बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

बांधे मैंने तुम्हारे जुड़े में सुर्ख़ गुलाब ----- ब्लॉग4वार्ता ------ ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, वेलेंटाइन डे की जगह छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री रमन सिंह की घोषणा के अनुसार माता-पिता दिवस मनाया गया. यह कदम भारतीय संस्कृति को बनाये रखने के लिए मील का पत्थर साबित होगा. पाश्चात्य संस्कृति के बाजारवाद का प्रचार प्रसार जोरों से हो रहा है. समस्त त्योहारों का बाजारी करण उपभोक्ताओं की कमर तोड़ रहा है. सांस्कृतिक प्रदुषण से बचाना आवश्यक है......... अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर, करते हैं ब्लॉग जगत की सैर ...............

भारतीय संस्कृति की गरिमा के रक्षकः स्वामी विवेकानंदआज से 104 वर्ष पूर्व सन् 1893 में शिकागो में जब विश्वधर्म परिषद (World Religious Parliament) का आयोजन हुआ था तब भारत के धर्मप्रतिनिधि के रूप में स्वामी विवेकानंद वहाँ गये थे। विश्वधर्म परिषद वाले मानते थ...बलटिहान बाबा यदि इस लेख से किसी की प्रेमिल भावनाएं आहत होती हैं तो इसकी जिम्मेदारी उस शख्स की पत्नी की होगी.........पति तो वैसे भी गैरजिम्मेदार माने जाते हैं : ) बहरहाल आप लोग अपनी अपनी सीट बेल्ट बाँध ले...

जन्मदिन का सप्ताह और महाबलेश्वर की यात्रा.मित्रों सबसे पहले आप सभी का आभार जो आप सभी नें जन्मदिन की शुभकामनाएं ब्लाग और फ़ेसबुक के माध्यम पर दी.... पहली बार विशिष्ट होनें सा आभास हुआ :-)अम्मा और पापा मुम्बई में खास हमारे जन्मदिन के कारण ही आए थे, ...एक 'कील' हूँ मैं **? असम्भव की गहरी खाई में गिरी हुई **** एक* 'कील' *हूँ मैं *** ? साधारण *** जंग लगी *** खुद से ही टूटी हुई ** थकी ??? कमजोर !!! तुम्हारा तनिक -सा सपर्श ,,, मुझे जिन्दगी दे सकता हैं प्रिये ! ...

दवेजी का वैलेन्टाईन डेप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट पवन जी से साभार सुबह जब हम निकलने के लिये तैयार होने पहुंचे, तो देखा नया पैंट नयी शर्ट हमारा इंतजार कर रही थी। दिमाग चकराया कि नये कपड़े खराब ...पुनः केरल- कोच्चि या कोचीनकोच्चि या कोचीन – दिन आंठवा – आज जब हमारा भ्रमण परिवार कमरे से बाहर आया तो सामान लॉबी में रखा हुवा था जो कि पूर्व से दो तीन गुना ज्यादा था और आज कोच्चि में तो शॉपिंग ही शॉपिंग थी । आज अगर सिक्यूरिटी वाले...

मिलन-यामिनी मिलन-यामिनीआज रिमझिम मेघ रिमझिम हैं नयन भी पास मेरे तुम,तुम्हारे पास मस्ती, बादलों की गोद में बिजली विहँसती, मैं भरी-उमड़ी भरा-उमड़ा गगन भी; आज रिमझिम मेघ रिमझिम हैं नयन भी ...ऋतु नन्ही सी गुडि़यों की रानी आई है परियों की नानी नित आती रहें चंदा की किरण बन्नों बन जाना तू चंदन महके तुमसे गुलशन-गुलशन खुश्बु से झूमे सारा चमन लाई सौगातें मनमानी ऋतिुओं की रानी दिवानी कुंदन सा चमके तेरा ...... 

वैलेन्टाइन सभा कल्लू काटा और लल्लू लाटा हमारे मुहल्ले के मुहल्ला विकास समिति के सबसे अधिक सक्रिय सदस्य हैं, बल्कि वास्तव में कहा जाए तो वे दोनों ही मुहल्ला विकास समिति के सर्वेसर्वा हैं। दोनों ही चाहते हैं कि मुहल्ले में...तुझे मैला न कर दें..! ओ....!! श्वेतवसना  ओ..!! स्फटिक प्रतिमा, गंगोत्री मुख सी, तू लाज में सिमटी, ओ दूधिया दीप्ती,  तू गाँठ सुगंध की , तारों की चाँदी,   यौवन तेरी बाँदी,      ओ....!! रूपगर्विता, कहता हूँ...
घूम आओजीवन की एकरसता से गर मुक्ति पाना हो उत्साह और उमंग को जीवन का अंग बनाना हो जोश किसको कहते है औ कैसा है गंगा का बंधनयुक्त उन्मुक्त मस्त विहार देखना चाहते हो तो घूम आओ हरिद्वार। गंगा की इठलाती,लहराती औ बलख...श्रीलंका- विलुप्त हुए चीते वेल्‍लूपिल्‍लई प्रभाकरन जनश्रुतियां व लोक साहित्य किस तरह से इतिहास को पुष्ट करती हैं, इसका बेहतरीन उदाहरण मलिक मोहम्मद जायसी के 'पद्मावत' में देखा जा सकता है। इस ग्रंथ के आरंभ में सिंहलद्वीप की राजकुमार.

छोटू उस्ताद जी सही समझे आप ....आज मिलवा रही हूँ अपने छोटू उस्ताद से .. अभी तो जस्ट शुरूआत है..देखिए आगे-आगे करते हैं क्या ---- * नीले पुलोवर वाला लड़का * पुराने नीले पुलोवर-वाला, वह लड़का उछलता कूदता, सड़क पर शोर ...ये गुलाब एक सुर्ख़ गुलाब देकर , कर देते हैं , अपने भावनाओं का इजहार लोग़ यदि यही है अपने प्रीत को बयाँ करना, तो कई बार बांधे मैंने , तुम्हारे जुड़े में सुर्ख़ गुलाब और तुम मुस्कुरा कर अपने हाथों से छू कर गुलाब ...

एक देहाती क़ब्रिस्तान में लिखा गया शोकगीत इम्तेहानी मजबूरियों के चलते कभी पढ़े गए तमाम साहित्य में से जो कुछ याद आता है कभी-कभार, टॉमस ग्रे की ये अमर रचना उसमें से एक है-- ‘मधुबनी पेंटिग’- गर्दिश में एक चित्र शैली खबरों में इतिहास अक्सर इतिहास से संबंधित छोटी-मोटी खबरें आप तक पहुंच नहीं पाती हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए इतिहास ब्लाग आपको उन खबरों को संकलित करके पेश करता है, जो इतिहास, पुरातत्व या मिथकीय इति...

वार्ता को देते हैं विराम, सबको राम राम. आइये नए अभियान  पर चलते हैं
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5 टिप्पणियाँ:

अच्‍छी वार्ता ... सुन्दर लिंक्स...

बढ़िया वार्ता... अच्छे लिंक्स...
सादर आभार.

बढ़िया वार्ता. अच्छे लिंक्स.
सादर आभार.

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