आप सबों को संगीता पुरी का नमस्कार , भारत की एक क्रांति का गवाह रामलीला मैदान बन गया है।जहां एक ओर दिल्ली के रामलीला मैदान में इतिहास लिखता हिंदुस्तान है , वहीं दूसरी ओर आज कलयुग के भगवान बने अन्ना , मंदिर बनाकर की जा रही है पूजा , अन्ना के अनशन का आज आठवां दिन है। अन्ना हजारे और लोकपाल विधेयक को लेकर जहां सरकार की नींद उडी हुई है , वहीं अन्ना की सेहत बिगड़ती जा रही है। उनके वजन में साढ़े पांच किलो की कमी हुई है। अन्ना के ब्लड और यूरीन में कीटोन की मात्रा काफी बढ़ गयी है। प्रधानमंत्री ने अन्ना की सेहत पर चिंता जताते हुए उनसे अनशन खत्म करने की गुजारिश की। पर अन्ना ने कहा है कि जब तक सरकार लोकपाल बिल नहीं बनाती वो अपना अनशन जारी रखेगें। अगर उनकी मौत से देश का भला होता है तो वो ऐसी ही मौत चाहते हैं। अन्ना की मौत हो भी नहीं सकती , क्यूंकि अब अन्ना हजारे नहीं अन्ना करोडों हो गए हैं। यही कारण है कि देश में हर जगह लोग चिल्ला रहे हैं .. हजारे जिंदाबाद , हजारे अमर रहे, जब तक सूरज चाँद रहेगा , हजारे तेरा नाम रहेगा। अब तो पूरा देश है अन्ना , क्यूंकि हर कोई कह रहा है , मैं अन्ना हजारे हूं । अब चाहे आंदोलन सफल हो या विफल सकारात्मक बदलाव तो होगा ही। अन्ना ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं करती है तो 30 अगस्त को पूरे देश में इससे भी बड़ा आंदोलन होगा।
कंचन सा तपने देश खडा है और उसके साथ ही खडे हैं हर धर्म और हर जाति के लोग। इस भ्रष्टाचार ने सारे देश को एक सूत्र में बांध दिया है , थैंक यू वेरी मच भ्रष्टाचार । सबकी बस एक ही मांग है , सरकार हमें हमारा लोकपाल दे दो । आखिर हिंदू मुसलमान में फर्क नहीं जानता भ्रष्टाचार , जाति पांति में फर्क नहीं जानता भ्रष्टाचार। हर कोई जानता है , किसका लोकपाल और किसका आंदोलन , सरकार के लिए पतली गली से निकल जाने के लिए भी कोई रास्ता नहीं बचा है। अन्ना हजारे के समर्थन में इतने लोग जुट जाएंगे और अन्ना का आंदोलन इतना विशाल होगा इस बारे में सरकार ने सपने में भी काफी नहीं सोचा था। पहले तो वे यही समझते थे कि नेता भवन्तु सुखिन: नेता सन्तु महामना । जो लोग पक्ष में नहीं थे , वे भी अबकह रहे हैं ,
अब तक मैं अन्ना को गाली दे रहा था! मैं गलत था!! अब इस आंदोलन को दबाने के लिए नहीं है कोई मां का लाल । वैसे सरकार भी भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहती है , बस नीयत में थोडा सा फर्क है। अब उनके (कु)तार्किक सवाल का (सु)तार्किक जवाब कैसे दिया जा सकता है। जनलोकपाल पर सवाल कितने जायज ? हो सकते हैं। अन्ना ने देश भर में अपने समर्थकों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों के घरों पर जाकर जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में धरना दें। इस तरह बस एक ही काम किया जा सकता है और वो है ....
फ़ैला दो इस आग को शोलों के सैलाब की तरह ,
कंचन सा तपने देश खडा है और उसके साथ ही खडे हैं हर धर्म और हर जाति के लोग। इस भ्रष्टाचार ने सारे देश को एक सूत्र में बांध दिया है , थैंक यू वेरी मच भ्रष्टाचार । सबकी बस एक ही मांग है , सरकार हमें हमारा लोकपाल दे दो । आखिर हिंदू मुसलमान में फर्क नहीं जानता भ्रष्टाचार , जाति पांति में फर्क नहीं जानता भ्रष्टाचार। हर कोई जानता है , किसका लोकपाल और किसका आंदोलन , सरकार के लिए पतली गली से निकल जाने के लिए भी कोई रास्ता नहीं बचा है। अन्ना हजारे के समर्थन में इतने लोग जुट जाएंगे और अन्ना का आंदोलन इतना विशाल होगा इस बारे में सरकार ने सपने में भी काफी नहीं सोचा था। पहले तो वे यही समझते थे कि नेता भवन्तु सुखिन: नेता सन्तु महामना । जो लोग पक्ष में नहीं थे , वे भी अबकह रहे हैं ,
अब तक मैं अन्ना को गाली दे रहा था! मैं गलत था!! अब इस आंदोलन को दबाने के लिए नहीं है कोई मां का लाल । वैसे सरकार भी भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहती है , बस नीयत में थोडा सा फर्क है। अब उनके (कु)तार्किक सवाल का (सु)तार्किक जवाब कैसे दिया जा सकता है। जनलोकपाल पर सवाल कितने जायज ? हो सकते हैं। अन्ना ने देश भर में अपने समर्थकों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों के घरों पर जाकर जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में धरना दें। इस तरह बस एक ही काम किया जा सकता है और वो है ....
फ़ैला दो इस आग को शोलों के सैलाब की तरह ,
कि एक एक आदमी सियासत को चुभे तेज़ाब की तरह ॥
अंत में पूरे ब्लॉग जगत के लिए एक दुखद खबर है , भगवान करे यह सच न हो...झूठ हो....डॉ. अमर कुमार जी जीवित ही हों , पर ऐसा नहीं है डॉ.अमर कुमार , अब अमर हो गए ! उनके चले जाने से ब्लॉगजगत की अपुरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनके परिजनों एवं मित्रो को दारुण दुख सहने की शक्ति दे एवं पुण्यात्मा को अपनी शरण में लेवे। उन्हे ब्लॉग4वार्ता की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!!!!
अंत में पूरे ब्लॉग जगत के लिए एक दुखद खबर है , भगवान करे यह सच न हो...झूठ हो....डॉ. अमर कुमार जी जीवित ही हों , पर ऐसा नहीं है डॉ.अमर कुमार , अब अमर हो गए ! उनके चले जाने से ब्लॉगजगत की अपुरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनके परिजनों एवं मित्रो को दारुण दुख सहने की शक्ति दे एवं पुण्यात्मा को अपनी शरण में लेवे। उन्हे ब्लॉग4वार्ता की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!!!!
12 टिप्पणियाँ:
लोकतंत्र को समर्पित है पूरी वार्ता .
अब तो लग रहा है कि इस आन्दोलन का लक्ष्य पूरा होकर ही रहेगा ....आपके प्रयासों को सलाम
डॉ अमर कुमार के समाचार से तुख हुआ.
बेहद दुखद ... हमारी हार्दिक श्रद्धांजलि !! भगवान् डा0 अमर कुमार के परिवार को इस दारुण दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें ... ॐ शांति शांति शांति ...
आज तो संगीता जी सारा आन्दोलन सारा आक्रोश यही उतार दिया ? बहुत बढ़िया .. हम भी साथ हें सदा ...
behtareen. mujhe shamil karne ke liye dhanyawad.
अमर कुमारजी को विनम्र श्रधांजलि ...
ये वार्ता का अन्दाज़ भी बहुत भाया।
Annamay varta ke liye abhar...
Dr. Amar kumar ko vinamra shraddhanjali.
सार्थक वार्ता… सादर आभार...
ज़बर्दत अंदाज़ है चर्चा का .......वाह
डॉ अमर कुमार का विछोह असह्य है . उनसे मिलने का सौभग्य मुझे कभी नहीं मिला, लेकिन मैं जिस व्यक्ति से एक बार मिलने का प्रबल इच्छुक था उसके असामयिक निधन से दुखी हूँ ...
विनम्र श्रद्धांजलि !
''भगवान करे यह सच न हो...झूठ हो....डॉ. अमर कुमार जी जीवित ही हों''
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