रविवार, 28 अगस्त 2011

तेरी बोलती क्यों बन्द है,सवालों का चक्रव्यूह -------ब्लॉग4वार्ता-----संगीता पुरी

सभी पाठकों को संगीता पुरी का नमस्‍कार , लोकपाल मामले में अन्‍ना की जीत के बाद पूरे देश में जश्‍न का माहौल है। आखिरकार संसद के दोनों सदनों में सबों ने मेजें थपथपाकर लोकपाल के प्रस्‍ताव को पारित किया। इस तरह संसद सैद्धांतिक तौर पर राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति, लोकपाल के दायरे में सभी सरकारी कर्मचारियों को लाने और नागरिक चार्टर बनाने पर सहमत हो गयी है। उसके बाद केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार सीधे रामलीला मैदान पहुंचे । उन्‍होने 12 दिनों से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पत्र सौंपा। इस तरह भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लडाई में जनता की आधी जीत हो गयी , लोकपाल की पूरी जीत के लिए आंदोलन आगे भी चलता रहेगा । इस मांग को लेकर पिछले 12 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे रविवार सुबह 10 बजे अपना अनशन छोड़ेंगे। ताज्‍जुब की बात है कि देश के कोने कोने में हजारो , लाखों की भीड में अन्ना की अहिंसा की 12 दिन में कहीं कोई हंगामा नहीं हुआ। इतने शांतिपूर्ण ढंग से हुए इस आंदोलन ने भारत की जनता को जागरूक बना दिया है , इसमें कोई संदेह नहीं। इस जीत के लिए सभी भारतवासियों को बहुत बहुत बधाई । उम्‍मीद है , आगे भी वे जन समस्‍याओं को सुलझाने में ऐसे ही एकजुट बने रहेंगे , असीम शुभकामनाएं !!!!


देश के लिए मरना बड़ी बात नहीं है अन्ना जी ! देश के लिए जीना बड़ी बात है ...इसलिए अब आप अनशन त्याग दीजिये.......प्लीज़* * * आदरणीय अन्ना जी ! जिस महान मकसद के लिए आपने कदम उठाया था वह लगभग हासिल हो चुका है . भले ही अभी काम पूरा नहीं हुआ लेकिन जितना हुआ है वह ऐतिहासिक है और अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है . वह कोई कम...शमा हूँ मै...ल्क के चंद टुकड़े जोड़ इस चित्र की पार्श्वभूमी बनाई. उस के ऊपर दिया और बाती रंगीन सिल्क तथा कढाई के ज़रिये बना ली. फ्रेम मेरे पास पहले से मौजूद थी. बल्कि झरोखानुमा फ्रेम देख मुझे लगा इसमें दिए के सिवा औ... कल सुनना मुझे -मान्यवर, 4 सितम्बर,2011 को अपराह्न 3 बजे जमशेदपुर वीमेन्स कालेज (Faculty of Education) के हॉल में युवा कवि सुशील कुमार की नवीनतम कविता-पुस्तक और उनकी कविताओं पर काव्य-विमर्श और काव्य-पाठ का एक .


.कुंवर प्रीतम के नए मुक्तक 1 मिटाकर बस्तियां अपना बनाया घर तो क्या मानी मुकद्दर के यही मानी अगर हैं तो हैं बेमानी रहेगी उम्र भर रौशन ये दुनिया शोहरतों वाली अगर ये सोच रक्खा है तो है ये सोच बेमानी कुंवर प्रीतम 2 नयन में नीर,दिलों में...तुलसी की व्यथा आज आँगन की तुलसी , क्यों उदास है ! शायद उसको भी , घर के बटबारे का आभास है | जब से दिलों के बीच , दूरियों बढ़ने लगीं थीं | तभी से उसकी जड़ें , कमज़ोर पड़ने लगीं थीं| कल जब आँगन में बटबारे की दीवार उठाई ...सरकार ने तोडा वायदा, नहीं होगी जनलोकपाल पर संसद में वोटिंग टीम अन्ना ने कहा कि कल उन्हें यह भरोसा दिया गया था कि आज संसद में वोटिंग होगी लेकिन संसद में वोटिंग नहीं हो रही। प्रशांत भूषण ने कहा कि हमें अभी यह बताया गया है कि इस पर वोटिंग नहीं होगी। बहस नियम 193 के...आदमखोर  कहानी संग्रह आदमखोर (दहेज विषयक कहानियाँ) संपादक डॉ0 दिनेश पाठक ‘शशि’ संस्करण : 2011 मूल्य : 150 प्रकाशन : जाह्नवी प्रकाशन विवेक विहार, शाहदरा दिल्ली-32 शब्द संयोजन : सागर कम्प्यूटर्स, मथुरा ---- मकड़ जाल ...

सन्देश मिला कल सहसा यह सन्देश मिला सूने-से युग के बाद मुझे कुछ रोकर, कुछ क्रोधित हो कर तुम कर लेती हो याद मुझे । गिरने की गति में मिलकर गतिमय होकर गतिहीन हुआ एकाकीपन से आया था अब सूनेपन में लीन हुआ । यह ममता का वरदान ...नदी में ज्वार. नदी में ज्वार आया पर तुम आये कहाँ खिडकी दरवाजा खुला है पर तुम दिखे कहाँ पेड़ों की डालियों पर मुझे देख कोयल कूके पर आज भी तुम दिखे नही आखिर तुम हो कहाँ सजी-धजी मंदिर जाऊं पूजा करूँ सजदा करूँ कभी तो पसीजोगे तु...पूज्य दादाजी को श्रद्धांजलि मेरे पूज्य दादाजी को १७वी पुण्य तिथि में सादर श्रद्धांजलि | चरणों में आपके सर नवाते रहेंगे, संस्कारों को आपके निभाते रहेंगे, गुजारिश है आपसे, सदा कृपा बनाये रखना, हृदय से सुमन भेंट हम चढाते रहेंगे | करता...क्या अन्ना की मौत की प्रतीक्षा में है सरकार ?आज अन्ना के अनशन का १२ वां दिन है लेकिन सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल कानून लाने और पास कराने को लेकर बिलकुल भी संजीदा नहीं दिख रही.उसे इस बात की जरा-सी भी चिंता नहीं है कि अगर अनशन की शरशैय्या पर लेट...

यू एस से सन्देश, सुनो छल-सिब्बल प्यारे Sonia Gandhi undergoes surgery, skips Parliament session In US for surgery, Sonia Gandhi gives Congress keys to Rahul नालायक औलाद को, लगे न कोई पाप | डन्डे-ब...ख़ामोशी कि जुबानीशांत बैठी लहरों को तब तक कोई कहाँ जान पाता है | सागर कि उठती लहरें ही तो कराती है प्रलय का भान | गगन में विचरते बादलों को भी तब मिलता है सम्मान | गरज - बरस भिगो धरा को जब करते हैं वो अपना काम | ...दिग्विजय सिंह तेरी बोल्ती क्यों बन्द है काग्रेस का कुटिल चेहरा दिग्विजय सिंह आजकल कौन सी मौन गुफा मे आराम कर रहा है रामदेव बाबा के खिलाफ जहर उगलने वाला अण्णा की आधी से डरकर अपनी दुम दबाकर न जाने किस गुफा मे सर पट्क रहा होगा शायद काग्रेस के रिंग... ईमानदारी और कर्मठता की नई परिभाषा............!!!! अंदाज ए मेरा: ईमानदारी और कर्मठता की नई परिभाषा............!!!!: टेलीविजन में इन दिनों एक ही खबर दिख रही है। ये कह सकते हैं, एक ही खबर बिक रही है। बिक रही है, इसलिए कह रहा हूं कि हमारे देश के न्‍यूज चै...

नेताओं से कुछ नहीं होगा मैं पिछले डेढ़ बर्ष से इस ब्लॉग लेखन में हूँ ! इन डेढ़ बर्षों में मुझे बहुत सारे अच्छे अनुभव हुए , कई बरिष्ठ लेखकों का मार्गदर्शन मिला , साथ ही कई नवीन ब्लोगर्स का प्रेम और स्नेह मिला जो मुझे आगे लिखने के ...भाषण राहुल गाँधी का लम्बा भाषण संसद में कितनो को पसंद आया ? मुझे नहीं आया लगा जैसे उन्होने देश को नाना की जागीर समझ लिया हैं जिस का ट्रस्ट बना कर वो उसके ट्रस्टी बनना चाहते हैं ताकि आजीवन उस से खा पी सके और ...फिर वही शब्दों का विहंगम जाल..........शब्दों की भी एक सीमा होती है कहने की भी एक हद होती है... पर हम कहाँ चुकने देते हैं शब्दों को , उसमें रंग भरते रहते हैं , फिर उसे नया अंदाज देते हैं ... कहने की हद ! होती तो है , पर हम हदों को कहाँ मानत...जंतरमंतर से रामलीला मैदान तक एक आंदोलनअण्णा हज़ारे के "आन्दोलन" को लेकर यह आलेख हमारे कबाड़ी साथी शिवप्रसाद जोशी ने दोएक दिन पहले भेजा था. कुछ तकनीकी परेशानियों के चलते मैं इसे आज लगा पा रहा हूं. जंतरमंतर से रामलीला मैदान तक एक आंदोलन -शिवप...

ड्राफ्ट के इस क्राफ्ट में एक ड्राफ्ट यह भी ...........ड्राफ्ट के इस क्राफ्ट में एक ड्राफ्ट यह भी ...........* * * *कौन कौन लोकपाल विधेयक के दायरे से बाहर होने चाहिए ................* * * *पी. एम्., सी. एम्., डी एम् * *सरकारी कर्मचारी, * *बड़े अधिकारी, * *संसद...मुम्बई की सैर :--मेरी नजर में ( 5 ) **" ये है बाम्बे मेरी जान " * *"इस्कॉन" * *कृष्ण जन्मअष्टमी *पर आपको मैं ले चलती हूँ .....बाम्बे के *हरे रामा हरे कृष्णा *मंदिर ..जिसे इस्कॉन भी कहते हैं --- *मुम्बई की सैर :--...पर तुम उन अच्छाईयों में ज़िन्दा रहोगे...डॉ अमर (साभार सतीश सक्सेना) सतीश सक्सेना भाई जी से डॉ अमर कुमार का खास लगाव था...ठीक एक दोस्त की तरह...दोस्त की तरह ही कभी कभी टांग खिंचाई भी...लेकिन ये सतीश भाई ही थे जिनसे डॉक्टर साहब ने पहली बार ज़िक्र किया था कि उनके मुंह के कैं...अन्ना का अनशन ! स्वराज्य करुण * कई दिनों से चल रहा है अन्ना का अनशन ,अधिकार और कर्तव्य या स्नेह और प्रेम ...सवालों का चक्रव्यूह ! व्यक्ति परिवार की तो परिवार समाज की महत्वपूर्ण इकाई है । इनमे से एक के बिना दूसरे की कल्पना नहीं की जा सकती । वही किसी भी परिवार की मुख्य धुरी माता - पिता या पति -पत्नी हैं । जैसा कि हमारे समाज में पित्रसत्... 

फ़ुरसत में … “स्टुपिड ? कॉमन मैन !” “ए वेन्ज़्-डे” फिल्म में अधिकांश डायलाग बड़े चुटीले हैं। इसके “स्टुपिड कॉमन मैन” को पहले “ही इज गुड” और अन्त में “ही इज नॉट जस...अन्ना हजारे के आन्दोलन के साथ अब कोई राजनीतिक दल नहीं है. शेष नारायण सिंह नई दिल्ली ,२६ अगस्त आज लोक सभा में औपचारिक और गैर औपचारिक स्तर पर एक दम साफ़ हो गया कि भारतीय जनता पार्टी अन्ना हजारे की टीम की तरफ से पेश किये गए जान लोक पाल बिल का समर्थन नहीं करती है ...त्रिवेणी खुद से बाहर खोजा तो खोया ही खोया * *खुद में अगर झाँका तो पाया ही पाया * * * *एहसासों कि दुनिया खुद से बाहर नहीं मिलती !!* 2012 जुलाई के बाद शनि की ढैय्या समाप्‍त हो रही है ... जीवन में सुधार होगा !! पाठकों के प्रश्‍नों के उत्‍तर देने के क्रम में ही आज का यह लेख है। जब से मैं ब्‍लॉग जगत में आयी हूं , व्‍यक्तिगत समस्‍याओं के लिए पाठक मेल करते ही रहते हैं। 28 मई 2009 को ही मेरे पास एक ईमेल आया .... NA...

शहरों की मारामारी में मारामारी में सारे मोल गए सत्य अहिंसा दया धर्म अवसरवादों ने लूटे सरकारी दावे औ’ वादे सारे निकले झूठे भीड़ बहुत थी अवसर थे कम जगह बनाती रहीं कोहनियाँ घुटने बोल गए सड़कें गाड़ी महल अटारी सभी झूठ से ...हाईवे के ट्रक कभी भारी भरकम ट्रकों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर भागते देखा है? देखा होगा और उससे पीड़ित भी हुये होंगे पर उनके चरित्र पर ध्यान नहीं दिया होगा। सामने से आते ट्रक आपको अपनी गति कम करने और बायें सरक लेने को विव...ऐसे नेताओं से डाकू अच्छे हँसमुखजी मशहूर डाकू थे लाखों का इनाम सर पर लिए घूमते थे एक नेता की बातों में आ गए हथियार डाल दिए सज़ा काट कर बाहर आये नेताजी की चिकनी चुपड़ी गिरगिटी बातों में फँस गए देश सेवा के लिए उनकी पार्टी में शाम...एक आन्दोलन जिसने देश में भावनात्मक एकता कायम की एक तीर से कई निशान* अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग क्या छेड़ा पूरा भारत उनके पीछे खड़ा हो गया . देश में भ्रष्टाचार के अलावा और कई ज्वलंत मुद्दे है जिससे देश की आत्मा बेचैन है जैसे आतंकवाद , नक...

7 टिप्पणियाँ:

संगीता जी, आज तो वार्ता में काफी लिंक समेत दिए. अब यही से शुरुवात करते हैं पढ़ने की. आज़ादी की दूसरी लडाई की जीत की हार्दिक शुभकामनाएं..

बहुत ही उत्तम वार्ता प्रस्तुत की है आपने संगीता जी, बधाई !
मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार.........

सुन्दर लिंक्स से सजी सार्थक वार्ता।

अच्छे लिंक के साथ आज बहुत ही बढ़िया वार्ता प्रस्तुत की हैआपनें,धन्यवाद.

dhanyvad isse bahut gyan prapt hua english me to dekh kar aage badh jate he ise to padhte he

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