ललित शर्मा का नमस्कार, काफ़ी ठंड के बावजूद सांपला में ब्लॉगर नेह मिलन हुआ। राज भाटिया जी की उपस्थिति में ब्लॉगोत्सव में मित्रों का मिलन अच्छा लगा। रात अन्ना भाई की रिपोर्ट आ गयी थी और सुबह खुशदीप भाई ने पोस्ट लगाई। राजीव तनेजा जी ने फ़ेसबुक पर पिलर नम्बर 420 से कुछ फ़ोटो टांग दी थी। जिससे जानकारी मिल गयी कि सांपला की यात्रा चालु आहे। फ़ोन लगाने पर महफ़ूज मियां और भाटिया जी से बात हुई। कहने का मतलब यह है कि सांपला से लाईव अपडेट मिलता रहा। डॉ मीनाक्षी स्वामी के बहुचर्चित उपन्यास भूभल को अखिल भारतीय विद्वत परिषद वाराणासी द्वारा कादम्बरी सम्मान दिए जाने का समाचार मिला।
डॉ मीनाक्षी स्वामी जी के बहुचर्चित उपन्यास भूभल को कादम्बरी सम्मान |
अम्ब्रेला छतरी भी टैम से पहुंच गए थे। योगेन्द्र मौद्गिल जी भी दिखे। जाट एक ही था, दूसरा गायब। शायद ब्याह का सीजन आने वाला है, कहीं छोरी देखने गया हो। वंदना जी ने फ़ूलों के जख्म पर चित्रों का मलहम चढा दिया। अजय झा जी गन्ने चूस-चूस कर ढेर लगा दिया। केवल राम , दस हजारी और कुंवर जी भी दिखाई दिए, अंजु जी, संजु जी और सर्जना जी की सक्रीय भागीदारी रही, पर इंदुपुरी एवं पद्म अंकल चित्रों में अभी तक दिखाई नहीं दिए। अब चलते हैं आज की ब्लॉग वार्ता पर............।
एक मित्र ब्लॉगर होने पर शर्मिन्दा हैं, वे कहते हैं आज बड़ा सवाल ये है कि हम कब तक “ चूं चूं करती आई चिड़िया, दाल का दाना लाई चिड़िया “ लिखकर लोगों की झूठी वाहवाही लूटते रहेगें। हम जिम्मेदार कब बनेगें ? जिम्मेदार कोई एक दिन में नहीं बन सकता, सवाल ये है कि हम इसकी पहल कब करेंगे ? अच्छा ऐसा भी नहीं है कि इसके लिए हमें हिमालय पर्वत पड़ चढना है, हमें सिर्फ सामाजिक सरोकारों से जुडना होगा। समाज के प्रति संवेदनशील होना पड़ेगा। कुनकुनी धूप धूप जो निकली है कुनकुनी सी मन होता है कि घूंट घूंट पी लूँ तृप्त हो जाऊं तो फिर मैं झंझावातों की आंधियां भी जी लूँ,……
आज सेंटा लायेगा ढेर सारे उपहार...हैप्पी क्रिसमस !! आज तो चारों तरफ क्रिसमस की धूम है. चारों तरफ क्रिसमस-ट्री, लटके हुए खूबसूरत स्टार, जिंगल बेल कितने अच्छे लगते हैं. सेंटा-क्लाज तो मुझे बहुत प्यारा लगता है. मैं सोचती हूँ की वह इस साल मेरे लिए भी खूब गिफ्ट रिश्तों के ताजमहल...स्फूर्ति उमंग उत्साह अपनापन कहाँ खोते जा रहे हैं रिश्तों के ताजमहल क्यों पीले होते जा रहे हैं मोबाइल इन्टरनेट टेलिविज़न दुनिया छोटी किये जा रहे हैं पर रिश्तों के ताजमहल क्यों पीले होते जा रहे हैं शिक्षित ह...
पिलर नम्बर 420 पे यात्री खड़े हैं, बस में नहीं जाएगें बस अड़े हैं। |
दलित साहित्य के पुरोहित हिन्दी दलित साहित्य में कुछ ऎसी बहस करते रहने की परम्परा विकसित की जा रही है जिसका कोई औचित्य नहीं रह गया है .ये बहसे मराठी दलित साहित्य में खत्म हो चुकी हैं.लेकिन हिन्दी में इसे फिर नये सिरे से ...वाणी की कहानी "वो बुरी औरत" अगली कड़ी झोंपड़ी से महलो में आकर यही होता है ,मामी ने अपने मन का गुब्बार वही दुकान पर निकाल लिया,सुनाक्षी वाणी को अचंभित करना चाहती थी वाणी के पसंदीदा नेक्लस देकर. स...साहित्यिक सौगातमेरे बाप पहले आप काम बाद में, पहले मैं सुनूंगा गाने (लक्ष्य का हट) प्रातः जब मैं लेप पर मेल वगैरह चैक कर रहा था तो मेरा 1वर्ष 9 माह का बच्चा लक्ष्य भी उठ खड़ा हुआ और लगा अपनी जिद दिखाने कभी लेपटॉप पर कोई की दबाता कभी कोई.. आ सखी चुगली करेंयूँ तो ना गयी वहाँ, कोई खबर.. पर आहों के खामोश असर पैगाम हुए ......बदनाम हुए .. यूँ तो ना दिए , कुछ सुख हमको .. पर उनसे जो पहुचें दुख हमको इनाम हुए ..बदनाम हुए जब होने लगे ये हाल अपने .. शब रोशन साफ़ खयाल...वेब सामग्री और कानून
प्रतियोगिता चालु आहे, बताएं कौन जीते हारे |
एक होता है बाघ इसके दांत और जबड़े इतने मजबूत होते हैं कि यह अपने से दुगने आकार के जानवर को कुचल कर रख देता है। पर उन्हीं दांतों से जब अपने नवजात शिशु को उठा कर इधर से उधर ले जाता है तो उसके शरीर पर खरोंच तक नहीं आती। बा...श्रद्धा के लाभश्रद्धावान लभते’। यदि आप किसी के प्रति श्रद्धालु नहीं हैं तो आपके अपेक्षित लाभ नहीं मिल सकेगा। मंदिर तक पहुँचने वाले को ही देव दर्शन-लाभ मिलता है। ...सोना लेने म्हारे पी गए, अरी मोरा सूना कर गए देसचुनावों से ऐन पहले परदे पर गूंजेगा पवार को पड़ा थप्पड़अक्षय खन्ना की नई फिल्म ‘गली गली चोर है’ में सिस्टम के गाल पर आम आदमी का थप्पड़ पड़ने वाला है। जाहिर है ये दृश्य आपको दिल्ली में पवार के गाल पर पड़े थप्पड़ की याद भी दिलाएगा। सिस्टम से जूझते भारत कुमार की ...ग़ज़ल भीड़ में अस्तित्व अपना खोजते देखे गए, मौन थे जो आज तक वे चीखते देखे गए। आधुनिकता के नशे में रात दिन जो चूर थे, ऊब कर फिर जि़ंदगी से भागते देखे गए। हाथ में खंजर लिए कुछ लोग आए शहर में, सुना हे मेरा ठिकान...
प्यारे तुम्हारा ध्यान है किधर, ब्लॉगिंग स्नेह मिलन श्रीमान है इधर |
कैक्टस के मोह में बिंधा एक मन पांचवीं क्लास तक मैं जिस स्कूल में पढ़ा, उसका नाम था राजकीय प्राथमिक पाठशाला नंबर ९ . बहुत ही साधारण सा स्कूल था,अंग्रेज़ी के ए बी सी डी अभी कोर्स में नहीं थे हालांकि सभी गुरु लोग अंग्रेज़ी का नाम लेकर ड...एक अटल सितारा छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता माननीय अटलबिहारी वाजपेयी का राज्य निर्माण के बाद 28 जनवरी 2002 को पहली बार रायपुर आगमन हुआ तो उन्हें 36 लाख पुष्प पंखुड़ियों की माला से स्वागत किया गया . तस्वीर में स्वागत करते,,,,,,
इनमें से एक ब्लॉगर मुझे अहमदाबाद में मिलने का वादा करके छोड़ आए ( पहचान कौन?) |
यू एस पी तुम और मैं दो विपरीत व्यक्तित्व तब भी चुम्बक की तरह एक दूजे की ओर खिंचे चले आये... क्या सच...विपरीतता ही आकर्षण का कारण बनी या मेरी जो कमियां हैं वो तुम पूरी कर देते हो और तुम्हारा अधूरापन मैं भर देती ..बचाएं अपना facebook अकाउंट फेसबुक जबर्दस्त स्पैम अटैक की चपेट में है। पिछले दो दिनों से लोगों को अपने वॉल पर अश्लील विडियोज के लिंक मिल रहे हैं। बेशक ऐसे में आपको अपने अकाउंट का खयाल रखने की जरूरत है : इस जबर्दस्त स्....,,,,,,,,,,,
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम। ब्लॉगर स्नेह मिलन की फ़ोटो -- वंदना जी से साभार
17 टिप्पणियाँ:
बहुत रोचक अंदाज में बहुत सारे लिंक्स दिए आपने, मुझे भी स्थान दिया, बहुत बहुत शु्क्रिया
भई वह , घर बैठे ही शानदार रपट लिख दी ।
बढ़िया रही यह चर्चा ।
अलबेला खत्री अंतिम फोटो के लिए रहेंगे मौन
अब तो सही में पहचान लिया कौन ?
अलबेला खत्री अंतिम फोटो के लिए रहेंगे मौन
अब तो सही में पहचान लिया कौन ?
ब्लॉगोत्सव के रंग में रंगी सुन्दर चित्रों से भरी सुन्दर वार्ता उतने ही सुन्दर लिंक्स...आभार
शानदार रपट
ढेर सारे लिंक्स से सुसज्जित अच्छी वार्ता ... आभार
बहुत ही रोचक अन्दाज़ मे मज़ेदार वार्ता।
इतनी टिप्पणियां हटा क्यूं ली गयी हैं ??
बहुत ही रोचक अंदाज ..
बहुत अच्छी वार्ता !!
रोचक अंदाज में प्रस्तुत शानदार वार्ता
Gyan Darpan
..
आखिरी फोटो में मैं भी हूं और मैं कभी अहमदाबाद गया ही नहीं...
बढ़िया लिंक देने के लिए आभार...
जय हिंद...
bahot acchi site hai
http://hindiduniyablog.blogspot.com/
badiya report par meri itani khrab photo..kisne di hai aapko bhai ji....ye naainsaafi hai
hahahhahahhaha
बढ़िया चित्र बढ़िया वार्ता.
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