ललित शर्मा का नमस्कार, प्रस्तुत हैं मेरी पसंद के कुछ लिंक्……। ये कैसी 'कहानी' है? - बिद्दा ( विद्या बालन) की यह नयी मूवी मैंने कुछ दिनों पहले ही देख ली थी मगर इस पर कुछ लिखने का मन नहीं हुआ ..एक साधारण सी फिल्म लगी थी मुझे. मगर * ब्लागजगत*... जो सरक सरक के काम करे वह सरकार - श्रीगंगानगर - जब से कुछ जानने लगा हूं तभी से यही मानता रहा कि सरकार वह जो सरक सरक के काम करे। लेकिन कोई केंद्र सरकार इतनी भी सरक सकती है ये नहीं सोचा था।रमण सरकार का दमन अभियान - रमण सरकार का दमन अभियान शुरू होगया है आज आदिवासियों की राजधानी में निर्ममता से पिटाई हुई
आग - *("मेरे जैसे के भीतर कविता का कारखाना * *कभी बंद नहीं होता, न अवकाश, न हड़ताल। * *मैं पूरे वक्त का कवि हूं।" * *चंद्रकांत देवताले की टिप्पणी के साथ * *उनकी क... उड़ान के भीतर - हम अपनी उड़ान कैसे चुनते हैं? कोमल जी, “उड़ान और खुशी चुनने का मौका कहाँ मिलता है? यहाँ पर दिन रात थकने मे ही निकल गये लेकिन कभी ऐसी थकान नहीं मिली जिसमे ...‘अब्बड़ मया करथंव’: प्रीता के अभिनय की ऊंचाई - प्रीता जैन छौलीवुड में एक सधी हुई नायिका है, ये उन्होंने अपनी हर कृति में भूमिकाओं के माध्यम से बताने का प्रयास किया है. प्रेम चंद्राकर निर्देशित ‘अब्बड़ म...
साहस का खामियाजा. - ६१ वर्षीय त्रिवेदी , राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ वर्षों से लड़ रहे हैं। जिस वोहरा कमिटी की वजह से "सूचना का अधिकार" क़ानून बन सका, वह त्रिवेदी की कोर्ट मे... ताला और तुली - सन 2003, अप्रैल की पहली तारीख, बिलासपुर में मार्क तुली ने अपनी पुस्तक ''इंडिया इन स्लो मोशन'' पर थोड़े मजाकिया ढंग से व्याख्यान दिया, सवाल-जवाब भी हुए। का..भीड़ - मेरे भीतर बहुत ही बुरी हालत में ठेलम-पेल करती हुई एक बदहवास भीड़ अजीब चाल में मुझे चिढाती हुई हरवक्त रेंगती रहती है..... मेरे ही नाक के नीचे सभाएं आयोजित कर...
ग़ज़ल - *अंधकार को डरा रौशनी तलाश कर, ‘मावसों की रात में चांदनी तलाश कर। बियाबान चीखती खामोशियों का ढेर है, जल जहां-जहां मिले जि़ंदगी तलाश कर। डगर-डगर घूमती सींग...Roshi: होली - Roshi: होली: होली आयी,फिजाओं में सप्तरंग और बागों में भी है कोयल चेह्काई ब्रिध -बालक ,नर -नारी और युवा तन -मन सभी पर है मस्ती छायी रंग ,गुलाल इतर की खुसब... जाना है चले जाना - वह राह दिखाई देती है जाने से किसने रोका है यह प्यार है कोइ सौदा नहीं जाना है चले जाना पर लौट कर न आना अच्छा नहीं लगता हर बात दोहराना बेसिरपैर की बातो...
इक प्यार का नगमा है - [image: Blog parivaar]इक प्यार का नगमा है.. मौजों कि रवानी है.. जिन्दगी और कुछ भी नही, तेरी मेरी कहानी है ..... कल तक जो हीरो थे, बन गए सब जीरो हैं, सरकार नि... हद-ऐ-हठ ! - बड़े अक्षरों में पढने हेतु कृपया रेखा- चित्र पर क्लिक कीजिये. कठिन शब्दार्थ : फेहरिस्त = सूची मुंतजिर= इन्तजार में बैठा साइल= प्रार्थी दर-गुजर = माफ़ ताऊ की ब्लॉग लिखाई ! - ब्लॉग जगत की सबसे बड़ी लाफ्टर मशीन* ताऊ* नजर नहीं आ रहे बहुत दिनों से . हंसोड़ों को हंसी कि तलब हो रही थी , क्या करे अब ...जा पहुंचे* रामप्यारी* के पास ......
कहा था उसने - ब्लोगर साथियों १५ दिसम्बर २०११ को मेरी दोस्त विनती गुप्ता का देहांत हो गया था केंसर की वजह से .वो बैंक कर्मचारी थी और सबसे बड़ी बात ये थी कि अगर वो मंदसौर... जहाँ शून्य ही व्याप रहा था - जहाँ शून्य ही व्याप रहा था एक खोज कबसे चलती है, जिस पर जीवन वार दिया थाआपाधापी अब खलती है ! जन्मों से यह खेल चल रहा, एक त्रिकोण सदा बन जाता अंतर्मन को यूँह... हाँ ......कौन सी उर्मिला हूँ आज मैं बतलाती हूँ - अपनी गाथा आज स्वंय मै गाती हूँ हाँ ......कौन सी उर्मिला हूँ आज मैं बतलाती हूँ ना जाने क्यूँ स्त्री को तुमने अबला ही माना उसका सिर्फ एक रूप ही जाना इत...
NAINA PEAK / CHINA PEAK नैना पीक / चाइना पीक - नैनीताल का स्नोव्यू पोइन्ट SNOW VIEW POINT तो देख लिया, जबकि मैं इस स्थल को देखने के लिये नहीं आया था, मैं तो नैना पीक NAINA PEAK इसे चाइना पीक CHINA PEAK...अब पृथक बस्तर माँगा आदिवासियों ने - कांकेर :-मुख्यमंत्री के खास भाजपा नेता अलोक ठाकुर द्वारा किये गए अवैध कब्जे पर कब्ज़ा ज़माने के बाद भी आदिवासियों का राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम का का... वह जुलाई था या अगस्त - वह जुलाई था या अगस्त ठीक ठीक याद नहीं हैं बस इतना याद है बारिश हो रही थी और सर पे धान के बिचरों का बोझा उठाये घुटनों तक डूबी वह भीग रही थी सर पे धान के ...
लम्हों को जो कैद किया अफ़साना नया बन गया ……पुस्तक मेले के सफ़र मे - दोस्तों , २५ फरवरी एक यादगार लम्हा बनकर यादों में कैद हो गयी चलिए आपको ले चलती हूँ अपने उस सफ़र पर पुस्तक मेला -----2012 सबसे पहला पड़ाव ..........हिंद यु... लूट का नया तरीका - कुछ दिन पहले टाटा डोकोमो ने मेरे मो.न. 8109661148 में बिना मेरी सहमति के काल मी ट्यून सेवा शुरू कर दी और पचास रुपये काट लिये। कस्टमर केयर नं. लगाने पर उनके... रच दूंगी मै संसार निराला - महाप्रलय से भयभीत न होना रच दूंगी संसार निराला दुनिया की तस्वीर बना दूँ जो रंग कोई हो भरने वाला महाप्रलय से भयभीत न होना रच दूंगी मैं संसार निराला सतरंग..
फाइव स्टार अस्पताल, किस के लिए --- - रोज सुबह जब अस्पताल जाता हूँ , पाता हूँ रोज वही भीड़ भाड़ । झाड़ से चेहरे, एक जैसे कैसे कैसे अरमान लिए आते हैं , क्या सबके पूरे हो पाते हैं ! देखता हूँ रोज ...शर्म कीजिए डॉक्टर हिमांशु - * आत्महत्या को लेकर अलग अलग धारणाएं और अलग अलग मान्यताएं हैं, किसी के लिए बेचारगी का सबब है तो मुझे जैसे के लिए यह केवल कायरता है एक ऐसा काम जि... बंदर की रोटी बनाम होलोप्टीलिया इंटेग्रिफोलिया -एक औषधीय वृक्ष - पिछली पोस्ट में मैं ने एक वृक्ष और उस के कुछ भागों के चित्र पोस्ट किए थे। स्थानीय लोग इसे बन्दर की रोटी का पेड़ कहते हैं। टिप्पणियों से पता लगा कि कुछ क...
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद राम राम
12 टिप्पणियाँ:
चलो अब पढना शुरू करते हैं .....! अच्छी खासी वार्ता ...जय हो ..!
रोचक स्टाईलिश वार्ता :)
आभार !
यहां ताला की चाबी (लिंक) पा कर अच्छा लगा.
बल्ले बल्ले
बल्ले बल्ले
वार्ता घणी चौखी लागी जी|
बहुत बढ़िया
http://kalyugeenarad.blogspot.in/
अडबड सुग्घर हावे गा तो सब्बो लिंक हर
मजा आगे देख के
जय हो ब्लाग ४ वार्ता
रोचक वार्ता... अच्छे लिंक्स... हमारी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार...
अच्छी वार्ता
बहुत सुंदर
शानदार लिंक मिले...
सादर आभार.
वाह! अच्छे लिंक्स सजाएं हैं!!!
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