बुधवार, 23 मार्च 2011

चच्चा मनचले "पिट लिए" चौपाल में जश्न का माहौल --- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

आप सभी  को ललित शर्मा का नमस्कार, होली आई और चली गयी, होली का खूमार अभी तक उतरा नहीं है, होलियाना पोस्ट  अभी भी जारी हैं। हास्य-परिहास भी सेहत के लिए जरुरी है।कभी-कभी किसी को ठेस भी लग जाती है जो स्थायी गांठ भी बन जाती है। लेकिन एक दायरे में रह कर हास्य हो तो आनंद बोध होता है। स्वस्थ हास्य में इनका कोई सानी नहीं है। यहाँ पर हास्य का सभी आनंद लेते हैं। लेकिन हास्य के लिए होली का ही इंतजार करना पड़ता है। बाकी साल के 360 दिन ऐंवे ही गुजर जाते हैं। इन ऐंवे दिनों को भी हास-परिहास से भरें तो मजा कुछ और ही हो। हँसने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहिए। अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर......।





चच्चा मनचले "पिट लिए" अब क्या करें भाई मौसम ही ऐसा है  कि पिट लिए तो पिट लो।प्यारे श्रोताओं, मैं रामप्यारे ताऊ तरही कम गरही सम्मेलन में आप सबका स्वागत करता हुं. ताऊ गरही मुशायरे में अभी तक आप महाकवि ताऊ जी महाराज, महान कवियित्री मिस समीरा टेढी, आल राऊंडर ललित शर्मा, कवि सम्राट वि.....जटरोफा खाने से बार बार बीमार होते बच्चे आज सुबह तो मैं डा बशीर की डायरी ही पढने में मसरूफ रहा, सोचा आज के लिये इतनी ही काफी है...बाकी फिर कभी। आज सुबह ही मैं दो दिन पुरानी अमर उजाला में एक खबर देख रहा था कि कैथल में जटरोफा खाने से 15 बच्चे बीमार....

मां के दूध का भी धंधा होने लगा है,शुक्रवार पत्रिका के संपादकीय में एक अनोखी जानकारी पढ़ने को मिली...नेट पर रिसर्च की तो इस बारे में और भी बहुत कुछ जानने को मिला...लंदन के कोवेंट गार्डन रेस्तरां (आइसक्रीमिस्ट शॉप) में आजकल बिक रही एक आइस...पानी और प्राणी ! जापान में अभी कोई दस एक रोज पहले और दक्षिण भारत के तमिलनाडु में कोई छह सा...चलते ही जाना ४-हेदवी, वेळणेश्वर, हरिहरेश्वरहेदवी, ये जोगळेकर लोगों का यानि हम लोगों का गांव है यहां ज्यादा तर लोगों का आखरी नाम जोगळेकर है । यहां पर दशभुजा गणपती का एक सुंदर मंदिर भी है । हमारी बस खूब ऊँचे नीचे रास्तों से जा रही थी शायद विजय ने क...
तपोभूमि श्री हेमकुंड साहेब हो आई हैं दर्शन कौर जी, मजे से पालकी का भी आनंद लिया इन्होने---हेमकुंड वासी,दुष्ट दमन सर्वस्व दानी श्री गुरु गोविन्दसिंह जी को समर्पित---! (तपस्या में लींन गुरु गोविन्द सिंह साहेब ) गुरु गोविन्द सिंह जी ने अपनी रचना 'विचित्र नाटक' में ... इन्हें अपनाने में क्या हर्ज है? कोई हर्ज नहीं है लेकिन इन पर चलना कठिन है।व्यक्ति का व्यवहार उसके जीवन का आधार है, जैसा व्यवहार हम करते हैं बदले में हम वैसे ही पाते हैं . हमें जीवन में बहुत सी परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है . हमें बहुत से अनुभव वहां से प्राप्त होते हैं और हमार..आज चौपाल में जश्न का माहौल है।जोगीरा सर र S र S र S र S........* आज चौपाल में जश्न का माहौल है। होरी का त्यौहार जो है। कहीं पुआ-पुड़ी की तो कहीं गुझिए की म...

निरमा बाबा की चौथी आंख खुल गयी है, तीन से काम नहीं चल रहा था..एक दिन सुबह सुबह पत्नी ने मेरे हाथो से झाड़ू लेकर गर्मागरम चाय की प्याली रख दी । आसन्न खतरे को भांप कर मै सर्तक हो गया । श्रीमती ने कहा सुनो आज कल मेरा समय खराब चल रहा है क्यो न किसी अच्छे बाबा की शरण मे च..पति‍ पत्‍नि‍ का असली प्रेम, पानी का डपति - जब से हम मिलें हैं अपना प्रेम बढ़ता ही गया है और आज रजत जयंती वर्ष में भी मेरी तुम्हारी प्रति वही सोच है जो पहली मुलाकात के बाद थी पत्नि - तुम मेरे बारे में पहली मुलाकात में क्या सोचते थे प्रिय! पति -....सबसे 'बेकार' गाने पर एक करोड़ हिट्सअमरीका में इंटरनेट पर लोड हुए 13 वर्षीय बच्ची के एक गाने को यूँ तो अब तक रिकॉर्ड हुआ सबसे ‘बेकार’ गाना बताया जा रहा है लेकिन आलम ये है कि यू ट्यूब पर इसे एक करोड़ 60 लाख बार देखा जा चुका है. ये पॉप गाना रबेक...

हाँ पापा, मैंने प्यार किया था हाँ पापा, मैंने प्यार किया था उसी लड़के से जिसे आपने मेरे लिए ढूँढा था। उसी लड़के से जो बेटा था आपके ही मित्र का। हाँ पापा, मैंने प्यार किया था बस उसी से।हाँ पापा, मैंने प्यार किया था उसी लड़के से जिसे आपने ...उफ़ ! इंतज़ार की कोई इन्तेहा तो हो !! खफा होकर, किसी को क्या मिला है 'उदय' जिन्दगी का लुत्फ़, तिरे-मिरे मिलन में है ! ... क्या खूब है हंसी तुम्हारी, कोई जवाब नहीं जब भी हंसती हो, खुशबू सी बिखरती है ! ... सच ! जी तो चाहे है मेरा, तुम पे फना हो जाऊ...इस सीख के लिए बंदरों को ही क्यों चुना गया ?बहुत दिनों से बहुत बार यह बात मन में आती रही थी कि जब छोटे से छोटे "कार्टून कैरेक्टर" का भी कोई नाम होता है तो गांधी जी के तीन बंदरों का भी कोई नाम तो जरूर होगा। पर ख्याल आ कर ऐसे ही चला जाता था।आज अचानक उ...

अनिवार्य शिक्षा अधिकार या शिक्षा का बंटाधार अनिवार्य शिक्षा अधिनियम एक अप्रैल से पूरे देश में लागू हो रहा है !इसके अंतर्गत ६ से १४ वर्ष के प्रत्येक बच्चे को अनिवार्य रूप से प्राथमिक शिक्षा देने की व्यवस्था की गयी है !।मोटे तौर पर देखें तो ये अधिन...तुम मेरे आलोक थे....ये कविता मेरे तात (आलोक तोमर) को समर्पित है...तात आप अजीब सी हालत कर गए हैं...आपसे तमाम बार झगड़ा हुआ, बोलचाल भी बंद हुई और आप बीमार भी पड़े पर ऐसी बदहवासी वाली स्थिति कभी नहीं आई....तमाम लोग जिनको आपके बा...ब्लॉग पोस्ट बन गई मुख्य पृष्ठ की खबर 19 मार्च 2011 को हरिभूमि, रायपुर संस्करण के मुख्य पृष्ठ पर डब्बू मिश्रा की ब्लॉग पोस्ट को बिना अनुमति उनकी अनुमति लिए, बिना सूचित किए, बिना उनका उल्लेख किए शब्दश: ले कर उसे खबर के रूप मे छाप दिया गया। .


दिल्‍ली में छत्‍तीसगढ़ : वागार्थ में प्रकाशित कैलाश बनवासी की कहानी वर्तमान कथा साहित्‍य में कैलाश बनवासी एक एसे जाने पहचाने कथाकर हैं जो विविधआयामी परिदृश्‍यों को रचते हुए आम जन की कथा लिखते हैं। कैलाश भाई मेरे नगर के हैं और मेरा सौभाग्‍य है कि मैं कुछ वर्षों तक उनके पड़ोस में ही रहा हूं और कथाकार मनोज रूपड़ा जी के दुकान तक की दौड़ लगाते रहा हॅ...दूसरा कौनएक बार राधा से श्रीकृष्ण से पूछा - हे कृष्ण ! तुम प्रेम तो मुझसे करते हों परंतु तुमने विवाह मुझसे नहीं किया , ऐसा क्यों ? मैं अच्छे से जानती हूं तुम साक्षात भगवान ही हो और तुम कुछ भी कर सकते हों , भाग्य...
जूलियस सीज़र का उच्चतम स्कोर जानते हैं आप? रोमन सम्राट जूलियस सीज़र का नाम किसने नहीं सुना होगा? आज आपको बतलाता हूं इंग्लैण्ड में जन्मे दाएं हाथ के एक और बल्लेबाज़ जूलियस सीज़र के बारे में. सरे काउन्टी के लिए खेलने वाले जूलियस सीज़र ने लम्बा प्रथम...कृति सम्मान की कुछ छवियाँ, कुछ बातेंइ न दिनों शब्दों का सफ़र लगभग अनियमित है क्योंकि मैं सचमुच दूरियाँ नाप रहा हूँ। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच। छह माह से यह क्रम जारी है। पहले सफ़र के पुस्तकाकार आने की तैयारी की व्यस्तता...

चलते चलते व्यंग्य चित्र



मिलते हैं ब्रेक के बाद--- राम  राम

12 टिप्पणियाँ:

बाप रे!
तीन तीन ताऊ, एक साथ?
एक ही क्या कम था।

बेहतरीन रही यह वार्ता भी... कार्टून्स तो ज़बरदस्त है... वाकई यादें ताज़ा कर देता है...

द्विवेदी सर,

घबराइए नहीं ये ताऊ रजनीकांत की फिल्म रोबोट की तरह अपने क्लोन पर क्लोन तैयार किए जा रहे हैं...उन्हीं में से तीन ललित भाई को भेज दिए हैं...


जय हिंद...

बहुत बढ़िया चर्चा...वाह!

बढ़िया लिंक्स से सजी बढ़िया वार्ता ... आभार !

अब मैं भी इस जुगाड़ में लगा हूँ कि ललित भाई को कैसे पिटवाया जाए फिर लिखूंगा कि काम ही ऐसे करते हैं सो पिट लिए सो पिट लिए.... :-)
आज की चर्चा हमेशा से अलग लगी ...लिंक और उन का परिचय प्रभावित कर गया ललित भाई !! शुभकामनायें आपको

पठनीय लिंक्स के लिए आभार !

बेहतरीन प्रस्तुति.
सतीश भाई की इच्छापूर्ति कब तक करवा रहे हैं फिर आप.

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