नमस्कार, दिल है कि मानता नहीं है, बुढापे में शरीर साथ न दे बिनाई कमजोर हो जाए, लेकिन दिल जवान रहता है। मैने दिल्ली में एक बस लिखा हुआ पढा था कि "कौन कहता है बुड्ढे ईश्क नहीं करते। ईश्क करते हैं पर लोग शक नहीं करते।" इस उक्ति को चरितार्थ किया है कोटा राजस्थान के 85 वर्षीय मदनमोहन शर्मा ने।इन्हे मंदिर के चक्कर लगाते हुए 65 वर्षीय महिला से ईश्क हो गया। बात चित से शुरु हुई कहानी शादी तक जा पहु्ची। उन्होंने अपनी प्रेमिका का हाथ थामा और क्लेक्ट्रेट जाकर विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत विवाह रचाने का आवेदन पेश किया है आगे का समाचार यहाँ से जाना जा सकता है। अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर और चर्चा करते हैं कुछ उम्दा चिट्ठों की.......
जन्मदिन पर शिवराम के नाटकों-कविताओं की शानदार प्रस्तुति कल साल का सब से छोटा दिन गुजर गया। एक काम शिवराम के जिम्मे था, वे इसे ले कर बहुत चिंतित थे, लेकिन पूरा नहीं कर सके थे। पिछले तीन दिनों में लग कर यह काम संपन्न कर लिया गया तो मेरे साथ अन्य साथियों ने भी राह..मटर छीलते हुए छीलते हुए मटर गृहणियां बनाती हैं योजनायें कुछ छोटी, कुछ लम्बी कुछ आज ही की तो कुछ वर्षों बाद की पीढी दर पीढी घूम आती हैं इस दौरान. सोचती हैं गृहस्थी के सीमित संसाधनों के इष्टतम उपयोग के उपाय पति से साथ कई ब...
न्यायालय ने कहा, तिवारी को करानी होगी पितृत्व जांच दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 दिसम्बर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी को डीएनए जांच कराने का निर्देश दिया। एक व्यक्ति ने दावा किया है कि तिवारी उसके जैविक पिता हैं। उसके दावे की सत्यता जांचने के..मेरा समय जो बीत गए वो बीतने को नहीं आये थे मेरे जीवन वो गए मुझे झंझोड़ मुझमे कुछ जोड़ कुछ तोड़ कुछ ले मेरा , कुछ दे अपना संवार कर मेरा रास्ता इंगित कर गए मोक्ष जो मिले या न मिले मेरे हर क्षण अब आनंद है नदी सा समर...
कैसे कमाएं नेट यूजर्स पैसापिछले दिनों एक ब्लॉगर दोस्त ने पैसालाइव डॉट कॉम का लिंक भेजा, और लिखा हुआ था प्रत्येक माह कमाएं नौ हजार से ज्यादा रुपए, पहले पहल तो यकीन नहीं आया, लेकिन पूरी पॉलिसी पढ़ने के बाद समझा में आया कि असली बात...दिल्ली की शादियाँ --अंतिम भागपिछली पोस्ट में आपने शादियों का एक पिछड़ा हुआ रूप देखा । आजकल शादियों में ऐसी बद इन्तजामी देखने में नहीं आती । क्योंकि आजकल शादियाँ भी एक इवेंट मेनेजमेंटहो गई हैं । बस ऑर्डर बुक कराइए और निश्चिन्त होकर एन्जॉ...
नेताओं की औकातहराम की कमाई उड़ाने एक नेता विदेश जा रहा था। हवाई जहाज में उसकी बगल वाली सीट पर ही एक लड़की किताब पढ़ रही थी। नेता ने उस लड़की की ओर मुखातिब होते हुए कहा - अगर हम आपस में बातचीत करेंगे तो लम्बा सफर बहुत लम्ब...कुछ यादें मसूरी कीअभी कुछ दिन पहले ही अपनी 'नानी के घर' मसूरी से वापस लौटी हूँ फिलहाल वहाँ की कुछ तस्वीरें लगा रही हूं। वृतान्त फिर लिखूंगी...
दर्द में दिल के ज़ख्म गाते रहेफिर हाज़िर हूँ आप सबके सामने एक और छोटी सी ग़ज़ल लेकर .... बहर वही ''फायलातुन, फायलातुन, फायलुन' ... *दर्द में दिल के ज़ख्म गाते रहे ।* *इस तरह वो हर सितम ढाते रहे ॥* *राह में तो मुश्किलें आती रहीं ।* *सा...बाजारवाद से मंडी बनता मीडिया2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में जिस तरह से मीडिया जगत पर कालिख पुती है वह मालिकों के लिए नया सबक हो लेकिन पत्रकारों के लिए किसी शर्मिन्दगी से कम नहीं है। विज्ञापन के नाम पर खबरें बेचे जाने की सोच ने इस चौथे स्त...
समाचारहरियर प्रसाद जंगलिहा के फ़ार्म हाउस में "आतंक के हथियार-कुल्हाड़ी , आरी तथा आटोमेटिक आरी और जंगलों पर इनके दुष्परिणाम" विषय पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण गोष्टी संपन्न हुई। देश भर से बड़ी संख्या में विभिन...गज़ल-निर्मला कपिला द्वारा-वो सब को ही लुभाना जानता है सभी के दुख मिटाना जानता है वो भोला बन रहा है पर जमाना हरेक उसका फसाना जानता है करो मत शक कोई नीयत पे उस की वो सब वादे निभाना जानता है नहीं दो वक्त की रोटी उसे पर महल ऊँच...
क्या हाल हो गया देश का ?आजकल के हालात देख कर विश्वाश नही होता कि ये वोही भारत देश है !सब कुछ बहुत तेजी से बदल रहा है..!युवा पीढ़ी तो तेजी से बदल ही रही थी ,अब तो सामाजिक परम्पराएँ और मूल्य भी बदलने लगे है !इनमे से कुछ लाभद...मां तूं घणी महान मां तूं घणी महान दुनिया दिखाई म्हानै माणस बणाया म्हानै गीलै में खुद तूं सोई सूकै सुयाया म्हानै जग में बणाई स्यान मां तूं घणी महान।। तेरी थां न कोई लेवै भगवान भी है छोटौ तेरौ हाथ म्हारै सिर पर कियां पड़ैग...
लेखा-जोखा,इक्कीसवीं सदी के प्रथम दशक का !शठ, रंक-राजा दुर्जनों का, काम देखा, काज देखा, हमने ऐ सदी इक्कीसवीं,ऐसा तेरा आगाज देखा। बनते हुए महलों को देखा, झूठ की बुनियाद पर, छल-कपट, आडम्बरों का,इक नया अंदाज देखा॥ भरोसे को दर्पण दिखाया, विकिलीक्स-आस...वह सचमुच अभी बच्चा है ।
सर्दियों की रात में अजीब सी खामोशी सब ओर व्याप्त होती है । टी.वी. और कम्प्यूटर और पंखे बंद हो जाने के बाद बिस्तर पर लेटकर कुछ सुनने की कोशिश करता हूँ । हवा का कोई हल्का सा झोंका कानों के पास कुछ गुनगुना ...
एक मुलाकात शेरसिंह 'साफा' के साथ पिछले जोधपुर प्रवास के दौरान पहले ही निश्चित कर लिया था कि इस बार शेरसिंह जी राठौड़ 'साफा' से जरुर मिलकर आना है | शेरसिंह राठौड़ जोधपुर व देश विदेश में शेरसिंह साफा के नाम से मशहूर है देश के लगभग सभी प्रति...गपशप !सरला - क्या यार...कितने देर से तुझे फोन लगा रही हूँ.. कॉल जा रहा है पर तुझे तो उठाने की फुर्सत ही नहीं... रीमा- अरे यार , मार्केट गई थी, शाम के लिए गिफ्ट खरीदने. मोबाइल पर्स में था, भीड़ भाड़ में सुनाई न...
चलते चलते व्यंग्य चित्र
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, तब तक आप यहाँ से भी होकर आ सकते हैं।
11 टिप्पणियाँ:
उफ, उफ।
aadrniy lalit guruji apne to bhayi gaagr men sagr bhrne ke asmbhv kam ko smbhv kr dikhaaya aesa koi nhin kevl ap hi kr skte hen aakhir guru kiske ho bhaayi . akhtar khan akela kota rajsthan
बढ़िया रही चर्चा ! पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद !
पाइए ताऊ पहेली १०६ का सही जवाब
http://chorikablog.blogspot.com/
बहुत अच्छी वार्ता .. आभार !!
बढ़िया लिंक्स दादा ... आभार आपका इस उम्दा ब्लॉग वार्ता के लिए !
आपको और परिवार में सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !!
बहुत अच्छी वार्ता .. आभार !
बुड्ढों के पीछे क्यों पड़ गए ललित भाई .... शुभकामनायें !
प्याजरानी प्रसन्न हैं।
अरे उस ८५ साल के बुड्डे ने शादी कि इस मै बुरा ही क्या हे? उसे एकांत मे एक साथी मिल गया, जब बच्चे नालायक निकले गे तो बुड्डॆ बेचारे क्या करेगे जी.यह शादी सेक्स के लिये नही, साथी के लिये कि हे. बाकी चर्चा बहुत मस्त रही जी धन्यवाद
हम्म कई लिंक देखने को मिले. धन्यवाद जी.
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