर खासी पसंद आई |
शिवम् दादा, :-)
यह नया अंदाज़ अच्छा लगा ..शुरुआत हा ...हा...हा....हा... से हुई यकीनन आज का दिन अच्छा जाएगा !
इतने अच्छे लिंक्स में मुझे काहे डाल देते हो ! भाई भतीजा बाद नहीं चलेगा ...नहीं चलेगा ..
मेरे तो खुद पढ़ कर झेल लिया करो यही बहुत है :-))
प्यार के लिए आभार ...
क्या याद करोगे !
ाच्छे लिन्क मिले धन्यवाद।
सारे ही चुटकुले एक से बढ़कर एक थे। बधाई। चर्चा के लिए भी।
प्रायः सबकी पसंद के लिए कुछ न कुछ। साधुवाद। स्वास्थ्य-सबके लिए ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए भी आभार।
बेहतरीन चर्चा शिवम भाई,
आभार
बढ़िया चर्चा ... काफी बढ़िया लिंक मिले ...आभार
आज तो संता बनता ने मज़ा लगा दिया ....चर्चा ने बहुत से लिंक दिए ... मुझे शामिल करने का भी बहुत बहुत धन्यवाद ..
मजेदार चुटकुले और अच्छे लिंक्स।
अच्छे लिनक्स से सजी वार्ता ...
मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार ....
शिवम् जी, आपका हार्दिक आभार मेरी कविता को भी इस योग्य समझाने के लिए . जिस करीने से आपने ब्लॉग वार्ता को सजाया है वो काबिले तारीफ है. बहुत सारे लिंक मिलें. सुंदर चर्चा .
शिवम भाई, सचमुच बडी बात है।
लिंक्स का शुक्रिया।
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दिल्ली के दिलवाले ब्लॉगर।
पुनः आपको बहुत बहुत धन्यवाद मेरी रचना को महत्व देने के लिये एवं साथ ही साथ तमाम सारी बहुत ही उच्चकोटि की रचनाओं से परिचय करवाने के लिये।
क्या कहने शिवम भाई! चुन चुन के मोती लाए हैं आप हमारे लिए!! शुक्रिया!!
@ सतीश सक्सेना जी,
भाई साहब अपन बहुत छोटे लेवल के आदमी है ... यह भाई भतीजा वाद जैसी चीज़ें अपने वश की बात नहीं ... यह सब आप जैसे बड़े लोगो को मुबारक !
आपकी पोस्ट को यहाँ इस लिए भी डाल देता हूँ ... अकेले कौन झेले यह सब !!??
आप सब का बहुत बहुत आभार !
बेहतरीन चर्चा शिवम् भाई!
मुर्गा ना० ५ सही जी, बहुत मस्त लगा, चर्चा भी अति सुंदर, धन्यवाद
पांच लाख से भी जियादा लोग फायदा उठा चुके हैं
प्यारे मालिक के ये दो नाम हैं जो कोई भी इनको सच्चे दिल से 100 बार पढेगा।
मालिक उसको हर परेशानी से छुटकारा देगा और अपना सच्चा रास्ता
दिखा कर रहेगा। वो दो नाम यह हैं।
या हादी
(ऐ सच्चा रास्ता दिखाने वाले)
या रहीम
(ऐ हर परेशानी में दया करने वाले)
आइये हमारे ब्लॉग पर और पढ़िए एक छोटी सी पुस्तक
{आप की अमानत आपकी सेवा में}
इस पुस्तक को पढ़ कर
पांच लाख से भी जियादा लोग
फायदा उठा चुके हैं ब्लॉग का पता है aapkiamanat.blogspotcom
सुन्दर चर्चा!
आपकी रचना वाकई तारीफ के काबिल है .
* किसी ने मुझसे पूछा क्या बढ़ते हुए भ्रस्टाचार पर नियंत्रण लाया जा सकता है ?
हाँ ! क्यों नहीं !
कोई भी आदमी भ्रस्टाचारी क्यों बनता है? पहले इसके कारण को जानना पड़ेगा.
सुख वैभव की परम इच्छा ही आदमी को कपट भ्रस्टाचार की ओर ले जाने का कारण है.
इसमें भी एक अच्छी बात है.
अमुक व्यक्ति को सुख पाने की इच्छा है ?
सुख पाने कि इच्छा करना गलत नहीं.
पर गलत यहाँ हो रहा है कि सुख क्या है उसकी अनुभूति क्या है वास्तव में वो व्यक्ति जान नहीं पाया.
सुख की वास्विक अनुभूति उसे करा देने से, उस व्यक्ति के जीवन में, उसी तरह परिवर्तन आ सकता है. जैसे अंगुलिमाल और बाल्मीकि के जीवन में आया था.
आज भी ठाकुर जी के पास, ऐसे अनगिनत अंगुलीमॉल हैं, जिन्होंने अपने अपराधी जीवन को, उनके प्रेम और स्नेह भरी दृष्टी पाकर, न केवल अच्छा बनाया, बल्कि वे आज अनेकोनेक व्यक्तियों के मंगल के लिए चल पा रहे हैं.
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