चर्चा ऊपर चर्चा होथे, अरे होवन दे बारम्बार
उठत रथे रहि रहि के मन मा उमड़त घुमड़त विचार
देश- काल-दसा संग करके समझौता चलन दौ जिनगी के गाड़ी
डेढ़ हुसियारी बने नई होवे, हो जाथे काम कभू बने बने
बन के रहे मा अनाड़ी
ये ब्लॉग जगत ला संवारे बर करे हें अब्बड़ झन जतन
अब्बड़ झन के बीच मा संगी एहू मन आंय रतन
देखौ:-
शिल्पकार हे ब्लॉग जगत के नाव हे ललित शरमा
सजावत रथे अपन लेखन से ब्लॉग ला बईठे बईठे घर मा
साहित्य के सेवा मा भिड़े रथे भाई शरद कोकास
कभू ओखरो दर्शन होही कहिके लगाये रथन हम आस
ब्लॉग लेखन प्रारम्भ करे बर कहिके, बने चलत हवे आरम्भ
पर कभू कभू इहाँ के खींचा तानी ला देख के सोचथों
बने बने गोठियाये ला छोड़ के भरथें काबर दंभ (ब्लॉगर मन )
कोरी असन उदय हो गे हे हमर असन ब्लॉगर मन के
कोनो चलत हवे अपन सुर मा कोनो रथे रात दिन सनके
धान के देश मा सुग्घर लिखथे अवधिया जी सियान
जरूर पढौ आप मन ओला पावौ अब्बड़ गियान (ज्ञान)
राज तंत्र के का कहना, चलत रथे ओखर तंत्र
बस लिखत रहौ अपन रचना, इही हे ब्लॉग के मन्त्र
पाबला जी के तकनीकी जानकारी बर, कहे के नई ये जरूरत
पढ़ लेहु एला जरूर, मिलही जब काम ले फुरसत
अऊ अब्बड झन रतन हें इंहां, नाव उन्खर देवत हौ
अउ अतकेच लिख के बन्द करे बर चर्चा ल, तुम्हर इजाजत लेवत हौ
रविवार, 2 मई 2010
चर्चा माने गोठ छत्तीसगढी मा---- सूर्यकान्त गुप्ता
भाई अनिल पुसद्कर जी, मनोज कुमार जी, दिलीप जी, राजकुमार सोनीजी, श्रीमती निर्मला कपिला जी समीर लाल जी, अजय झा जी, रोशन जायसवाल जी, खुशदीप जी तोषी जी आदि आदि……।
अभी घलो बांचे हवें एक नही दू चार। उन्खरो चर्चा बाद म होही झन राखहू मन मा विचार
जय जोहार्…………
3 टिप्पणियाँ:
नये अंदाज में वार्ता .. बढिया रहा !!
बने चर्चा करे हस गुप्ता जी
नवा स्टाइल मा।
अब एला हिंदी मा करबे,
जम्मो हां छत्तीसगढी नई समझे।
आभार
बहुत अच्छी चर्चा।
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