ललित शर्मा का नमस्कार, फ़ेसबुक पर समय जाया होने वाली बात ब्लॉगर्स की समझ में आ रही है, अब ब्लॉगर्स पुन: ब्लॉग लेखन की ओर उन्मुख हो रहे हैं। इसी कड़ी में कल दर्शनकौर धनोए जी ने फ़ेसबुक को अलविदा कह दिया। यह एक सार्थक कदम है। फ़ेसबुक का एक एग्रीगेटर के तौर पर उपयोग किया जा सकता है। ब्लॉग लिंक वहाँ लगाया जा सकता है, फ़ेसबुक से पाठक आते हैं। पोस्ट लिंक लगाने की कोई जगह नहीं छोड़नी चाहिए, अगर ब्लॉग पर पाठकों की संख्या है बढानी है तो…………अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर……
लोक : भोजपुरी - 7: बोले पिजड़ा में सुगनवा बड़ऽ लहरी (अंतिम भाग) - यह *पिछले भाग* से जारी है: पीछे छूट गया जोगीछपरा। क्यों लग रहा है कि मैंने टाइम मशीन से कोई यात्रा की? पिछ्ड़े देहात में भी नहर के उस पार समय पीछे है ... परीक्षा की विधियाँ - यह पता चले कि क्या फँस रहा है? कुछ लोग होते हैं जिन्हें परीक्षा का तनिक भी भय नहीं होता है, अंक भले ही कितने आयें। मार्च-अप्रैल की नीरवता में डूबी गर्म द... टुरी देखइया सगा - हमर गांव-देहात म लुवई-टोरई, मिंजई-कुटई के निपटे ले लोगन के खोड़रा कस मुंह ले मंगनी-बरनी, बर-बिहाव के गोठ ह चिरई चिरगुन कस फुरूर-फुरूर उड़ावत रइथे। कालिच मं...
कोख के चिराग़ को - हर बात , घुमती रही उसके ज़ेहन में सारी रात, कहीं कल का सवेरा न बुझा दे, मेरी कोख के चिराग़ को अगर फिर से कट गयी मेरे कोख में बेटी | "रजनी नैय्यर मल्होत्रा" ४९ ओ का अन्ना फैक्टर और केजरीवाल की किरकिरी - *उत्तर प्रदेश में मतदान का एक दृश्य!* मतदान केंद्र पर वोट देने के लिए अपनी बारी का बेसब्री से इंतज़ार करते दो छात्र -नवयुवक जिनका मतदान करने का यह पहला अवस... महुआ संग महका मधुमास - वैदिक काल में चैत मास को मधुमास कहा जाता है, वैदिक वांग्मय में मधुमास की चर्चा है। ऋग्वेद के ऋषि मधुरस से सराबोर हैं, ‘हवाएं मधुमती हैं, जलों में मधु है, ...
अबके वसंत में - महुआ बीनती वह अनमनी सी लड़की हँसती है जब झरते हैं फूल, महुआ के मन करता है उसके जूड़े में खोंस दूं कुछ फूल टेसू के इस वसंत में उसे पहना दूं हार सुर्ख सेमल के .. …फ़ुरसत में ... तेरे नाल लव हो गया - *फ़ुरसत में ... 93* *तेरे नाल लव हो गया*** [image: IMG_0168]*मनोज कुमार* [image: IMG_9d90m2]जो ग़लतियां हम कर चुके होते हैं, उन्हें बार-बार दुहराने का... साड्डा चिड़ियाँ दा चंबा वे ...(कहानी --२ ) - (इस किस्तों वाली कहानी का उपयुक्त शीर्षक नहीं मिल रहा था और मेरी सलाहकार वंदना अवस्थी दुबे ने (सोचती हूँ...इन्हें ऑफिशियल सलाहकार ही अपोयेंट कर लूँ...पर ड...
घीया खरीदा था, लौंकी बन गई ! - काफी दिनों से बहुत से समसामयिक ज्वलंत मुद्दे मेरे मानस पटल पर उथल-पुथल मचाये हुए थे, जैसे हमारे राजनैतिक दलों के लुभावने विज्ञापन, खबरिया चैनलों की दुकानदा... रेवाडी- फुलेरा पैसेंजर ट्रेन यात्रा - भले ही यह यात्रा मैंने अभी 6 फरवरी 2012 को की हो लेकिन इसकी नींव कई साल पहले ही डाली जा चुकी थी। आज से चार साल पहले मैं ऐसा नहीं था जैसा आज हूं। उन दिनों म... बहुत देर हो चुकी थी - खेलते बच्चे मेरे घर के सामने करते शरारत शोर मचाते पर भोले मन के उनमें ही ईश्वर दीखता बड़े नादाँ नजर आते दिल के करीब आते जाते निगाह पड़ी पालकों पर दिख...
तुम पवन मैं नदिया ...!!! - बहती चलती .बढ़ चली ... जाने किस ओर .. ? मन में हिलोर .. मन के भावों को .. गुनती...बुनती .. ...तुम संग .. तुम पवन मैं नदिया ...!! हरियाली बिखेरती ..... भावनाऐं...कुछ ऐसी भी... - भावनाऐं हिंदी कविता की किताब हो गईं हैं जो ढेरों उपजती हैं पर पढीं नहीं जातीं. ****** भावनाऐं प्रेशर कुकर भी हैं जब बढ़ता है दबाब तो मचाती हैं शोर ... -मंतव्य- - हुंकार भरो तो नाहर सी श्वानों की गूंज नहीं होती- प्यासे मन की प्यास बुझाये वो पानी की बूंद नहीं होती- सं... सत्य तो सत्य है ..... - सच कड़वा होता है ?.....क्या सचमुच ?..ये पूछा है शिल्पा मेहता जी ने .............और बताया भी है ..कैसा होता है ..सच मैं तो सिर्फ़ पढ़ रहीं हूँ ....और आप ........
मेरे गीतों का आधार - क्या बिना अभिव्यक्ति के प्यार प्यार नहीं होता क्यों इतना मुश्किल है प्रेम को दर्शाना क्यों न अंतर में इस प्रेम को जियें आखों से कहें आँखों की सुनें... लाजवंती - न जाने किस बात पर आज उनसे ही उनकी ठनी हुई है जो मेरे प्राणों-पंजर पर विपदा सी बनी हुई है... उनकी आँखें इसतरह से है नम कि बरस रहे हैं मेरे भी घनघोर घन.... रू... मुलाक़ात कीजिये इस विष-कन्या से। - माता-पिता और हिन्दू धर्म को कलंकित करने वाली 'तीस्ता सीतलवाड', जो लव-जेहाद का शिकार होने के बाद देशभक्त हिन्दुओं के अस्तित्व पर एक भयानक ख़तरा बन गयी है। मु..खोना नहीं हमको.....!!! - *सुनो ....!!!* *हमारी खुश नसीबी है ...* *तुम्हारे इश्क पे मरना ....* * * *अगर हम * *मर गए तो * *देखो...* * * *रोना नहीं हमको.....!!!* * * *दोबारा जो * *उगाओ...
होली पर ब्लॉगिंग की 'नूरा कुश्ती'...खुशदीप - वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेंमेंट (WWE) की कुश्तियां देखने में बड़ी रोमांचकारी होती हैं...एक से एक तगड़ा पहलवान...ऐसे खूंखार कि किसी को भी लमलेट कर देने के लि...
5 hours ago कब्जे में ये खलिहान करते हैं …. - [image: image] माना कि ये रक्तपान करते हैं पर हर रोज गंगास्नान करते हैं . शक के दायरे से बचने के लिए खुद ही को लहुलुहान करते हैं . लूटते हैं ... 30 हजार साल पुराने बीज से पौधे उगे - 30 हजार साल पहले के पौधे रूस में फिर से जीवन्त किए गए हैं। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि रूसी वैज्ञानिकों ने साइबेरिया में मिले बीजों से पौधे उगाए...दवे जी ये "सेक्सी" क्या होता है - नुक्कड़ पर बैठे हम मिलावटी कत्थे वाला पान चबा ही रहे थे कि उधर से गुजरता कालू गरीब हमे देख रूक गया। हमसे बोला - "दवे जी, ये सेक्सी किस बला का नाम है।" ह...
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद…………
6 टिप्पणियाँ:
सुन्दर-सुन्दर लिंक्स की खुशबू से महकती वार्ता के लिए आभार आपका ... धनोय जी की वापसी का स्वागत है...
nipat anaari pathko ko link dene ke liye aabhar..... kuchh to aadat thi link milne pr hi dekh sakte hai........aapke khubsurat warta ke liye aabhar...
अच्छे लिंक्स !
अब लिंक्स से भी होली की भीनी भीनी सुगंध आने लगी है |अच्छी रही वार्ता |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
रोचक लिंक्स ...
अच्छे लिंक्स !
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