ब्लाग 4 वार्ता का आगाज करने से पहले सभी ब्लागर मित्रों को राजकुमार ग्वालानी का नमस्कार
आएं मिलकर बांटते चले सबको प्यार
आएं मिलकर बांटते चले सबको प्यार
आज मन ठीक नहीं है इसलिए सीधे चलते हैं चर्चा की तरफ....
दिये प्रणय के जो क्षण तुमने, जीवन के आधार बन गए , घृणा, उपेक्षा, पीड़ा, दंशन परित्यक्ता को प्यार बन गये ! सुख सज्जा के स्वप्न ह्रदय ने मिलन रात्रि में खूब सँवारे , हुई विरह की भोर, नयन के मोती ही गलहार बन ...
नुक्कड़ में- कोई दीवाना कहता है फेम कुमार विश्वास कल से आपको आपके शहर में मिलेंगे आप उनसे मिलना मत भूलिएगा उनके स्वर पाठ के झूले में झूलिएगा (अविनाश वाचस्पति)
कोई दीवाना कहता है से प्रख्यात डॉक्टर कवि कुमार विश्वास अब कल से अपने काव्य पाठ से विदेशी धरती को अपनी कविता डॉक्टरी के स्वर पाठ से आलोकित करेंगे । कुमार 29 अप्रैल से 30 मई तक यूएसए तथा कनाडा के दौरे ...
डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर कह रहे हैं-मदद की पुकार ब्लोगर्स की तरफ से...यदि इच्छा हो जाए तो...
अविनाश वाचस्पति जी की तरफ से प्राप्त मेल से इस सूचना को आप सभी की जानकारी के लिए.... यदि इच्छा हो जाए तो..... यह सूचना नुक्कड़ पर Build a better future के रजनीश ने और पिछले दिनों मीडिया मंत्र पर श्री पुष..
अविनाश वाचस्पति जी की तरफ से प्राप्त मेल से इस सूचना को आप सभी की जानकारी के लिए.... यदि इच्छा हो जाए तो..... यह सूचना नुक्कड़ पर Build a better future के रजनीश ने और पिछले दिनों मीडिया मंत्र पर श्री पुष..
रात ११ बजे उसकी flight पहुंची..मैं एयर पोर्ट पर हाज़िर थी...international arrival पर नज़रें टिकाये हुए...दरवाज़ा जैसे ही खुलता मन में आस दौड़ जाती ये वही होगा....ख़ैर, आखिर वो आ ही गया....मेरा बेटा मृगांक,
( फिलीस्तीनी चित्रकार मोहम्मद सावू का गाजा दमन के खिलाफ बनाया चित्र) गाजा की इस्राइल द्वारा नाकेबंदी जारी है। हजारों लोग खुले आकाश के नीचे कड़कड़ाती ठंड में ठिठुर रहे हैं , इन लोगों के...
बात होती है प्रवृति की और ये मेरी प्रवृत्ति भी दोस्तों से लेकर मामूली जान-पहचान वाले को पता है कि मैंने अपने नाम को हमेशा सार्थक किया।अभी यंहा तो अभी वंहा अपना फ़ेवरेट स्टाईल रहा है और शायद इसिलिये लोग मेरे...
*एक बटा दो, दो बटे चार,* *छोटी छोटी बातों में बंट गया संसार...* नहीं नहीं, मैं बीमारी का झटका सह कर इतना भी मक्खन नहीं हुआ कि बाबाओं की तरह आपको उपदेश देने लगूं...इस काम के लिए तो पहले से ही बहुत सारे महानु...
बिगुल में राजकुमार सोनी बता रहे हैं- पाकेटमार-पार्ट-2
साथियों छोटे से ब्रेक के बहाने चला तो गया था लेकिन इस बीच कई साथियों का मजा इस बात के लिए किरकिरा हो गया कि मैं उन्हें जेब काटने... मेरा मतलब जेब कटने से बचने का तरीका नहीं बता पाया। *खैर मैं फिर से चाल...
दर्द-ए-दिल दिल तक ही रखूँ, यह ज़रूरी तो नहीं, सरेआम रों दूँ, पर ऐसी भी मेरी मजबूरी तो नहीं ज़माने का दस्तूर निभाना, है हिदायत वाइज़ की फिर मिलेगी जन्नत पर यह उम्मीद पूरी तो नहीं डरता हूँ बेअदबी की तोह...
काला पैसा, रिश्वत, बेनामी मालिक, डील पर डील, मंत्री की पावर का इस्तेमाल। आईपीएल ने फिर दिखा दिया कि इस देश का सिस्टम कितना सड़ चुका है। लेकिन यारो, उस सुरेश रैना को भी तो देखो जिसने एक कश्मीरी ग़ाज़ियाबादी...
नहीं रहते कभी तन्हा नए रिश्ते बनाते हैं. कोई हमको भुला देता किसी को हम भुलाते हैं अनोखी ज़िन्दगी है ये यहाँ पल-पल नए चेहरे कोई तस्वीर मिट जाती किसी को हम मिटाते हैं वो जिनका नाम लेके हम चले...
सफेदा लगाकर बदल डाला रायगढ़। दिवंगत व्यक्ति के नाम पर तहसीलदार न्यायालय से जारी काम रोको आदेश पर सफेदा लगाकर मृतक के पुत्र के नाम पर आदेश तामिल करा लेने का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जबकि आदेश तामिल...
नया ज्ञानोदय में प्रकाशित जया जादवानी की कहानी ‘मितान’ पर मेरी असहमति साहित्य में क्षेत्रीय भाषा के शब्दों का प्रयोग बहुधा होते आया है और इसी के कारण क्षेत्रीय भाषा के शब्दों को गाहे बगाहे हिन्दी नें अपन...
(अभिषेक ,एक कस्बे में शची जैसी आवाज़ सुन पुरानी यादों में खो जाता है.शची नयी नयी कॉलेज में आई थी.शुर में शचे ने उपेक्षा की पर फिर वे करीब आ गए.** पर उनका प्यार अभी परवान चढ़ा भी नहीं था कि एक दिन बताया ...
‘कुछ तो होता होगा जो दिखता नहीं, मगर लौकी के बतिया को रोज़ कुछ बड़ा करता चलता है, नहीं?’ मौसा दन्न देना बोलते, बबुनी के बालों में हल्के हाथ फिराते हुए, फिर एकदम हंसने लगते. बबुनी चौंककर उनका चेहरा देख..
अलग सा में गगन जी बता रहे हैं- हंसने की कीमत नहीं देनी पड़ती,
कभी-कभी कुछ याद आ जाता है तो बांटने की इच्छा हो जाती है......................... संता सिंह का बेटा बंटी बहुत देर से नाई की दुकान में बैठा था। जब काफी समय हो गया तो नाई ने पुछा, क्यूं बेटा बहुत देर से
एक कविता पढ़ी थी। स्कूल के दिनों में। राष्ट्रकवि स्व. मैथिली शरण गुप्त की। अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है ? क्यों न इसे सबका मन चाहे..... तब यह काफी भाता था। तब यह कहा जाता था, भारत देश है कृषि...
अंधड़ ! में पी.सी.गोदियाल बता रहे हैं- राजनीति का गड़बड़ झाला !
विपक्ष के कटौती प्रस्तावों के मामले में मायावती ने केंद्र सरकार को अपना समर्थन देकर कह लो या फिर यों कह लो कि केंद्र द्वारा मायावती का समर्थन लेकर, मौजूदा सरकार ने यह जतला दिया है कि वह कितनी वेवश और लाचा...
धान के देश में! में जीके अवधिया बता रहे हैं- ट्रिक्स टिप्पणियाँ बढ़ाने के
हिन्दी ब्लोगिंग के लिये बने संकलकों के हॉटलिस्ट के तीन मुख्य आधार, व्ह्यूज़, पसंद और टिप्पणियों की संख्या हैं। इन्हीं तीनों के बढ़ने से कोई पोस्ट हॉटलिस्ट में ऊपर चढ़ते जाता है। इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि ...
अब आपसे लेते हैं हम विदा
लेकिन दिलों से नहीं होंगे जुदा
लेकिन दिलों से नहीं होंगे जुदा
5 टिप्पणियाँ:
राजकुमार भाई,
आप सिर्फ खेलों के ही नहीं चर्चा के भी खिलाड़ी नंबर वन हैं...
जय हिंद...
सभी लिंक काम के मिले...
बहुत अच्छी चर्चा.....
मेरी प्रविष्ठी को जगह दी आपने...आपका आभार.....
badhai, iss naye kaam ke liye. samalochan ka kaam chunautiipoorn hota hai. kuchh achchhe link bhi mile ischarcha mey.
बहुत सार्थक चर्चा...आभार
सुंदर चर्चा.
रामराम.
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