ललित शर्मा का नमस्कार, श्री श्री रविशंकर के बयान को लेकर काफ़ी हल्ला मचा हुआ है, अखबारों पन्ने रंग दिए हैं और बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है। उनका कहना है कि भारत में सरकारी स्कूलों को बंद करके निजि स्कूल खोलने चाहिएं क्योंकि सरकारी स्कूल नक्सलियों को जन्म देते हैं, साथ ही उन्होने कहा कि निजि स्कूलों में कभी उग्रवाद नहीं सिखाया जाता……। इस बयान पर मुझे भी आपत्ति है, जब हम पढते थे तो ग्रामीण क्षेत्रों में निजि स्कूल होते ही नहीं थे, सभी सरकारी स्कूल थे, क्या उस समय पढने वाले सभी विद्यार्थी नक्सलवादी या उग्रवादी हो गए। अगर सरकारी स्कूल नहीं होगें तो आम आदमी के बच्चे कहाँ पढने जाएगें और उनकी शिक्षा-दीक्षा का भार क्या श्री श्री उठाएगें। इनके बयान ने बहुत सारे स्वाल खड़े कर दिए हैं। अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर और प्रस्तुत करते हैं कुछ उम्दा लिंक……………
चंद सफ़े ओशिमा डायरी से18 मार्च, 2012 *कल दिन भर करने को कुछ नहीं था सो इंतज़ार था सुबह का लेकिन नींद खुली सवेरे आठ बजे नाश्ते की गुहार के साथ । इस होटल में रूम सर्विस नाम की कोई चीज़ मालूम नहीं देती । कल शाम भी यही हुआ ठी...चलो..चलो, पुराने कपड़ों की तहों से अतीत की यादों को निकालें, जंग लगे बक्सों के तालों को खोल डालें, कोई माला ,कोई मोती , किसी सिक्के से सुनें कहानी, बर्तनों के ढेर से सुन लें उनकी जुबानी. पूछें घर के कोने-कोने से ...पर्यावरणीय दोहे जंगल जंगल वेदना, मनुज वेदना शुन्य| भटके भूले राह सब, कहाँ पाप कंह पुण्य|| नादानी है छीनना, हरियाली के प्राण| वरदाता सब पेड अब, मांगें जीवनदान|| यदि बचाना स्वयं को, अरु अपना संसार| पेड लगा कर हम करें, सृष...
पेट कटारी बनी साहर के रिगबिग-सिगबिग अंजोर ले बने तो गांव के महिना पंद्रही के पुन्नी के अंजोरी बने। भले अगोरा करा के आथे फेर तिहरहा कस खुसयाली तो लानथे। जिहां दिन अउ रतिहा सबर दिन एके बरोबर उहां के मन पुन्नी पुनव...पश्चिम में प्रकाश बात सभ्यता की हो, अध्यात्म की, योग की या शाकाहार की, भारत का नाम ज़ुबान पर आना स्वाभाविक ही है। सच है कि इन सभी क्षेत्रों में भारत अग्रणी रहा है। वैदिक ऋषियों, जैन तीर्थंकरों, बौद्ध मुनियों और सिख गुरुओं ...मैं... एक लड़की की अलमारीना ना प्रिये ... देखो यूँ ज़ुल्म मत करो मुझ पर क्यूँ लोगों को यह कहने का मौका देती हो कि स्त्रीलिंग ही स्त्रीलिंग की दुश्मन है... देखो तो ज़रा मेरे नाज़ुक कंधों पर कितना बोझ डाल रखा है तुमने जो कभी उफ़न कर...
बार बार दिन ये आए , बार बार दिल ये गाए ---चुनाव . हर वर्ष के आरंभ में हम डॉक्टर्स अपनी संस्था , दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के चुनाव कराते हैं . मार्च अंत तक जहाँ एक तरफ वित्तीय वर्ष का अंत होता है , वहीँ हमारे भी चुनावों की प्रक्रिया समाप्त ह...बुरबक टाईप लगते हैं-श्री श्री वाले रविशंकरपिछले दिनों श्री श्री वाले रविशंकर पटना आए थे. उस दौरान मैंने जो महसूस किया था उसे लिख रखा था लेकिन उस वक्त ब्लॉग पे लगाना भूल गया था. अभी क्या है कि श्री श्री के हालिया बुरबकई से भरे बयानलगता है बहक गए हैं श्री श्री मै*ने सोचा नहीं था कि कभी मुझे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर को कटघरे में खड़ा करना पड़ेगा। मैं जानना चाहतां हूं कि श्री श्री को हो क्या गया है, आप कह क्या रहे हैं, इसका मतलब समझ रहे हैं। देश के सरका..
अस्तित्व का भान!मेरी कवितायेँ शीर्षक विहीन हुआ करती थीं... यूँ ही लिखते थे और कोई शीर्षक नहीं ढूंढ़ पाते थे... किसी शीर्षक की परिधि में भाव को बाँधने का अनुशाषण सीखना मेरे शब्दों के लिए सरल नहीं रहा है... एक बार एक शीर्षक...चुप्पी के बोलसुबह की पहली किरणे सी मैं न जाने कितनी उमंगें और सपनों के रंग ले कर तुमसे बतियाने आई थी ... लम्हे .पल सब बीत गए मिले बैठे मुस्कराए हम दोनों ही पर चाह कर भी कुछ कह न पाये बीते जितने पल वह बीते कुछ...जन्म दिनवेश बदलकर हम फकीरों का ** *रोज तेरे दर पर सजदा करते हैं * * * ** हैप्पी बर्थ डे ** * * *अपने सबसे अजीज मित्र के जन्म- दिन पर क्या शुभकामना दू --यहीं सोच रही हूँ ...* * * दिल में अरमान हैं क...
यमराज और स्वर्ग प्राप्ति के नये नियमयमराज अपने सिंहासन पर उंघ रहे थे कि चित्रगुप्त ने आकर उन्हे डिस्टर्ब कर दिया। यमराज बोले- "चित्रगुप्त, हमारी रानी की तरह तुम्हे भी क्या हमारा सुख देखना पसंद नही।" चित्रगुप्त ने सफ़ाई दी - "महाराज, आपात ...ख़तइतने बरसों बाद तुमको देखा तो ये ख़याल आया ........ के जिन्दगी धूप, तुम घना साया ......!!! नहीं -नहीं ,जीवन में धूप की भी तो जरुरत होती है विटामिन- डी के लिए ........!! .तुम को देखा तो मुझे ख्याल आया ...असफल प्रयास..आँखों से छलका । एक आंसू , पलकों ने किया असफल प्रयास गिरने से, रोकने का । बचाने का , उसके अस्तिव को । अंतत , वह गिर गया । संवेदनहीनता की , रेतीली ज़मीन पर।
रिश्ते : कल्पना जड़ेजारिश्तों को न थामों तुम मुट्ठी में रेत की तरह ... सरक जायेंगे वो भी वक़्त की तरह .. महसूस करो तुम उनको हर एक साँस की तरह ... रिश्ते जब बंधते है तो ख़ुशी देते है ... टूटते है तो कॉच की तरह. अनगिनित परछाई मे...बस!! यूँ ही एक गज़ल बन गई..इधर व्यस्तता के दौर में समय समय पर आस पास देखते, अखबार पढ़ते, टीवी देखते तरह तरह के विचार आते गये और मैं उन्हें अलग अलग कागज पर लिखता रहा. कभी घर के पिछली सर्दी में बर्फीले तूफान के दौरान पानी से हुए एक्...छत्तीसगढ़ के राशन दूकानों में "अन्नपूर्णा ए.टी.एम.सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और भी अधिक पारदर्शी तथा सुगम बनाने कोर पी.डी.एस. *** (समाचार) राशन दूकान संचालित करने वाली महिलाओं को मिला अन्नपूर्णा ए.टी. एम.*मु*ख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसग...परोपकार करते चलो रात अंधेरी गहराता तम सांय सांय करती हवा सन्नाटे में सुनाई देती भूले भटके आवाज़ कोइ अंधकार में उभरती निंद्रारत लोगों में कुछ को चोंकाती विचलित कर जाती तभी हुआ एक दीप प्रज्वलित तम सारा हरने को मन में ...नहीं गिला अपने जब चिर विदा ले तो दे जाते है हमे असीम गम साल बीतने को आया पर याद आते ही आँखे होती आज भी नम तुम्हे खोने का बोझ मन पर है बड़ा ही भारी । चल चित्र की तरह बीता समय सामने आने का क्रम अब भी है ज़ारी । अब तुम नह...धन-शोहरत की चकाचौंध को शहर कहते है लोग ! इस माह के द्वितीय सप्ताह में, किसी काम से दक्षिण को जाते हुए एक दिन के लिए मुंबई में रुका था ! मुंबई में गंतव्य की ओर बढ़ते हुए टैक्सी की पिछली सीट पर खामोश बैठा उस शहर को बस यूँ ही बारीकी से निहार रहा था...
तेरी आँखों में ज़माने ने जमाना देखा तेरी आँखों में ज़माने ने जमाना देखा रिंद भी देखे,मय देखी, मयखाना देखा होश में खुद रही,रिन्दों को बेहोश किया ए साकी मैंने तेरे हांथों में पैमाना देखा तूने रिन्दों के दिलों से हटा दिए हर गम पर तेरी आंखों...जीवन चक्र इंसान अपनी परेशानियों से कितना घबराया रहता है........जबकि जानता है कि यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं............और जो होना है उस पर कोई वश नहीं...........जो मिलना है उससे कोई वंचित नहीं रहता.......फिर भी परेशां ... फिर लाशों का तर्पण कौन करे ? यहाँ ज़िन्दा कौन है ना आशा ना विमला ना लता ना हया देखा है कभी चलती फिरती लाशों का शहर इस शहर के दरो दीवार तो होते हैं मगर कोई छत नहीं होती तो घर कैसे और कहाँ बने सिर्फ लाशों की खरीद फरोख्त होती है जहाँ लाश...
विश्व जल दिवस : जल बचाएं *आज विश्व जल दिवस है. चलिए, आप सभी मेरे साथ संकल्प लें कि आज से और अभी से हम पानी को बर्बाद नहीं होने देंगें.* *जल की हर बूंद हमारे जीवन और धरती के जीवन के लिए बहुत जरुरी है. * जन्मदिन: दुनिया जादू का खेल आभासी दुनिया में एक जन्मदिन और मना लिया। पहले के जन्मदिन पाबला जी के ब्लॉग पर मनाए। पाबला जी के ब्लॉग ने साथ नहीं दिया। अब वह वेबसाईट बन गया है। पदोन्नोति तो होनी ही चाहिए। पहले जन्मदिन वाला ब्लॉग ही बतात...
वार्ता को देते हैं विराम्……मिलते हैं ब्रेक के बाद्………आभार
16 टिप्पणियाँ:
अच्छी वार्ता, अब श्री श्री कह रहे हैं कि उन्हों ने सिर्फ नक्सली क्षेत्रों के सरकारी स्कूल बंद करने को कहा था। उन्हों ने कहा कि वे इत्ते मूरख थोड़े ही हैं। तो फिर कित्ते?
नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |वार्ता अच्छी रही |कुछ लिंक्स पढ़ लिए हैं और कुछ कुछ बाकी हैं दोपहर के लिए |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
सुन्दर प्रस्तुति ।
नवसंवत्सर की शुभकामनायें ।।
शर्मा जी! नव संवत्सर की शुभकामनायें , सुख समृधि का वाहक बने नव मंगलमय वर्ष ...... सरकारी स्कूल बंद कराने की मुहीम का जायजा लेने का धन्यवाद ,
एक अनुरोध मेरे ब्लॉग की एक कविता "सरकारी स्कूल " पढ़ें और जो ईमानदारी से लिख सकते हैं लिखें .ख़ुशी होगी /
Jab aap aur hum Sarkaari school main padha karte they tab Aatankwaad itna nahi tha jitna aaj hai, so mere khayal se kal aur aaj ki comparision karna to bewkufi hongi...
नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं .... सुन्दर वार्ता और लिंक्स के लिए आभार...
अच्छी वार्ता .. सुंदर लिंक्स ..
नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं !!
thankyou, for introducing us to so many fabulous blogers who were other wise hidden from us.
happy new samvat year. and long live revolutionaries- shaheed bhagat sing and others.
आज की वार्ता बहुत अच्छी लगी |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
आशा
नव संवत्सर की शुभकामनायें……सुन्दर लिंक संयोजन
बहुत सुन्दर प्रस्तुति| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक शुभकामनाएँ|
सुन्दर वार्ता. नववर्ष शुभ हो.
बहुत सुंदर वार्ता...
सादर आभार।
भारतीय नव वर्ष की शुभकामनाये..
नव संवत्सर की शुभकामनाये ------बहुत ही सुन्दर लिंक्स
सशक्त वार्ता!!
सार्थक सूत्र (लिंक)
सुपाठय संयोजन!!
नव संवत्सर की शुभकामनाएँ!!
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