क्वचिदन्यतोअपि..........!: आईये शनि दर्शन का लाभ उठाईये!
आईये शनि दर्शन का लाभ उठाईये!
इस माह में धरती से शनि करीब होंगे और नंगी आँखों से दिखेगें यह समाचार आते ही मन इस खगोलीय घटना को देखने को ललक उठा था ....बताया गया था कि ६ अप्रैल को ही शनि का सुन्दर नजारा दिखेगा ..मैं तभी से इस अवसर का लाभ उठाने को व्यग्र था ..मेरी बात दर्शन बवेजा जी से भी हुयी जिन्हें विज्ञान में काफी रूचि है ....उनका दावा था कि उन्होंने शनि को ६ अप्रैल को ही देख लिया था -मगर मैं उतना भाग्यशाली नहीं था और यहाँ बनारस का आसमान भी कई दिनों से साफ नहीं था -बादल और धुंध से भरा था ...लिहाजा मैं मन मसोस करके रह गया मगर मेरा शनि अन्वेषण जारी रहा और आज तो खूब आह्लादित हूँ -आज यहाँ रात्रि -आसमान बिलकुल साफ़ है और शनि अपने पूरे सौष्ठव के साथ पूर्व दिशा को आलोकित कर रहे हैं!और अंधे को भी दिख जाएँ इतना साफ़ दिख रहे हैं!
और अब देखिये ये लिंक्स
आईये शनि दर्शन का लाभ उठाईये!
इस माह में धरती से शनि करीब होंगे और नंगी आँखों से दिखेगें यह समाचार आते ही मन इस खगोलीय घटना को देखने को ललक उठा था ....बताया गया था कि ६ अप्रैल को ही शनि का सुन्दर नजारा दिखेगा ..मैं तभी से इस अवसर का लाभ उठाने को व्यग्र था ..मेरी बात दर्शन बवेजा जी से भी हुयी जिन्हें विज्ञान में काफी रूचि है ....उनका दावा था कि उन्होंने शनि को ६ अप्रैल को ही देख लिया था -मगर मैं उतना भाग्यशाली नहीं था और यहाँ बनारस का आसमान भी कई दिनों से साफ नहीं था -बादल और धुंध से भरा था ...लिहाजा मैं मन मसोस करके रह गया मगर मेरा शनि अन्वेषण जारी रहा और आज तो खूब आह्लादित हूँ -आज यहाँ रात्रि -आसमान बिलकुल साफ़ है और शनि अपने पूरे सौष्ठव के साथ पूर्व दिशा को आलोकित कर रहे हैं!और अंधे को भी दिख जाएँ इतना साफ़ दिख रहे हैं!
और अब देखिये ये लिंक्स
एक अधकचरा इण्टरव्यू
कुछ करिए…
हँसते खेत
नारायणास्त्रम् – Narayanastram
पहली घूस देने की खुशी, दो पल की – और मेरी बा
भौतिक समृद्धि ओर आध्यात्मिक खोज–
पुलिस, डॉक्टर और मास्टर- भ्रष्टाचार के तीन यार
मनुष्यता का पाठ
मन मरा तो आदमी जिंदा नहीं रहेगा-हिन्दी चिंत्तन आलेख (man mara to aadmi jinda nahin rahega-hindi cnittan aalekh)
गाय दूध नहीं देती बल्कि प्रयत्नपूर्वक बूंद-बूंद निकालना पड़ता
Fastest Growing WordPress.com blogs
- छत्तीसगढ़ी गीत संगी … Chhattisgarhi Geet Sangi
- शाबर-मन्त्र
- Hindizen – निशांत का हिंदीज़ेन ब्लॉग
- मेरी मानसिक हलचल
- स्वार्थ
- Osho Satsang.org/ओशो सत्संग
- नया सर्वहारा पुनर्जागरण नया सर्वहारा प्रबोधन
Latest Posts
girishbillore : जीभ-पलट गीत :- कुछ ऊंट ऊंचा कुछ पूंछ ऊंची ऊंट की
devilalpark : नास्तिकों और आस्तिकों की बहस
ramadwivedi : `ग्रीष्म’ हाइकु -2
loksangharsha : उत्तर प्रदेश एस.टी.एफ की पोल खुली: फर्जी फंसाए गए कश्मीरी नवजवान सज्जादुर रहमान आरोप मुक्त
dainandini : kaho to laut jātei.n hai.n (कहो तो लौट जातें हैं…)
girishbillore : किसी की मज़ाल क्या जो अर्चिता पारवानी की बात काटे..!
vageeshwaree : उद्धरेत् आत्मना आत्मानम् |
dnangrani : महर्षि की ग़ज़लें
dnangrani : महर्षि की ग़ज़लें
dnangrani : महर्षि की ग़ज़लें
dnangrani : आर.पी. शर्मा ‘महरिष’
samatavadi : भ्रष्टाचार की जड़ें (२) / सच्चिदानन्द सिन्हा
dnangrani : श्री आर. पी. “महरिष” के ग़ज़ल संसार की दो ग़ज़लें
dnangrani : वतन की याद आती है
dnangrani : कर गई लौ दर्दे-दिल की इस तरह रौशन जहाँ
10 टिप्पणियाँ:
बढ़िया लिंक्स ... आभार !
ब्लॉग्स की चौपाल तो बहुत लोग सजाते हैं लेकिन आपका जवाब नहीं। आपकी थीम और लिंक्स गजब के होते हैं। उनसे जो ईमानदारी झांकती है उसको सलाम। कृपया ब्लॉग जगत में कुछ लोगों द्वारा की जा रही टुच्ची राजनीति से दूर रहकर इस सिलसिले को बनाये रखें।
good links...
बहुत सुंदर
देश और समाजहित में देशवासियों/पाठकों/ब्लागरों के नाम संदेश:-
मुझे समझ नहीं आता आखिर क्यों यहाँ ब्लॉग पर एक दूसरे के धर्म को नीचा दिखाना चाहते हैं? पता नहीं कहाँ से इतना वक्त निकाल लेते हैं ऐसे व्यक्ति. एक भी इंसान यह कहीं पर भी या किसी भी धर्म में यह लिखा हुआ दिखा दें कि-हमें आपस में बैर करना चाहिए. फिर क्यों यह धर्मों की लड़ाई में वक्त ख़राब करते हैं. हम में और स्वार्थी राजनीतिकों में क्या फर्क रह जायेगा. धर्मों की लड़ाई लड़ने वालों से सिर्फ एक बात पूछना चाहता हूँ. क्या उन्होंने जितना वक्त यहाँ लड़ाई में खर्च किया है उसका आधा वक्त किसी की निस्वार्थ भावना से मदद करने में खर्च किया है. जैसे-किसी का शिकायती पत्र लिखना, पहचान पत्र का फॉर्म भरना, अंग्रेजी के पत्र का अनुवाद करना आदि . अगर आप में कोई यह कहता है कि-हमारे पास कभी कोई आया ही नहीं. तब आपने आज तक कुछ किया नहीं होगा. इसलिए कोई आता ही नहीं. मेरे पास तो लोगों की लाईन लगी रहती हैं. अगर कोई निस्वार्थ सेवा करना चाहता हैं. तब आप अपना नाम, पता और फ़ोन नं. मुझे ईमेल कर दें और सेवा करने में कौन-सा समय और कितना समय दे सकते हैं लिखकर भेज दें. मैं आपके पास ही के क्षेत्र के लोग मदद प्राप्त करने के लिए भेज देता हूँ. दोस्तों, यह भारत देश हमारा है और साबित कर दो कि-हमने भारत देश की ऐसी धरती पर जन्म लिया है. जहाँ "इंसानियत" से बढ़कर कोई "धर्म" नहीं है और देश की सेवा से बढ़कर कोई बड़ा धर्म नहीं हैं. क्या हम ब्लोगिंग करने के बहाने द्वेष भावना को नहीं बढ़ा रहे हैं? क्यों नहीं आप सभी व्यक्ति अपने किसी ब्लॉगर मित्र की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हैं और किसी को आपकी कोई जरूरत (किसी मोड़ पर) तो नहीं है? कहाँ गुम या खोती जा रही हैं हमारी नैतिकता?
मेरे बारे में एक वेबसाइट को अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान भेजने के बाद यह कहना है कि- आप अपने पिछले जन्म में एक थिएटर कलाकार थे. आप कला के लिए जुनून अपने विचारों में स्वतंत्र है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं. यह पता नहीं कितना सच है, मगर अंजाने में हुई किसी प्रकार की गलती के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ. अब देखते हैं मुझे मेरी गलती का कितने व्यक्ति अहसास करते हैं और मुझे "क्षमादान" देते हैं.
आपका अपना नाचीज़ दोस्त रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
अच्छी लिंक्स |
आशा
you can read shayari sms jokes
http://shayari10000.blogspot.com
apne dosto se khie meri site par bhi comments kare :)
वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी
आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको
बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था
अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे
आपका मित्र दिनेश पारीक
श्रीमान जी, मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
श्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
श्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।