सोमवार, 12 अप्रैल 2010

रविश कुमार जी की पोस्‍टों के माध्‍यम से अजीबोगरीब गलियों में घुम आइए ... ब्‍लॉग4वार्ता ... संगीता पुरी

हमेशा की तरह रविवार को पोस्‍ट की गयी महत्‍वपूर्ण आलेखों की खबर अपनी सोमवारीय वार्ता में।

कल सुबह सुबह आयी अपनत्‍व की सौंवी पोस्‍ट से मैं इस वार्ता की शुरूआत करती हूं ..
मेरी रचित कविताए
मेरी सोच का है दर्पण
जो अनुभवों ने सिखाया
किया है वो ही अर्पण ।

अपना पूरा जीवन जिसने अपनी घर गृहस्थी को दिया वो एक आम नारी हूँ मै । जो संस्कार मुझे मिले उन्ही की छाया मे अपनी बेटियों की परवरिश की । मेरी दो बेटियाँ अब अपनी गृहस्थी मे व्यस्त है ।एक समय ऐसा था दिन हाथ से फिसल जाते थे तब बच्चे छोटे थे । जीवन की सार्थकता इसी मे है कि हर समय को भरपूर जीना चाहिए । बस ये ही मैंने किया ।



श्‍याम कोरी 'जी' नक्‍सली समस्‍या लैंड लाइन्‍स से बचने की सलाह दे रहे हैं ....
नक्सलियों के कारगर हथियार "लैंड माईंस"जिसके इस्तमाल से विस्फ़ोट, धमाका, मौतें, गाडियों के परखच्चे ... वगैरह वगैरह ..... "लैंड माईंस" एक ऎसा हथियार जिसके हमले से सामने वाली पूरी-की-पूरी टीम धवस्त और अपनी टीम पूरी तरह सुरक्षित ..... आज तक लगभग सभी नक्सली हमले "लैंड माईंस" के कारण ही सफ़ल हुये और पुलिस असफ़ल ......... नक्सली अक्सर "लैंड माईंस" के लिये कच्ची अथवा टूटी-फ़ूटी पक्की सडक का चयन करते हैं .... साथ ही साथ उस सडक के "जिग-जैक"... "यू" आकार ... या फ़िर उतार-चढाव वाले सडक के हिस्से का चयन खासतौर पर किया जाता है ..... ये कार्य अत्यंत गोपनीय तौर पर कुछ विशेष नक्सलियों की टुकडी द्वारा ही संपादित किया जाता है !


कस्‍तूरबा गांधी की जयंती पर आकांक्षा जी का यह आलेख देखें ... 
कहते हैं हर पुरुष की सफलता के पीछे एक नारी का हाथ होता है. एक तरफ वह घर की जिम्मेदारियां उठाकर पुरुष को छोटी-छोटी बातों से सेफ करती है, वहीँ वह एक निष्पक्ष सलाहकार के साथ-साथ हर गतिविधि को संबल देती है. महात्मा गाँधी के नाम से भला कौन अपरिचित होगा. उनकी जयंती से लेकर पुण्यतिथि तक बड़े धूम धाम से मनाई जाती है, पर जिस महिला ने उन्हें जीवन भर संबल दिया, उन्हें कोई नहीं याद करता. तो आज बात करते हैं गाँधी जी की धर्म पत्नी कस्तूरबा गाँधी की, जिनकी आज जयंती है.


ललित जी के ब्‍लॉगिंग से विदाई के दर्द से भरी पंक्तियों पर एक नजर ....
दर्द तेरे जाने का, कैसे सहूँगा मैं
ओ जाने वाले इतना कहूँगा मैं

कभी दिल कहे तो लौट आना,
ओ तेरे इंतजार में रहूँगा मैं

छोड़ चला है जिस घर को
वहाँ कैसे अकेला रहूँगा मैं 



संजीव तिवारी जी अपना नाम गलत लिखे जाने से परेशान हैं ....


ये सागर नाहर जी के साथ्‍ी ही क्‍यूं होता है ......




चौंक  गए ना ऐसा अजीबोगरीब शीर्षक पढ़ कर.. !
पिछले साल खाना बनाने के कटु अनुभव के बाद सोच लिया था कि इस बार पहले से ही तैयारी कर लेनी पड़ेगी, और हर्ष भी इस बार गाँव नहीं जाने की जिद कर रहा है। सो हम दोनों के पेट का बंदोबस्त तो करना ही होगा। सो इस बार पूर्व तैयारी के चलते यदा कदा सब्जी वगैरह बनाता रहता हूं। कई सब्जियों में तो अच्छी खासी मास्टरी हो गई है।
सखि आइल मधुऋतु आइल खुशिया छिटाइल हो
आली कंत न अइलैं तै कइसे बसंत मनाइब हो ॥

बैरिनि कुहुँकै कोइलिया कतेक समुझाइब हो
सखि बगिया निरखि रसवंती पगल होइ जाइब हो ॥

जाती की बेरियाँ कह्त गइलैं तोहै ना भुलाइब हो
रानी रखबै करेजवा की ओट पलकिया छिपाइब हो ॥
हास्य कवि और ब्लागर श्री अलबेला खत्री जी के लखनऊ पहुँचने की खुशी में लखनऊ ब्लागर्स  असोसिअसन और संवाद डाट काम हास्य कवि और ब्लागर  श्री अलबेला खत्री जी का सारस्वत सम्मान कर रही है. यह सम्मान समारोह दिनांक १२ अप्रैल को सुबह साढ़े नौ बजे सहारा ट्रेड सेंटर, पालीटेक्निक चौराहा, फैजाबाद रोड में भाव्य्तापूर्वक संपन्न होगा. लखनऊ के समस्त ब्लागर्स इस कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं
अपने जाने का समय आ गया हैं
हिंदी ब्लॉग जगत को बाय बाय

आशा करता हूँ हिंदी  ब्लॉगिंग  का  सर्वोतम  रूप  आएगा
और वो  मुझे  लौटने  के  लिए  विवश  करेगा
तब तक के लिए हिंदी ब्लॉगिंग से छुट्टी
उस दिन संगीता पुरी जी की वह पोस्ट पढ़ रहा था जिसमें उन्होंने बुद्धिजीवी ब्लॉगर भाइयों को प्रभावित करने में बुध ग्रह के एक प्रभाव की बात करते एक लेख लिखा था। ज्योतिष की अधिकतर शब्दावली तो अपने पल्ले नहीं पड़ती। सीधा सीधा जो कुछ समझ पाया उससे यह चिंतन करने बैठ गया कि अपने यहाँ किसको बुद्धिजीवी माना जाए :-)
ल मैं ने इस विषय पर पोस्ट लिखी थी कि विश्व होमियोपैथी दिवस और डॉ. हैनिमैन के जन्मदिवस पर होमियोपैथी का मेरे जीवन में क्या स्थान रहा है? इस पोस्ट पर आई टिप्पणियों में निशांत मिश्र ने कहा कि यह पद्धति जड़ संदेहियों के लिए नहीं बनी है। डॉ. अरविंद मिश्र, प्रवीण शाह और बलजीत बस्सी ने उन का समर्थन ही नहीं किया अपितु इसे अवैज्ञानिक बताया। प्रवीण शाह ने यह भी कहा कि "किसी भी वैज्ञानिक ट्रायल में यह पद्धति अपने आपको साबित नहीं कर पाई है।" जब मैं ने उन्हें इसे साबित करने को कहा तो उन्हों ने मुझे ब्रिटिश हाउस ऑव कॉमन्स की साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी कमेटी की 275 पृष्टों की रिपोर्ट भेज दी। 
मेरे गृहचाल चिंतित मित्रों,

कुछ माह हुए मुझे अपनी डायरी में कुछ तारीखें नोट करने को कहा गया था, ज्योतिष की एक नई शाखा के सिद्धान्तों की सत्यता परखने के लिये...

विद्वान ब्लॉग लेखिका ने यहाँ पर लिखा कि:-

आनेवाले दिनों में बडे रूप में मौसम में अचानक बदलाव लाने वाली तिथियां 6 और 7 अप्रैल 2010 है , कृपया इसे अपनी डायरी में नोट कर लें। गर्मियों के दिन होने के बावजूद ऐसी ही आंधी आएगी, आसमान में बादल बनेंगे और कहीं तेज बारिश होगी , तो कहीं छींटे भी पडेंगे। इस प्रकार का मौसम कम से कम 9 अप्रैल तक बना रह सकता है , वैसे 11 अप्रैल तक भी उम्‍मीद दिखती है। 

वक्‍त के महत्‍व पर खुशदीप सहगल जी लिखते हैं ....


वक्त बदलते देर नहीं लगती...जो आज है वो कल नहीं था...जो आज है वो कल नहीं रहेगा...

अमेरिका...दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र...

भारत...दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र...

अमेरिका को विश्व में सबसे बड़ी शक्ति माना जाता है...भारत विकसित देश बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है...ये स्थिति उलट भी सकती है...कैसे भला...वो ऐसे..



रविश कुमार जी की पोस्‍टों के माध्‍यम से अजीबोगरीब गलियों में घुम आइए ....

पहाड़गंज पर रिपोर्ट करने के सिलसिले में कटरा राम गली गया था। एक के ऊपर एक बने कमरे। २७ कमरों में पांच सौ लोग रहते हैं। एक कमरे में तीन शिफ्ट में परिवार सोता है। जीवन का ग़ज़ब का उत्सव दिखता है। लोगों ने जगह की तंगी के बाद भी कुत्ते पाल रखे हैं,मुर्गे हैं और छत पर सैंकड़ों कबूतर। आंगन की पूरी दीवार कपड़ों से ढंकी हुई है। एक सज्जन ने कहा कि पैंतीस रुपया किराया है। कोई वसूलने भी नहीं आता। किसी ने यह भी कहा कि मामला अदालत में है इसलिए ऐसा हाल है। लेकिन कटरों की ज़िंदगी की ख़ूबसूरती को नए सिरे से देखना चाहिए। इन तंग घरों की इतनी बेहतरीन सजावट की गई है कि क्या कहें। कोई जगह को लेकर रोता हुआ नहीं आया।


सभी पाठको को संगीता पुरी का राम राम ... फिर मिलेंगे अगले सोमवार !!

6 टिप्पणियाँ:

बहुत बढ़िया चर्चा, बधाई.

सबसे अच्छी चर्चाओं में से एक यह लेख, अछे लिनक्स के साथ साथ आपका अपना प्रभाव भी छोड़ता है ! शुभकामनायें !

संगीता जी, बहुत ही बढ़िया चर्चा की आपने...अनेकों बधाई..

Adaraneeya Sangeeta ji,
bahut achchhee aur sargarbhit charcha kee hai apane blogs kee hardik badhai.
Poonam

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