गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

कहां है? रूदालियां...भीषण नर संहार..अरूंधति आओ देखो...blog4varta......ललित शर्मा

त्तीसगढ में नक्सलियों द्वारा 75 जवानों की नृशंस हत्या की प्रतिक्रिया ब्लाग जगत में भी हो रही है सभी खुल कर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। अपना रोष प्रगट कर  रहे हैं। यह एक दुखद घटना है, जो अघोषित युद्द जैसी स्थिति को प्रदर्शित करती है। सरकार के बयानों से लगता है कि वह अभी भी गंभीर नही है, आज नक्सलियों का जाल भारत में लगभग 140 जिलों तक फ़ैल चुका है, ब्लाग जगत इस विषय में क्या राय रखता है? इसके मै ललित शर्मा आपको ले चलता हुँ इस घटना से सम्बंधित चिट्ठों की वार्ता पर...............

सबसे पहले चलते है ब्लाग राजतन्त्र पर--जहां राजकुमार ग्वालानी कह रहे हैं कि मंत्री तो बातें करते हैं, पर नक्सली हमला करते हैं .......छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों के तांड़व में 76 जवान शहीद हो गए। यह राज्य में अब तक की सबसे बड़ी नक्सली घटना है। नक्सलियों का हमला कोई नई बात नहीं है। लेकिन सोचने वाली बात यह है ऐसा बड़ा हमला नक्सली कब.......अगली पोस्ट लेते हैं गिरीश पंकज जी की .........हत्यारों को पहचान पाना अब बड़ा मुश्किल है. छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों की हिंसा के कारण ७८ से ज़्यादा लोगों की जानें चली गयी. बेशक नक्सली अपनी सफलता का जश्न मना रहे होंगे. लेकिन मानवता खून के आँसू रो रही है. लोग सवाल कर रहे है कि यह कैसा नक्स...

संजीत त्रिपाठी छत्तीसगढ़ पर लिख रहे हैं कि.......कहां है, डॉ विनायक सेन से लेकर मेधा पाटकर और मानवाधिकार के नाम का रोना रोने वाले/वाली रूदालियां? और कहां है नक्सलवाद की रुमानियत में डूबी अरुंधती रॉय साहिबा? .....बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में नक्सल विस्फोट में 75 से ज्यादा जवान शहीद, कई घायल,कई लापता। अब तक की सबसे बड़ी घटना। नमन शहीदों को। लेकिन कहां है, डॉ विनायक सेन से लेकर ..........बता रहे हैं पुण्य प्रसून बाजपेयी   जी ....... माओवादियों की समानांतर सरकार ..... छत्तीसगढ़ के दांतेवाड़ा में नक्सलियों ने 73 पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया तो पहली बार ऑपरेशन ग्रीन हंट को करारा झटका लगा। लगा कि रेड कॉरीडोर में रेड हंट ही चलता है। इस घटना के बीच आपको एक गांव ले चल रहे...

डॉ.आशुतोष शुक्ल  सीधी खरी बात कह रहे हैं.. जिस तरह से नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के दांतेवाड़ा में केंद्रीय पुलिस बल पर घात लगाकर सुनियोजित हमला किया उससे एक बात साफ़ हो गयी कि अब समय आ गया है कि इन नक्सलियों के खिलाफ बहुत सख्ती से अभियान चलाया जाये. अभी... सूर्यकान्त गुप्ता जी उमड़त घुमड़त विचार - पर कह रहे हैं मन की बात....भीषण नर संहार मन हो जाता है खिन्न...* बस खेद प्रकट कर कर लेते हैं इतिश्री सारा मीडिया पता कर लेता है ठौर ठिकाना विज्ञान औ तकनालोजी का परचम लहराने के बावजूद , समझ नहीं आ रही है बात, ख़ुफ़िया तंत्र का, ह... 

अनिल पुसदकर जी अमीर धरती गरीब लोग पर कह रहे हैं कि अरूंधति आओ,देखो 76 जवानों को मौत के घाट उतार दिया गया है?अच्छा लग रहा है ना सुनकर?पड़ गई ना कलेजे में ठंडक?हो गया ना तुम्हारा बस्तर आना सफ़ल?...अरूंधति आओ,देखो 76 जवानों को मौत के घाट उतार दिया गया है?अच्छा लग रहा है ना सुनकर?पड़ गई ना कलेजे में ठंडक?हो गया ना तुम्हारा बस्तर आना सफ़ल?तुम तो सात दिन रहीं थी नक्सलियों के साथ,है ना?उनकी दलाली मे एक बड़ा...कौशल  तिवारी  लिख रहे हैं कि...... तब क्या करें ? .......कल शाम से लिखने की बिल्कुल भी इक्छा नहीं हो रही थी जब भी लिखने बैठता नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों की छाया सामने आ जाती थीलेकिन लिखना भी है इसलिए लिख रहा हूँ आखिर यह सब क्यों हो रहा है सरकार कर क्या रही है....

अग्रदूत पर विष्णु सिन्हा जी ने लिखा है.....नक्सलियों के सबसे बड़े हमले का मतलब होता है कि नक्सली घबरा गए हैं...कल की सुबह सीआरपीएफ के 76 जवानों के लिए नक्सली मौत का पैगाम लेकर आए । 3 घंटे तक चली मुठभेड़ में नक्सलियों ने मौत का खेल खेला लेकिन क्या वे सफल हो गए ? 76 जवानों के शहीद होने और 5 जवानों के घायल होने के बाव...क्या है नक्सलियों का उद्देश्य? ....... श्रीराजेशक्या भारतीय नक्सलवाद नेपाली माओवादियों की राह पर चल रहा है? अब यह प्रश्न उठने लगा है. पिछले दो वर्षों के दौरान नक्सलियों ने जिस कदर हिंसा का तांडव मचाया है, उससे यह बात उभर कर सामने आने लगी है. लंबे अर्से से यह कहा जाता है कि आजादी के बाद से ही....
 
विनोद कुमार मिश्रा जी कह रहे हैं कि..... सुरक्षाबलों की मौत पर बंद करो ये घडियाली आंसू . ६ अप्रैल २०१०, दंतेवाडा . भारत के आतंक विरोधी अभियान का  कला दिवस .एक नहीं दो नहीं ७६ से ज्यादा सुरक्षा वल मौत के घाट उतार दिए गए .नक्सली आतंकियों द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा हमला है .४ अप्रैल २०१० ,कोरापुट ११ जवान नक्सली हमले के शिकार हुए .... इधर सुमन जी कह रहे हैं.......न माओवाद के समर्थन में, न माओवाद के विरोध में . छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा जिले में सी.आर.पी.ऍफ़ के काफिले के 76 जवानो की मौत ने मुझे कल से दुखी कर दिया। वहीँ प्रिंट मीडिया में एक छुपी हुई छोटी खबर से यह ज्ञात हुआ की दंतेवाडा जिले के थाना तोंगपाल के सुदुरवाडा गाँव में गाँव वासियों को घेरकर 200 जवानो ने...
 
महेश सिन्हा जी अपने ब्लॉग संस्कृति पर एक सवाल कर रहे हैं.नेता की मृत्यु पर राजकीय या राष्ट्रीय शोक मनाया जाता है क्या शहीद इसके भी हकदार नहीं हैं... देश की रक्षा में रत छत्तीसगढ़ में केंद्रीय बल के जवानो की दुर्दांत हत्या और उनके संबंधियों और जनता के आँसू अभी सूखे भी नहीं हैं . सारा देश जहाँ शोकग्रस्त है, वहीं आज राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों का वितरण ?.......मुंहफट बता रहे हैं कि ......वायुसेना कर सकती है नक्सलियों की घेरेबंदी चिदंबरम और रमन सिंह अस्पताल में घायल जवानों से मिले। गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाकर्मियों पर कल हुए बर्बर नक्सली हमले को लेकर भावावेश में कोई प्रतिक्रिया नहीं करने की वकालत करते हुए जगदलपुर में आज कहा कि अगर.....................

आज की चर्चा यहीं संपन्न करते हैं...............मिलते हैं कल नए चिट्ठों के साथ..........नमस्कार

11 टिप्पणियाँ:

यह सही किया..समस्त शहीद जवानों को श्रृद्धांजलि!

दानवा अधिकारों की बात करने वाले परजिवी गद्दार आज तो जस्न मना रहे होंगे देसभक्तों की अर्थियां उठने पर ।पर इन गद्दारों को यह नहीं भूलना चाहिए कि िनका अंजाम बहुत भयानकत होगाष

sabhi manwadhikarbadi, arundhati ray,sitatistawal,ab to khush ho gaye hogey .inhe sampta karne ke alawa koi bikalp nahi.

hinsaa ke viruddh aaj kee charcha sarthak rahi. lekin naksali bhi to samajhe..badhai, samagri khangaalane ke liye.

शहीदों की चिताओं के इर्द-गिर्द जश्न मनाते ये लोग देश के लिये नासूर ही हैं

हार्दिक श्रद्धांजली इन शहीदों को।
और धिक्कार इन नेताओं को।

नए रंग और कलेवर के लिए शुभकामनायें !

शहीदों को विनम्र श्रद्धांजली

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More