संध्या शर्मा का नमस्कार... जी हाँ मैं भी मानती हूँ कि लिखा दिमाग से कम और दिल से अधिक जाता है, क्योंकि हर लिखने वाला खास होता है, क्योंकि लिखना हर किसी के बस की बात नहीं होती और क्योंकि हर एक लिखने वाले के लिए पढने वाला जरुरी होता है, और हम चुनकर पहुंचाते हैं आपकी खास रचना को उन खास लोगों तक क्योंकि पढने वाला और भी खास होता है.... 
मौसम के तेवर बदले, फैली धूप और जलन
बरस रही आग फिर भी कोई शीत लिखना चाहता है
कोई प्रीत, कोई जीत, कोई संगीत, कोई गीत
तो कोई मन मीत लिखना चाहता है...
आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग 4 वार्ता पर कुछ उम्दा लिंक्स के साथ
मौसम के तेवर बदले, फैली धूप और जलन
बरस रही आग फिर भी कोई शीत लिखना चाहता है
कोई प्रीत, कोई जीत, कोई संगीत, कोई गीत
तो कोई मन मीत लिखना चाहता है...
आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग 4 वार्ता पर कुछ उम्दा लिंक्स के साथ
कन्या भ्रूण हत्या कन्या भ्रूण हत्या पर खूब चिंतन हो रहा है। भयावह आंकड़े प्रस्तुत किये जा रहे  हैं। सभी यह मान रहे हैं कि यह जघन्य अपराध है। इसके लिए स्त्री को या डाक्टर  समुदाय को दोषी ठहराया जा रहा है। जहाँ न पहुँचे रवि, ...नवाबिन और कठपुतली ! *पहनकर नकाब हसीनों ने, कुछ पर्दानशीनों ने,* *गिन-गिनकर सितम ढाये,बेरहम महजबीनों ने ! *  ** *हर पल इस तरह गुजरा, वादों की बौछारों से, * *हफ़्तों को दिनों ने झेला, सालों को महीनों ने !*  ** *निष्कपटता,...एक अकेले छिद्र पर टिकी आस! मन में निरंतर चल रही एक प्रार्थना के कुछ अंश यूँ लिख गए... सो बस सहेज ले  रहे हैं यहाँ...!  एक छेद भर रौशनी भीतर आती रहे और ढूंढ़ ले खोया हुआ उत्साह  वो उत्साह जो चूक गया है बीतते उम्र के साथ शायद कहीं दुबक ...
 सबां हर शाम सुहानी आये खुशियों के सबां लाये मौजे तबस्सुम के सुबहे मसर्रत में हर सफर बीत जाये    ज़ाम मए तरब हो मुबारक तुझे राहगुजर के खिजा  खार दे दे मुझे शबे इंतजार भी रौशन सहर लाये  शाम आती रहे बिन्ते महताब ब...मैं उस जमाने का हूँ ... कवितानुमा एक कथा !  मैं उस जमाने का हूँ  जब  दहेज में घड़ी, रेडियो और साइकिल मिल जाने पर लोग ...फिर  बहुओं को जलाते नहीं थे  बच्चे  स्कूलों के नतीजे आने पर  आत्महत्या नहीं करते थे  बल्कि ... स्कूल में मास्टर जी  और घर में... जीवन की आपाधापी सच जीवन की आपाधापी सच       जब दुःख की वीणा छेड़ी थी   पीछे चल रहा जमाना था,   अब सुख का राग उठा जब से   सँग अपने अब वीरानी है !     दुःख ही बोये दुःख ही काटे   सुख की भाषा बेगानी सी,   जीवन की आपाधापी सच   ‘उस...
मुखौटे  ज़िंदगी की दौड़ में सबसे आगे रहने की चाह में, हर रिश्ते हर संबंधों के सामने  पहन लिये  अनगिनत मुखौटे.   आज खड़ा विजय रेखा पर अनजान अपने ही अस्तित्व से, ढूंढ रहा हूँ वह चेहरा जो हो गया है गुम अनगिनत मुखौटों ... ज़रा सोचिये .. मैं मानती हूँ कि लिखा दिमाग से कम और दिल से अधिक जाता है, क्योंकि हर लिखने  वाला खास होता है, क्योंकि लिखना हर किसी के बस की बात नहीं होती और क्योंकि  हर एक लिखने वाले के लिए पढने वाला जरुरी होता है और जिसे...दुखों पर ही अपना घर...  नीम के घने पेड़ों की छाँव थी. तीन मंज़िला होस्टल के तीन गलियारे थे. एक  रास्ता था जो अख़बार के दफ़्तर जाता था, दूसरा रास्ता सेंट्रल लायब्रेरी.  अख़बार के दफ़्तर जाते हुए एक दिन अच्छा लिख सकने की हसरत टां... 
वो पनीली आँखें.....स्तब्ध सी ! शून्य में ताकती सूनी सूनी सी वो खाली आँखें...   सूखे होंठों वाले उदास चेहरे पर टंकी डबडबाई सी वो  पनीली आँखें...   बंजर  पड़ी  ह्रदय भूमि को जब तब  आंसुओं से सींचती,  जाने क्यों कभी हँसती नहीं  ... नैनीताल ..भाग 2 *नैनीताल की नैनी झील *     नैनीताल भाग 1 पढने के लिए यहाँ क्लिक  करे ........  रात को 11बजे के बाद  *अजमेर -रानीखेत *गाडी प्लेटफार्म पर आई  ...पूरी तरह खचाखच भरी थी ,यहाँ हमें कूपा नसीब नहीं हुआ ...3  मही... तलाश क्या है यह तलाश क्या है  क्यूँ है  और इसकी अवधि क्या है ! क्या इसका आरम्भ सृष्टि के आरम्भ से है  या सिर्फ यह वर्तमान है  या आगत के भी स्रोत इससे जुड़े हैं ? क्या तलाश मुक्ति है  या वह प्रलाप जो नदी के गर्भ में है ... 
अब देते हैं वार्ता को विराम मिलते हैं अगली वार्ता पर तब तक के लिए नमस्कार ......
  




10 टिप्पणियाँ:
अच्छी वार्ता...
हमारी रचना को शामिल करने का शुक्रिया संध्या जी.
अनु
बहुत बढिया ..
ढेर सारे पठनीय लिंक मिले ..
आपका आभार संध्या जी !!
काफी सारे उम्दा लिंक हें आपने - आभार संध्या जी
सुंदर लिंक,,,,,
MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि,,,,,सुनहरा कल,,,,,
अच्छी वार्ता
जी हाँ :) हर लिखने वाला खास होता है.बढ़िया वार्ता है.
achchhi varta....good
http://kavyana.blogspot.in
http://anasameeksha.blogspot.in
http://dhwanita.blogspot.in
in blogs ko blogoday me jodne ka kasht kare
ब्लॉग वार्ता में अपना आलेख देख कर अच्छा लगा।
विचारों का ऐसा प्रवाह विरला ही होता है।
बहुत अच्छे ..। सुंदर वार्ता सजी है जी । सारे पोस्ट लिंक्स एक से बढ कर एक । बहुत बहुत शुभकामनाएं
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