आप सबों को संगीता पुरी का नमस्कार , स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर हिंदी ब्लॉगरों ने ख्ूब लिखा है। सरकार जहां एक ओर स्वतंत्रता दिवस – 2011 मनाने की तैयारी और इंतजाम जोर शोर से कर रही है , वहीं अन्ना हजारे के अनशन की चिट्ठी आई है ! PM के नाम ! ने उसकी होश उडा दी है। इसके बाद सरकार ने अन्ना हजारे के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया है। हम कैसे मान सकते हैं कि अन्ना---तुम वाकई चोर हो!!! हां , यह जरूर मान सकते हैं कि नाममात्र के लिए ही यहां "लोकतंत्र है...." आखिर यह कैसा है फैसला : कैसा इन्साफ ? ताज्जुब तो है ही कि एक आम आदमी से, डरी सरकार क्यों ?......... इसके विरोध में अन्ना गांधी वर्सेस ..अदर.गांधी.....? अन्ना हजारे ने कहा कि उनके पीछे कोई सरकारी पार्टी नहीं खड़ी है। अन्ना हजारे ने कहा कि अब अगर सरकार की दम है तो मेरे ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित करके दिखाए। सरकार ने हमारे सुझावों को लोकपाल बिल के ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया। इसके बाद अनशन ही एकमात्र उपाय बचा है। इस तरह जाने वाले हैं ... आमरण अनशन पर अन्ना हजारे : आजादी की दूसरी लड़ाई तो नहीं ही है यह !!!
नेता आज आजादी का अत्यानंद ! मना रहे हैं और आम जन ढूँढ रहा हैं आज़ादी को । लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराने वालों को पूछना होगा कि उनके लिए आजादी के मायने क्या हैं ?? 1947 की स्वतंत्रता का समझौता और वास्तविक स्वतंत्रता में काफी अंतर है। बी एस पाबला जी ने फेसबुक पर लिखा है ... स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अन्ना-सरकार प्रसंग देख बेचारे अंग्रेजों पर तरस आ रह .. सरकार के इस रूख को देखते हुए हमें यह सोंचना ही होगा क्या आप आजाद हैं ?? . यही कहा जा सकता है कि हमारे हाथ में मात्र आज़ादी का झुनझुना ही है। बस ऐसे ही नाम मात्र के लिए हम स्वतंत्र हैं ................?
उन्हें स्वाधीनता की सीख इस बरगद का पेड़ से लेनी चाहिए। आजाद भारत की प्रमुख समस्याएं तो देखिए। इसलिए तो लाल क़िले पर अमर तिरंगा न फहराने की इच्छा रखते हुए अजय कुमार झा जी फेसबुक पर लिखते हैं .. मुझे लगता है कि पिछले पचास साठ सालों से किले की बुर्ज पर झंडे फ़हरा फ़हरा के , फ़हराने वाले खुद को भी किले जितना ऊंचा ही समझने लगे हैं , अब इस परंपरा को बदल कर , खेतों में झंडा फ़हरा के ..आज़ादी पर्व मनाया जाए तो कैसा हो ...हर साल ...देश के किसी गांव का खेत ...और सलाम करता पूरा देश ..... उन्हें यह समझना चाहिए कि यह पवित्र तिरंगा सिर्फ और सिर्फ हमलोगों का है । यदि ऐसा माहौल न मिला तो हम आज़ादी का जश्न मनाएं या यह डरपोक-भयभीत लोगों का एक दिन....! होकर रह जाएगा।
खोखले दावों पर हम कितने दिनों तक कहते रहेंगे कि हमारी यह जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है - 15 अगस्त के खास मौके पर बहुत सारे लोगों को आज वतन याद आया है। सब रविन्द्र नाथ टैगोर का संपूर्ण और शुद्ध जन-गण-मन गीत सुन रहे हैं। पर सिर्फ आज़ादी का गीत ...... गाने से कुछ नहीं होने वाला। आम जनता के साथ ही जनलोकपाल पर ब्लार्ग्स की राय! एक ही होनी चाहिए। इसलिए ब्लोगरों को भी चुप नहीं रहना चाहिए , हे लेखकों हे कवि बजाओ... अपनी भी अब। सरकार को यदि लोकपाल से एलर्जी है,कोई बात नही!कम से कम चुनाव लड़ने के लिये सरकारी स्कूल में पढना और सरकारी अस्पताल में इलाज़ करना ज़रूरी कर दो!
सरकार खुद ही सोंचे क्या गांधी के सपनों का भारत क्या आज है ? ? कुछ लोगों को शक है कि सरकार अन्ना हजारे को अनशन स्थल से उठा भी सकती है . इसलिए सबको साथ रहना है। अन्ना हजारे ने जनता से अपील भी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में जो उनके साथ है वो 16 अगस्त को जेपी पार्क जरूर पहुंचे। अब हम तभी चैन लेंगे जब देश का नया जन्म होगा ... यदि हम यहां पे हम साथ खडे नहीं हुए अब हम खुद से आज़ाद कभी नहीं होंगे !! अब आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ एक गीत सुनाती हूं ....
जय हिन्द। जय हिन्द की सेना,
नेता आज आजादी का अत्यानंद ! मना रहे हैं और आम जन ढूँढ रहा हैं आज़ादी को । लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराने वालों को पूछना होगा कि उनके लिए आजादी के मायने क्या हैं ?? 1947 की स्वतंत्रता का समझौता और वास्तविक स्वतंत्रता में काफी अंतर है। बी एस पाबला जी ने फेसबुक पर लिखा है ... स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अन्ना-सरकार प्रसंग देख बेचारे अंग्रेजों पर तरस आ रह .. सरकार के इस रूख को देखते हुए हमें यह सोंचना ही होगा क्या आप आजाद हैं ?? . यही कहा जा सकता है कि हमारे हाथ में मात्र आज़ादी का झुनझुना ही है। बस ऐसे ही नाम मात्र के लिए हम स्वतंत्र हैं ................?
उन्हें स्वाधीनता की सीख इस बरगद का पेड़ से लेनी चाहिए। आजाद भारत की प्रमुख समस्याएं तो देखिए। इसलिए तो लाल क़िले पर अमर तिरंगा न फहराने की इच्छा रखते हुए अजय कुमार झा जी फेसबुक पर लिखते हैं .. मुझे लगता है कि पिछले पचास साठ सालों से किले की बुर्ज पर झंडे फ़हरा फ़हरा के , फ़हराने वाले खुद को भी किले जितना ऊंचा ही समझने लगे हैं , अब इस परंपरा को बदल कर , खेतों में झंडा फ़हरा के ..आज़ादी पर्व मनाया जाए तो कैसा हो ...हर साल ...देश के किसी गांव का खेत ...और सलाम करता पूरा देश ..... उन्हें यह समझना चाहिए कि यह पवित्र तिरंगा सिर्फ और सिर्फ हमलोगों का है । यदि ऐसा माहौल न मिला तो हम आज़ादी का जश्न मनाएं या यह डरपोक-भयभीत लोगों का एक दिन....! होकर रह जाएगा।
खोखले दावों पर हम कितने दिनों तक कहते रहेंगे कि हमारी यह जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है - 15 अगस्त के खास मौके पर बहुत सारे लोगों को आज वतन याद आया है। सब रविन्द्र नाथ टैगोर का संपूर्ण और शुद्ध जन-गण-मन गीत सुन रहे हैं। पर सिर्फ आज़ादी का गीत ...... गाने से कुछ नहीं होने वाला। आम जनता के साथ ही जनलोकपाल पर ब्लार्ग्स की राय! एक ही होनी चाहिए। इसलिए ब्लोगरों को भी चुप नहीं रहना चाहिए , हे लेखकों हे कवि बजाओ... अपनी भी अब। सरकार को यदि लोकपाल से एलर्जी है,कोई बात नही!कम से कम चुनाव लड़ने के लिये सरकारी स्कूल में पढना और सरकारी अस्पताल में इलाज़ करना ज़रूरी कर दो!
सरकार खुद ही सोंचे क्या गांधी के सपनों का भारत क्या आज है ? ? कुछ लोगों को शक है कि सरकार अन्ना हजारे को अनशन स्थल से उठा भी सकती है . इसलिए सबको साथ रहना है। अन्ना हजारे ने जनता से अपील भी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में जो उनके साथ है वो 16 अगस्त को जेपी पार्क जरूर पहुंचे। अब हम तभी चैन लेंगे जब देश का नया जन्म होगा ... यदि हम यहां पे हम साथ खडे नहीं हुए अब हम खुद से आज़ाद कभी नहीं होंगे !! अब आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ एक गीत सुनाती हूं ....
जय हिन्द। जय हिन्द की सेना,
27 टिप्पणियाँ:
vaah sangitaa ji vaah.............. svtntrta divas mubark ho .akhtr khan akela kota rajsthan
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बहुत सुंदर चर्चा...शामिल करने का आभार........ स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
अच्छी व सटीक पोस्ट बधाई |स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा
Good Presentation. Thanks for referring my Post.
संविधान जिन्होनें पढ़ा है .....
अन्नाजी को कटहरे में खड़े करने वालों से सीधी बात -
अन्नाजी ने संविधान नहीं पढ़ा है ,वह जो चाहे बोल देतें हैं ?
मेरे विद्वान दोश्त कपिल सिब्बल जी ,संविधान इस देश में जिन्होनें पढ़ा था उन्होंने इमरजेंसी लगा दी थी .और संविधान में यह कहाँ लिखा है ,कि किसी व्यक्ति की उम्र नहीं पूछी जा सकती ,उससे ये नहीं कहा जा सकता ईश्वर ने आपको सब कुछ दिया है ,अब आप उम्र दराज़ हो गए राष्ट्र की सेवा करो ।आपके पास नैतिक ताकत है ,आप ईमानदार हैं .
संविधान में यह भी मनाही नहीं है कि एक साथ चार -मूर्खों को मंत्री बना दिया जाए ,और एक षड्यंत्र रच के १४ अगस्त की शाम एक साथ सारे एक ही स्वर में ,एक ही आरोह अवरोह में झूठ बोलना शुरु करें ।
और ये कौन से सावंत की बात हो रही है अदालत तो राखी सावंत भी लगातीं थीं ?
क्या किसी नैतिक शक्ति से संचालित होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने की संविधान में मनाही है या फिर प्रजातंत्र में यह नैतिक शक्ति ही उसे प्रासंगिक बनाए रहती है ?
किसी नवीन चावला को भी संविधान के ऊपर थोपने की मनाही नहीं है ।
विदूषी अंबिका सोनी जी कहीं संजय गांधी जी की तो बात नहीं कर रहीं ।?गांधी तो वह भी थे .
महात्मा गांधीजी को तो यह हक़ हासिल था कि वह पंडित नेहरु या सुभाष चन्द्र बोस की उम्र पूछ सकें ।
ये काले कोट वाले सुदर्शन कुमारजी जांच तो भगत सिंह की भी करवा सकतें हैं -संसद में बम गिराने का असलाह और पैसे कहाँ से जुटाए थे ज़नाबभगत सिंह ने ?
सारे महानुभाव मय मनीष तिवारीजी ,सुदर्शन हैं ,सुमुखी हैं ,वाणी से इनकी अमृत झर रहा है ,संविधान में इसकी भी मनाही नहीं है इन्हें कुछ भी बोलने की छूट न दी जाए ।
"अनशन स्थल और अवधि वही जो सरकार बतलाये ,आन्दोलन वही जो सरकार चलवाए ।".
अन्ना का खौफ क्यों भाई ,कल को कोई अन्नभी मांगेगा ,अन्न कहेगा तो सरकार "अन्ना "समझेगी ?इस नासमझी की भी संविधान में मनाही नहीं है ?
आपको हार्दिक बधाई जन और सह भोक्ता हैं आपके अनुगामी हैं भाव "की सुन्दर प्रस्तुति ,समायोजन और चयन पर आपको हार्दिक बधाई . आपके ये उदगार जन उदगार हैं ,जन -गन मन हैं आज़ाद भारत का .एक साधारणीकरण हैं विरेचन हैं bhaav संसार का हम सभी सहभावित aur sah -bhoktaa hain ,aapke anugaami hain .
साल गिरह मुबारक यौमे आज़ादी की ।
http://veerubhai1947.blogspot.com/
रविवार, १४ अगस्त २०११
संविधान जिन्होनें पढ़ा है .....
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
Sunday, August 14, 2011
चिट्ठी आई है ! अन्ना जी की PM के नाम !
Sangita ji,
jay hind.... aapake sath sabhi desh vasiyo ko meri hardik badhai...
yaha aane se hame bahut khushi mili.... dhanyawad
संगीता जी, आपकी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस सुंदर चर्चा को देख, सुन, पढकर बहुत अच्छा लगा... आपको भी बहुत बहुत बधाई आज के शुभ दिन पर !
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,
बहुत अच्छी वार्ता के लिए आभार।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,
nice
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की शुभकानाएं
नीरज
बहुत रोचक प्रस्तुति..मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार..स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
अच्छा लगा !
सम्मिलित करने के लिए आभार ।
आप सभी को भी पावन पर्व की बधाई और शुभकामनाएँ।
KAMAAL KI PRASTUTI
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
ताई
आभारी हूं
.
.
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सुन्दर प्रस्तुति,
आभार आपका...
...
सुन्दर चर्चा तैयार किया है आपने.... बढ़िया लिंक मिले.... इस नाचीज को शामिल करने हेतु सादर आभार....
आपको, ब्लॉग वार्ता की पूरी टीम तथा समस्त ब्लॉगर मित्रों को राष्ट्र पर्व की सादर बधाईयाँ....
badhiya links ....lajwab prastutikaran
Bahut sunder chrcha or link bhi badhai !
nice post thanks
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