मंगलवार, 11 मई 2010

चेंदरू के बेटे को शिक्षक बना दो,,धृतराष्ट्र हर युग में होते हैं।, ब्लाग 4 वार्ता -राजकुमार ग्वालानी

ब्लाग 4 वार्ता  का आगाज करने से पहले सभी ब्लागर मित्रों को राजकुमार ग्वालानी का नमस्कार

कुछ खास नहीं है कहने को, तो हम सोच रहे हैं कि क्यों कर भूमिका बांधने में समय खराब किया जाए। वैसे भी हमारा यूनीकोड वाला की-बोर्ड काम नहीं कर रहा है तो थोड़ी सी परेशानी हो रही है चर्चा करने में। बहरहाल हम चलते हैं आज की चर्चा की तरफ--
  याहू नेट कंपनी गंभीरता के साथ कंटेंट उत्पादन में उछाल लाने के चक्कर में है। याहू के ऊपर नेट के बाजार का दबाब है और इसके कारण उसने बड़े पैमाने पर अमेरिकी पत्रकारों को कंटेंट उत्पादन के लिए अनुबंधित...
साँझ घिर आई प्रवासी ! तुम न आये, छा गयी जग पर न जाने कब उदासी ! साँझ घिर आई प्रवासी ! ह्रदय में तूफ़ान मचले, नयन में वारिद घनेरे, बढ़ गए पश्चिम दिशा में निविड़ तम के व्यस्त घेरे, तरसती है सिंधु तट पर मीन भी...

आ से ही आगरा और आ से ही आनंद और आ से ही आया। आगरा में बहुत आनंद आया। मन आंगन में भरी दोपहरी में भी बरस उठी घनी स्‍नेह की छाया। आगरा में इस बरस पहली ब्लॉगर मुलाकात पिछली 8 मई को डॉ. सुभाष राय से हुई।... 
ब्लॉग समाचार की दूसरी किश्त हाज़िर है आपके लिए ...फिर छोटी सी ग़लती हुई है..इसमें ६ ब्लॉग की बात कही गई है ५ ब्लोग्स की जगह...इसे छोटा करने के चक्कर में कुछ एडिट भी किया है...आप लोगों को अगर कहीं कोई कम...
प्रथम श्रेणी जो दूसरों में केवल दोष देखते हैं, पढ़ने के लिये चटका लगाईये। बुरा भी देखना अच्छा भी देखना, लेकिन जो बुरा मिल गया तो बिल्कुल इस तरह झपट पड़ना कि अब मिल गया मिल गया। जो ढूँढ़ रहा था वो 
समय कितनी तेजी से बीतता है, इसका आभास उस समय होता है जब हम किसी विशेष दिन को याद करते हैं। दो साल पहले की बात है जब हमारे घर पुत्री का जन्म हुआ था।परिवार के सभी लोग इस बात को लेकर संशय में थे कि आज के दौर ...
कल बात की थी मां के दूध की...एक देश में दो देश होने की...भारत की, इंडिया की...आज बात हाईराइज़ बिल्डिंग्स के दड़बेनुमा वन बीएचके, टू बीएचके फ्लैटों में रहने वाले मॉडर्न कपल्स की... कभी कभी ये जोड़े फिटनेस ...
शायद ही आज कोई ऎसा व्यक्ति हो जो संगीत प्रेमी न हो । संगीत ही एक ऎसी अचूक दवा है जिसे सुनकर इंसान अपने दुख - दर्द सब भूल बैठता है । और तरोताजा हो जाता है । आज मैं अपनी पोस्ट के माध्यम से आप सबको हाल ही में...

कुछ दिनों पहले एक सामने घट रहे वाकये का जिक्र किया था "आज का धृतराष्ट्र जो खुद ही बैल को उकसा रहा है" के नाम से। जिसमें पुत्र मोह में पड़ा एक बाप अपने 32साला लड़के की इस बात को, कि उसका पहली पत्नि से तलाक हो...
सत्येन्द्र झा कक्षा में शिक्षक छात्रों को आधुनिक बनने की शिक्षा दे रहे थे। उन्होंने कहा, "बिना आधुनिक बने विश्व के साथ कदम मिलाना असंभव है।” एक छात्र इसका अर्थ नहीं समझ पाया। उसने प्रश्न किया, "सर! थो...
 (नरेश सोनी) क्या आप चेंदरू को जानते हैं? सवाल अजीब लग सकता है - कौन चेंदरू? 1960 के दशक में एक 10 साल का माडिय़ा आदिवासी अंतरराष्ट्रीय नायक बनकर उभरा था। चेंदरू पर 
आज का कार्यक्रम संपान्नता की ओर अग्रसर है...विगत कई दिनों से बच्चों के लिए उत्सव में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाया, इसलिए आज मैं केवल बच्चों के कार्यक्रम को लेकर आया हूँ , ताकि हमारे उत्सव के समग्र क... 

न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के बस स्टॉप के पास लगे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के इस बोर्ड पर लिखा है **“**यह भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग परिवहन की है।इस पर किसी प्रकार का अतिक्रण या मलवा इत्यादि फेंकना 
कुछ वज़ह होती होगी कि क्‍यों दुनिया में खुद को समझदारियों का तोपख़ां लगानेवाले, और उनके एक से एक युगीन ‘युगांतरकारी’ कारनामे बिला जाते हैं, और कैसे प्रकट रूप से मामूली दिखनेवाली, अवसादी समय में एक पगलेटी...
माया याने कि धन याने कि रुपया!* हर किसी को व्यापती है यह, हर कोई दीवाना है इसका और हर कोई भाग रहा है इसके पीछे। सभी को सिर्फ यही चिन्ता खाते रहती है कि चार पैसे कैसे बना लिये जायें? कोई कुछ कार्य करता है...
बताएं... कोई बात हुई भला। बदन की दुर्गन्ध को भागने वाले स्प्रे के इश्तहारों ने हद्द ही कार दी है। पुरानी दिल्ली मैं मजमा लगाके वाशिकर्ण ताबीज़ बेचा करता था एक बन्दा, अब यह काम इन्होने शुरू कार दिया है। खुशबू तो बाद की बात है बस लगाया और महिला आन पड़ी। एक
  
यौन शिक्षा का मतलब समझना व समझा पाना उतना ही कठिन है जितना इस शिक्षा के अभाव के कारण जन्म लेने वाली समस्याओं से जूझना कठिन है ... मैं नहीं कहता कि यौन शिक्षा अत्यंत आवश्यक है पर इसे नजर-अंदाज करना भी बुद्धिमानी नहीं है !!... यह संभव है कि यौन शिक्षा के

न्यायपालिका में भ्रष्टाचार चिंताजनक
करीब तीन साल तक देश के मुख्य न्यायाधीश के पद को सुशोभित करने के बाद रिटायर होने की पूर्व संध्या पर न्यायमूर्ति के जी बालाकृष्णन ने न्यायपालिका में भी भ्रष्टाचार की पहुँच होने को चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि देश में जजों और मुक़दमों की संख्या को देखते
अब आपसे लेते हैं हम विदा

8 टिप्पणियाँ:

चर्चा का राजकुमार बनने से आपको कोई नहीं रोक सकता...मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार...

जय हिंद...

बहुत शानदर चर्चा!

आगे पीछे हमारे सरकार-ये चर्चा के हैं राजकुमार

बहुत बढिया चर्चा भाई-लगे रहो-बधाई

बहुत शानदर चर्चा!
मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार...

हमेशा की तरह आपने एक बार फिर अच्छे लिंक संकलित किये हैं ! आपका आभारी हूँ !

बहुत सुंदर चर्चा.

रामराम.

विस्तृत चर्चा। आभार ।

बहुत ही सुंदर चर्चा जी मजे दार

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