शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

हिजड़ों की हुकार







अखबार ब्लाग क्यों छापते हैं..? कभी इस बारे में सोचा ज़रूर होगा क्या ये भी सोचा कि कौन से ब्लाग छपते हैं ? जी यहां मैंने जो सोचा उसे शेयर कर रहा हूं
सबसे सामयिक :- जी सबसे सामयिक ब्लाग छापे जाते हैं 
जो सहजता से मिल जाएंजिन तक पहुंचने का रास्ता आपरेटर को मालूम हो जो सर्च एंजिन पर ताज़े होंजिन ब्लागस की शैली सहज सहज प्रवाहमयी एवम  बोध गम्य हो  (पाठक एवम सम्पादक के लिये..?)   आज़ के ब्लाग पाबला जी की साइट से ऐसे ही कुछ  ब्लाग्स के बारे में छपा है यकीन आया न.. .पर कुछेक समाचार पत्र उन ब्लागस को लेते हैं जिसके स्वामी उस अखबार के क़रीबी हैं.. इतना तो चलता है अब भाई घुटना घुटने की तरफ़ ही तो मुड़ेगा न.. ?  
  1. बरसात की एक रात का चिंतन: जनसत्ता में ‘ललितडॉटकॉम’
  2. बेशर्म और ढीठ सरकार से यही उम्मीद: पीपुल्स समाचार में ‘एकला चलो’
  3. चौंसठ बरस दगाबाजी के: डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट में ‘क्रांतियाँ इंजिन का काम करती हैं’मंहगाई की सुनामी में धधकता पेट्रोल:
  4.  दैनिक जागरण में ‘Zeal’जस्टिस हेगड़े की मजबूरी:
  5.  जनसत्ता में ‘जंतर-मंतर’
  6. जनसंदेश टाइम्स में ‘सुज्ञ’हिना जी से चेन स्नैचिंग:
  7.  डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट में ‘दिल्ली दा मामला’              
 तो अब चलते हैं उन ब्लाग्स की ओर जिन की खास तौर से चर्चा करनी है.....
  1.  का ब्लाग पर एक सप्ताह पुरानी पोस्ट लगी है..
  2. युवा सन्यासी ...ताऊ डाट इन पर इब सिर्फ़ खूंटै पै पढो
  3.  चोखेर बाली  पर कुछ सवाल हैं आपके जवाबों के इंतजार में
  4. हिजड़ों की हुकार भड़ास पर
  5. वंदना गुप्ता की पोस्ट  नुक्कड़ सामूहिक ब्लाग पर  देखिये चोरबाजारी का 
  6. आलम धान के देश में!  सावन की परिभाषा सावन का पावन प्रणय-मास! 
  7. बार बार ये दिन आये जन्मदिन की बधाई.. 
  8.  नतीजा फिर भी वही…ठन्न…ठन्न…. गोपाल-राजीव तनेजा 
  9. स्पर्श पर अनकही बातें 
 आज़ नागपंचमी के अवसर पर मेरे लिये कच्चा दूध कब फ़्रीज में रखा है पी के आता हूं तब तक के लिये हिस्स हिस्स.. फ़ूं फ़ूं फ़ुस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स....

9 टिप्पणियाँ:

अच्‍छे लिंक्‍स मिले .. सबों को नागपंचमी की बधाई !!

अच्छी लिंक्स और सटीक चर्चा |
बधाई
आशा

शीर्षक सोचने पर मजबूर कर गया ......!

bahut sunder links
dhanyevad
mera blog link lene ko
hirday se aabhar

हमारा ब्लॉग पर का ...क्या कहें . दिन भरे लगे रहते हैं ..php ,java ..करने में .. अब उका कोई छपे तो माने ..

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