शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

घंटा…मेरे बाबा जी का उठा पप्पू - पटक पप्पू - डाट काम---सूर्यकांत गुप्ता

रात को आंधी तुफ़ान के कारण विद्युत व्यवस्था भंग होने से वार्ता समय पर नहीं हो सकी। समय कम है मुझे भी आफ़िस जाना है, अब कुछ लिंक मैं सूर्यकांत गुप्ता आपको दे रहा हुँ, जो मैने पढे हैं। चलते हैं फ़टाफ़ट सेवा में, प्रारंभ करते हैं राजीव तनेजा जी के व्यंग्य से.............


***राजीव तनेजा*** “ठक्क……ठक्क- ठक्क”…. “ओ….कुण्डी ना खड़का …सोणया सिद्धा अन्दर आ"… “ठक्क……ठक्क- ठक्क”…. “अरे!…कौन है भाई?….ज़रा रुको तो सही…अभी खोलता हूँ…..पहले ज़रा नाड़ा तो ठीक से बा...महंगाई का ग्राफ भी अब नीचे आ गया !महलों में झूठ के वर्क से कुछ और सजावट आ गई , लवों पर कुछ और कुटिल शब्दों की बनावट आ गई ! सरकार की महंगाई का ग्राफ भी अब नीचे आ गया, क्योंकि मानवीय मूल्यों में कुछ और गिरावट आ गई !! बच्चो ने भूख से समझौता क...
 ब्लॉग 4 वार्ता प्रिय मित्रों, बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन की मेंबरशिप के लिये बहुत सारे आवेदन आये हुये पडे थे. सब काम नियम पूर्वक हो इसलिये हमने आज का दिन बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन का मेन्युअल पढकर सब कार्य निपटाने के लिये तय...ताऊ डाट इन पर--ताऊ प्रकाशन का सद साहित्य पढिये : सफ़ल ब्लागर बनिये!आदरणीय ब्लागर गणों, आप सभी को रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" की आदाब अर्ज..नमस्कार. आज कल ताऊ ब्लागजगत में कम दिखाई दे रहे हैं क्योंकि *ताऊ प्रकाशन सद साहित्य* के प्रकाशन में अनेकों पुस्तकों की छपाई का काम च ल र...
साहित्य के ध्रुव  उड़न तश्तरी .... पर एक गांव में सरपंच जी ने बैठक बुलवाकर घोषणा की कि अब अगले माह तक हमारे गांव में बिजली आ जायेगी. पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. उत्सव का सा माहौल हो गया. हर गांव वासी प्रसन्न होकर नाच रहा था. देखने ...मैच नहीं खिलाड़ी  होते हैं फिक्स पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विजय भारद्वाज से बातचीत * *भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सितारे विजय भारद्वाज का कहना है कि मैच तो किसी कीमत पर फिक्स नहीं हो सकते हैं। लेकिन यह बात जरूर है कि खिलाड़ी फिक...
नापसंद करो,कुंठा निकालो-आह्वान है जयचंद की औलादों का.......!नापसंदी लालों के कारनामे ब्लागवाणी पर चल रहे हैं, कायरों की तरह नापसंद के चटके लगा रहे हैं। पीठ पीछे छुप कर वार करते हैं जयचंद की औलाद। पिछले कई महीनों से तमाशा जारी है, हमारा नापसंदी लालों को खुला आमंत्रण...दो ग़ज़लें / इतना अधिक ज़हर मत घोलो,, पाँच सितारा होटल में.... अपना देश जब आजाद हुआ तो एक उम्मीद जगी थी, कि अब नया भारत बनेगा. हम स्वतन्त्र हो कर अपना विकास कर सकेंगे. हमारा 'शासन' होगा. 'लोक' का ही 'तंत्र' होगा. हमारे जनप्रतिनिधि ईमानदारी से काम करेंगे और देश कहाँ स...
छत्तीसगढ़ी व्याकरण के 125 बछर संजीव तिवारी .. Sanjeeva Tiwari  गुरतुर गोठ पर........जे मन आज घलोक छत्तीसगढ़ी ल संवैधानिक रूप ले भाखा के दरजा पाए के रद्दा म खंचका-डिपरा बनावत रहिथें, उंकर जानकारी खातिर ये बताना जरूरी होगे हवय के ए बछर ह छत्तीसगढ़ी व्याकरण बने के 125 वां बछर आय। आज ले ठउका ...उठा पप्पू - पटक पप्पू - डाट काम !!! लफ़डा - झपडा तिकडम - बिकडम आडा - तिरछा रेलम - पेल लंबू - मोटू हंसी - ठिठोली अप्पू - गप्पू धक्का - मुक्की गिल्ली - डंडा ढोल - नगाडे अटका - पटकी सरपट - रेल सटका - सटकी नंग्गे - लुच्चे इक्की - दुक्की गुल्ला -...
अधूरी कविता- शोभना 'शुभि' आज बैठे बैठे ऐसे ही कुछ पंक्तियाँ लिख दी आगे कुछ सुझा नहीं, बस ये चार पंक्ति लिख पाई *कभी खुद से मुलाकात करनी हो तो तन्हाई में डूब कर देखो * *कभी खुद को सुकून देना हो तो खुद की परछाई से लड़कर देखो* *कभी ख... व्‍यवसायी के इलाज के लिए रखे गए 65 लाख रूपए बचे ही थे .. उसका उपयोग क्‍यूं नहीं हुआ ?? चार वर्ष पूर्व एक व्‍यवसायी को कैंसर हो गया , उन्‍होने व्‍यवसाय में से एक करोड रूपए निकालकर अलग रखे। इस एक करोड रूपयों को निकाल देने से उनके व्‍यवसाय में रत्‍तीभर का भी फर्क न पडनेवाला था , इसलिए पूरी निश्...
खुशदीप सहगल  देशनामा  पर *कुछ लोग कामयाब होने के बस ख्वाब बुनते हैं...* * * *कुछ नींद से जागते हैं और दिन रात एक कर देते हैं...* * * *फिर एक दिन कामयाबी खुद उनके कदम चूमती है...* ** *स्लॉग ओवर * देवदास...पिताजी ने कहा, हवेली छ...आज लविज़ा का जनमदिन है आज, 30 अप्रैल को दो वर्ष की हो गई नन्ही लविज़ा का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएँ वैसे आज एक ब्लॉगर दम्पत्ति की वैवाहिक वर्षगांठ भी है! देखिएगा शाम 4:30 की पोस्ट *आने वाले **जनमदिन आदि की जानकारी, अपने 
ताऊ रामपुरिया  ताऊजी डॉट कॉम पर प्रिय ब्लागर मित्रगणों, आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये आखिरी दिन है. इस प्रतियोगिता में आप सभी का अपार स्नेह और सहयोग मिला बहुत आभार आपका. जिन मित्रों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं...आज का धृतराष्ट्र, जो खुद ही बैल को उकसा रहा है। एक आदमी नदी के किनारे बहुत उदास सा बैठा था। उससे कुछ दूरी पर एक संत भी बैठे थे, अपने प्रभू के ध्यान में। अचानक उनका ध्यान इस दुखी आदमी की ओर गया। संत उठ कर इसके पास आए और पूछा कि तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं लग
निगाहों में तेरी सूरत ..!! आज भी तेरी प्यारी सूरत निगाहों में बसी है ,लगाई थी जो प्यार की मेहंदी , हाथों में रची है ! सुर्ख होठों पर सजी मोहक सी मुस्कान तेरी ,लगे ऐसे गुलाबों में लड़ी, मोती की फंसी है ! जो भी देखे तेरी उडती ,जुल्फों का नजारा , लगे बदली बादलों की, लहरों में फंसी है
और वे सत्संग में चली गयी ---- लघुकथा वे बेचैनी से कमरे में टहल रहीं थी. अभी तक फोन क्यों नहीं आया? पता नहीं प्रबन्ध हुआ कि नहीं. "बेटा तीन साल से फेल हो रहा है. चिंता हो किसी को तब न. अबकी तो कुछ भी करके पास करवाना ही होगा." ट्रिंग -- ट्रिंग "हलो, क्या हुआ?" 
 अखबार में खबर है, कोटा के जानकीदेवी बजाज कन्या महाविद्यालय को एक वाटर कूलर भेंट किया गया। पढ़ते ही वाटर कूलर के पानी का स्वाद स्मरण हो आता है। पानी का सारा स्वाद गायब है। लगता है फ्रिज से बोतल निकाल कर दफत्तर की मेज पर रख दी गई है। बहुत ठंडी है
आज की चुटकी--चुटीली सी
IRFAN ITNI SI BAAT पर............................. नमस्कार --- मिलते है अगली वार्ता पर

11 टिप्पणियाँ:

वाह वाह वाह
गुप्ता जी बहुत बढिया लिंक ढुंढ कर लाए।
बहुत सुंदर वार्ता की है-देर आयद दुरुस्त आयद्।

बेहतरीन वार्ता..आनन्द आ गया. अब जाते हैं इन लिंक्स पर.

लाजवाब चर्चा- नहीं छूटा कोई पर्चा

बहुत सारे लिंक्स मिले .. अच्‍छी वार्ता की आपने !!

उठा पप्पू - पटक पप्पू - डाट काम !!! बेहतरीन चर्चा, आनंद आया.

रामराम.

nishpaksh evam mahatvpoorn charcha ke liye badhai.

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