बुधवार, 21 दिसंबर 2011

एक मीठा सा अपना ख्याल.... ब्लाग4वार्ता...संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार, आप सभी का स्वागत है आज की वार्ता मे प्रस्तुत है मेरी पसंद के कुछ खास लिंक्स

अपने अन्दर का ही ख्याल  एक मीठा सा अपना ख्याल

जनकवि नहीं रहे ....  जिनको सुनना था  उन्होंने न तब सुना ना आज 

खुद से मुलाकात.. कितनी मुश्किल है खुद से मुलाकात 

ये दिल्ली है........यहाँ  जाऊं-न-जाऊ.. 

जिंदगी सबकुछ सिखा देती है .....  क्या कभी आपके मन में भी यह खयाल आता है !!

इतना असर है ख़ादी के उजले लिबास में  अच्छी कविता अच्छा आदमी लिखता है 

जिसको खुद सहलाते हैं  संग तुम्हारे जो पल बीते, याद वही पल आते हैं 

आशा नयी इक ज्योति जगा जाता

स्मृतियों में रूस ... ( शिखा वार्ष्णेय ) ..मेरी नज़र से  ब्लॉगजगत का जाना माना नाम

महफिल सजी है आजा…………॥ देर ना हो जाये कहीं देर ना हो जायें 

हिंदी उर्दू के पंख ऐ परदेस मुझे, हिंदी उर्दू के पंख लगा के उड़ उड़ जाऊं मैं

अब कम ही सक्रिय रहूंगा मैं इंटरनेट पर : अविनाश वाचस्‍पति होगा कम आना जाना

सादर-
संध्या शर्मा
मिलते हैं अगली वार्ता पर... 
        



 

6 टिप्पणियाँ:

आपने उपयोगी एवं सार्थक पोस्‍टों का चुनाव करके पाठकों का भी ख्‍याल रखा है।

------
आपका स्‍वागत है..
.....जूते की पुकार।

चुनिन्दा लिंक्स में खुद को देखना अच्छा लगता है ...
आभार एवं शुभकामनायें !

बेहतर लिंक्स का संकलन ......

बेहतरीन वार्ता...बहुत आभार.

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More