रविवार, 23 मई 2010

ब्लागर मिलन-अच्छा है चलन- ब्लाग 4 वार्ता राजकुमार ग्वालानी

वार्ता का करने से पहले आगाज- सबको राजकुमार ग्वालानी का नमस्कार
 
अपने ब्लाग जगत में एक अच्छी बात है कि अब लगातार ब्लागर  मिलन होने लगे हैं। आज दिल्ली में ब्लागर मिलन हो रहा है तो ब्लाग इसकी खबरों से अटे पड़े हैं। तो इससे पहले की ब्लागर मिलन में क्या हो रहा है कि खबरें आएं देखें कि इसके पहले किसने क्या फरमाया है।

[image: image] एक छोटी सी ब्लागर मीटिंग आज भी हुई उसी स्थान पर जहाँ कल हमें मिलना है मैं यानि कौन? (मैं तो रहूँगा मौन) संगीता पुरी और राजीव तनेजा मिले, मिलते ही हम खिले. आपको भी निमंत्रण है चलि...
 
इस नोटों की गड्डियों को हटाकर आयोजन स्‍थल की तैयारी की जानी है। इन सभी को लादकर रेलवे वैगन तक पहुंचाने के लिए ट्रक आमंत्रित हैं। अपने अपने ट्रक लेकर सुबह ही पहुंच जायें। एक कार भरके नोट बतौर पारिश्रमिक द..

आज भारी मन के साथ ये पोस्ट लिखनी पड़ रही है...दिल्ली में पहले भी ब्लॉगर्स मीट हुई हैं...*अजय कुमार झा और अविनाश वाचस्पति जी *के अथक प्रयासों से हर बार जमकर दिलों की महफ़िल जमीं...औरों की कह नहीं सकता, मैंन...
 
बिगुल - में राजकुमार सोनी  बता रहे हैं- विवाद के बाद दिल्ली का ब्लागर सम्मेलन
दिल्ली में होने वाले ब्लागर सम्मेलन ने सबकी जिज्ञासाएं बढ़ा दी है। सम्मेलन की जवाबदारी अविनाश जी ने ली है। ब्लाग जगत के जितने भी मूर्धन्य है वे सभी अविनाशजी का बड़ा आदर सम्मान करते हैं इसलिए यह भी माना जा ...
 
Bhaskar.Com कर्नाटक में शनिवार की सुबह हुए विमान हादसे में कई लोग काल के ग्रास बन गए। करीब 160 से अधिक लोग मारे गए हैं। अब जांच होंगी, रिपोर्ट आएगी और किसी को जिम्मेदार ठहरा कर सब भूला दिया जाएगा। लेकिन ...
 
तमाम लोग हवाओं से बात करने लगे वे कल्पना के परिंदों को मात करने लगे जो शत्रु थे, वो लड़े युद्घ सामने आकर हमारे दोस्त ही, पीछे से घात करने लगे* छत्तीसगढ़ की राजनीति में कभी शुक्ल बंधुओं का दबदबा था कहा जाता ...
 
पहले मुर्गी आई कि अंड़ा यह सवाल वर्षों से लोगों को सर खुजलाने पर मजबूर करता रहा है। अपन इस पचड़े में ना पड़ आज सिर्फ अंड़ों की बात करते हैं जो अपने-आप में बहुत सारे अजूबे समेटे रहते हैं। कुछ सालों पहले एक वै...
 

आज, 22 मई को ना जादू ना टोना, पास पड़ोस, पुरातत्ववेत्ता , आलोचक वाले शरद कोकास की 22वीं वैवाहिक वर्षगांठ है। कोकास दम्पत्ति को बधाई व शुभकामनाएँ वैसे, आज आज अरूण अरोरा 'पंगेबाज' का जनमदिन भी है *आने...
 
दुर्योधन को यज्ञ में सब ब्राह्मण दुष्ट ही दुष्ट दिखाई दिए और धर्मराज को सब भले ही भले, यही अंतर था दोनों में........... - हरिभाऊ उपाध्याय 
 
जी हाँ, मेरे द्वारा कही गयी अब तक की सबसे लम्बी ग़ज़ल.. इससे भी लम्बी ग़ज़ल किसी न किसी ने ज़रूर कही होगी. उसकी मुझे जानकारी नहीं है.न में कोई कीर्तमान ही रचने का दावा कर रहा हूँ. मैं तो केवल अपना एक सुख आप ...
 
आज सत्संग में तीन चार लोग ही बैठे है .गुरुदेव के आने पर सभी ने गुरुदेव को प्रणाम किया .ध्यान केंद्र बूढ़ापारा रायपुर में गुरुदेव की निवास की दूसरी मंजिल पर है . अभी यहाँ दूसरा कूलर लगने से गर्मी कम लग रही...
  
ब्लॉग में संवाद की बहुत बड़ी भूमिका है. ब्लॉग में संवाद को बढावा देने के लिए चेट बार का प्रयोग लिया जा सकता है. अब अपने ब्लॉग पर चेट बार लगाना बहुत आसान हो गया है. मैं भी चेट बार का प्रयोग करता हूँ. इससे आपके पाठक सीधे आपके संपर्क में आ जाते हैं.
  
 आज मैं बात करने जा रहा हूँ भारतीय चुनाव आयोग के सहयोग कि जो मुझे मिली है, और शायद ही किसी को इतनी आसानी से और मुफ्त में मिलती है. मैं बात कर रहा हूँ चुनाव आयोग के द्वारा दिए गाए पहचान पत्र की. बड़े ही अरमानों के साथ मैंने भी अपना नाम वोटरों की
  
 
  
भारत शासन अधिनियम की धारा 229 (1) में उच्च न्यायालय स्थापित करने की शक्ति प्रदान की गई थी। इस शक्ति का प्रयोग करते हुए मध्य प्रान्त के लिए नागपुर में उच्च न्यायलय स्थापित करने हेतु 2 जनवरी 1936 को लेटर्स पेटेंट जारी किया गया। नागपुर उच्च न्यायालय के गठन,
 
मैं पहले ब्लौगिंग की प्रकृति को समझना जरूरी समझता हूँ फिर हिंदी ब्लॉगिंग की बात करूंगा.. ब्लॉग लिखने वाले सभी व्यक्ति जानते होंगे कि ब्लॉग शब्द "वेब लॉग" को जोड़कर बनाया गया है, और इसमें आप जो चाहे वह लिख...
 
रिश्ता रिश्तों से घबराएविषबेल खेत को खाए हैबाहर से आकर क्यूं कोईमन बीज वहम के बोए हैतेरे अपने ना समझे जोजानेंगे पीर पराई वोचुग्गे संग जाल बिछा न होकंचन हिरण सी छलना न होमन की कोई कमजोरी क्यूंमजबूत नींव दरकाए हैबम से मरे एक बार मरेजीवित हर पल सौ बार
 
 अब आपसे लेते हैं हम विदा
 लेकिन दिलों से नहीं होंगे जुदा
 
 
 
 
 
 
 
 
 

5 टिप्पणियाँ:

दिलों से कैसे हो सकते हैं जुदा
दिलों से जोड़ने का नाम ही है ब्‍लॉगिंग विधा।

दरअसल राजकुमार जी हम लोग एकजुट नहीं होंगे तो इंसानियत कब्र में दफ़न हो जाएगी / अब देखना यह है की हमलोग इस दिशा में क्या कर पाते हैं ब्लॉग के माध्यम से / कुछ लोग तो शुरू होने से पहले ही खत्म हो चुके हैं /

राज जी,
मिलन के चलन मे गिले-शिकवे हल्के माहौल में दूर हो जाएं तो कितना बेहतर है। पर कभी-कभी वही हल्का सा माहौल जोर का झटका दे जाता है।

मेरी पोस्ट को चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद. :)

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