संध्या शर्मा का नमस्कार, एक दिवसीय अवकाश के बाद प्रस्तुत हैं कुछ चुनिन्दा ब्लॉग लिंक उम्मीद करती हूँ आपको भी पसंद आयेंगे....
ज़िंदगी की तपती हुई ज़मीं पर...!
बोलने से दूरियां बढ़ती हैं निकटता में शब्द बहुत कम होते हैं! बिना कहे ही समझ ली जाए बात ऐसे रिश्ते कम होते हैं! ज़िंदगी की तपती हुई ज़मीं पर कुछ हिस्से ही नम होते हैं! मिटा नहीं सकती समय की धार ऐस...
सच-झूठ पर दोहे
*कुँवर कुसुमेश* सच्चाई फुटपाथ पर, बैठी लहू-लुहान. झूठ निरंतर बढ़ रहा,निर्भय सीना तान. उन्नति करते जा रहे,अब झूठे-मक्कार. होगा जाने किस तरह,सच का बेड़ा पार. झूठ तुम्हारे हो गए,कितने लम्बे पैर. सच की इज़्..
"लेन्ज़ का नियम और मनुष्य"
"लेन्ज़ का नियम कहता है कि चुम्बकीय फ़्लक्स में परिवर्तन होने पर उत्पन्न ई.एम.एफ़.से प्रवाहित धारा की दिशा इस प्रकार क़ी होती है कि उससे उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र उस कारण का ही विरोध करता है .
कैसे तय होगा
जो मैं कहूँ वो तुम कहो - ज़रूरी नहीं फिर जो तुम कहते हो वही मैं भी कहूँ - क्यूँ ज़रूरी होता है ? मैं तो मानती हूँ कि विचारों की स्वतंत्रता ज़रूरी है अपना अपना स्पेस ज़रूरी है तुम भी मानते हो ... तभी मेरी...
मुर्गा लडाई का रोमांच
ज़िंदगी की तपती हुई ज़मीं पर...!
बोलने से दूरियां बढ़ती हैं निकटता में शब्द बहुत कम होते हैं! बिना कहे ही समझ ली जाए बात ऐसे रिश्ते कम होते हैं! ज़िंदगी की तपती हुई ज़मीं पर कुछ हिस्से ही नम होते हैं! मिटा नहीं सकती समय की धार ऐस...
सच-झूठ पर दोहे
*कुँवर कुसुमेश* सच्चाई फुटपाथ पर, बैठी लहू-लुहान. झूठ निरंतर बढ़ रहा,निर्भय सीना तान. उन्नति करते जा रहे,अब झूठे-मक्कार. होगा जाने किस तरह,सच का बेड़ा पार. झूठ तुम्हारे हो गए,कितने लम्बे पैर. सच की इज़्..
"लेन्ज़ का नियम और मनुष्य"
"लेन्ज़ का नियम कहता है कि चुम्बकीय फ़्लक्स में परिवर्तन होने पर उत्पन्न ई.एम.एफ़.से प्रवाहित धारा की दिशा इस प्रकार क़ी होती है कि उससे उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र उस कारण का ही विरोध करता है .
कैसे तय होगा
जो मैं कहूँ वो तुम कहो - ज़रूरी नहीं फिर जो तुम कहते हो वही मैं भी कहूँ - क्यूँ ज़रूरी होता है ? मैं तो मानती हूँ कि विचारों की स्वतंत्रता ज़रूरी है अपना अपना स्पेस ज़रूरी है तुम भी मानते हो ... तभी मेरी...
मुर्गा लडाई का रोमांच
स्पेन, पुर्तगाल और अमेरिका का बुल फायटिंग (सांड युध्द) का नजारा मैंने टीवी पर देखा है..... रोमांच का आलम वहां होता है इस खेल के दौरान पर पिछले दिनों मैंने उससे ज्यादा रोमांच देखा छत्तीसगढ के वनाचंल मे...
यह प्रामाणिक है परंतु प्रत्येक को अलग अलग बतलाऊं पासीबल नहीं है
दिनांक 17 दिसम्बर 2011 को दोपहर दो बजकर बीस मिनिट पर इंस्टीच्यूट लीवर एंड बायलरी साईसेंज, वसंत कुंज में लगाया गया है। इससे पहले 13 दिसम्बर से दो दो कैप्सूल Ribavirin and 1 capsule ..
क्या सिर्फ़ लिख कर ब्लागिंग की जाए : गिरीश बिल्लोरे मुकुल
पद्मसिंह जी के ब्लाग पद्मावलि से साभार * हिन्दी ब्लागिंग अब केवल लिपि आधारित ब्लागिंग नहीं रह गई है लोग आडियो-वीडियो ब्लागिंग के लिये भी आगे आ रहे हैं इनमें मध्य-प्रदेश सबसे अव्वल है इन्दौर से अर्चना चा...
महत्व ....
महत्व... आफिस में क्लर्क का, व्यापार में संपर्क का. जीवन में वर्क का, रेखाओं में कर्क का, कवि में बिहारी का, कथा में तिवारी का, सभा में दरवारी का,भोजन में तरकारी का. महत्व है,... ससुराल में साली का,बगीचे...
जिंदगी के मेलों में.......
जिंदगी के मेलों में, मैं देख रहा हूँ तमाशे कहीं ठेलों पर बिकती चाट, और कहीं पानी बताशे * खट्टा सा है स्वाद खुशी का ,कहीं गम मीठे लगते हैं जलजीरे मे कभी मिठास, कभी शर्बत तीखे लगते हैं पीना है फिर जीना है,ज..
मेरे मन की
मेरे दो अनमोल रतन .. - अरे कब बड़े हो गए पता ही नहीं चला ...... देखो तो जरा ----वही हैं ये .....
मैं और मेरी कवितायेँ...
अंतिम कविता... संध्या शर्मा - *सृष्टि के अंतिम दिन उसके और हमारे बीच कोई नहीं होगा तब मृत्यु एक कविता होगी एक अंतिम कविता बिना किसी भेद-भाव के स्वागत करेगी सबका उस दिन यह दुनिया न तेरी...
"मन काफी खिन्न है, रविवार को दक्षिणी फिलिपीन्स में आये भीषण तूफ़ान को लेकर. 652 की मौत और 800 लापता. मरने वालों की संख्या इसलिए ज्यादा है क्योंकि बाढ़ अचानक आई लोगों के घर में पानी तब घुसा जब वे गहरी नींद में सो रहे थे, मतलब वे सो गए मौत की गहरी नींद में... ईश्वर वहां की जनता को इस दुःख को सहने की शक्ति दे.... "
हाँ आप सभी से मिलने वाले प्यार और सहयोग के लिए आप सब का बहुत बहुत आभार और धन्यवाद !
सादर-
यह प्रामाणिक है परंतु प्रत्येक को अलग अलग बतलाऊं पासीबल नहीं है
दिनांक 17 दिसम्बर 2011 को दोपहर दो बजकर बीस मिनिट पर इंस्टीच्यूट लीवर एंड बायलरी साईसेंज, वसंत कुंज में लगाया गया है। इससे पहले 13 दिसम्बर से दो दो कैप्सूल Ribavirin and 1 capsule ..
क्या सिर्फ़ लिख कर ब्लागिंग की जाए : गिरीश बिल्लोरे मुकुल
पद्मसिंह जी के ब्लाग पद्मावलि से साभार * हिन्दी ब्लागिंग अब केवल लिपि आधारित ब्लागिंग नहीं रह गई है लोग आडियो-वीडियो ब्लागिंग के लिये भी आगे आ रहे हैं इनमें मध्य-प्रदेश सबसे अव्वल है इन्दौर से अर्चना चा...
महत्व ....
महत्व... आफिस में क्लर्क का, व्यापार में संपर्क का. जीवन में वर्क का, रेखाओं में कर्क का, कवि में बिहारी का, कथा में तिवारी का, सभा में दरवारी का,भोजन में तरकारी का. महत्व है,... ससुराल में साली का,बगीचे...
जिंदगी के मेलों में.......
जिंदगी के मेलों में, मैं देख रहा हूँ तमाशे कहीं ठेलों पर बिकती चाट, और कहीं पानी बताशे * खट्टा सा है स्वाद खुशी का ,कहीं गम मीठे लगते हैं जलजीरे मे कभी मिठास, कभी शर्बत तीखे लगते हैं पीना है फिर जीना है,ज..
मेरे मन की
मेरे दो अनमोल रतन .. - अरे कब बड़े हो गए पता ही नहीं चला ...... देखो तो जरा ----वही हैं ये .....
हौसले जब जवान होते हैं, ज़ेर पा आसमान होते हैं. ग़म को पीकर जो मुस्कुतारे हैं, आदमी वो महान होते ह...
बाल विवाहएक अभिशाप ......... - गुड्डे और गुड़ियों का व्याह जो रचाती है | अगले ही पल वह , ख़ुद दुल्हन बन जाती हैं | जो पिता नहीं कह पाती, वह पत्नी क्या कहलाएगी | जो दूध अभी पीती है, ...
हामी..मुस्कुराहट...धूप...मेरा आसमान और तुम... - ख्यालों की सिगरेट जलती जा रही थी... झड़ती जा रही थी तगाफ़ुलों की राख अचानक मैंने कहा तुम से ‘सुनो मेरी ओर से हां है...’ तुम ने मुस्कुरा के कहा, ‘मेरी तरफ ...
कालाधन ... - बिट्टू - चच्चू, काला धन क्या होता है ? चच्चू - बेटा ... कालाधन ... बोले तो, जो आम इंसान को दिखाई न दे ! बिट्टू - और सफ़ेद धन ? चच्चू - बेटा, वह जो आम इंसान...
दर्द तो होता रहता है, दर्द के दिन ही प्यारे हैं - जब चाहा इकरार किया, जब चाहा इनकार किया देखो, हमने खुद ही से, कैसा अनोखा प्यार किया. ऐसा अनोखा, ऐसा तीखा, जिसको कोई सह न सके हम समझे पत्ती पत्ती को, हमने ही ...
कुछ मीठा हो जाए ?--या फिर थोडा सा परोपकार ? - परोपकार करना चाहिए, ऐसा सभी कहते मिलेंगे लेकिन इस दिशा में प्रयासरत विरले ही होते हैं ! सभी अपनी-अपनी पूरी ऊर्जा के साथ कमाने में लगे हुए हैं! कोई धन कमा र..
अंतिम कविता... संध्या शर्मा - *सृष्टि के अंतिम दिन उसके और हमारे बीच कोई नहीं होगा तब मृत्यु एक कविता होगी एक अंतिम कविता बिना किसी भेद-भाव के स्वागत करेगी सबका उस दिन यह दुनिया न तेरी...
"मन काफी खिन्न है, रविवार को दक्षिणी फिलिपीन्स में आये भीषण तूफ़ान को लेकर. 652 की मौत और 800 लापता. मरने वालों की संख्या इसलिए ज्यादा है क्योंकि बाढ़ अचानक आई लोगों के घर में पानी तब घुसा जब वे गहरी नींद में सो रहे थे, मतलब वे सो गए मौत की गहरी नींद में... ईश्वर वहां की जनता को इस दुःख को सहने की शक्ति दे.... "
हाँ आप सभी से मिलने वाले प्यार और सहयोग के लिए आप सब का बहुत बहुत आभार और धन्यवाद !
सादर-
संध्या शर्मा
मिलते हैं अगली वार्ता पर...
6 टिप्पणियाँ:
बडी मेहनत से पोस्टें खोज खोज कर यह वार्ता सहेजी है।
वार्ता ने अनुशील को स्थान दिया... आभार!
अतिसुन्दर
उत्तम लिंक्स और वार्ता |बधाई
आशा |
रोचक वार्ता।
बहुत अच्छे अच्छे लिंक्स ..
सुंदर वार्ता !!
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