आज दिनभर से ताऊ की तलाश पाड्कास्ट इन्टर व्यू के वास्ते परीशान था. उनका बैठक आरामगाह में वे न मिले ! सो सोचा कहीं कुछ पार्टी में तो नहीं हैं वहां भी न थे ताउ . सो अपन ने एक ज़िन्दा चूहा बतौर उत्कोच देकर राम प्यारी से पतासाजी की तो बस दम्बूक दिखाई हमारी हुलिया टाईट हो गई ,इब क्या करॆं हम भी क्या किसी से कम हैं गुरु सुभीता-खोली तक झांख आये जहा मिले ये श्रीमान =>बोले बगैर इत्ता कुछ इनने कर दिया कि अपनी तो सिट्टी-पिट्टी गुम उधर दूर से बज रही बिगुल की आवाज़ मुझे सुनाई दी जिसके बीच -बीच में एलान ये हो रहा था कि ब्लाग 4 वार्ता पर कल ताऊ वार्ता करें उसी के वास्ते अंतर्ध्यान हो गए कल ब्रह्म: मुहूर्त में पोस्ट लगाके , अब इसे आप ताऊ की वार्ता को हाइप करना कहिये अथवा अथवा कुछ और अपन ने पोस्ट लिखना थी सो लिख दी ............जय राम जी की
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जय राम जी की
जय राम जी की
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