मंगलवार, 18 मई 2010

नक्सली घटना पर ब्लाग जगत चुप क्यों है,? ब्लाग 4 वार्ता राजकुमार ग्वालानी

ब्लाग 4 वार्ता  का आगाज करने से पहले सभी ब्लागर मित्रों को राजकुमार ग्वालानी का नमस्कार

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से नक्सलियों ने एक शर्मनाक घटना को अंजाम देते हुए 50 लोगों की जानें ले लीं। देश में एक इतनी बड़ी घटना हो गई जिसको सारा मीडिया चीख-चीख कर बता रहा है, इसके बाद भी अपने को मीडिया के समकक्ष समझने वाला ब्लाग जगत चुप बैठा है। क्या इस पर लिखने के लिए हमारे ब्लागरों की कलम नहीं चलती है। हर छोटी-छोटी बात पर लिखने वाले अपने बड़े-बड़े ब्लागर कहां हैं? आज जब वार्ता करने बैठे हैं तो हमें नक्सली घटना पर पहली पोस्ट जो देखी वह डॉ. सत्यजीत साहू की थी। इसके बाद कुछ और पोस्ट पर ही नजर पड़ीं।  हमने अपने ब्लाग राजतंत्र में नक्सलियों के खूनी खेल की कुछ जिंदा तस्वीरें डाली है। उठो मित्रों और देश की इस सबसे बड़ी समस्या के खिलाफ भी अपनी कलम को लिखने दो।

मेरे देश में अशांति लानें वालों , यहाँ की जमीं को खुनी रंग से संगने वालों , इंसानों की इस बेरहमी से जन लेने वालों , कातिल ,हत्यारे ,जालिम हो हो तुम , तुम्हारा अंत अब नजदीक ही है , इस तरह से तुमने ...
  
नक्सलवाद हमारे देश को दीमक की तरह खा रहा है। ये वो दीमक है जो लकड़ी नहीं मासूमों का खून पीता है। दंतेवाड़ा की में बीते दिनों हुए विस्फोट में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी। मरने वालों में बस में सवार यात्री थे। इन यात्रियों में पुलिसकर्मी और कुछ
बस्तर में आज फिर नक्सलियों ने खूनी इतिहास लिखा. ३० से ज्यादा लोग एक धमाके में ही कल-कवलित हो गए. समझ में नहीं आता कि क्रांति की किस किताब में यह लिखा गया है, कि लोगों की जानें लो, तभी इन्कलाब आयेगा. यह बड़...
 
गतांक से आगे.................हम गए थे ताऊ शेखावाटी जी से मिलने शाम को लगभग 5 बजे थे। घर से कोई 4 किलोमीटर निकले  होगें कि सामने हाई वे पर अचानक एक टाटा का छोटा हाथी सड़क पर लहराते हुए हमारी गाड़ी की तरफ़ आया, हमने सोचा कि आज फ़िर काम हो गया। एक
  आज हमने घडीकी सुइयां ही निकाल दी , ये सोचकर की वक्त यहीं थाम जायेगा .... आज हर साल की तरह फिर हमें विदा होना है , बाबुल के आँगनसे पिया की गली जाना है .... आज ना मेंहदी रची है हथेलियों पर आज ना शादी क...

प्रिय / सम्माननीय माननीय श्री प्रेम जनमेजय जी के संपादकत्व में, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की प्रतिष्ठित पत्रिका, ‘गगनांचल’ का पहला अंक, वर्षः33 अंक2, प्रकाशनार्थ प्रेस में चला गया है। जैसा कि संपाद...
समंदर सूरज पर कमंद फेंक कर  आसमान पर चढ़ बैठा है लहर लहर बारिश हो रही है  शहर अँधेरे पानी में डूब गया हैइसी पानी में सूरज भी घुला था पर उसकी रौशनी कहीं भी नहीं पहुंची है  सारे घर लंगर डाले बैठे हैं किसी की न...
आपको एक पोस्ट में बंदर और अपने बालसखा *आलोक* का किस्सा सुनाया था...आज एक और बालसखा की बारी है...उस दोस्त का असली नाम तो नहीं बता रहा, लेकिन वो नाम बता देता हूं, जिस नाम से उसे हम सब बुलाते थे...वो नाम था *...
आज फिर दंतेवाड़ा में कायरों ने हमला कर दिया। एक-एक हमला, इस देश के संविधान में यक़ीन रखने वाले एक-एक शख़्स के ख़ून का एक-एक क़तरा इन कायरों को इनके ख़ात्मे की तरफ़ ले जा रहा है। इन देशद्रोहियों के समर्थक ज...
मैं आज आप सब महिला ब्लोग्गर्स से बहुत ही नाराज़ हूं ..एकदम से कुट्टा करने का मूड बन गया है । एक तो कायदे से आप लोग कभी कोई जलजला आने नहीं देते , खासकर तब तो बिल्कुल भी नहीं जब कोई अपने बंदूक की नल्ली आप म...
बस्तर के लिये आज काला दिन है!बस्तर क्या सारे छत्तीसगढ के लिये काला दिन है.नक्सलियों ने पहली बार यात्री बस यात्री बस को बारुदी सुरंग से उडा दिया.बस मे यात्रियों के साथ कुछ जवान भी सवार थे.अभी कल ही नक्सलियो...
कोई मिस्टर जलजला एकाध दिन से स्वयम्भू चुनावाधिकारी बनकर.श्रेष्ठ महिला ब्लोगर के लिए, कुछ महिलाओं के नाम प्रस्तावित कर रहें हैं. (उनके द्वारा दिया गया शब्द, उच्चारित करना भी हमें स्वीकार्य नहीं है) पर ये मि...
चौंकिए मत। आप जिस मोहतरमा को साडी़ का पल्लू दिखाते हुए देख रहे हैं , उसकी इस साडी की कीमत एक हजार, दो हजार ,पांच हजार या दस हजार नहीं है, बल्कि पूरे 40 लाख रुपए है। इस साड़ी को तैयार किया है चेन्नई की एक ...

डॉ. मोहनलाल गुप्ता इसी 12 फरवरी की बात है जब गोकुलभाई भट्ट के 113वें जन्म दिवस पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वक्तव्य दिया था कि शादियों में धन का भौण्डा प्रदर्शन करने वाले ...
मेरे ऑफिस में साहब तो एक तरफ , बड़ा बाबू तक मेरी खुलेआम बेईज्ज़ती करता है, कहता है, कि मुझे ठीक से इनकम टेक्स के कागज़ भरने भी नहीं आते . और सहकर्मियों के कागज़ स्वयं भरता है लेकिन मेरे लिए कोई मदद नहीं. पीठ...
क्या आपको लगता है कि हम डोकरे (बुड्ढे) हो गये हैं? हमें तो यही लगता है कि अब तक हम छोकरे ही हैं। इसीलिये तो सींग कटा कर बछड़ों में शामिल रहा करते हैं। अब छोकरे ना बनें तो क्या करें? वो दिन तो अब रहे नहीं कि...
  
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि मृत्यु के पूर्व दिए गए आखिरी बयान की बारीकी से जाँच की जानी चाहिए क्योंकि पत्नियों में अपने ससुराल वालों को हत्या या हत्या का प्रयास के फर्जी मामलों में फँसाने की प्रवृति रहती है। न्यायालय ने कहा कि ऐसे बयानों की अधिकतम
  
... हुआ ये कि कल सुबह सुबह गिरीश बिल्लोरे जी के अमरकंटक के जंगल में विकराल व औघड रूपधारी बाबा के रूप में देखे जाने की खबर पर ... उनकी पहचान के लिये एक टीम उनके इर्द-गिर्द लगाई गई थी .... कल शाम को बाबा जी के आश्रम में आशीर्वाद का सिलसिला जारी था लगभग
अब आपसे लेते हैं हम विदा

2 टिप्पणियाँ:

राज कुमार जी ब्लॉग जगत चुप कहाँ है ,आप कुछ कर रहें हैं वो भी तो ब्लॉग जगत का ही है ,लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकि है और इसके लिए हमलोगों को एकजुट होना पड़ेगा, वो भी पूरे देश स्तर पर /

बहुत ही दुर्भाग्यपुर्ण घटना है?
नक्सली ज्यादा हावी होते जा रहे हैं।
पता नही सरकार और कितने निर्दोषों की जान जाने के बाद चेतेगी।

बहुत बढिया चर्चा।
आभार

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