शनिवार, 10 दिसंबर 2011

राष्ट्रीय सेमिनार लाइव. --- ब्लॉग4 वार्ता

सीकर में लाडो का पांचवां सप्ताह जयपुर.* राजस्थानी फिल्म लाडो मरुधरा की शान अपने नाम के अनुरूप ही प्रदर्शन कर रही है। सीकर के सम्राट सिनेमा में लाडो 9 दिसंबर से पांचवें सप्ताह में प्रवेश कर गई। निर्देशक शिरीष कुमार ने बताया कि फिल्म दर...शादी एक निजी मामला हैचिनुआ अचीबी अफ्रीका के जीवित महा कथापुरुष हैं और कहा जाता है कि अफ्रीका को जानना है तो इतिहास की किताबों की बजाय चिनुआ अचीबी का कथा साहित्य पढना चाहिए.उन्हें नोबेल छोड़ दें तो दुनिया के लगभग सभी बड़े ..

."यूँ दबे पाँव"कब तक चलूं, यूँ दबे पाँव, कि आवाज़ न हो, तुम्हारी पलकों की आहट, पाने को बेचैन, अपनी आवाज़ गुम कर, *बस रहता हूँ गुम, * *सन्नाटे के शोर में,* साँसे भी मेरी चलती हैं अब, दबे पाँव कि, कहीं तुम्हारी पलकें, उठे...मैंने चाहा भी तो यही था ... कापी पेस्ट फ़्रोम नुक्कड़ : आल द बेस्ट  कब बच्चे हो जाते हैं बड़े और करने लगते हैं फैसले स्वयंपता भी न चलता है रह जाते हैं स्तब्ध हम .......... कभी उचित कभी अनुचित उठा जाते हैं वो कदमपर हम फोरन भूल जाते हैं अपना गमयह ही तो होता है दिल और खून का ...   फिर यह क्यों ना बदला .*हम बदले , तुम बदले * *जग बदला , सब बदला * *फिर यह क्यों ना बदला * *अब भी यही कहानी है| * * भैया का तो नया है नेकर * * बहन की फ्राक पुरानी हैं| * * * (चित्र गूगल के सौन्जय से )

कि खूने दिल में डुबो ली है ऊंगलियाँ मैंने-ब्रज की दुनिया     मित्रों,हमारे देश में लोकतंत्र की ट्रेन एक अजीब मोड़ पर आकर फँस गयी है.हमारी जनमोहिनी-मनमोहिनी केंद्र सरकार चाहती है कि ट्रेन उसकी मर्जी से उसके द्वारा बनाई हुई पटरी पर दौड़े.लेकिन अगर ट्रेन उस पटरी पर ... पानी की कमाई पानी में बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल के किनारे कुछ ग्वाले रहते थे| वे अपने गाय भैसों का दूध बेचने के लिए शहर में जाया करते थे| उन ग्वालों में एक ग्वाला बहुत लालची था| वह रोज दूध बे... प्रेम सरोवर * ** ** ** **मैं फूल टाँक रहाहूँ तुम्हारे जूड़े़ में*** * ** **तुम्हारी आँख मुसर्रत सेझुकती जाती है*** * ** **न जाने आज मैं क्या बातकहने वाला हूँ*** * ** ...

क्यूंकि रद्दी जलाने के लिए ही होती है.  लिखना कभी भी मेरी प्राथमिकता नहीं रही है, मैं तो ढेर सारे लोगों से मिलना चाहता हूँ, उनसे बातें करना चाहता हूँ...उनके साथ नयी नयी जगहों पर जाना चाहता हूँ.. लेकिन जब कोई आस-पास नहीं होता तो बेबसी... इंसान सौदे बाज़ी से बाज़ आता नहीं.  कितने सौदेबाज़ हो गए हैं हम भगवान से भी सौदे बाज़ी करते हैं हम. भगवन ये कर दो, तो मैं ऐसा करूँ.. वो कर दो...तो गरीबों का लंगर करूँ. एडवांस में कभी चढ़ावा चढाते नहीं कभी अ... 

राष्ट्रीय सेमिनार लाइव... डेटलाइन- कल्याण (मुम्बई) भाग-II   भोजनावकाश के बाद प्रथम चर्चा सत्र प्रारम्भ हो चुका है। मंच पर विशिष्ट जन आसन जमा चुके हैं। इस सत्र में चर्चा का विषय है- *हिंदी ब्लॉगिंग : सामान्य परिचय पूरी जानकारी के लिए और टिप्‍पणी देने के लिए यहां पर... चमत्कार भूगोल की बात होती तो जरुर होता कोई न कोई नक्शा नहीं तो अवश्य ही होता कोई भी सूक्ष्म सुराग तहों के पार का ... कार्य - कारण के प्रतिपादित सिद्धांतों के बीच अकारण घटित अनपेक्षित तथ्यों का कोई न कोई मिलान बि...

6 टिप्पणियाँ:

बहुत अच्‍छी वार्ता ..
आभार !!

बढिया वार्ता, अच्छे लिंक प्राप्त हुए। आभार

शानदार वार्ता प्रस्तुति और पठनीय लिंक्स

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