गुरुवार, 15 मार्च 2012

दिल बंजारा ठहर गया क्यो .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

नमस्‍कार ,लोकसभा में बतौर रेल मंत्री पहली बार बजट पेश कर रहे रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने आज यात्री किराये में विभिन्न श्रेणियों में प्रति किलोमीटर 2 पैसे से 30 पैसे तक किराया बढ़ोतरी का ऐलान किया। पिछले नौ सालों में रेल यात्री किराये में पहली बार बढ़ोतरी की गई है। प्लैटफॉर्म टिकट भी अब 3 के बजाय 5 रुपये का होगा। लोकल ट्रेनों में प्रति किलोमीटर 2 पैसे की ,पैसेंजर ट्रेनों में प्रति किलोमीटर 3 पैसे , स्लीपर क्लास में 60 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर प्रति किलोमीटर 5 पैसे बढ़ोतरी तथा एसी चेयरकार और एसी 3 टायर के किरायों में प्रति किलोमीटर 10-10 पैसे की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। एसी सेकंड क्लास का 15 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी फर्स्ट का किराया 30 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ा दिया गया है। रेल बजट में यात्री किराया बढ़ाना रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को भारी पड़ता दिख रहा है। उनकी अपनी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस उनसे बेहद खफा है। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के मुताबिक ममता बनर्जी ने पीएम को चिट्ठी लिखी है। इसमें त्रिवेदी की जगह टीएमसी नेता मुकुल रॉय को रेल मंत्री बनाने के लिए कहा गया है। आगे आगे देखिए होता है क्‍या ?

अब चलिए आज की वार्ता पर .....
मां हर सुबह मेरी मां यूं गुनगुनाती है ये प्राची की किरणें एक शाम लाती है हर शाम की घंटी एक गीत गाती है उठ देख आ लल्ला तेरी दीदी बुलाती है लहरें समंदर की या हो रेत की आंधी बरसे गगन अग्नि या रात अधियारी बन वृक्ष...तुम उसे चाहो न चाहो वो तुम्हे बेइन्तेहाँ चाहती है.. आज फिर तुम्हे आंसुओं के दरिया के परे कही इंतज़ार करती पथराई बंजर जमीन सी सूखी "आँखों" के करीब ले जाने का इरादा है...जानते हो वो आँखें किसकी है?याद है तुम्हे वही एक लड़की जिसे तुम एक पूरा दरिया दे आए थे आ...हार्दिक अभिनंदन...आभार !!! *अपने सभी अनुसरणकर्ताओं का आभार !!!..* कुछ जाने चेहरे!.............. कुछ अनजाने चेहरे!............. कुछ मुखौटोंवाले चेहेरे!..... कुछ पर्दा ,कुछ बेप...बिपत दिनेर बलाबली.. *एक* मैं भर पाया. बांह मोड़कर कंधा खुजाते खुदी से बुदबुदाते मैले कपड़ों का गट्ठर बनाते यह कर लेंगे और उसमें वह धर देंगे के तिलकुट बुनावट बुनते मैं भर आया. चप्‍पल चटकाये ज़रा बाहर झांक आये इनको यह कह दिय...


अतिथि तुम ना ही आओ *देश-परदेस, जात-पात, भाषा-रंग, अमीर-गरीब, राजा-रंक किसी का भी भेद ना करने वाले ऐसे दरियादिल को लोग अलग-अलग जगहों में भिन्न-भिन्न नामों से जानते हैं।* उनके आने का आभास तो शुक्रवार सुबह ही हो गया था और शाम त...लेखनी की पूजा में ध्यानस्थ छवि सी! एक भोली भाली भली सी... प्यारी सी लड़की... अपनी खिलखिलाहट से अँधेरा रौशन कर देने वाली लड़की... अपनी उदासी से हवाओं को भी उदासी का ही कोई नगमा डूब कर गाने को प्रेरित कर देने वाली लड़की... अपने विशुद्ध पागलपन मे... मोर्ट फोर्ट स्कुल में एडमिसन *माधव के साथ २२ फरवरी -१० मार्च तक आरा /बक्सर गया था . ११ मार्च को श्रमजीवी से दिल्ली लौटा . दिल्ली आते ही माधव के एडमिसन में लग गया . कुछ भले लोगो की कृपा से आज माधव का एडमिसन मोर्ट फोर्ट स्कुल में हो गया...रंग अमन चैन का इन्द्रधनुषी छटा बिखरी प्रकृति के हर कौनेमें विविध रंगों मेंरंगी प्रकृति नटीस्वप्नों में सतरंगी चूनर पहन विचरण करती मधुवनमें सारे रंग सिमटने लगे एक अनोखे रंग में शुभ्र चन्द्र की धवलचांदनी बिखरी जल...


१००वीं पोस्ट-दिल बंजारा ठहर गया क्यो दिल बंजारा ठहर गया क्यों इसको तो चलते जाना है. मंज़िल नहीं कोई भी इसकी, इसको तो बढ़ते जाना है. कोई नहीं उम्र का बंधन, जो मिल जाये प्यार बाँट लो. कोई नहीं ठांह है अपनी, जहां रुको उसको अपना लो. हर राहों ... जादू प्रेम का जादू प्रेम का उसका जाना एक नेमत बन गया याद का बादल बरसा हुलसा तन, मन भीग गया ! बेरुखी उसकी बनी इनायत ऐसे खुद को परखा दिखे ऐब भीतर कैसे - कैसे ! उससे दूरी मिलन का सबब बनी धुलीं आँखें अश्रुओं से भीतर रोशनी छन...मटरू और बिजली का रोमांच विशाल भारद्वाज की नयी फिल्म है मटरू की बिजली का मंडोला. फिल्म का शीर्षक आम फिल्मों के शीर्षक से बिल्कुल अलग है.इस फिल्म की चर्चा जोरों से हो रही है. न सिर्फ इसके शीर्षक की वजह से बल्कि इस फिल्म में उन्ह...सच हुआ मैराथन में भाग लेने का सपना !! तंगम,अनीता,मैं और राजी 'मैराथन' शब्द से परिचय ओलम्पिक का टेलीकास्ट देखते हुए हुआ था. देखती, छोटे-छोटे कदमो से लोग लम्बी दूरी तय करते हैं...बस इतना ही पता था 'मैराथन' के विषय में. फिर परिचय हुआ दुबई में ...

न ज़ख्मों को हवा दो ...न ज़ख्मों को हवा दो कोई मरहम लगा दो हवा देती है दस्तक चरागों को बुझा दो लदे हैं फूल से जो शजर नीचे झुका दो पडोसी अजनबी हैं दिवारों को उठा दो मुहब्बत मर्ज़ जिनका उन्हें तो बस दुआ दो मेरी नाकामि... आत्मा का पथ सुंदर है जनवरी २००३ *हमें* यह सुंदर जीवन भोग के कारण दुःख उठाने के लिये नहीं मिला है, बल्कि योग के द्वारा अनंत शांति, प्रेम व आनंद को पाने के लिये मिला है. देवों और असुरों की तरह हमारा मन व आत्मा दोनों ही परमात्म...देखें कब आस की पगडण्डी ख़त्म होती है ...............सुनो ........ हाँ ........... क्यूँ इतनी उदास हो तुम आज? ....................... क्या आज फिर? ......................... कुछ तो कहो ना ........................ देखो तुम्हारा मौन मुझे झुलसाता है कुछ तो कहो ...द म्यूजियम हॉल, अकादेमी ऑफ़ फाईन आर्ट्स एंड लिटरेचर, Program आप सभी सादर आमंत्रित हैं, आईये और इस कार्यक्रम का हिस्सा बनिए.............द म्यूजियम हॉल, अकादेमी ऑफ़ फाईन आर्ट्स एंड लिटरेचर, 4/6 , सिरीफोर्ट इनस्ट. एरिया, गेट नो.२ के पास, (नजदीकी मेट्रो स्टेशन ग्रीन पार्क से वाकिंग डिस्टेंस), नयी दिल्ली.
दिनांक : 31st मार्च 2012
टाइम : 5 :00 शाम से 8 :00 बजे तक
स्थान: द म्यूजियम हॉल, अकादेमी ऑफ़ फाईन आर्ट्स एंड लिटरेचर,
कार्यक्रम : हिंदी की प्रमुख कवयित्रियों द्वारा काव्य-पाठ
9868628602....mithilesh shrivastava ji iske sanyojak hain....aap unse sari details le sakte hain....

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4 टिप्पणियाँ:

रेलवें बजट के बारे में जान कर कड़ुआहटघुल गयी |इसका कुप्रभाव पूरी अर्थ व्यस्था पर पडेगा |महंगाई अभी क्या कम है आगे न जाने क्या होगा |
अच्छी लगी आज की वार्ता कई लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

रोचक वार्ता सुन्दर लिंक्स

जी हाँ संगीताजी रेल बजट में यात्री किराया बढ़ाना रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को भारी पड़ता दिख रहा है, देखते हैं क्या होता है, जो भी हो तकलीफ उठाने का ठेका तो जनता का ही है न...
बहुत अच्छे लिंक्स और वार्ता के लिए आपका आभार...

रेल बजट में भाड़ा बढने का सबसे अधिक नुकसान नीरज जाट और मेरा हुआ है। बाकी का तो पता नहीं। हम किराया वृद्धि का पुरजोर विरोध करते हैं। किराया बढाना नहीं चाहिए………ममता दी सुनो सुनो…… इंकलाब जिंदाबाद इंकलाब जिंदाबाद

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