नमस्कार, कई दिनों के बाद ब्लॉग पर आना हुआ। गढ धनोरा पर मैने परजीवी या सहजीवी का जिक्र देखा। परजीवियों को तो हम बचपन से ही देखते आ रहे हैं। वनस्पति जगत में और मानव जगत में भी। मानव जगत के परजीवियों को हम निखट्टु कह देते हैं और वनस्पति जगत के परजीवियों को ऑर्चिड। अगर घर में दो कमाने वाले हों तो एकाध निखट्टु का गुजर बसर भी हो जाता है, वह उनके दम पर अपनी चौधर या पंचायती कर लेता है ऑर्चिड की तरह। अमरबेल से लेकर और भी अन्य तरह के परजीवी होते हैं जिनकी चर्चा यदा कदा होते रहती है। अब चलते हैं आज की ब्लाग4वार्ता पर.........।
सबसे पहले ब्लॉगर बंधु अशोक बजाज को हार्दिक बधाई देते हैं, उन्हे राज्य भंडार गृह निगम का चेयरमेन बनाया गया है। सुबह मेरी उनसे चर्चा हुई थी। जबलपुर में था तब उन्होने कहा था की शीघ्र ही खुशखबरी सुनने को मिलेगी। इस आशय की पोस्ट ब्लॉगर बंधु अशोक बजाज जी को मिली लाल बत्ती -- छत्तीसगढ़ के ब्लॉगर अशोक बजाज भाई ला कोरी कोरी बधई -- ब्लॉगर अशोक बजाज को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं पर चस्पा है। हमें बहुत ही खुशी है कि एक जिंदा दिल व्यक्तित्व को मुख्यमंत्री रमन सिंह जी ने यह दायित्व सौंपा है।
शेर की खाल पहनने से कुत्ता शेरा नहीं हो जाता एक कहावत है हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार। यह कहावत पूरी तरह से उन नामाकुलों पर खरी उतरती है जो बिना वजह दूसरों के फटे में टांगे अड़ाने का काम करते हैं। न जाने क्यों कर अच्छे खासे ब्लाग जगत को गंदा करन...खली की खलबली - बिग बॉसदिलीप सिंह राणा उर्फ खली भले ही 7 फुट 3 इंच के विशालकाय इंसान हों, पर वे दिल से अभी भी बच्चे ही हैं। अपनी मासूमियत से ही खली ने पत्नी हरपिंदर कौर का दिल जीता था। हरपिंदर कहती हैं, मुझे खली की मासूमियत ...
घर की ओर वापिस.. एक बिटिया के संगमै २२/११ को दिल्ली आ गया, शाम हो गई थी, दो दिन युही दिल्ली मे रहा, मन तो कब का बच्चो की ओर था,फ़िर आई २५ तारीख, ओर मैने शुक्र किया,पेकिंग तो पहले ही हो गई थी, सीट भी मैने नेट से बुक कर दी थी, ओर चेंक इन भी ...म्हारा भगवान म्हारा भगवान . हर छिण इ . छू अर नीसरे . वै! . मनै . म्हारे सपनां नै . इच्छावां नै . म्हारी कामनावां नै . अर हवळेस . बुचकार र . केई पांवडा . धकै लेय जावै , . म्ह...
आज हंसी दिवस है, खूब खिलकर खिलखिलायें हंसी दिवस हो सबका जन्मदिवस*अब तक जिन्होंने दी है जन्मदिन पर मेरे शुभकामना, नहीं भी दी है पर लाईन में लगे हैं, बहुत सारे तो अपनी नींद में बेसुध सोये हैं, जागकर देंगे, यह निश्चय कर के सोये हैं, सबका नं...आज अविनाश वाचस्पति का जनमदिन हैआज, 14 दिसम्बर को नुक्कड़, तेताला, बगीची, पिताजी वाले अविनाश वाचस्पति का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएँ *आने वाले **जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें**।* *अपने मोबा..
भारत में नापतौल पद्धतिमनुष्य जीवन के लिए नापतौल की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। यह कहना अत्यन्त कठिन है कि नापतौल पद्धति का आविष्कार कब और कैसे हुआ होगा किन्तु अनुमान लगाया जा सकता है कि मनुष्य के बौद्धिक विकास के साथ ही साथ आ...प्रशासन तक होगी सीधी पहुंचसुगम' करेगा राह आसान : जिला और तहसील मुख्यालयों पर बनेंगे सुगम सेंटर चूरू। प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगों तक को अब अधिकारी और कर्मचारियों के चक्कर नह...
एक उद्घोषक की नज़र से श्रोता सम्मेलनविगत 12 दिसंबर को 981 किलोहर्ट्ज़ पर आकाशवाणी का रायपुर केन्द्र और 103.2 मेगाहर्टज़ पर आकाशवाणी का बिलासपुर केन्द्र एकत्र हुआ दोनों शहरों के मध्य स्थित सिमगा में। अवसर था छ.ग.रेडियो श्रोता संघ का सम्मेलन। तक...अधूरे पूरे लोग क्या कहतें हैं आपसे ?---एहसासमेरे मालिक तू बता दे क्यों बना ऐसा जहाँ। सच को लाओ सामने तो दुश्मनी होती यहाँ।। ख्वाब बचपन में जो देखा वो अधूरा रह गया। अनवरत जीने की खातिर दे रहा हूँ इम्तहाँ।। मुतमइन कैसे रहूँ जब घर पड़ोसी का जले। है फ़रि...
रहकर जिगर में कर देते हैं चाक चाकरहकर जिगर में कर देते हैं चाक चाक, जिनपर जिगर ये निसार होता है. वो छोड़ जाता है हर हाल में साथ, जो सीरत से ही फरेबी फनकार होता है. "रजनी नैय्यर मल्होत्रा " घोटालों की भेंट चढ़ा संसद का शीतकालीन सत्रडॉ. महेश परिमल* यह हमें अभी तक शायद पता नहीं है कि संसद की एक दिन की कार्यवाही में आम जनता का कितना खर्च होता है। हमें पता भी हो, तो शायद हम इसे गंभीरता से नहीं लेते। आखिर इस देश में इतने बड़े-बड़े कांड...
मुझे तेरा इन्तजार है .....जानां !!!हमेशा की तरह , आज भी अजनबी शाम को ढलते हुए सूरज के संग , उदास रंगों को आसमान में बिखरते हुए देख रहा था ; और सोच रहा था , उन शामो के बारे में , जब तुम मेरे साथ थी ...!! ऐसा लगता है कि वो किसी और जनम क...सरसों की फसल और सर्दी परवान परगांव में इस समय सरसो, चना,गेहूं जौ आदि की फसल उगाई हुई है। आज प्रातःशरीर को कंपकंपी देने वाली सर्दी थी, जब मैं उठा कमरे के दरवाजे से बाहर निकला सामने देखा पीले फूलों से लथपथ सरसों की फसल एक नवयोवना दुल्...
दोस्त ! प्रेम के लिये वर्ग दृष्टि ज़रूरी हैझील ने मनाही दी है अपने पास बैठने की " से लेकर " झील ने मनाही दी है अपने बारे में सोचने की " तक बहुत कुछ घटित हो चुका है । प्रेम में सोचने पर भी प्रतिबन्ध..? ऐसा तो कभी देखा न था ..और उस पर संस्कारों की...मेरे जीवन के दो सबसे अनमोल घंटे..हमने देखी है, उन आंखों की महकती खुशबू,* * * *हाथ से छूके इसे, रिश्तों का इल्जाम ना दो,* * * *सिर्फ एहसास है ये, रूह से इसे महसूस करो...* आज गाने की ये पंक्तियां *सतीश सक्सेना* भाई की पोस्ट पर एक कमेंट के...
चलते चलते एक सॉलिड पंच
वार्ता को देते हैं विराम, सबको ललित शर्मा का राम राम, मिलते हैं ब्रेक के बाद
12 टिप्पणियाँ:
खूब बढि़या कैसे कहें
हम तो अभी सिर्फ
एक दिन के हैं
ललित भाई
विजय जाधव का यूं चले जाना दुखद है
बड़े प्यारे लिंक दिए आज आपने ललित भाई ! शुभकामनायें !
उम्दा चर्चा
उम्दा वार्ता ..अच्छे लिंक्स मिले
बहुत बढ़िया चर्चा .... बढ़िया लिंक मिले ....आभार
links ke liye thanx....
sahi kaha............log to dusre se khundak nikalne teeesre ko maar dete hain.........
हर बार की ही तरह बेहतरीन वार्ता... अशोक बजाज जी को बहुत-बहुत बधाई!
बहुत अच्छी वार्ता रही ..
ललित भाई, इन उम्दा लिंक्स के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
बहुत अच्छी आपका बहुत बहुत आभार !
मस्त मस्त चरचा जी धन्यवाद
बहुत बढ़िया चर्चा!
चिट्ठा जगत की पूर्ति का साधन ही तो हैं यह चर्चा का ब्लॉग!
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