शुक्रवार, 12 मार्च 2010

बात तो कुछ भी ना थी-- दूसरों में क्यूँ बुराई खोजता है------"ब्लॉग4वार्ता" (ललित शर्मा)

कल से हमने ब्लॉग4वार्ता प्रारंभ की है........यशवंत मेहता जी ने पहली पोस्ट लगाई थी...... उन्हें हमारी शुभकामनायें.......हम ५-६ दिन पहले चर्चा लिख रहे थे..... जैसे ही हमने चर्चा करने के लिए लाइव राईटर खोला... तो कम्प्यूटर खड़ा हो गया...... पावला जी को फोन किया तो उन्होंने दुश्मन कीट मारक यंत्र चलाने कहा...... हमने चलाया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा.......फिर जैसे ही विंडो की सफाई करके दूसरी विंडो डालने लगे तो उसने भी मना कर दिया........ पता चला की हार्ड डिस्क ही चली गई साथ में साउंड कार्ड भी गया......... अब हमने नया कंप्यूटर बनाने की ठान ली......समान आने में ५ दिन लग गए इसकी सूचना हमने अवधिया जी के कंप्यूटर से पोस्ट लगा कर दे दी. अब लैपटॉप से दो दिन काम चलाया..... आज हमारा नया पी.सी. तैयार है और .....मैं ललित शर्मा आज की चर्चा हिंदी चिट्ठों की प्रारंभ करता हूँ.......
आज सम्पूर्ण विश्व गुर्दा दिवस मना रहा है........ भारत में जिस तरह मधुमेह और रक्तचाप की बिमारियाँ बढ़ रही हैं..... उनको देखते हुए अपने गुर्दों के प्रति सावधानी बरतना भी जरुरी हो गया है.......डॉ. दराल जी ने इस विषय पर जानकारी देते हुए एक बहुत ही अच्छी पोस्ट लिखी है...... इसे पढ़ कर हम गुर्दा बचाने के लिए क्या-क्या सावधानी रख सकते हैं......इसे जान सकते हैं....... प्लास्टिक की थैलियों से बहुत नुकसान हो रहा है पर्यावरण और पशुओं का..... पशु थैली खाकर अकल मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं..... उनकी संख्या घटती जा रही है......... डॉ. महेश परिमल बता रहे हैं कि नयी तकनीक से अब मीठी में खपने वाला प्लास्टिक बन रहा है......जिससे इस हानि से निजात पाई जा सकती है..
पंडित दिनेश जी आज किसी अज्ञात रचनाकार की गजल पढ़ा रहे हैं........वही हमने सोचा कि आज ऐसा क्या हो गया जो पंडित जी ज्योतिष की जगह गजल बाँच रहे हैं........ आप भी पढिये उम्दा चीज है....... आज हमारे मिसिर जी ने चिट्ठी-चर्चा गगन शर्मा जी २०-३० साल पुराना पचास का नोट ढूढ़ रहे हैं किसी को मिले तो उनके पते पर पहुंचाएं...... योगेश स्वप्न जी कह रहे हैं कि दूसरों में क्यूँ बुराई खोजता है आदमी, अब ये तो आदमी की फितरत है  और वह इससे बाज नहीं आता क्या कहा जाये.... सूर्यकांत गुप्ता जी कह रहे हैं वाह रे मोर छत्तीसगढ़ के भुंइया..... में बड़े गुरूजी को प्रमुखता दी है...अब इधर
अब आगे चलते हैं और देखते हैं सारथी पर जे सी फिलिप शास्त्री जी कह रहे हैं...हम कभी ना सुधरेंगे....... जनतंत्र है जैसे भी मान में आये वैसे चलो..... इधर मिसफिट पर गिरीश बिल्लौरे जी कुछ फिट नहीं दिख रहे है वो गुमशुदा की तलाश में लगे हैं........आप भी देखिये और तलाशिये कौन गुम हो गया है....... कुछ बड़ी समस्या ही है जो उन्होंने पोस्ट लगायी है..... एम वर्मा जी जज्बात पर कह रहे हैं हद है भाई......अजय झा जी ब्लोग कुछ भी कभी भी की 500 वीं पोस्ट है हम बधाई दे आये हैं आप भी दीजिये...... खुशदीप जी एक सवाल का जवाब मांग रहे हैं......... आप भी देखिये क्या सवाल है?
ताऊ जी ने बीबीए का निर्माण कर लिया है। मिसिर जी को सेक्रेटरी बना कर स्वयंभु अध्यक्ष बन बैठे हैं और एसोसिएशन की सदस्यता के लिए दोनो बुढउ ढुंढ रहे हैं। बच के रहना रे बाबा.......... ना जाने किस रूप में मिल जाएँ.......राज भाटिया जी ने एक समस्या पर लोगों का मत लिया था.......... अब सबको धन्यवाद दे रहे हैं...... हम उन्हें धन्यवाद दे रहे हैं...कि एक पराये देश में किसी भाई की मदद करने का अवसर दिया. आज लवली कुमारी जी का जन्म दिन है........ उन्हें हम दे आये हैं ढेरों बधाई आप भी दे आयें भाई.. सचिन मिश्रा जी कह रहे हैं ये कैसे गुरूजी?........ गुरूजी-गुरूजी होते हैं भाई.......
अब देखिये थाने से अगर बुलावा आ जाये तो आदमी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं........... यहाँ तो संगीता पूरी जी के विवाह में थाने ने ही महत्वपूर्ण किरदार निभाया............. उनके रिश्ते के कन्फर्मेशन का संदेस वायरलेस पर ही आया....... संगीता जी वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई....... पुलिस की बात चल ही रही है तो डॉ. आशुतोष शुक्ल जी सीधी खरी बात कहते हुए पूछ रहे हैं......तेरी पुलिस मेरी पुलिस से भ्रष्ट कैसे ?...... अंतर सोहिल जी ने कह दिया है  कि पुलिस को बुलाऊ....... मत बुलाईये भैया..... कहा गया है....... ना इनकी दोस्ती भली ना दुश्मनी दूर ही रहे तो भलाई है..... नारद मुनि जी ने कहा है.......बात तो कुछ भी ना थी..........
रविश कुमार जी ने रेल यात्रा की है हबीब गंज भोपाल एक्सप्रेस से........उन्हें इसकी साफ सफाई सुपर रिन की चमक से ज्यादा दिखाई दी........ ये तो बहुत ही आश्चर्य की बात है कि हमारे देश में भी कोई ट्रेन ऐसी पाई गई.  तेज प्रताप जी ने कहा है जिंदगी के मार से मर जाना नहीं कल्पना के भंवर में उलझ जाना नहीं, सोंचते रहना अगली कश्ती को, समय को यूँ ही गवाना नहीं... आचार्य संजीव सलिल जी ने गीत कहा है कि उषा को लिए बांह में.......... अमरेन्द्र त्रिपाठी जी ने आज कहा है कि आज बस लिखना है .. संतोष के खातिर .. कभी कभी अपने को लिखना है , चिटके सपने को लिखना है .. आज  पहली बार इतनी शिद्दत से महसूस कर रहा हूँ कि ब्लॉग अपना घर होता है... पंकज मिश्रा जी लम्बी छुट्टी के बाद अब आ गए हैं चर्चा लेकर.......छत्तीसगढ मे पैरा नेशनल गेम का हो चुका है आगाज---- फ़ैशन मे धोती-कुर्ता-पगड़ी आ गया है आज

अब  चलते चलते एक व्यथा यहाँ पढ़िए ............यहाँ पर घर आया एक परदेशी......
अब देता हूँ चर्चा को विराम... सभी को मेरा राम-राम

ब्रेकिंग न्यूज........ ब्लाग वाणी पर तकनीकि समस्या के कारण कुछ डाटा लास हो गया है.......... जिनका ब्लॉग ब्लोगवाणी दिखाई नहीं दे रहा वे ब्लोगवाणी से संपर्क करें.......

19 टिप्पणियाँ:

बढ़‍िया व मजेदार रही चर्चा ।

अरे ललित भाई,
आपके चाहने वालों ने कहीं कंप्यूटर में सेंध तो नहीं लगा ली थी...लेकिन ब्रेक के बाद शानदार ब्लॉग 4 वार्ता दी है...बधाई...

जय हिंद...

बहुत ही सुंदर और बेहतरीन चर्चा की है ....नए कंप्यूटर की बधाई हो
अजय कुमार झा

बहुत ही मज़ेदार...
रोचक ढंग से लिखी गई चिट्ठाचर्चा के लिए आभार

नये कम्प्यूटर की बधाई!
नया कम्प्यूटर आते ही क्या चर्चा की है भाई!!

भगवान सभी को किसी ना किसी बहाने ऐसे विराम दे. बहुत सुन्दर शुरूआत. बी.बी.ए. की पात्रता की आयु सीमा क्क्या है?

वाह जी यह तो बिल्कुल सन्नाट वार्ता है. बिल्कुल नये अंदाज में, बहुत आनंद आया.

रामराम.

एक अलग सा अंदाज़
बढ़िया

बहुत ही बढ़िया चर्चा ..... बधाई ...

Brother Lalit G
Discutiram em grande estilo ..
Mahendra Mishra

अच्‍छी चर्चा के लिए आपको बधाई .. आपलोग इतनी अच्‍छी चर्चा कर रहे हैं .. मुझे भी काफी मेहनत करनी पडेगी !!

इस बार का अंदाज़ बहुत मोहक!

लो जी, हमें तो पता ही नहीं चला कि आपने यहाँ इतना बढिया चर्चा मंच सजाया हुआ है....
खैर अब पता चल गया तो अब तो रोज हाजिरी लगा ही दिया करेंगें.......

इतनी उम्दा चर्चा करने के लिए आपसे किसने कहा शर्मा जी ? ऊपर से बैक्ग्राउण्ड में हमारे ससुर साहब के खेत के नारियल के पेड़ लगाइएगा तो बेहतरीन तो कहना ही पड़ेगा ना। हाँ नहीं तो (फ़िल्म "अदाजी" से साभार) हा हा।

यह एक करारा जवाब है उनके लिए जो सोचते थे कि छत्तीसगढ़ के ब्लागरों में चिट्ठा चर्चा करने का दम नहीं है और वे परिपक्व नहीं है। हम जानते हैं कि अकेले ललित शर्मा की काफी है चर्चा करने के लिए और इसे आपने साबित भी कर दिखाया है, बधाई।

चर्चा करने का आप का यह अंदाज निराला है। मान गये!!

सस्नेह -- शास्त्री

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
हर महीने कम से कम एक हिन्दी पुस्तक खरीदें !
मैं और आप नहीं तो क्या विदेशी लोग हिन्दी
लेखकों को प्रोत्साहन देंगे ??

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