रविवार, 1 अगस्त 2010

गुस्ताखी और नशा--मन का एक्स रे--जला अंगीठियाँ--ब्लॉग 4 वार्ता--शिवम मिश्रा


प्रिय ब्लॉगर मित्रो 
प्रणाम !
'स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, और हम इसे लेकर रहेंगे' का नारा देकर देश में स्वराज की अलख जगाने वाले बाल गंगाधर तिलक उदारवादी हिन्दुत्व के पैरोकार होने के बावजूद कट्टरपंथी माने जाने वाले लोगों के भी आदर्श थे। धार्मिक परम्पराओं को एक स्थान विशेष से उठाकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की अनोखी कोशिश करने वाले तिलक सही मायने में 'लोकमान्य' थे।
एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, शिक्षक और विचारक के रूप में देश को आजादी की दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले तिलक ने कांग्रेस को सभाओं और सम्मेलनों के कमरों से निकाल कर जनता तक पहुंचाया था। 
स्वतंत्र भारत में एक संघीय सरकार के गठन की हसरत लिए तिलक का एक अगस्त 1920 को निधन हो गया।

भारत माँ के इस सच्चे सपूत को ब्लॉग 4 वार्ता   के पूरे वार्ता दल का शत शत नमन |

आइये अब चलते है आज की ब्लॉग वार्ता की ओर !

सादर आपका 


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शून्य :- आगे लगाना है या पीछे ?

चार लाइन! :- और बाकी ना पढ़े क्या ? 


यार जुलाहे...... गुलज़ार ! :- कोई तरकीब बता !



इटेलियानो पास्ता सचित्र (Iteliano Pasta with Pictures) :- भाई हमे भी बुला लिया होता !

हमरा ब्लॉग परिवारः भाग दो :- एक आदर्श परिवार !


 पहचान पायेंगे क्या? :-  कोशिश तो कीजिये !

 भैया जरा बच के , जाना दिल्ली में, -तारकेश्वर गिरी :- सुझाव तो बढ़िया है !

 उदासी मन का एक्स रे होती है :- हमे तो पता ही नहीं था !

 लफंगा परिंदा ----छिछोरा.--- एक सच्ची कहानी :- दुखद ! 

 भारत-पाक का मैच छत्तीसगढ़ में संभव :- सच ??

 माँ कहती थी :- क्या कहती थी ?

प्रेमचन्‍द की 130 वीं जयन्ति :- शत शत नमन !

भगवान परेशान हैं… :- पर क्यों भला ??

फिजाओं में गूँज रही है पंडित रफी की आवाज  :-रफ़ी जैसा दूसरा नहीं

 

 उदासी मन का एक्स रे होती है:- फ़िर तो पूरा पैसा बचाओ 

 

नहीं मना सका मैं, मुंशी प्रेमचंद जी का जन्मदिन :-महाजनी सभ्यता अगले जन्मदिन पर पढ लेंगे 

 

जुलाई माह में छूट गए इन साथियों को भी बधाई दें :- ढेर सारी बधाई

 

तू उठा कर आग सूरज से जला अंगीठियाँ..:- फ़िर खाना बना

 

चाशनी के टुकड़े बनाती जिनगी.. गोमती वाला चित्र..और हम...सतीश पंचम :-बढिया है

 

गुस्ताखी और नशा :-साथ-साथ चलते हैं।

 

आज हमारा जगराता है .:- आपसे हमारा भी कुछ नाता है

 

फिर मृत्यु से भय कैसा :- जब आत्मा अजर अमर है

 

बोल बम का नारा है--बाबा एक सहारा है

 

अब चलते-चले यहां भी पढ लिजिए-और नमन कीजिये | अगली बार फिर मिलुगा एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए .........

 

जय हिंद !!

 

16 टिप्पणियाँ:

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।

बहुत अच्छी प्रस्तुति...!!
thanks for submit my blogpost !

शानदार एक लाईना ...शिवम भाई....बहुत ही सुंदर ..आप स्पेश्लिस्ट होते जा रहे हैं

बहुत अच्छी प्रस्तुति.

हर बार की तरह फिर से बेहतरीन चर्चा..... बहुत खूब!

बढिया वार्ता!
आभार्!

सुन्दर चर्चा!
मित्रता दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

एक सुंदर चर्चा |बहुत अच्छी लिंक्स दी हैं आपने |बधाई
आशा

फिल्म जगत ब्लॉग की प्रविष्टि को स्थान देने के लिए परम आभार। कृपया सहयोग बनाए रखें। अन्य लिंक भी महत्वपूर्ण जान पड़ते हैं। अभी देखता हूं खोलकर।

महामान्य तिलक को मेरा भी नमन!

आप सब का बहुत बहुत आभार !

बहुत सुन्दर वार्ता और बहुत ही महत्वपूर्ण लिंक्स का संकलन ! बधाई एवं आभार !

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