संध्या शर्मा का नमस्कार....बड़ा बेदम निकलता है... - हँसी होंठों पे रख, हर रोज़ कोई ग़म निगलता है... मगर जब लफ्ज़ निकले तो ज़रा सा नम निकलता है... वो मुफ़लिस खोलता है रोटियों की चाह मे डिब्बे...लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता .......
आठ ब्लॉगरों को परिकल्पना साहित्य सम्मान
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*विगत 26 जुलाई 2013 को उद्घोषित* "*परिकल्पना काव्य **सम्मान**" से आगे बढ़ते
हुये : *
*अब बारी है परिकल्पना साहित्य **सम्मान की.हिन्दी ब्लॉगिंग के लिए अविस्मरणीय होंगे यह दो दिन : 20-21 सितंबर, 2013 (शुक्रवार-शनिवार)
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वर्धा में फिर होगा महामंथन
*हिंदी विश्वविद्यालय की अनूठी पहल से हिंदी ब्लॉगिंग को मिलेगी नयी ऊर्जा*
हिंदी ब्लॉगिंग का एक दशक पूरा हुआ। अब इसके लिए शैशव का..सौ टका टंच खबर .............
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राहुल गांधी ने कहा है कि वे आगामी चुनाव के लिए कमर कस रहे हैं और इन दिनों
इंडियन आइडल जूनियर और डी आई डी जूनियर के सारे पिछले एपिसोड देख रहे हैं , ...
विचार उमड़े घुमड़े जरूर पर बरसे नहीं
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वाकई हम फेसबुक व ब्लॉग दोनों से दूर चल दिए थे । चाहे वह
छत्तीसगढ़ की झीरम घाटी की नक्सलियों द्वारा किये गए भीषण नरसंहार की खौफ़नाक
घटना हो ...तो क्या ............ यही है जीवन सत्य , जीवन दर्शन
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पता नहीं
एक अजीब सी वितृष्णा समायी है आजकल
सब चाहते हैं
अगले जनम हर वो कुंठा पूरी हो जाए
जो इस जनम में न हुयी हो
कोई कहे अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो ..न उदास हो मेरे हमसफर.....
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दिवस के अवसान में
इस अकेली सांझ में
आंसुओं के उफान में
बहुत याद आते हो तुम......
सूरज चल पड़ा अस्तचल की ओर...पक्षी भर रहे उड़ान अपने घोसलें की तरफ...
काजल कुमार भी उलझे "दो और दो पांच" में !
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*रामप्यारी ने आजकल ताऊ टीवी का काम संभालना शुरू कर दिया है. उसी की पहल पर
ब्लाग सेलेब्रीटीज से "दो और दो पांच" खेलने का यह प्रोग्राम शुरू किया गया
है. दो..सीजी रेडियो पर … बैरागी चित्तौड़
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सीजी रेडियो पर सुनिए राजस्थान के प्रसिद्ध लेखक "तन सिंह जी" की रचना "बैरागी
चित्तौड़"। इसका धारावाहिक प्रसारण किया जा रहा है। ...थोपा हुआ या सच
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बचपन में किसी पाठ्यपुस्तक में पढ़ा था कि इंग्लैण्ड बड़ा ही विकसित देश है,
और वह इसलिये भी क्योंकि वहाँ के टैक्सीवाले भी बड़े पढ़े लिखे होते हैं, अपना
समय ...
चिराग ...
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न तो उन्हें शर्म है, और न ही वे शर्मिन्दा हैं
जात-धर्म का उन्ने, बिछाया चुनावी फंदा है ?
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सुनो 'उदय', कह दो सब से, कुत्तों की वफादारी पे सवाल न करें ..तुम्हे जीने का एहसास है.....मेरे पास.....!!!
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एक अधूरे ख्वाब की,
पूरी रात है.....मेरे पास...
तुम हो ना हो,
तुम्हे जीने का एहसास है.....मेरे पास.....!
तुम्हे छोड़ कर ...
जी चाहता है--------
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जी चाहता है--------
दिल को तोड के लिख दूँ
कलम को मोड के लिख दूँ
फ़लक को फ़ोड के लिख दूँ
जमीँ को निचोड के लिख दूँ
जी चाहता है------------- .
नेताजी कहीन है। यह मुम्बई -देल्ही -काश्मीर ढाबा नहीं है
मुंबई में बारह रुपये ,दिल्ली में पांच रुपये
भर पेट खाना खाइए ,बब्बर-रसीद कहीन है।
बारह पांच के चक्कर में काहे पड़त हो भैया
रूपया रूपया एक खाना खाओ.
...बच्चों की शिक्षा और हरिलाल गांधी
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*गांधी और गांधीवाद-**152*
*1909*
*बच्चों की शिक्षा और हरिलाल गांधी***
जब गांधी जी 1897 में दक्षिण अफ़्रीका आए थे, तो उनके साथ 9 साल के हरिलाल और 5..अखिलेश सरकार अपनी विफलताओं को तुष्टिकरण की आड़ में छुपाना चाहती है !!
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उतरप्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार अपनीं नाकामियों को मुस्लिम तुष्टिकरण
के सहारे छुपाने की कोशिश करती देखी जा रही है ! ...
औरत की आकांक्षा
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बहुत तकलीफ देह था
ख़्वाबों का टूटना
उम्मीदों का मुरझाना
आकांक्षाओं का छिन्न-भिन्न होना
हर ख्वाब पूरे नहीं होते...
हर आशा और उम्मीद फूल नहीं बनती
सोच समझ कर..पीड़ा जब हिस्से आती है
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पीड़ा जब हिस्से आती है
एकाकी यात्रा नहीं करती
बहुत कुछ अनचाहा, अनपेक्षित
संग आता है उसके
जो लाता है, कभी
सब कुछ खंडित कर देने
वाला जटिल चक्रवात
तो.....सखी री! गुनगुनाऊँ, गीत एक गाऊँ...संध्या शर्मा
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सखी री! गुनगुनाऊँ,
गीत एक गाऊँ
अपनो के मेले मे,
कभी अकेले में,
एक पल मुस्कुराऊँ,
गीत एक गाऊँ
सखी री! गुनगुनाऊँ, गीत एक गाऊँ ...
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16 टिप्पणियाँ:
badhai
बहुत ही सुंदर चर्चा, आभार.
रामराम.
बहुत सुंदर ...
बेहतरीन लिंक्स संयोजन ....
abhi links behtareen hain .aabhar
बढ़िया लिंक्स हैं संध्या जी |
आशा
बहुत अच्छे लिंक्स हैं आज की वार्ता में ,
हमारी रचना को स्थान देने का शुक्रिया संध्या जी.
सस्नेह
अनु
आपके ब्लॉग को "ब्लॉग - चिठ्ठा" में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।
बहुत सुंदर वार्ता .....
आभार.
सुंदर वार्ता .....आभार
बहुत ही सुंदर चर्चा!!!
सुंदर वार्ता, बधाई...............
sabhi links pasand aaye.......
रोचक वार्ता।
बढ़िया लिंक संयोजन .मेरी रचना को स्थान देने लेलिये आभार संध्या जी
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