तुलसी भाई के आलेख आवाज़ पर पप्पू से पंगा नहीं देखा तो आपने कुछ नही किया आज़ यक़ीन मानिये कुछ भी नही..?
आज एक साथ अन्ना पर राज भाटिया जी के ब्लाग ब्लाग परिवार पर अंतर सोहिल ने जो पेश किया काबिल-ए-तारीफ़ है
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में आम आदमी को जोड़ने वाले 72 साल के सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे का मूल नाम किसन बापट बाबूराव हजारे हैं। अण्णा हजारे भारत के उन चंद नेताओं में से एक है जो हमेशा सफेद खादी के कपड़े पहनते हैं और सिर पर गाँधी टोपी ….….….
1990 में 'पद्मश्री' और 1992 में 'पद्मभूषण' से सम्मानित अण्णा की राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार विरोधी के तौर पर पहचान 90 के दशक में बनी, जब उन्होंने 1991 में 'भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन' ….….….….….
अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के पीछे ‘विदेशी’ हाथ की आशंका जातते हुए कांग्रेस ने बुधवार को अमेरिका के उस बयान पर सवाल खड़ा किया कि….….….
लोकपाल को व्यापक शक्तियाँ देने वाले भ्रष्टाचार निरोधक कानून लागू करने की माँग पर आमरण अनशन पर बैठे अण्णा हजारे को चहुँओर से समर्थन मिल रहा है। अण्णा का विरोध सरकारी बिल और जनलोकपाल बिल में व्याप्त असमानताओं पर…….….उधर देशनामा पर खुशदीप जी ने बताया
यानी
अन्ना का ज़ादू सर चड़ कर बोल रहा है. सायंस कालेज में एक प्रोफ़ेसर थे प्रभात मिश्रा जी मुझे असीम स्नेह दिया उनने एक दिन जब उनसे मिला था वे मुझसे बोले:- "तुम को एक स्तब्ध क्रांति-की आहट सुनाई नहीं दे रही ! गौर से सुनो एक दिन यही क्रांति एक दिन तस्वीर बदल देगी भारत की"
बीस बरस पुरानी बात. आज़ अक्षरस: सही साबित हो रही है. टुकड़ा-टुकड़ा तक़सीम भारत जुड़ा एक बार फ़िर से सियासत बौनी नज़र आ रही है . आपने यही देखा है न..?
कल को यही संसद आप का धार्मिक विशेषाधिकार ख़त्म कर दे या कश्मीर को आजाद कर दे क्या तब भी आप संसद की सर्वोच्चता की बात करेंगे - - - - - -mangopeople - देश में एक वर्ग ऐसा भी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहे आन्दोलन को बार बार ये कह कर ख़ारिज कर देता है की वो संसद के खिलाफ है एक लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में
अन्ना हजारे.. एक आंधी (भाग - 2 ) जो अब एक तूफ़ान बन गये हैं..तो कनु उदघोषित कर रही हैं हाँ मैं अन्ना नहीं हूं और
अब सुनिये एक गीत मेरे स्वरों में
मित्रों अन्ना हजारे का अनशन जनलोकपाल मुद्दे को लेकर चल ही रहा है| अनशन दिल्ली में है लेकिन उसकी आग देश भर में लगी हुई दिखाई दे रही है| मैं तो यहाँ जयपुर में देख रहा हूँ कि जो कहीं नहीं हो रहा वो कल दिनांक १८ अगस्त को जयपुर में हो गया| आन्दोलनकारियों ने सुबह से ही रैली निकालनी शुरू कर दी| इसमें यहाँ के व्यापारी भी शामिल थे| उन्होंने शहर भर में घूम घूम कर आधे दिन के लिए अन्ना के समर्थन में‚ दुकाने व बाज़ार बंद रखने की याचना लोगों से की| कोई जोर ज़बरदस्ती नहीं थी, जिसकी इच्छा हो वो बंद करे जिसकी इच्छा न हो वो न करे| अधिकतर दुकाने व बाज़ार कल बंद रहे|
अंत मे जानिये किरन बेदी को एक ब्लागर के रूप में बारास्ता मिसफ़िट
5 टिप्पणियाँ:
" tahe dil se sukriya sir ..khaskar is video ke liye ..umda video sir aur aapka bahut bahut sukriya ki aapne mere blog ko yahan sthan ke layak samja "
वाह ..
बहुत खूब !!
अच्छे लिंक्सों के लिए आभार !!
अच्छे से आपने कड़ियों को जोड़ा है...
अब तो यही ख्वाहिश है कि अन्ना स्वस्थ रहें और ये आंधी तूपान का रूप ले सड़े-गले, सूखे-कंटीले पेड़ों का सफाया कर दे।
जय हो, बढिया वार्ता के लिए आभार
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