चलिए हमारे साथ ब्लॉग जगत की यात्रा पर..........और पढ़ डालिए पूरी चर्चा
जाने वाले को कौन रोक पाया है
सुबह रेलवेस्टेशन पर आया तो देखा छैऊलाल एक बैंच पर बैठा है। उसके सारे भाई उसे बडे प्यार से पुचकार रहे हैं। मैनें पूछा क्या बात है बिना नहाये सब जने आज स्टेशन पर कैसे? उन्होंनें बताया छैऊ घर छोड कर जा रहा है, इसे समझाते-समझाते थक गये हैं............बहुत ही जरुरी बात बता रहे हैं "अंतर सोहिल जी" और कविता भी जरुर पढ़िए.....
मंगोलिया के बारे में जानिए वीरेंदर जी कलम से
गोबी मरूभूमि के सीमावर्ती मंगोलिया के घास के मैदान में रहने-विचरने वाली अश्वारोहिणी मंगोल जाति ने कभी पूर्व में चीन के बड़े भूभाग पर राज्य किया था- बीजिंग (Beijing) (पेकिंग) को राजधानी बनाकर। पश्चिम की ओर बढ़कर कश्यप सागर तक, जिसे तुर्किस्तान कहते हैं, पर उनका आधिपत्य हुआ। भारत को छोड़ दिया जाय तो प्राचीन काल के दो बड़े साम्राज्यों का यह काल था।
मोबाइल नंबर पॉर्टेबिलिटीः जुलाई तक करें वेट बता रहे हैं वीनस केसरी
मोबाइल नंबर पॉर्टेबिलिटी (एमएनपी) सर्विस में तीन महीने की और देरी हो सकती है। एमएनपी के लागू होने के बाद मोबाइल यूजर्स को अपना मौजूदा नंबर रखते हुए सर्विस प्रोवाइडर कंपनी बदलने की सुविधा मिल जाएगी।
राजेंद्र त्यागी जी ओशो के भंडार से लाये हैं प्रेम स्वतंत्रता की कीमत पर नहीं !
तुम एक कठिन समस्या में घिरे हो: यदि तुम स्वतंत्रता नहीं देते हो तो तुम अपने प्रेम पर संदेह करने लगते हो; यदि तुम स्वतंत्रता देते हो, जो कि तुम दे नहीं सकते...अहंकार बहुत ही ईर्ष्यालु होता है। इससे हजारों प्रश्न खड़े होंगे। "क्या तुम अपनी प्रेमिका के लिए काफी नहीं हो कि वह किसी और का साथ पाने के लिए तुमसे स्वतंत्रता चाहती है? इससे चोट पहुंचती है और तुम सोचने लगते हो कि तुम अपने को किसी से कम महत्व देते हो।' पैंटिंग्स अमिताभ बच्चन की और अमिताभ बच्चन की टिप्पणियाँ यह लेकर आये हैं विवेक रस्तोगी
ये फ़ोटो नहीं हैं, ये पैंटिंग्स की फ़ोटो हैं । पैंटिंग्स वर्ल्ड आर्ट वर्क्स इंडिया के डॉ. अनिल कुमार ने बनाये हैं।“These above are NOT pictures, they are pictures of paintings. Paintings done by Dr T Anil Kumar of World Art Works India पवत
और लड्डू बोलता हैं कि भारतीय दर्शन और साहित्य के खजाने में हैं मैनेजमेंट के सूत्र....भाग-तीन
भारतीय दर्शन और साहित्य के खजाने में हैं मैनेजमेंट के सूत्र....भाग-तीन जब भी मैनेजमेंट के बारे में बातें होती है तो पहला नंबर अमेरिका का आता है. प्रबंधन, मैनेजमेंट या पर्सनलिटी डेवेलपमेंट यानि व्यक्तित्व विकास से सम्बंधित जितने भी पुस्तकें प्रसिद्द हैं ,
अरे कोई तो पेश करो यारो अरे कोई चमचा समानता बिल भी पेश करो भाई सार्वजनिक तौर आप किसी का चमचा कहलाना पसंद करते है क्या ? शायद नहीं ना. पर वक्त पडने पर किसी ना किसी की चमचई जरूर करते होगे. मै तो करता हूं. क्या आप नहीं करते क्या? पर भाई इस चमचई का सार्वजनिक प्रदर्शन अच्छा है क्या?. पर भईया अब चमचई की भी सीमा तय की जानी चाहिए. एलओसी टाइप यानी लाइन ऑफ कंट्रोल टाइप. भईया ये वहीं लाइन ऑफ कंट्रोल है जिसके लिए हर देश अपने पड़ोसी मुल्क के साथ भिड़ा रहता है.
हे मानवश्रेष्ठों,पिछली बार हमने मानव चेतना के आधार के रूप में श्रम की महत्वपूर्णता और उपयोगिता पर विचार किया था। इस बार हम, मानव चेतना के आधार रूप के एक और महत्वपूर्ण पहलू यानि मानव की भाषा और इसके जरिए चिंतन के विकास पर चर्चा करेंगे। चलिए आगे बढते हैं। ............पढ़िए भाषा और चिंतन
और अब कुछ फटाफट ..............
क्या भारत में ऐसा संभव है? ....................नविन त्यागी के शब्दों में
दहर को इक हसीं गुलज़ार बना रक्खा है ...........अमिताभ मीत के ब्लॉग पर
‘‘जंगल और जीव’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) ............शास्त्री जी के नाइस ब्लॉग पर
दो घडी़ को दे-दे कोई अपनी आँखों की जो नींद ...............सौरभ कुणाल की कलम से
वक्त हमारा है.........सीधी बात पर बता रहे हैं राजीव कुमार जी
गायब गायब गायब ................ चीन के राष्ट्रपति हू जिन ताओ का ब्लॉग गायब
आओ न बलमा.................... आज मोरे घर आये बलमा ..........रद्दी पेपोर मिलते हैं जहाँ वहां से
ललित शर्मा जी दिखा रहें हैं ..........सप्ताहांत मे कुछ चित्र देखिए
कविता बैंगन ........... बाल सजग पर चखिए बैगन
और अंत में थोडा हंस लीजिये.............हमारे साथ
तो इसी के साथ मैं यशवंत मेहता "फ़कीरा" देता हूँ चर्चा को विराम........आप करिए आराम.......अगली चर्चा तक के लिए राम राम
9 टिप्पणियाँ:
बहुत बढिया चर्चा .. धन्यवाद !!
dhanyawad ji
बढिया चर्चा!!
यशवंत जी सुंदर ब्लाग वार्ता
बधाई
बहुत ही लाजवाब चर्चा, सारे रिकार्ड लगता है यहीं टुटेंगे.
रामराम
वाह जमाए रहिए जी खूब मजा आ रहा है इस वार्ता में ...
अजय कुमार झा
यशवंत जी बढिया चर्चा
nice
चर्चा बहुत ही सुन्दर ढंग से की गई है!
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