बुधवार, 14 दिसंबर 2011

लुगू बुरु घांटा बाड़ी धोरोम गाढ-- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, आज संसद पर हमले की दसवीं बरसी है, 13 दिसम्बर की इस घटना को मैंने भी देखा है, तब की दिल्ली भी देखी और अब की दिल्ली भी देखी। दिल्ली वालों से मिल लिए तो अब रायपुर वालों से भी मिल लीजिए, इन्होने भी 13 दिसम्बर की घटना दे्खी है। एक नए ब्लॉगर भी मिलें, उम्दा गजल कार हैं, सरस गजले हैं। जरा इनकी मासूमियत दे्ख आईए। फ़िर न कहना बताया नहीं। एक सन्यासिन की व्यथा-कथा भी ब्लॉग पर चल रही है। अलबेला खत्री ने आपको 3000 रूपये भी भेजे हैं, बधाई हो। इनका उपयोग करो और मोटापे से मुक्ति पाओ। एक कविता यहाँ भी पढी जा सकती है। लुगू बुरु घांटा बाड़ी धोरोम गाढ भी पढिए।

प्रदूषण हमारो देश मेंवायु प्रदूषण* शहरीकरण और औद्योगिकीकरण से भारत की वायु गुणता में अत्यधिक कमी आयी है। विश्वभर में 30 लाख मौतें, घर और बाहर के वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष होती हैं, इनमें से सबसे ज्यादा भारत में होती हैं। विश...मधुमासशीत ऋतू,शीतल पवन मधुमास में भीगा तन मन परस्पर उपजा घना विश्वास,तृप्त आत्मा और प्रमुदित हर्षित जीवन गए थे दोनों हनीमून परविवाह के बाद नवयुगल पर बदल ही गयी थी काया कुछ ही दिन में पाकर नव स्पंदन प्यार का रंग भ...

पचह्त्तरवें के दो समारोह हनुमंत मनगटे पचहत्तर के हुए। संभवतः १९७८ में छिंदवाड़ा में "समान्तर सम्मेलन' हुआ था, जिसमें वृहत-कथा त्रयी के एक प्रमुख स्तम्भ कमलेश्वर की उपस्थिति उल्लेखनीय थी क्योंकि 'समान्तर आन्दोलन' के प्रवर्तक भी कम...मिला सबसे पुराना बिस्तरपुरातत्ववेताओं ने दावा किया है कि उन्होंने बिस्तर के सबसे पुराने साक्ष्य खोज निकाले हैं। जिसमें गुफा मानव मच्छरों को भगाने वाले पौधों का उपयोग करते थे। उनका अनुमान है कि इस बिस्तर पर गुफा मानव करीब 77,0...

जनसेवा और सुरक्षामेवा, ये दोनों साथ नहीं चलतेअन्ना पर हमले की आशंका व्यक्त की जा रही है, उनकी और उनकी टीम की सुरक्षा को लेकर किये गये इंतजाम को लेकर भी चर्चा की जा रही है और इस पर तमाम सारे विचार-विमर्शों का दौर चल पड़ा है। इसी घटना के साथ ही एक और ...तू कितनी अच्छी हैमाँ की सीख ---* *आज कल माँ का साथ नसीब हो रहा है, अपने अनुभव से कुछ बाते बताती हैं वे --* १ ---*खुद कभी ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी का भी दिल आहत हो ,या उसे अपनी बात बुरी लगे।* २ बुरा जो देखन मैं चल...

पत्थर दिल इंसान... झील के किनारे टहलते टहलते...तुम उठाकर थाम लेती हाथ में एक पत्थर और कुछ अलग से अंदाज में फेंकती झील के ठहरे पानी में... पत्थर झील के पानी की सतह टकराता और डूबने की बजाये फिर उछलता... कभी तीन तो कभी चार...पतझर की साँझ और मटियाले ओवरकोट वाला आदमीतोक्यो का योयोगी पार्क आज शाम , मैं और.... कैमरा वही पुराना टी 005 तोशिबा जो यहाँ मोबाइल कनेक्शन के साथ मुफ़्त मिलता है । ये एक तन्हा आदमी का आत्मविज्ञापन है जिसे डर है कि उसके दोस्त उसे कहीं भूल ना जाएँ ।..
ऐसी अपनी इच्छा हैं. अपने उर के स्पंदन को, बस जीवन मैंने मान लिया| अपने उर के क्रंदन को गीतों का मैंने नाम दिया| रुके साँस के साथ कलम भी ऐसी अपनी इच्छा हैं | पटाक्षेप ही जीवन नाटय का, देगा हमको इसका उत्तर| चली है उसकी अपनी ...वह सब जो कहना बाकी रह गया, अच्चनजया चेची' मेरी सहेली 'राजी' की कजिन हैं. हम सब भी उन्हें चेची ही कहते हैं...(मलयालम में दीदी को चेची कहा जाता हैं.) .वे 'जया चेची' से ही इतनी प्रचलित हो गयी हैं कि अब उनका नाम 'जया मेनन' की जगह 'ज...

तरंगिकाचन्द्रबदना हंसी साज बन जाती है बन के लय मेरी गीतों में छलका करो - मेरी अभिव्यक्तियाँ पथ -प्रखर होती हैं , रात -रानी सी , यादों में महका करो - हाथ सानिध्य में , गीत कंगन कहे , बस के मानस मे...जब मौन प्रखर हो.जीवन की रेला-पेली है. कुछ चलती है, कुछ ठहरी है. जब मौन प्रखर हो व्यक्त हुआ कहा वक्त ने हो गई देरी है. अब भावों में उन्माद नहीं क्यों शब्दों में परवाज़ नहीं साँसे कुछ अपनी हैं बोझिल या चिंता कोई आ घेरी है ...

चलते चलते एक व्यंग्य चित्र



वार्ता को देते हैं विराम ,राम राम

8 टिप्पणियाँ:

अच्‍छे लिंक्‍स ..
सुंदर वार्ता ..
आभार !!

बहुत सुन्दर वार्ता, अच्छे लिंक्स और साथ में व्यंग चित्र... अति सुन्दर

बहुत सुन्दर वार्ता,अच्‍छे लिंक्‍स ..
सुंदर वार्ता ..
आभार !

बढ़िया लिंक्स और वार्ता |
आशा

इन लिंक्स के लिए बहुत बहुत आभार आपका ... बढ़िया वार्ता !

संदीपन : यही तो है जीने की राह

संदीपन : पूर्वोत्तर भारत का प्रथम हिंदी ब्लॉग
http://jiwanpath.blogspot.com/

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