ललित शर्मा का नमस्कार, नया आने को है और पुराना वर्ष जाने को है। बस कुछ घंटे और बाकी हैं। उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है। हमने भी शुन्य से गिनती शुरु की थी 10 मार्च 2010 से ब्लॉग4वार्ता पर। आज 4 बजकर 29 मिनट पर 1,00,000 हिट्स के जादूई आँकड़े को वार्ता ने पार कर लिया। मध्य में वार्ता दल के सदस्यों के पास समय नहीं होने के कारण वार्ता पर पोस्ट नहीं आई, पर पाठकों का आगमन निरंतर जारी रहा। पाठकों की मांग पर वार्ता को हमें पुन: आरम्भ करना पड़ा। लगभग डेढ साल के कम समय में वार्ता ने अपना गरिमामय स्थान बनाया। समस्त पाठकों एवं वार्ता दल का आभार।
ब्लॉग जगत में किसी की ब्लॉग की लोकप्रियता को टिप्पणियों से आंका जाता है, लेकिन हमने पैमाना पृष्ठ दृश्य को बनाया। आज शाम 6 बजकर 7 मिनट पर अलेक्सा रैंकिग पर Global Rank 349,547 था और इंडिया रैंकिग 15,970 थी । सभी चिट्ठा चर्चाओं में वार्ता की रैंकिग सबसे अच्छी रही है। यह वार्ता की निरंतरता का परिणाम है। वार्ता ने बहुत झंझावात भी देखे, झंझावात के उस दौर में प्रारंभ के वार्ताकार संगीतापुरी जी, जी ने हौसला बढाने में बहुत मदद की। राजीव तनेजा जी, जी ने मित्र धर्म निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
यशवंत मेहता जी, ने वार्ता पर काफ़ी समय दिया। जब मई माह 2010 में दिल्ली यात्रा पर था तो राजकुमार ग्वालानी जी ने निरंतर वार्ता कर इसका क्रम नहीं टूटने दिया। इसके बाद ताऊ जी, शिवम मिश्रा जी, गिरीश बिल्लौरे जी (पॉडकास्टर) देवकुमार झा जी, अजयकुमार झा जी, रुद्राक्ष पाठक, सूर्यकांत गुप्ता जी ने अपना बहुमुल्य समय देकर वार्ता को उंचाईयों तक पहुंचायाअब बार्ता पर संध्या शर्मा जी सक्रीय योगदान दे रही हैं एवं केवल राम जी भी वार्ताकार की भूमिका निभाने को तैयार हैं। विश्वास है वार्ता निरंतर होते रहेगी।
जब वार्ता पर लखपतिया हिट आई तभी शिखा जी की टिप्पणी भी मिली। इसलिए वार्ता पर लखपतिया टिप्पणी देने का श्रेय शिखा वार्श्नेय जी को जाता है। वह आया और करोड़ों की नसीहत दे गया ! इसलिए मित्रों विनम्र निवेदन है कि प्रेम में सब जायज़ है, इधर योगी था सो उठ गया आसन रही भभूत, जोगी और भभूत का सदा का साथ है। कोई कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते बात तो पते की है, सुनते सुनते हम सो जाते। इसलिए ...........से बचना सीखिए और अधजल गगरियों को छलकने दीजिए। यह कैसी संसद? बहुत बड़ा प्रश्न है, देखिए कोई जवाब मिल जाए तो। नया अविष्कार है स्वप्न में दिखेगा आदमी. अब तक कौन दिखाई देता था राम जाने।
आ सखी चुगली करें फ़ुरसत हो तो कुहासे की चादर हटाएं, सूरज की किरणों के लिए रास्ता बनाएं फ़िर किसी की क्या ज़ुर्रत जो उजाले को रोक सके। जलकर ढहना कहाँ रुका है जले को तो ढहना पड़ता ही है।फेसबुक स्माइलीज़ का प्रयोग करें, अपनी भावनाएं मायालोक में जाहिर करें। हँसे, रोएं, गुनगुनाएं, गुस्सा दिखाएं नई मंजिलें राह देखतीं हैं तुम्हारी।मेरे मन के आँगन में आईए कलम घिस्सी की लघुकथा पढिए,कौन कब आता है और कब जाता है इसका पता नहीं चलता, ब्लॉग संसार भी विशाल होता जा रहा है।बात लिखने की है, ये कहते हैं मैं अंगार लिखूँगा,जिसने जहाँ कायम रखा ये औरत ही है, मातृरुपेण संस्थिता। अब चलें नए सोपान की ओर नई मंजिलें राह देखतीं और नव वर्ष पर नए-पुराने मीत हों नये वर्ष पर कुछ नया गीत हो। सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाई।......................
12 टिप्पणियाँ:
बहुत बधाई और शुभकामनायें !
नए साल के साथ-साथ यह कामयाबी भी बहुत-बहुत मुबारक हो!
वार्ता निसंदेह कई पडावों को पार करते हुए आज इस मुकाम पर पहुंची है ..इस मुकाम को हासिल करने में वाताकारों और ब्लॉग पाठको का बड़ा योगदान है .....अब जिम्मेदारी पूर्ण कार्य हमारे हाथों में भी है देखते हैं क्या कर पाते हैं .....वार्ता से जुड़ कर निश्चित रूप से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा ......!
बहुत बढिया प्रस्तुति ..
लिंक भी अच्छे सहेजे हैं ..
आभार !!
वार्ता ने सचमुच एक मुकाम को हासिल किया है .....अब नयी मंजिलें हैं नए सोपान ..... इस विशेष वार्ता के लिए आभार...
बहुत ही बडी उपलब्धि और वर्ष २०११ के लिए एक महत्वपूर्ण सफ़लता अर्ज़ित करने के लिए पूरे वार्ता दल , और पूरे हिंदी ब्लॉगजगत को भी बधाई
आपके साथ साथ पूरे वार्ता दल को बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
हार्दिक बधाइयाँ ……………नव वर्ष की शुभकामनायें।
वाह जी वाह पूरे वार्ता दल को लाख लाख बधाईयां..यूँ ही दिन दुनी रात चौगुनी उन्नत्ति होती रहे.
बहुत खूब, सुन्दर प्रस्तुति, आपको नव-वर्ष की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाये !
बहुत बधाईयाँ....
बढ़िया लिंक्स ...
सादर आभार....
नए वर्ष की शुभकामनाएं....
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