सोमवार, 21 मई 2012

सम्मान से बड़ा आत्म सम्मान ... ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार, ....न्यूज चैनलों पर दिन - रात प्रसारित होने वाली आपराधिक ख़बरें, रियलिटी कार्यक्रमों व धारावाहिकों में बढती अश्लीलता और युवाओं पर आधारित  कार्यक्रमों की आपत्तिजनक भाषा का प्रभाव आप अपने बच्चों के व्यव्हार में भी देख सकते हैं. उनमे दूसरों के प्रति संवेदनशीलता घट रही है, और असुरक्षा तथा भय जैसे भाव बढ़ रहे हैं. बचपन को यूँ गुम होने से बचाना हम अभिभावकों की जिम्मेदारी है. वर्ना बच्चे S for SUN की बजाय  S for सनी लिओन सीखेंगे... आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग 4 वार्ता पर कुछ चुने हुए लिंक्स  के साथ....

http://amit-nivedit.blogspot.in/ पर अमित चंद्रा जी लिख रहे हैं "यो -यो" एक खिलौना अथवा ......जीवन दर्शन ......" ' यो-यो ' एक अत्यंत साधारण सा खिलौना है ,जिससे बचपन में सभी ने खेला होगा । दो पतली सी चकती के बीच उन्हें आपस में जोड़ने वाली एक महीन सी पिन लगी होती है और उसी पर एक लंबा सा धागा बंधा होता है । खेलने के... http://allexpression.blogspot.in/ पर पढ़िए अनु जी कर रही हैं पटाक्षेप एक नाटक का  *कैसा मधुर स्वर था,* *जब तुमने हौले से * *किया था वादा..* *मुझसे मिलने का.* *मानों बज उठें हों,कई जलतरंग एक साथ....* *मानों झील में खिला कोई सफ़ेद झक **कमल..* *मानों तारों भरा आकाश टिमटिमाने लगा ...द्विगु... http://aadhasachonline.blogspot.in/  पर महेंद्र श्रीवास्तव जी लिख रहे हैं सम्मान से बहुत बड़ा है आत्म सम्मान .... सच कहूं तो इस समय देश की ही ग्रह दशा ही खराब है। हर जगह गंदगी और बेईमानी का का बोलबाला है। लगता है कि सच्चाई और ईमानदारी आज कल किसी हिल स्टेशन पर बैठकर देश में हो रहे तमाशे को देख रही हैं। बात करें राजनी...
 
http://merehissekidhoop-saras.blogspot.in/ पर पढ़िए सरस जी की रचना अतिप्रिय रोज़ की तरह ,आज भी वह खतरों को टोहता हुआ , बढ़ गया और फ़ेंक गया एक कंकर अंत:स के कई अनबूझे प्रश्नों में . कई प्रश्न.............जैसे . क्या सोचता होगा वह ! शायद शीश को कुछ ऊपर उठाये - पूछता होगा इश्... http://udayaveersingh.blogspot.in/ पर उदयवीर जी लिख रहे हैं लहलहाती फसल अफीम की ....  * * *खिलकर कीचड़ में हमने आसन बनते* * ऐश्वर्य का , कमल देखा है -* * * *अनुत्तरित है रोटी का प्रश्न , लहलहाती * *हुयी , अफीम की फसल देखा है -* * * *कर्मयोगी की ... http://kajalkumarcartoons.blogspot.in/ पर काजल कुमार जी के कार्टून कर रहे हैं  कार्टून:- ठंडा ठंडा कूल कूल काजल कुमार Kajal Kumar at Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून  
 
http://nivedita-myspace.blogspot.in/ पर पढ़िए निवेदिताजी का आलेख हत्या :एक दृष्टिकोण ये भी समाचार-पत्र हो अथवा समाचार , हत्या का विवरण प्रमुखता से पर्याप्त स्थान घेरे रहता है | हमेशा तो नहीं पर कई बार सोचा इस कृत्य का मूल कारण क्या रहा होगा ! हर बार विभिन्न मन;स्थति ने भिन्न-भिन्न कारण बताये ... .http://dheerendra11.blogspot.in/ पर धीरेन्द्र जी से किताबें,कुछ कहना चाहती है,.... किताबें,कुछ कहना चाहती है,.... किताबे,कुछ कहना चाहती है, तुम्हारे पास रहना चाहतीं है, किताबें करती है बातें, बीते जमानों की, दुनिया कि इंसानों की! आज की, कल की,एक एक पल की, खुशियों की, गमो की,फूलों और बम. http://zindaginaamaa.blogspot.com/ पर निधि टंडन जी लिख रही हैं भूत बीती बातें...गुजरी बातें भूत ..कहते हैं ,इनको. सही ही कहते हैं न .. भूत सरीखी ही होती हैं,ये सारी . एक बार पीछे पड़ जाएँ तो पीछा नहीं छोडती कभीं . बीती गुजरी बातों के भूत को रिफाइंड भाषा में याद कह देते हैं. 
 
http://mauryareena.blogspot.in/ पर रीना मौर्या जी की रचना पढ़िए खुद में ढूंढ़ती हूँ तुम्हें...... एक बेरंग जिंदगी जो अपने रंगीन जीवन के सारे रंगों को खुद में समेटती है और ढूंढ़ती उस खास रंग को जो उसके माथे पर सजते थे .... *खुद में ढूंढ़ती हूँ तुम्हें......* *तुम्हारी अदा को अपनी अदा बनाकर * *खुद में ढू... http://sharmakailashc.blogspot.in/ पर कैलाश शर्मा जी द्वारा लिखित श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (आठवीं-कड़ी) पढ़िए द्वितीय अध्याय (सांख्य योग - २.३८-४४) सुख दुःख, लाभ हानि सम, हार जीत न चिंतित करते. जो ऐसा सोच युद्ध में उतरें, वे नहीं पाप के भागी बनते. सांख्य बुद्धि बतलाई अब तक, कर्म योग मैं अब बतलाता. पाकर कर्म योग... http://archanachaoji.blogspot.in/ पर अर्चना चावजी  लिख रही हैंखामोश पल !! - *तुम जो कुछ पल मेरे साथ रहें * *कुछ चुप-चुप से , बिना कहे * *अब वो बाते दोहराती हूँ * *खुद को सुनती हूँ* *समझाती हूँ ..* *खुद ही चुप हो जाती हूँ ...* *बिन ब...   
 
वार्ता का सफ़र जारी रहेगा, चलते चलते यहाँ भी देखिये... मिलते हैं, अगली वार्ता में तब तक के लिए नमस्कार.....

12 टिप्पणियाँ:

बहुत मेहनत से की गयी चर्चा, अब यहीं से पढते हैं -- आभार

शानदार प्रस्‍तुती यहा भी पधारे yunik27.blogspot.com

अच्छे लिंक पिरोने में आपकी मेहनत की झलक साफ़ दिखाई दे रही है,...संध्या जी बधाई

बढ़िया वार्ता .... कई नए लिंक्स पर जाना हुआ ... आभार

बढ़िया वार्ता ...

शुक्रिया संध्याजी , मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए .बहुत सुन्दर वार्ता .

वार्ताकार के रूप में आप एक माइल-स्टोन हैं..
बधाई

पुराने लिंक्स का खजाना..
धन्यवाद...
:-)

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