नमस्कार, नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी। कल श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार धूम-धाम से मनाया गया। आज गुगा नवमी है...... गोगादेव के जन्मस्थान ददरेवा, जो राजस्थान के चुरू जिले की राजगढ़ तहसील में स्थित है। यहाँ पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं। नाथ परम्परा के साधुओं के लिए यह स्थान बहुत महत्व रखता है। दूसरी ओर कायमखानी मुस्लिम समाज के लोग उनको जहर पीर के नाम से पुकारते हैं तथा उक्त स्थान पर मत्था टेकने और मन्नत माँगने आते हैं। इस तरह यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है।मध्यकालीन महापुरुष गोगाजी हिंदू, मुस्लिम, सिख संप्रदायों की श्रद्घा अर्जित कर एक धर्मनिरपेक्ष लोकदेवता के नाम से पीर के रूप में प्रसिद्ध हुए। लोक देवता जाहरवीर गोगाजी की जन्मस्थली ददरेवा में भादवा मास के दौरान लगने वाले मेले के दृष्टिगत पंचमी (सोमवार) को श्रद्धालुओं की संख्या में प्रतिवर्ष वृद्धि होती है। मेले में राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचाल व गुजरात सहित विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु पहुंचते हैं एवं अपनी मन्नत मानते हैं। चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर.....
जरा देखिये अन्ना हजारे जी का आन्दोलन देश के हर घर का आन्दोलन बन गया है जिससे पता चलता हैकी सच में लोग भ्रष्टाचार से किस कदर त्रस्त है. इस देश की आबो हवा में बेईमानी इस तरह रच बस गयी है और बेईमानी करने के लिए लोग दिमाग का किस तरह उपयोग करते है इसका एक उदहारण आपके सामने लाना चाहती हूँ. ये है बाज़ार में बिकने वाले फेस वाश जो अधिकतर दुकानों में उलटे रखे होते है याने की ढक्कन नीचे .ये पूरे भरे दिखाई देते है कीमत यही कोई ५५-६० रुपये के आसपास. निश्चित तौरपर इस कीमत पर भी कम्पनी इसपर मुनाफा कमाती होगी . इतनी बड़ी ट्यूब और कीमत ५५- ६० ठीक है चहरे की सुन्दरता के लिए खर्च की जाती है
ॐ भ्रांतिः भ्रांतिः भ्रांतिः मंत्र कविता ॐ शब्द ही ब्रह्म है ॐ शब्द और शब्द और शब्द और शब्द ॐ प्रणव, ॐ नाद, ॐ मुद्राएं ॐ वक्तव्य, ॐ उद्गार, ॐ घोषणाएं ॐ भाषण…. ॐ प्रवचन…. ॐ हूंकार, ॐ फटकार, ॐ शीत्कार ॐ फुसफुस, ॐ फुत्कार, ॐ चीत्कार ॐ आ... साहित्य सर्जकभगवान का ही कार्य है आज सत्य की विजय के लिए किये गये उन के कार्य को गौण बना कर भगवान की एक अनुचित छवि प्रस्तुत कर रहे हैं ये लोग जब कि भगवान ने बाल काल से आज योगिराज भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य दिवस है अत...
आस्था के नाम की मची है लूटकई दिनों से लगातार एक टीवी चैनल के एक विज्ञापन पर नजरें पड़ती हैं। शिव शक्ति कवच। हर मर्ज की दवा है यह शिव शक्ति कवच। इस कवच को लेने वालों को दिखाया जाता है कि कैसे उनको इस कवच को धारण करने के बाद परेशानियो...पनघट मैं जाऊं कैसे? सभी मित्रों को जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। पनघट मैं जाऊं कैसे, छेड़े मोहे कान्हा। पानी नहीं है, जरुरी है लाना।। बहुत हुआ मुश्किल, घरों से निकलना। पानी भरी गगरी को,सर पे ...
स्कूटर का जीवनआपको पता हैविवेकानन्द भी बीमार पड़ते थे? हम्म? शांति सोने के पहले के सारे काम ख़तम करके सोने की तैयारी कर रही थी। मगरपाखी की उलझनें अभी शेष थी। हाँ ममा, उनका लीवरख़राब रहता था और बुख़ार भी बहुत...क्या आपको अन्ना कहलाने का हक़ है ?आज सारे देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना लहर चल रही है । जहाँ भी देखो --अन्ना ही अन्ना । मैं भी अन्ना --तू भी अन्ना । अन्ना टोपी -अन्ना टी शर्ट --यहाँ तक कि अन्ना टैटू भी --जैसे एक फैशन सा बन गया है । ..
भ्रष्टाचार मिटाना हैघूंघट के पट खोल सखे. अन्ना-अन्ना बोल सखे.. भ्रष्टाचार मिटाना है, बात यही अनमोल सखे.. अचरज से सब देख रहे, सत्ता डांवाडोल सखे.. बच्चा-बच्चा फोड़ेगा, इन लुच्चों का ढोल सखे.. लोकपाल बिल लाएँगे, बम-बम, ब....भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए लंबा और सतत संघर्ष जरूरीअब ये सवाल उठाया जा रहा है कि क्या जन-लोकपाल विधेयक के ज्यों का त्यों पारित हो कर कानून बन जाने से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा? यह सवाल सामान्य लोग भी उठा रहे हैं और राजनैतिक लोग भी। जो लोग वोट की राजनीत...
नवभ्रष्ट लोचन भ्रष्ट मुख कर भ्रष्ट पद भ्रष्टारुणम्15 अगस्त 1947 के दिन, जब राष्ट्र ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर स्वतन्त्रता का हार पहना था, शायद ही देश के किसी व्यक्ति ने कल्पना की रही होगी कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब भ्रष्टाचार का भस्मासुर इस देश को भस्म क...पिछले अडताली घंटों की आंखों देखी ..झा जी ऑन स्पॉटमैं पहले ही ये बात कह चुका था कि न सिर्फ़ सोलह अगस्त से अन्ना हज़ारे को दोबारा अनशन पर बैठना होगा बल्कि अपनी आदत से मजबूर सरकार इस फ़ुंसी को जब तक असाध्य फ़ोडा नहीं बना देखेगी तब तक उसकी समझ में कुछ नहीं आएग...
कृष्णावतारकृष्ण ! कहा था तुमने जब जब होगी धर्म की हानि तुम आओगे धरती पर , आज मानव कर रहा है तुम्हारा इंतज़ार हे माखनचोर कब लोगे तुम अवतार ? तुम्हारा कोई रूप नहीं जाति नहीं देह नहीं सबके मन में तुम्ह...हिंदी ब्लॉग जगत के लेखकों और पाठकों को जन्माष्टमी की ढेरो शुभकामनाएं !!!!
चलते चलते व्यंग्य चित्र
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10 टिप्पणियाँ:
छोटी मगर सार्थक चर्चा ...
आभार एवं शुभकामनायें !
बहुत उम्दा....बधाई.
बहुत अच्छी वार्ता .. आभार !!
अच्छी वार्ता, आभार.
ab to in gubbaron ko fodnaa hi hoga bhrashtachar ki hawa jyada ho gai
बहुत सार्थक वार्ता ... आभार
जै अन्ना, जै चर्चा।
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लो जी, मैं तो डॉक्टर बन गया..
क्या साहित्यकार आउट ऑफ डेट हो गये हैं ?
बहुत सुन्दर...बधाई
अच्छी प्रस्तुति...
सूचना के अधिकार के समय बहुत देखा-सुना था... अब अफसरों ने उसकी भी धज्यिां उड़ा कर रख दी, और अब सत्ता भी नहीं डरती...
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