शुक्रवार, 26 मार्च 2010

सीटी बज गई--ब्लोगिंग से--निंदिया न आये---ब्लाग4वार्ता--------ललित शर्मा

आप सभी को ललित शर्मा का राम राम,चर्चा करते हैं कुछ चुनिंदा चिट्ठों की और सबसे पहले चलते हैं ताऊजी डॉट कॉम -यहां पर आज निर्मला कपिला जी की प्रविष्टि छापी गयी है--- वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में : सुश्री निर्मला कपिला प्रिय मित्रगणों, "वैशाखनंदन सम्मान पुरस्कार प्रतियोगिता" के अंतर्गत आज पढिये सुश्री निर्मला कपिला की व्यंग कविता लेखिका परिचय : निर्मला कपिला पंजाब सरकार के सेहत कल्यान विभाग मे नौकरी करने के बाद चीफ फार्...

उड़न तश्तरी कह रहे हैं निंदिया न आये-जिया घबराए यह तो समस्या हो गयी है देखिए-- देर रात गये सोने की कोशिश मे हूँ. नींद नहीं आती तो ख्याल आते हैं. अकेले में ख्याल डराते है और *इंसान अध्यात्म की तरफ भागता है भयवश*. यह इन्सानी प्रवृति है, मैं अजूबा नहीं. आधुनि...------वाणी गीत जी  ज्ञानवाणी - पर बता रही हैं कि------दुष्ट महान है नवरात्र के नौ दिन श्रीराम को समर्पित रहे ...ये सच है कि इससे पहले इतना डूब कर श्री रामचरित मानस का पाठ कभी नहीं किया (जय हो ब्लोगिंग देवा ...गंभीरता से पढ़ना सिखा दिया ) ...पढ़ते पढ़ते कई स्थान पर रुक कर मन...

राजकुमार ग्वालानी जी राजतन्त्र -पर कह रहे हैं कि अपने राज्य की सफलता बताना क्या क्षेत्रवाद है? हमें लगता है कि ब्लागिंग में लोगों को बिना वजह विवाद खड़ा करने में मजा आता है, तभी तो एक साधारण पोस्ट पर भी विवादस्पद टिप्पणी करके विवाद खड़ा करने का प्रयास करते हैं। क्या अपनी और अपने राज्य की सफलता---- अरविंद झा जी क्रांतिदूत पर कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है---भयंकर घाव से पीडित था वह, पांव सड चुका था, अस्थियों मे दर्द था, रक्त दुषित हो चला था. एक दिन मुर्छित सा आया. उपचार करो, याचना लाया. मैने पूछा, कौन हो तुम? मुझे कहो क्यों मौन हो तुम? मैं एक समाज हुँ।

जी.के. अवधिया जी  धान के देश में बैठे बैठे ब्लागर्स को गरिया रहे हैं--कितना हित हो रहा है हिन्दी का हिन्दी ब्लोगिंग से? माना कि हिन्दी ब्लोगिंग अभी भी अपने शैशव काल में हैं लेकिन यह भी सही है कि इसे शुरू हुए एक अच्छा खासा-समय भी बीत चुका है और इस अन्तराल में हजारों की संख्या में हिन्दी पोस्ट आ चुके हैं। पर इन पोस्टों में -----डॉ.सत्यजीत साहू - बता रहे हैं --नवरात्र साधना गृहस्थ नवरात्री का समापन हुआ .माता की भक्ति से सारा भारत भावपूर्ण हो उठा है .मेरे सभी मित्रों को रामनवमी की शुभकामनायें . एक गृहस्थ होने के नाते मै नवरात्र में क्या पूजा करू ? यह प्रश्न मन में उठा तो सभी तंत्र ...

अन्तर सोहिल जी  अन्तर सोहिल पर बता रहे हैं मेरी बारे में --मैं जो भी करता हूं, वह मुझसे निकलता है; लेकिन मेरा होना मेरे करने से नहीं निकलता। मेरा अस्तित्व मेरे करने के पहले है। आचरण बाहरी घटना है, इसलिये यह भी हो सकता है कि मेरा कर्म मेरे संबंध में जो भी कहता हो, ...सोनल रस्तोगी जी कुछ कहानियाँ, कुछ नज्में -पर एक पठनीय पोस्ट लेकर आई हैं कि सीटी बज गई "अरे लल्ला कहे किताबन में मूढ़ घुसाए बैठा है तानी सिट्टी बजाये की परकत्तिस तो कर लेव" अरे राम रे पूरे गाम का बवाल मचा, जवान और बुड्ढे सभी सिट्टी बजाये में लगे है , जब से पहिलवान जी कहिन है संसद में सिटी-- 
परिकल्पना ब्लॉग उत्सव-2010 की उद्घोषणा --रवीन्द्र प्रभात द्वारा ----जैसा कि पिछले पोस्ट में मैंने ब्लॉग उत्सव की परिकल्पना करते हुए आपके सुझाव और रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा की थी । अपेक्षा से कहीं ज्यादा आपके सुझाव और रचनात्मक सहयोग .. ---श्यामल सुमन जी मनोरमा  पर लिख रहे हैं-शादी बिनु राधा किशन----अक्सर हो पाता नहीं मन से मन का मेल। प्रायः अपने यूँ दिखे ज्यों पानी में तेल।। निन्दा में संलग्न हैं लोग कई दिन रात। दूजे का बस नाम है कहते अपनी बात।। चमके सोने की तरह अब आँगन में धूप। मजदूरों के तन जले पान...
'अदा' जी द्वारा  काव्य मंजूषा पर लिखा गया ---घो घो रानी कितना कितना पानी....बहुत दिनों से ये गीत याद आ रहा है जो हम बचपन में गाया करते थे... बरसात के दिनों में मखमली लाल रंग का कीड़ा (कीड़ा कहते हुए भी बुरा लग रहा है वो इतना खूबसूरत होता है ) को देख देख कर हम गाया करते थे .... ...अखबार वाले भी कई बार दिमाग नहीं लगाते
चंडीगढ़ से प्रकाशित होने वाले एक समाचार-पत्र ने अपने पाठकों को खूब ठगा। लेकिन आजकल पाठक जागरूक हैं। एक पाठक ने वीरवार को मुझसे सवाल किया कि तुम लोग क्या हमें मूर्ख समझते हो?

चलते चलते एक कार्टुन देखिए---



अब चर्चा को देता हुँ विराम------आपको ललित शर्मा का राम-राम

13 टिप्पणियाँ:

बहुत ही गजब की करते हैं आप चर्चा
छोड़ते नहीं हैं किसी का भी पर्चा

सुन्दर चर्चा पढ़ सका खोला इन्टरनेट।
चतुराई से आपने सबको लिया समेट।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

बहुत उम्दा .!
पर भैया पाड्कास्ट देने से क्यों बच रहे हो कोई पोल थोडे खोल दूंगा जी..
अखबार वाले भी कई बार दिमाग लगाते हैं.?
वाह क्या बात है हा हा हा

@गिरीश बिल्लौरे जी,

हम बच नही रहे हैं,
लगता है आपसे बेतार के तार जुड़ नही रहे हैं।

आमीन

बहुत बेहतरीन वार्ता.

रामराम.

अरे भैया ! हमार सीटी तो गूँज गई, सबिही सिट्टी बजाये की परेकतीस कर रहे हैं ,
पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद
बिना खर्चे की चर्चा बढिया लगी !

sabse alag hei yaha ka style
blog4varta padh kar karo sab smile

बढ़िया वार्ता
धन्यवाद

बढिया चर्चा भाई जी!!
धन्यवाद!

अच्छी चर्चा ...
चर्चा में शामिल किये जाने योग्य समझने का आभार ..!!

bahut sunder charcha...jaankari bhari... kabhi humare blog par padhare...

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