रविवार, 19 मई 2013

झंपिंग ज़पांग..झंपिंग ज़पांग....ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....18 , 19 और 20 मई 2013 के दिन ग्रहों की स्थिति सामान्‍य तौर पर शुभ फल दायी होंगी , मौसम और वातावरण कुछ बढिया रहेगा , शेयर बाजार में कुछ जोड तोड की स्थिति ही रहेगी , तीनो ही दिन का समय मकर राशि वालों के लिए अशुभ तथा मीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगा , तीनों ही दिन सामान्‍य तौर पर 12 बजे से 2 बजे दिन तक का समय किसी कार्य के संपादन के लिए शुभ तथा रात्रि के 11 बजे से 1 बजे तक का समय अशुभ होगा। बाकी अपने अपने लग्‍न से देखिए अपना अपना राशि फल , अपने लग्‍न को जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें ...लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ........

रिहाई - * ** **उसने दे दी अपनी हर साँस से रिहाई मुझको * *कुछ इस तरह उसने अपना हक अदा कर दिया !!* संग चांद आवारा बादल ....... - स्‍मृति के वातायन से नि‍काल लाओ उन फूलों को जि‍न्‍हें बि‍खरने के डर से पीली जि‍ल्‍द पड़ी कि‍ताब के सीने में छुपाया था कभी * * * * * अभी थी महफ़ि‍ल अभी...मेरे घर आई नन्‍ही परी - कि‍शोर दि‍वसे मेरे घर आई नन्‍ही परी  .." कहानी .......एक जोड़े की " एक प्यारा सा जोड़ा था , दोनों ने तिल तिल , आपस में प्यार था जोड़ा , इस जोड़े हुए प्यार से , हयाते-राह खुशगवार हुई , यह जोड़ा खुद को दुनिया से, जोड़ने की ख्वाहिश में , रिश्ते तमाम जोड़ता गया...

मैच फिक्सिंग: सरकार इस्तिफा दे! - इतना बड़ा खुलासा. लाखों करोड़ों रुपयों का लेन देन और साथ में सेक्स स्कैंडल. [image: protests] श्री शांत के साथ साथ दो और खिलाड़ी. खिलाड़ियों समेत कई अन्यों .IPL बोले तो इंडियन पाप लीग ! - वैसे तो मेरा हमेशा से मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल की बुनियाद ही चोरी, बेईमानी, भ्रष्टाचार, अश्लीलता पर टिकी हुई है, लेकिन इससे भला हमें य... .. बात शुरू हुई तो अफसाना बन गई खंबा कांग्रेस - श्रीगंगानगर-कांग्रेस के सबसे छोटे पदाधिकारी द्वारा बहुत बड़े पदाधिकारी के सामने शिकायत के लिहाज से कही गई जरा सी बात बहुत बड़ा अफसाना बन गई। ...

Karanparyag-Nandprayag-Chamoli-Gopeshwar कर्णप्रयाग-नन्दप्रयाग-चमोली-गोपेश्वर- ROOPKUND-TUNGNATH 08 SANDEEP PANWAR रात के लगभग 8 बजे के आसपास हमने कर्णप्रयाग ... भूमंडलीकरण, वैश्वीकरण, उदारीकरण बनाम सांस्क़ृतिक संघर्ष - वैश्वीकरण शब्द को विश्व की संस्कृतियो अर्थव्यवस्थाओं तथा राज व्यवस्थाओं का एक दूसरे के ऊपर पड़ने वाले प्रभावों जिसमें सात्मीकरण एवं अलगाव दोनों सम्मिलित... नदी का सागर से मिलन - सागर से मिलने भागी आती नदी पहली बार देख रहा था, एक नदी का सागर से मिलना। स्थान कारवार, नदी काली और अरब सागर। दोपहर के समय ऊपर से पड़ने वाली सूरज की किरणे...

मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है, ग़र याद रहे... - कभी-कभी ज़िन्दगी में कुछ बुरा होना ब्लेसिंग इन डिसगाईज हो जाता है.. अब देखिये न पिछले दो महीने से लैपटॉप ख़राब पड़ा है इन दिनों कुछ भी नहीं लिख सका,..  फाख्ता का पलता-बढ़ता घर-परिवार - कभी जब घर आँगन, खेतिहर जमीनों में, धूल भरी राहों में, जंगल की पगडंडियों में भोली-भाली शांत दिखने वाली फाख्ता (पंडुकी) भोजन की जुगत में कहीं नजर आती तो उस ... हैंडल विथ केयर - मैंने पहुंचाया था प्रेम तुम तक, सम्हाल कर , एहतियात से पैक करके.. सभी आवश्यक निर्देशों के साथ कि - ये हिस्सा ऊपर (दिस साइड अप) हैंडल विथ केयर ब्रेकेबल डु नॉट... 

अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन के छठे सत्र में पुस्तक विमोचन एवम बाबाश्री दर्शन - अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन पर प्रथम पोस्ट, अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन पर द्वितीय पोस्ट *अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन पर तृतीय पोस्ट* *..इंसान को ही खोजना होगा - कल का काम आज ही, हो कैसे सफल। इंसान को ही खोजना, होगा इसका हल।। धूल भरी आँधियाँ, प्रकृति का गुस्‍सा है। सूरज का भी क़हर, पतझड़ पर बरसा है। दिन पे दिन...वटवृक्ष - चित्र गूगल से साभार सूक्ष्म हूँ जैसेक्षुद्र बालू कण ,होना है बड़ा , बनना है विशालसोचता हूँ हर क्षण।मैं छोटा, बहुत ही छोटा जीव हूँकिन्तु एक विन्दु में.. 

ओ री चिड़िया - ओ री चिड़िया सुन ले मेरे मन की बात चुग्गा तुझे खिलाऊँगी ले चल अपने साथ धरती पर बैठी बैठी हो गई मै तो तंग नील गगन की सैर करा दे ले चल अपने संग इतना सा अहसान...bhavnayen- किताब तू है एक किताब तुझ मे रहती दुनिया की जानकारियाँ बेहिसाब कभी तू हंसा जाती कभी रुला जाती कभी बिखरे पलों को भी समेटे गमों की परछाईयाँ कभी तुझ मे दिखाई पड...गुहार: पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से लापता एक बच्चे के बारे में छपी खबर पर !! - अखबार वाली फोटो की हुबहू नक़ल ताकि सही से पढ़ी जा सके !!यह फोटो अखबार की कतरन की फोटो है !! असम के दैनिक समाचार पत्र में ११ मई को छापी गयी एक खबर ... 

 रिश्वत न धराओ ... - मुझे किसी ऊँचे मंच पर यूँ ही खड़ा न कराओ खड़ा कराओ भी तो चुप रहने के लिए राजस्व से ही रिश्वत न धराओ .... बड़ी मुश्किल में हूँ मैं जबसे चींटियाँ लगातार मेरी ...जलाओ दिल मितरां कि.... - * ****जलाओ दिल मितरां कि चिराग जले * *अँधेरा ही अँधेरा है बहुत दूर तक -* * **लगता है गर्दिशों में माहताब भी है* *बादलों का बसेरा है बहुत दूर ... नैसर्गिक कला - प्यारे प्यारे कुछ पखेरू चहकते फिरते वन में पीले हरे से अलग दीखते पेड़ों के झुरमुट में एक विशेषता देखी उनमें कभी न दीखते शहरों में | वर्षा ऋतु आने के पह... 

अंधेरे की वजह - घाटशिला की यात्रा यूँ तो मैने बिटिया के समर इन्टर्नशिप के चक्कर में मजबूरी में की थी लेकिन इस यात्रा ने मुझे अग्निमित्र से मिला दिया। देश की भलाई सोचने .."झंपिंग ज़पांग..झंपिंग ज़पांग.के बाद . गीली गीली......!!" - चम्पक बन में बैठ सखी संग ... .... - चम्पक बन में बैठ सखी संग ... वृहग वृन्द का कलरव सुनना .... ढलते दिवस के अवरोह पर .. राग दरबारी के .... खरज से ... कुछ गंभीर प्रकृति के स्वर लेना .. लहरें - प्रवीण पाण्डेय जी का नाम खुद अपने आप में परिचय है उनका --- और उसी तरह उनके ब्लॉग का नाम-* न दैन्यं न पलायनम* भी .... प्रस्तुत है उनकी एक रचना* लहरें *....
 

 

दीजिये इज़ाजत नमस्कार .....

7 टिप्पणियाँ:

वार्ता आज की बहुरंगी है |कार्टून बहुत अच्छा लगा \मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

पठनीय ,रोचक और ज्ञानवर्धक सूत्रों से सजी सुन्दर वार्ता के लिए आभार !!

बहुत बढ़िया वार्ता.....
हमारी रचना को स्थान देने का शुक्रिया...

सस्नेह
अनु

रोचक पोस्ट के सूत्र.मेरी रचना को सामिल करने के लए आभार संध्या जी !

बहुत बढ़िया वार्ता ...आभार संध्या जी ..मेरे चंपा के फूलों को यहाँ स्थान मिला ....!!

बहुत बढ़िया ब्लॉग वार्ता में मुझे शामिल करने हेतु आभार ..

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