मंगलवार, 1 मार्च 2011

(TDA) सरकार का ब्लाग बजट-घूमता पहिया वक्त का--- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, गत  दो माह से ललित डॉट कॉम पर समस्या चल रही है। महीने में दो-तीन बार पोस्ट फ़ीड फ़ालोवर्स तक नहीं पहुंच पाई, आज भी यही हुआ। दो बार प्रकाशित करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। सुधारने का प्रयास जारी है। इधर बुरी खबर यह है कि लोगों के जी मेल एकाऊंट से डाटा गायब हो रहा है। इसकी सूचना यहाँ पर है। कल देश भर में काले धन की वापसी एवं भ्रष्टाचारियों को सजा देने की  मांग को लेकर प्रदर्शन हुए। देश में यह प्रथम अवसर है कि जनता के धन को अपने बाप का माल समझने वालों के खि्लाफ़ व्यापक प्रदर्शन हुए हैं।  इस शुरुवात का स्वागत है, जनता को अपने धन का हिसाब लेने का अधिकार है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के नाम पर ज्ञापन दिए गए। एक समाचारभ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया यहाँ पर है।

उत्तराखंड समाचार से एक खबर --81 के बुढापे में 18 सी जवानी - नवीन जोशी,* *नैनीताल। जी हां ! 81 की उम्र में यदि किसी व्यक्ति में 18 की उम्र जैसी चुस्ती-फुर्ती हो सकती है। विश्वास न हो, तो आपको नगर के 81 वर्षीय पूर्व प... अख्तर खान अकेला कह रहे हैं--ब्लोगगिरी पांचवां स्तम्भ लेकिन भाईगिरी और उठाईगिरी से तंग हे यह स्तम्भ - देश में ही नही विश्व में इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया मिडिया के रूप में पांचवां स्तम्भ बन गयी हे , इस ब्लोगिंग को हमारे देश भारत में एक नई पहचान मिली हे और ... इश्क-प्रीत-लव फ़रमा  रहे हैं गिरीश बिल्लौरे -भूल- हां कल बहुत देर तलक फ़ूलों से बतियाता रहा वो मुझसे कुछ नहीं बस प्यार की बूंदें चाह रहे थे और उनके मन की बात बता तो दी थी माली को ...


क्या मुझे पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा? क्या मुझे तलाक मिल सकता है? - * जितेन्द्र गुप्ता ने पूछा है - * मेरी शादी फरवरी 2010 में हुई थी। शादी के तीन माह बाद मेरी पत्नी मायके चली गई। कोशिश करने पर भी वह नहीं मानी। मुझे मजबूरन... पद्मावलि पर मुन्नी बदनाम--मंजन घिसते हैं पिया, मुन्नी है बदनाम … - मनमोहन मजबूर हैं गठबंधन सरकार मंहगाई की मांग पर फैला भ्रष्टाचार फैला भ्रष्टाचार, करें जनता का दोहन गठबंधन के मारे बेचारे मनमोहन -- पढिए कहानी--शारदा ! - कृष्णा बाथरूम से नहाकर ज्यों ही बाहर अपने कमरे में पहुंचा और उसने तौलिये से अपने गीले बालों को हौले-हौले रगड़ना शुरू किया, तभी किचन से स्वाति ने भी कमरे मे... 

जैसा अन्न वैसा मन!! - एक साधु ग्रामानुग्राम विचरण करते हुए जा रहे थे और एक गांव में प्रवेश करते ही शाम हो गई। ग्रामसीमा पर स्थित पहले ही घर में आश्रय मांगा,वहां ...  सम्‍बंधों को नया आयाम दे गयी ब्‍लॉगिंग और ‘टेक्‍नोकॉन’ - पवन मिश्र और मैं   भले ही ब्‍लॉगिंग ने और कुछ दिया हो अथवा नहीं, पर उसने लोगों के बीच में सम्‍बंधों की प्रगाढ़ता को बढ़ाने का काम अवश्‍य किया है। इसका एहसास ... ताऊ नीत गठबंधन (TDA) सरकार का ब्लाग बजट पेश - माननिय ब्लाग संसद के अध्यक्ष महोदय, ताऊ नीत गठबंधन (TDA) की अम्माजी और पिताजी, TDA के समस्त भाई बंधुओं एवम विरोधी खेमे के आंख में किरकिरी करने वाले सदस्यों... 

सठियाने का दौर या..... - समय के पैर नहीं होते बल्कि समय के पंख होते हैं और इसीलिये समय चलता नहीं है बल्कि उडता है । बेशक संकटकाल में एक-एक पल गुजरना भी भारी लगता हो किन्तु ग... दरगाह के फूलों सकारात्‍मक प्रयोग। - भारत में सांप्रदायिक सदभाव की प्रतीक अजमेर की दरगाह में हर रोज़ चढ़ने वाले अकीदत के फूल अब यूँ ही ज़ायाँ नहीं होंगे. अब इन फूलों से गुलाब का अर्क़ और खाद बन... नारीका सनातन मातृत्व ही उसका स्वरुप है---------मिथिलेश - वर्तमान युगमें सब ओर स्वतन्त्रता जाग्रत हो गयी है । नारी ह्रदयमें भी इसका होना स्वाभावीक है । इसमे सन्देह नहीं कि स्वतन्त्रता परम धर्म है और नर तथा नारी दो... 

पाती - २- पाती के संग बहते आंसू पहुंचे तेरे पाँव में परदेसी परदेस छोड़ कर वापस आ जा गाँव में दिल में लावा उबल रहा है प्यासे रेगिस्तान है कुछ बिरहा की याद सताए क... घूमता पहिया वक्त का. - अभी कुछ दिन पहले दिव्या माथुर जी ((वातायन की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष यू के हिंदी समिति) ) ने अपनी नवीनतम प्रकाशित कहानी संग्रह "२०३० और अन्...होता हे शब् ओ रोज़ तमाशा मेरे आगे - आज जाने क्या हुआ सुबह उठते ही मिर्ज़ा ग़ालिब जी की ये ग़ज़ल जुबां पे चढ़ गयी ...और जगजीत सिंह जी की गायी यही ग़ज़ल तादिन सुनती रही ...शाम तक भी सरुर नही 

छाँव देने फिर कोई आँचल नहीं आया - *झेलता हूँ छल मगर यह छल नहीं आया* *मैं भी इक शातिर बनूँ वह पल नहीं आया* *कल हमारे दिन फिरेंगे बस यही सोचा* *सोचता ही रह गया वह पल नहीं आया* *प्यास जिसको भी... तन्वी आज चार माह की....- आज मेरी सिस्टर तन्वी आज पूरे चार माह की हो गई. आज तो संडे भी था, सो पूरे दिन धमाल. अब तो तन्वी मेरे बाल पकड़कर भी खींचने लगी है और मुस्कुराती अलग से है. तन...दासत्व - स्वतंत्र होने के लिये! - अभी भी मेरे मस्तिष्क में उस तीर से बिंधे हुए लेकिन ज़िंदा और उड़ सकने वले कैनेडियन हंस का चित्र ताज़ा है। एक धनुर्धारी शिकारी का निशाना तो सही लगा, लेकिन वह ह...


ऐसी मनस्थिति कब तक बनी रहेगीशुक्रवार २५ फरवरी, दिल्ली से मुम्बई जाने वाली इंडिगो कम्पनी की उड़ान में एक तमाशा हो गया। उड़ान पहले से ही कोहरे की वजह से अपने निश्चित समय से एक घंटा लेट हो चुकी थी। नौ बजे के करीब जब उड़ने को तैयार हुई तभ...एक यादगार नाटक : 'बस इतना सा ख्वाब है'शेफाली शाह और किरण करमाकर एक बहुत ही बेहतरीन नाटक देखने का मौका मिला,"बस इतना सा ख्वाब है". यह प्रशांत दलवी द्वारा लिखित मराठी नाटक 'ध्यानीमणी' का हिंदी अनुवाद है. करीब 15 साल पहले मराठी में इसका मंचन 

..कालिंग बेलपहली बार जब लगी होगी कालिंग बेल थोड़ी दूर हुई होगी आत्मीयता और सहजता जीवन में प्रवेश हुआ होगा यांत्रिकता का ठिठक गए होंगे कई बेलौस बेफिक्र कदम खामोश हो गई होगी कई अपनापन भरी पुकार देहरी से ही इनके बदले आई ...मैं तुमको पहचानता हूँ मुझे आज भी गुमां है मैं तुमको पहचानता हूँ तुम्हारी बोलिया सुनकर तुम्हारा शहर जानता हूँ तेरी पायल की आवाजें तेरी सीढ़ी से मेरे दर तक उन्हें सुनने की चाहत में मैं हर शब जागता हूँ तुम्हारे इत्र की ख...

अब वर्चुअल बीवी भी अब इंटरनेट आभासी बीवियां भी उपलब्ध करा रहा है जो आपको बड़े प्यार से कॉल करेंगी । और मजे की बात ये की आपके पास चार विकल्प भी हैं चुनाव करने के लिए । भारत मेट्रीमोनी ने एक मजेदार नयी साईट बीवी हो तो ऐसी बन...लौट कर मन की हवेली में जानाकोई खुशबू उसको लाई होगी या फिर उसको कुछ याद आया होगा कि कल रात चार मेहराब की हवेली के आंगन में एक मुसाफिर तनहा घूम रहा था. ये रात भी कुछ काली थी और कुछ उसके चेहरे पर गहरी उदासी भी पसरी थी. किसके सीने से लग..

नरक और मोक्ष के द्वंद्व में फंसे बाबा रामदेव.बाबा रामदेव ने कल रामलीला मैदान में शानदार मीटिंग की। उस मीटिंग में अनेक स्वनामधन्य लोग जैसे संघ के गंभीर विचारक गोविन्दाचार्य,भाजपा नेता बलबीर पुंज, नामी वकील रामजेठमलानी,सुब्रह्मण्यम स्वामी,स्..नींद भी, फूल भी, तनहाई भी...आधी रात को न जाने किसने दरवाजा खटकाया था. नींद से लड़की का कोई पुराना बैर था, सो पहली ही आहट में आवाज सुन ली थी. दरवाजा खोला तो हंसी ही आ गई उसे. 'मुझे पता था.' उसने हंसते हुए कहा. वो हैरत से देख रहा था. ...

वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद अगली वार्ता पर..................

10 टिप्पणियाँ:

चुनिन्दा लिंक्स के प्रस्तुतिकरण के साथ ही मेरी भी पोस्ट 'सठियाने का दौर या...' को स्थान देने के लिये आपको धन्यवाद । आभार सहित...

बढ़िया लिनक्स कल का इंतज़ाम हो गया ... मेरी रचना को स्थान देने के लिए थैंक्स

वाह! एक से बढ़कर एक लिंक्स दिए है ललित भाई.... बेहतरीन!!!

बहुत ही सुन्दर लिंक्स लगाये हैं…………आभार्।

बेहतरीन वार्ता हमेशा की तरह.बहुत आभार.

बढ़िया लिंक्स मिले ... ललित दादा ... आभार !

मेरी पोस्ट भी हमारी वाणी पर प्रकाशित नही हो रही। अच्छे लिन्क धन्यवाद।

बहुत बढिया चर्चा करते हे जी , राम राम

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