बुधवार, 3 अप्रैल 2013

मैं चाहे जो करूं, मेरी मर्ज़ी...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार...एक बेहतरीन ऐतिहासिक वार्ता के बाद वार्ता में काफी रौनक दिखाई दे रही है ... उम्मीद करते हैं कि इतिहास को जल्दी-जल्दी दोहराया जायेगा...शुभकामनायें...:)....लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ........ 

आओ चुनरिया सतरंगी कर दूँ - आओ चुनरिया सतरंगी कर दूँ अबकी बार होली में आओ प्रीत रंग हजार बिखेर दूं अबकी बार होली में जागा है मधुमास मास आज सुगंध लिए ॠतुराज आया ...होली की हुडदंग कमेंट्स के संग - होली की हुडदंग कमेंट्स के संग...उगतीं हैं कवितायें... - एक दिन उसने कहा कि नहीं लिखी जाती अब कविता लिखी जाये भी तो कैसे कविता कोई लिखने की चीज़ नहीं वो तो उपजती है खुद ही फिर बेशक उगे कुकुरमुत्तों सी .. 

श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (४८वीं कड़ी) - मेरी प्रकाशित पुस्तक 'श्रीमद्भगवद्गीता (भाव पद्यानुवाद)' के कुछ अंश: ग्यारहवाँ अध्याय (विश्वरूपदर्शन-योग-११.४७-५५) श्री भगवान: तुम पर प्रसन्न...एस. के. पाण्डेय की लघुकथा - बुराई - बुराई रजनी ने राजीव से कहा कि जब देखो तब तुम हमारी बुराई ही करते रहते हो कभी प्रशंसा नहीं करते। राजीव बोला यह तुम्हारा भ्रम है। मैं तुम्हारी बुराई क्यों कर..एक जंगल में मैं थी, एक जंगल मुझमें था... - रास्ते नये नहीं थे. बस अरसे से रास्तों ने पुकारा नहीं था. चलने का जी चाहता तो था लेकिन रास्तों की पुकार का इंतजार था। तो चलने की ख्वाहिशों को .... 

कैसे मीमांसा करे कोई - तुम अग्निवेश हो कैसे मीमांसा करे कोई जलाकर खाक करने की तुम्हारी नियति रही कैसे नव निर्माण करे कोई विध्वंसता तुम्हारा गुण रहा क्या हुआ जो कभी तुमने रोटी ...इश्क ..इश्क ...इश्क ...इश्क ..इश्क ...इश्क - अनोखा है ढाई अक्षर का इश्क रब को यार बना देता है इश्क। बेटी का भाल चूमता है इश्क प्रिय की बाहों में झूमता है इश्क। मामूली नहीं विशाल है इश्क चाहो तो ...दार्शनिक का इनाम - युवा दार्शनिक वॉल्‍फगांग हैरिख दर्शनशास्‍त्र के ऊपर एक नई किताब लेकर महाशय 'ब' के पास आए और उनसे आग्रह किया कि वे तत्‍काल उसे पढ़ लें। किताब इतनी मोटी थी...

बेटा क्या सोच रहा - आज न जाने क्यूँ बाबूजी उदासी धेरे मुझे जैसे ही पलक मूंदता आप समक्ष होतेमेरे आपका हाथ सर पर दे रहा संबल मुझे | हो गया कितना बदलाव पहले में और आज में... कोई तो है..... - * ** **कोई तो है....जो मेरा इंतज़ार करता है..* *दिल,तमन्ना औ' हम पे जां निसार करता है..!* * **मेरे दीदार को तरसे हैं...किसी की ऑंखें...* *वो एक शख्स..... "पिया के घर में पहला दिन ' परिचर्चा : साधना वैद जी, इस्मत जैदी एवं अर्चना चाव जी के संस्मरण - पिया के घर में पहला दिन ' परिचर्चा के अंतर्गत अब तक *लावण्या शाह जी, रंजू भाटिया, रचना आभा, स्वप्न मञ्जूषा 'अदा' ,सरस दरबारी , कविता वर्मा , वन्दना अवस्थी...

प्रेम/तलाश/अँधेरा - मैंने बोया था उस रोज़ कुछ, बहुत गहरे, मिट्टी में तुम्हारे प्रेम का बीज समझ कर. और सींचा था अपने प्रेम से जतन से पाला था. देखो ! उग आयी है एक नागफनी... कहो...पराई प्यास.... - अधपके बालों के बीच दर्द भरा निस्तेज चेहरा निढाल, बेहाल जैसे गिन रहा हो अपनी ही सांसों का आना-जाना ज्वर की तपन से तप्त रग-रग में दौड़ती थकान दिनभर की ... उदासी मेरे जैसी..... - ये उदासी मेरे जैसी है, ये प्‍यार तेरे जैसा है मैं खुद को खुद से मि‍लने नहीं देती तू मुझको पास अपने आने नहीं देता तेरा प्‍यार शीशी बंद खुश्‍बू, उड़ जाएगा ...

बावला बनने का सुख - सचमुच में बावला होने के जितने दुःख हैं सोच समझकर बावला बनने के उतने ही सुख । मूर्ख बने रहना हर परिस्थिति में कमजोरी नहीं होता । कई बार तो ऐसा भी देखने में.खिलवत में सजन के मैं मोम की बाती हूं .... - *लेख* ** * * * - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह * * * *‘प्रेम’ एक जादुई शब्द है। कोई कहता है कि प्रेम एक अनभूति है तो कोई इसे भावनाओं का पाखण्ड...कौन यहाँ मिलनातुर नहीं है ? - सब ऋतुओं से गुजर कर तुम ऐसे मेरे करीब आना कि अपने मन के पके सारे धूप-छाँव को मुझे ...

नरेंद्र मोदी के आगे घूमती भाजपा की रणनीति - *हरेश कुमार* भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है, यह अनुमानों के अनुसार ही था। ...जिहाद और आतंक - मुंबई पुलिस के एक आन्तरिक परिपत्र में जिस तरह से प्रमुख भारतीय इस्लामी संगठन जमात-ए-इस्लामी हिन्द की शाखाओं पर उसके लड़कियों के... संजय दत्त : अभिनेता या अपराधी ! - संजय दत्त ! ऐसा लग रहा है कि संजय दत्त का मामला आज देश की राष्ट्रीय समस्याओं में सबसे बड़ी समस्या है। हर तरफ से विचार आ रहे हैं, राजनेता, ..उसने  मुझसे इक दिन भीगी आँखों से कहा ये मुहब्‍बत भी बहुत बुरी शय होती है किसी और की खबर रखते-रखते खुद से बेखबर हो जाती है ...कुछ टूटने से पहले .... आवाज हो ये जरूरी तो नहीं तुमने देखा तो होगा फूलों का खिलना और बिखर जाना चुपके से!!! ..  


 

दीजिये इजाज़त नमस्कार.......

14 टिप्पणियाँ:

बढ़िया वार्ता ...शामिल करने का आभार

सुंदर लिक्स संजोये आज के ब्लॉग वार्ता में
मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार ,,,संध्या जी,,,

संध्या जी बहुत सुंदर वार्ता
कई नए लिंक्स मिले...
ढेर सारी शुभकामनाएं

बहुत ही बेहतरीन ब्लॉग वार्ता पठनीय लिंकों के साथ,आभार.

बेहतरीन लिंक्‍स संयोजित किये हैं आपने ... आभार

बहुत सुंदर वार्ता .......

बहुत रोचक वार्ता...

mera बैट्री Low हैँ बाद मेँ कमेँट करुँगा

बढ़िया लिंक्स से सजी वार्ता कई रस से भरी |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

पहली बार आया हूं पर मजा आ गया। आभार

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