गुरुवार, 8 मार्च 2012

भाभी बौरायी फिरे,साली भी दे ताल -- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, ब्लॉग की दूनिया में मची है होली  की धूम, कोई बढिया पोस्ट लिख रहे हैं। कोई आलस में काम चला रहे हैं। सिर्फ़ होली की बधाई चिपका रहे हैं। जब सिर्फ़ बधाई चिपकाने से 100 -200 कमेंट मिल जाते हैं तो  कौन पोस्ट लिखने की जहमत उठाए। पोस्ट लिखने वाले को तो सूखा ही निपटाएं। वाह रे ब्लॉग जगत की उल्टी चाल। काम की पोस्टों पर तो प्रतिक्रिया ही जाहिर नहीं होती। कविताओं का चलन अधिक है, कुछ लोग उधारी की कविता पर सौ पचास टिप्पणी पा जाते हैं। लाला जी की दूकान जैसा काम  है, आज मैने कुछ  नहीं लिखा, कोई दे दो चार लाईन की कविता तो चेप कर कमेंटाधिकारी तो बन जाऊं,  खैर ई तो ब्लॉग जगत है। चलता ही रहेगा, हम भी  क्या क्या लेकर बैठ गए। आप सभी को होली की बधाई। सूखी होली खेलें। सिंथेटिक रंगो से बचकर रहें, होली मनाएं, खांए, खिलाएं  एवं खिलखिलाएं, प्रस्तुत है कुछ ब्लॉग लिंक….…

कविजन खोज रहे अमराईअष्टभुजा शुक्ल के चंद पद प्रस्तुत हैं - कविजन खोज रहे अमराई। जनता मरे, मिटे या डूबे इनने ख्याति कमाई ॥ शब्दों का माठा मथ-मथकर कविता को खट्टाते। और प्रशंसा के मक्खन कवि चाट-चाट रह जाते॥ सोख रहीं गहरी मुषकै..वारेन हेस्टिंग का सांड़ और चाँद पर होली सुबह की फ़ेसबुकिया सैर पर मित्रों ने कहा कि - होली कैसे मनाएगें? मैने कहा - क्या हुआ? बोले - यार जब से चमन काका ने होटलों ढाबों में पीने पर प्रतिबंध लगाया है तब से होली का मजा ही किरकिरा हो गया । और तो को... .इस बार होली कुछ ऐसे ही खेलूंगी मैं.*इन रंगों से थोड़े रंग* *खुशियों के लेकर, * *सबके जीवन में घोलूँगी मैं.....* *इस बार होली कुछ ऐसे ही खेलूंगी मैं.....* * * *भूल से दुःख दिया हो जो किसी को,* *..

आपके सानिध्य में दिन-रात जो रहने लगा हूँ.सुन हवा का मंद स्वर कुछ-कुछ थिरकने मैं लगा हूँ, आपके सानिध्य में दिन-रात जो रहने लगा हूँ. मैं सुबह की ओस में, म...अम्मा, गूगल और वेलु का पंजाबी ढाबामोबाइल में निरीक्षण रिपोर्ट रेलवे में निरीक्षण का कार्य अत्यन्त गहन होता है। आवश्यक भी है, यदि आपके संसाधन विस्तृत क्षेत्र में फैले हों। ट्रैक पर लगी एक एक क्लिप पर दैनिक रूप से दृष्टि बनाये रखनी पड़ती ह...विनम्रता वोटम् ददातिकहते हैं विरासत संभालने का भी एक सलीका होता है। उस सलीके का एक नियम यह भी है कि अपने सिपहसालारों पर चाहे जितना रौब गांठ लो, लेकिन उनसे अलग, आम-जनों पर रौब गांठते समय सतर्क रहना चाहिये क्योंकि उन... 

अबके होली में सांवरियाआप सब को सौहद्रतापूर्ण होली की हार्दिक शुभकामनाएं... स्नेह और आपसी भाईचारे का रंग छलकाएं..* *प्रकृति के हित को ध्यान में रखकर होली मनाएं ... * . अम्बर की मैं ओढूं चुनरिया गहरी नीली-नीली हरे-हरे मन में ...समय की यात्राएक थी युवा सुन्दरी प्रकाश से भी तीव्र थी उसकी गति कर गयी वह एक दिन सापेक्षता से प्रस्थान और आयी जब लौटकर वह जाने से पहले दिन का हुआ था अवसान।जर्रा-जर्रा गीत सुनायेजर्रा-जर्रा गीत सुनाये बौराया है आम रसीला, मधु लुटाता भर भर झोली फागुन मस्त हुआ सा डोले, लहराए फूलों की टोली कंचन फूला श्वेत गुलाबी, रूद्र पलाश आग लगाता मुग्ध पलाश करे तैयारी, होली का उत्सव जो आता खनक उठ... 

शुभ होली - कुछ गणमान्य ब्लॉगर्स के उद्गारहोलिका दहन के पावन अवसर पर निरामिष की ओर से आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें। होली आसुरी संस्कारों और मनोविकारों को भस्म करने और हिंसा और क्रूरता के दम्भ के मान-मर्दन का पर्व है। आइये, इस शुभ अवसर पर शाकाहार ...फागुन की बतिया(1) सुन पिया भई बावरी टूटे काहे अंग चले हवा देह दुखे मुख मलिन ढंग बेढंग (2) ओ गोरी सुन बावरी सब फागुन का खेल भोर -सांझ में बने नहीं मौसम ये बेमेल (3) सुन पिया सखि काहे प्रीत की है ये चाल...भगोरिया ..एक प्रेम उत्सव... बसंत ऋतु की मदमाती बयार, लेकर आती है फागुनी फुहार और अनेक उत्सव...!! भगोरिया नाम है उत्सव का, जो भारत के सर्वप्रसिद्ध आदिवासी त्योहारों में गिना जाता है...यह होली का ही एक रूप है, और मध्य प्रदेश के मालवा अ...

अभी भी जलवा कायम है गोडफादर काफिल्मकारों के लिए सबसे चुनोती भरा और आकर्षक विषय 'अपराध' रहा है . अपराध आधारित कहानियों के फिल्मांकन में इस बात का डर हमेशा बना रहता है कि जरा सी चूक से पात्र का महिमा मंडन होते देर नहीं लगती.और ऐसा होता...ले दे कुसुम रंग चूनरियाफागुन का मदमस्त महीना नई-नवेली दुल्हन को, जिसे ब्याह के बाद मायके में लिवा लाया गया है, अपने सजन से मिलने के लिए आतुर कर रहा है। किन्तु विवशता यह है कि अब गौना होने पर ही उसे अपने प्रिय का संग मिल पायेगा। ...तुमरी राधा रह जाऊं सील संतोस से चन्दन घोर घोर ... केसर रंग पोर पोर ...... हियरा में उठत हिलोर .... प्रेम प्रीत पिचकार बनाई.. होरी आई सब रंग ,रंग लाई ... श्याम तुम रंगे सब रंग ... मैं कैसे खेलूं होरी श्याम के संग ... रंगूँ ...

देखी एक समानतानेता है आज का स्वभाव भी बड़ा अनोखा कभी हारता कभी जीतता वर्चस्व की लड़ाई में फिर भी कोइ शिकन न दिखती चेहरे पर ना ही ग्लानि मन में हार का मुंह देख कर | देखी एक समानता अभिनेता और नेता में अपने अपने चरित्रम...कुछ पकड़ने में कुछ छूट जाता हैकुछ पकड़ने में कुछ छूट जाता है। पढ़ो तो लिखना छूट जाता है। लिखो तोपढ़ना छूट जाता है। घूमो तो दोनो छूट जाता है। ठहरो तो घूमना छूट जाता है। आभासीदुनियाँ में विचरण करो तो यथार्त से परे चले जाते हैं। घर गृहस..निमन्त्रण-पत्र का नया चेहरा छोटा बेटा तथागत होली पर घर आया। उसने मुझे एक निमन्त्रण-पत्र दिखाया। आप भी देखिए और अब ऐसे ही निमन्त्रण-पत्रों की आदत डाल लीजिए। मेरे कस्बे में ऐसे निमन्त्रण-पत्र चलन में आ गए हैं। वैवाहिक आयोजन के इस निमन... 

बुरा न मानो होली जब जब चाहा मैंने, रंग जाना प्यार के रंगों में न जाने क्यूँ, तूने सिर्फ गुलाल से मन भाया है ! ... सच ! तूने ये किस रंग में रंग दिया है मुझे तेरी सखियाँ ही मुझसे खफा-खफा सी हैं !! ... वैसे भी तेरे प्यार का रंग...होली का त्‍योहारप्रीत के हिंडोले में हुई खुशरंगों की बौछार। देख सजन फि‍र आ गया होली का त्‍योहार।। लाल-पीले रंगों से क्‍यों भिगोता है मुझे। एक तेरी छुवन से खि‍ले गालों में सुर्ख फूल हजार।। न कर मुझसे जोरा-जोरी मैं तो बलम हू...रंग में भंग डालने वाला होली चिन्तन हर साल की तरह फिर होली आ गई। मनो-टनों लकड़ी फूँककर निश्चित ही कई लोगों के कलेजे में ठंडक पड़ेगी। इतनी जलाऊ लकड़ी अगर बची रहने दी जाए तो कइयों के घर का चूल्हा जलेगा, दिल जलने से बचेंगे और पेट की आग बुझेग...

होली - भाभी बौरायी फिरे,साली भी दे ताल गलियों गलियों हो रही रंगों की बौछार बस्ती बस्ती हो गये कितने रंगे सियार रंग हुए शमशीर से रंग बने पहचान जीना बेरंगी हुआ अब कितना आसान पीटो चाहे पीट लो,ये चाहत के ढोल खोल हटा खुल जायेगी,मढे ढोल की पोल चटके ...इस बार होली मेंदिल का टुकड़ा , रहा बरस भर घर से बाहर माँ चूमे मुखड़ा , घर बेटा आया होली में | मेहँदी छूटने से पहले चला गया परदेश जो बिछड़ी उस विरहन से मिलने , आया होली में | जिस बेटी की हुई विदाई इसी म...होली - एक कबित्तई हमारा पहिला कबित्त है, जो हम 'संवेदना के स्वर' पर आज से दू साल पहिले पर्कासित किये थे... आज इहाँ दोहरा रहे हैं... होली के सुबह कामना के साथ: होली का त्यौहार, मची धूम चारों ओर है जी, देख-देख रंग की बौछार...

चुनाव परिणाम आने के पश्चात् कुछ घिसे पिटे बयान...चुनाव परिणाम आने के पश्चात् कुछ घिसे पिटे बयान.......* * हमने अपनी हार स्वीकार कर ली है ....* * * *इसके अलावा आपके पास * *बाकी कोई चारा नहीं था क्यूंकि आपके सिर पे करारी हार उनके गले फूलों का हार सजा थ...होली पर एक हज़लरंगोत्सव की शुभकामनायें* होली के मौक़े पर आप सभी को गुदगुदाने के लिये एक हज़ल। ये हज़ल पंकज सुबीर जी द्वारा आयोजित तरही मुशायरे के लिये कही है। *घड़ी में याँ ठुमकता है घड़ी में वाँ मटकता है मेरा महबूब है य...विकल्पहीनता से उपजा भरोसा उप्र के परिपक्व फैसले से जगी बदलाव की उम्मीद -संजय द्विवेदी उत्तर प्रदेश के लोग कुछ भले न कर पा रहे हों, पिछले दो विधानसभा चुनावों में वे एक स्थिर सरकार जरूर दे रहे हैं। एक राज्य की जनता अपनी नाकारा ...

होली  की बधाई के साथ वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद राम राम

9 टिप्पणियाँ:

बहुत सटीक ब्लॉग वार्ता |
मेरी ओर से सभी लोगों को होली पर्व पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आभार मेरी रचना शामिल करने के लिए |
आशा

सार्थक वार्ता ...सभी लिंक्स अच्छे लगे

होली की शुभकामनायें

अच्छे लिंक्स,
होली की शुभकामनाएं

बहुत अच्‍छे लिंक्‍स मिलें ..
होली की रंग बिरंगी वार्ता के लिए आभार !!

बहुत अच्‍छे लिंक्‍स और रंगबिरंगी वार्ता के आभार .... होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...

रंग-बिरंगी मौज की वार्ता.

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