सोमवार, 1 अगस्त 2011

सूअर के बच्चो sssssssss गब्बर की चीख ---- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

नमस्कार, नर हो या नारी, घूस सभी को प्यारी। आती हुई लक्ष्मी को कौन जाने देता है? कोई एकाध ईमानदार होगा, जो घूस से बचा हुआ है, घूस नहीं खाने वाले को भी घूस देनी पड़ती है। काम जायज हो तब भी अधिकारियों के चक्कर लगाते रहिए, बिना भेंट पूजा के हो जाए तो बड़ी बात है, जैसे सतयुग आ गया हो। भ्रष्ट्राचार अब शिष्टाचार बन गया है। बाबा या अन्ना चाहे कितना भी चीख चिल्ला लें, धरना आन्दोलन कर लें, घूस पर लगाम लगाना कठिन ही नहीं, नामुमकिन है। एक महिला बाल विकास अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथों धरी गयी, अब जेल की हवा खा रही है।भ्रष्टाचार के लिए आखिर दोषी कौन? जैसी करनी वैसी भरनी, अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर.......


राजु बिंदास फ़्रेंच किस का नजारा दिखा रहे हैं, अचानक पीपल के उस पार एक कपल पर नजर पड़ी. उम्र होगी यही बीस-इक्कीस साल. एक-दूसरे में खोए हुए. दोनों किसी कॉलेज के स्टूडेंट लग रहे थे. वाइफ से कहा देख रही हो ना लव बड्र्स, वो दोनों जो कर रहे हैं उसे 'फ्रेंच किस' कहते हैं. इसके साथ ही अपनी टीनएज की फ्लैशबैक रील चलने लगी. 'फ्रेंच किस' तो दूर स्टूडेंट लाइफ में 'नार्मल किस' का मौका भी नहीं मिला. किस पर डिस्कशन तो बहुत होते लेकिन उस 'पप्पी' और इस 'किस' में बड़ा फर्क है. किस से ना जाने कितने पुराने किस्से याद आने लगे. वाइफ की तरफ देखा.. कहीं फिर झिड़की ना मिले कि यही सब देखने आते हो. लेकिन वो थोड़ा कंसन्र्ड दिखी...अंधेरा होने को है, ये लड़की घर से क्या बता कर निकली होगी?  आगे पढें..

नीतीश जी का बिहार घर जाते हुए लगा कि बिहार बदल रहा है. **पटना आने के पहले सुना था कि गांधी सेतु पर मरम्मत चल रहा है और इस कारण से मुजफ्फरपुर जाने वाली सड़क पर जाम लगा करता है. **कभी कभी तो पन्द्रह से बीस किलोमीटर लंबी कतार--३१ जुलाई का दिन ३ महान विभूतियों के नाम आज का दिन हमारे देश की ३ महान विभूतियों के नाम है ... * *एक है लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक , दुसरे है अमर शहीद उधम सिंह और तीसरे है मुंशी प्रेमचंद * *पेश है ३ पोस्ट के लिंक्स जो आपको ... उसने कहा था जिस बीच के बारे में आपको बताने जा रही हूं वो अपने आप में अनूठा है। एक साफ-सुथरा तट, जहां सफेद मखमली रेत है और पारदर्शी पानी है… और लोगों का हुजूम? अरे नहीं, वो...

किसकी बात करूँ यारा.
कितनी बार मरुँ यारा.

राहें हैं बारूद भरी,
चलते हुए डरूँ यारा. 

सांप ही नहीं मरता है, 
कितना वार करूँ यारा.
बदन देख रहे हैं  मत पूछिए हम कितना पतन देख रहे हैं* *हर सिम्त खुल रहे हैं बदन देख रहे हैं* *ये कैसी नयी सभ्यता है कैसा नया दौर?* *कम हो रहे लोगों के वसन देख रहे हैं* * * *पहले हजारों लोग मरे देश के लिए* *अब उनको खोजता है व...हिंदी ब्लोगिंग में स्नेह और प्यार -सतीश सक्सेना डॉ टी एस दराल ने एक पोस्ट लिखी जिसमें चार ब्लागर साथियों के द्वारा एक साथ बैठकर किये गए भोजन का जिक्र था , जिसमें आत्मीयता की एक गहरी झलक दिखती थी ! डॉ अरविन्द मिश्र के दिल्ली आगमन पर डॉ दराल साहब की तर...

हम सब सूअर की चर्बी खा रहे हैं!--सूअर के बच्चोsssssssss" गब्बर की यही चीख भरी आवाज़ मेरे ज़हन में आई जब आज दोपहर आया एक एस एम एस पढ़ा मैंने, जो मेरे एक सहयोगी द्वारा भेजा गया था। SMS का संदेश था कि "Lays चिप्स के पैकेट में जो E631 लिखा है...हरियाली तीजहरियाली तीज के शुभअवसर पर आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें /* * हरियाली तीज* * * ** *सावन की बहार छाई है ,चले आइये * *अपने प्रिय के साथ, इस मोसम का लुत्फ उठाइए * *रिमझिम फुहारों में भीग जाइये* *इन्द्र...

मेरी नेपाल यात्रावरेस्ट यानी सागरमाथा का  दर्शन कर हमने एक व्यक्ति से  फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ नेपाल ( FOOD CORPORETION OF NEPAL ) का पता और फोन नंबर लिया तथा एक टेक्सी लेकर थापाथाली स्थित गोडाऊन देखने निकल पड़े . सुबह के 11 बज चुके थे तथा 2 बजे  दिल्ली की  फ्लाईट पकड़नी थी अतः हमें दोपहर 1 बजे के पहले एयरपोर्ट पहुंचना था , फिर भी हम गोदाम देखने का मोह नहीं त्याग सके. थापाथाली के गोदाम में हमें श्री दिल्लीराम लम्साल जी मिले .उन्होंने अपना परिचय अंचल प्रमुख के रूप में दिया . आज रतन सिंह शेखावत जी जन्मदिन हैं उन्हे ढेर सारी शुभकामनाएं।

शकुंतला तरार की कवितानारी का संबंल पत्रिका की सम्पादक शकुंतला तरार जी की कविताएं प्रस्तुत हैं। परिचय जानने के लिए पेपर क्लिप पर क्लिक करें। (बस्तर अंचल जिसने छत्तीसगढ़ को अपनी कला, संस्कृति, साहित्य के माध्यम से विश्व में ख्..मृत्यु के वक्त भी कविता मेवाड़ के महाराणा अड़सिंहजी के वक्त मेवाड़ में जबरदस्त गृह कलह फैला हुआ था| देवगढ के रावत राघोदासजी इस गृह कलह को करवाने वालों के मुखिया था राघोदासजी के कहने से माधोराव सिंधिया भी मेवाड़ के गृह कलह में ये बंधन तो प्यार का बंधन हे

वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं अगली वार्ता में, राम राम....................

4 टिप्पणियाँ:

बेहद उम्दा प्रस्तुति ... मेरी पोस्ट को शामिल करने के आपका आभार !

पूरी वार्ता बेहद रोचक और दिलचस्प पठन सामग्री से भरपूर है। मेरी गजल को भी इस चर्चा में शामिल करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार!

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